दोस्तो...रिश्ते कभी जिंदगी के साथ नहीं चलते,रिश्ते तो एक बार बनते हैं और फिर जिंदगी रिश्तों के साथ चलने लगती है। अंतर्मन में संघर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ चेहरा यही जीवन का श्रेष्ठ अभिनय है...सबके जीवन में सब कुछ ठीक नहीं होता है। सत्य क्या है और उचित क्या है? ये हम अपनी सोच या अपनी आत्मा की आवाज़ से स्वयं निर्धारित करते हैं! फ़र्क़ सिर्फ इस बात से पड़ता है कि हम अपने कर्मो सामना किस प्रकार कर्मज्ञान के आधार पर करते हैं! कर्मज्ञान है तो ज़िन्दगी हर पल सुखी संतुष्ट है...वरना समस्या तो हर मानव के साथ प्रतिदिन है...प्रत्येक पल को ईश्वर का आशीर्वाद मानकर जीवन को जीना चाहिए। पद पर आकर व्यक्ति अगर अच्छा कार्य करता है तो पद श्रृंगार, उपहार और हार है वरना वह भार है , धिक्कार है और निस्सार है...As Per Some auspicious ग्रन्थ...Like गीता, कुरान, बाईबल, रामायण एंड राम,आल्हा, और God...To Sevice of Public is Service Of God...जो स्नेह हमें दूसरों से मिलता है...वो हमारे व्यवहार का ही एक लाजवाब तोहफ़ा है...परिस्थि की पाठशाला ही इंसान को वास्तविक शिक्षा देती है...राज
Learn to Smile at Every Situation And Live Your Life Simple...Hi Guy's...I wish to Informe You All...This is knowledge portal website which will provide for you all wonderful and amazing tricks...Spiritual,Motivational and Inspirational Education along with Education for all Competition Exams Question with answer...By Raj Sir
Saturday, November 5, 2022
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नहीं...
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नहीं...
दोस्त टूट कर चाहना और फिर टूट जाना,बात छोटी है मगर जान निकल जाती हैं…जिन्हें याद कर के मुस्कुरा दे ये आँखें,वो लोग दूर होकर भी दूर नहीं होते दोस्त...तेरी दूरियों में वो दम कहा,जो मेरी चाहत को कम कर दे दोस्त...तरस गई है ये आंखे तुम्हे निहारने को,काश आखिरी बार थोडा और देख लिया होता तुझे दोस्त...तुम को महसूस करना ही तो इश्क़ है,छू के तो मैंने खुदा को भी नहीं देखा दोस्त...एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है,और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नहीं दोस्त...कुछ नही जानता मैं तुम्हारे बारे में,बस खुबसूरत अदाओं से लगता है तू मेरी जिंदगी की राजधानी थी दोस्त...हिसाब आज तक इसका कोई रख ही नहीं पाया,किसी को पाने की हसरत में क्या क्या खोना पड़ता है दोस्त...बेबसी किसे कहते है कोई हमसे पूछें,तुम्हरा पता होक भी लापता है तू मेरी जिंदगी से दोस्त...मैंने परखा है अक्सर अपनी बदनसीबी को,जिस को अपना कह दूं फिर वो अपना नहीं रहता दोस्त...सुकून मिलता है दो लफ़्ज कागज पर उतार कर ,चीख़ भी लेते हैं हम और आवाज़ भी नहीं होती दोस्त...सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबे मुझे,करीब से कुछ चेहरे पढे और न जाने कितने सबक सीख लिए दोस्त...झूठी मोहब्बत,वफा के वादे,साथ निभाने की कसमें,कितना कुछ करते हैं लोग सिर्फ वक्त गुजारने के लिए दोस्त...कितनी भी कोशिश कर लो दोस्त,समझा नहीं पाओगे उसे जो समझना ही नहीं चाहते...ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हों,तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम क़रीब हों,कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम,की तेरी हर दुआ और हर ख्वाहिश कबूल हो दोस्त...जो गुजारी न जा सके,हम वो जिंदगी गुजार रहे हैं दोस्त...है रूह को भी समझना ज़रूरी,महज़ हाथों को थामना साथ नहीं न होता दोस्त...बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है दोस्त...खुशबू कैसे ना आये मेरी बातों से यार,मैंने बरसों से एक ही फूल से मोहब्बत की है...राज
शुभ रात्रि दोस्तो...
एक उम्मीद है...
दोस्तों एक उम्मीद है जो किसी से संतुष्ट ही नहीं होती और एक संतुष्टि है जो कभी किसी से उम्मीद ही नहीं करती। उत्साह से उत्सव की दूरी सिर्फ संघर्ष ही नाप सकता है। अच्छे के बदले सरल बनने का प्रयास करें क्योंकि अच्छा मात्र आंखों तक पहुँच पाता है...जबकि सरल हृदय तक। जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए जो भी जरूरी है उसे ज़िद और जुनून से हासिल करो।संशय और संकोच से कुछ नहीं मिलता दोस्तो । आपका शांत एवं स्थिर दिमाग आपके जीवन की प्रत्येक लड़ाई का बह्मास्त्र है...अच्छे संस्कार मोल से नहीं,माहौल से मिलते है दोस्तो। सफलता के लिए सिर्फ कल्पना ही नहीं, सार्थक कर्म भी जरूरी है।बीतता वक्त है और खर्च हम हो जाते है...राज
हम खुश हरदम रहते है पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं...
हम खुश हरदम रहते है पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं...
अकड होती तो कब का टूट गया होता,मैं था नाज़ुक डाली जो सबके आगे झुकता रहा,बदले यहाँ लोगों ने रंग अपने-अपने ढंग से,रंग मेरा भी निखरा पर मैं मेहँदी की तरह पीसता रहा दोस्त...हम तुमसे बेहतर लिखते हैं पर जज्बात तुम्हारे अच्छे हैं,हम खुश हरदम रहते है पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं,हम अपने उसूलों पर चलते हैं पर ज़िद तुम्हारी अच्छी हैं दोस्त...चार पन्नों में लिखी है मैंने जिंदगी की किताब मेरी,तेरी यादें,तेरे ख्याल,तेरे ख्वाब और जुदाई तेरी दोस्त...तुम्हारी थी,तुम्हारी हु,एंड इन future,तुम्हारी ही रहूंगी,पता नही क्यों और कैसे किसी और की हो गईं दोस्त...अब उसे डूबने का कोई मलाल कैसा, जब नाव भी अपनी, दरिया भी अपना, लहरें भी अपने हो दोस्त...इश्क उन्हें ही गुनाह लगता है,जिनके जज्बातों में मिलावट होती है दोस्त...ये जिन्दगी, ये रिश्ते, ये मोहब्बत, ये आरजू ऐ, ये ख्वाब,फल तो ज़हरीले हैं लेकिन जायका लाजवाब है दोस्त...धोखा कभी मरता नहीं दोस्त, आज हम लोगो को देगे कल वही लोग हमें देंगे दोस्त... एक "मोहब्बत" का टीका भी बनाया जाये HOD ऑफ WHO,जो सिर्फ नफ़रत फैलाने वालों को ही लगाया जाये... मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं था दोस्त ,बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुमने...जिसको आज मुझमे हजारो गलतिया नजर आती हैं, कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो दोस्त...फरेबी भी हूँ, ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ, क्योंकि मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते दोस्त... उसने मेरे से पूछा क्या चाहिऐ मुझसे,मैंने भी मुस्कुरा के कहाँ वो मुलाकात जिसके बाद कभी बिछडना ना पडे दोस्त...तुम दिल मे रहो इतना ही बहुत है,अब ये दिल मुलाकात की इजाजत नही देता दोस्त...गरीब बाँट लेते है ईमानदारी से अपना हिस्सा,अमीरी अक्सर इंसान को बेईमान बना देती है दोस्त...ज़िन्दगी सब्र के अलावा कुछ भी नही है,राज हर शख्स को यहां खुशियों का इंतज़ार करते देखा है दोस्त...जिंदगी बोझ तो नहीं,जाने क्यों फिर भी थका दिया इसने दोस्त...राज
Have Good Day...my आल डिअर फ़्रेंड्स
जिंदगी क्या है...
जिंदगी क्या है...
एक बार समुद्र के किनारे एक लहर आई और एक बच्चे की चप्पल को अपने साथ बहा ले गई बच्चे ने रेत पर उंगली से लिखा
"समुद्र चोर है"...
उसी समुद्र के दूसरे किनारे पर कुछ मछुआरों ने खूब सारी मछली पकड़ी ओर एक मछुआरे ने रेत पर लिखा
"समुद्र मेरा पालनहार है"...
एक युवक समुद्र में डूबकर मर गया तो उसकी पत्नी ने रेत पर लिखा
"समुद्र हत्यारा है"...
वही एक किनारे पर एक भिखारी रेत पर टहल रहा था उसे लहर के साथ तैर कर आया एक मोती मिला उसने रेत पर लिखा
"समुद्र दानी है"...
अचानक एक बड़ी लहर आई और सारे लिखे को मिटा कर चली गई...लोग समुद्र के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन विशाल समुद्र अपनी लहरों मे मस्त रहता है...अपना क्रोध और शांति अपने हिसाब से तय करता है...
अगर विशाल समुद्र बनना है तो किसी के निर्णय पर ध्यान ना दें, जो करना है अपने हिसाब से करें, जो गुजर गया उसकी चिंता में ना रहे, हार जीत, सुख दुख, खोना पाना...इन सबके चलते मन विचलित ना करे...
अगर जिंदगी सुख और शांति से भरी होती तो इंसान जन्म लेते समय रोता नहीं, जन्म के समय रोना और मरकर रुलाना इसी के बीच के संघर्ष भरे समय को जिंदगी कहते हैं। कुछ जरुरते पूरी, तो कुछ ख्वाहिशें अधूरी...इसी का नाम है जिंदगी...
बातें हो या ना हो ख्याल तुम्हारा ही रहता है दोस्त,
बातें हो या ना हो ख्याल तुम्हारा ही रहता है दोस्त,
लाजिम है तेरा लाजवाब होना दोस्त, एक ही तो ख्वाब थी वो भी हमारा...उसे यह शिकवा है कि मैं उसे समझ न सका, और मुझे ये नाज़ है कि मैं जानता बस उसी को हूँ दोस्त...जब किसी अपने को खोने की नौबत आती है न दोस्त,तभी उसे पाने की कीमत समझ आती है...दोस्त निभाते नहीं हैं लोग आजकल वरना इंसानियत से बड़ा रिश्ता कौन सा है...दोस्तों में मशहूर हुए तो क्या मज़ा दोस्त , मज़ा तो तब है जब चर्चा दुश्मनों की महफ़िल में हो...बेहतरीन होता है वो रिश्ता दोस्त जिसकी एक मुस्कान से,दूसरे के चेहरे पर मुस्कान आ जाये...भूल जाना तो जमाने की फितरत है, पर तुमने शुरुआत हमसे ही क्यों की दोस्त...किसी को शोर में नींद नहीं आती,किसी को खामोशियाँ सोने नहीं देती दोस्त...कभी टूटा ही नही'दिल से तुम्हारी यादो'का रिश्ता,बातें हो या ना हो ख्याल तुम्हारा ही रहता है दोस्त...आँसू निकल आए तो खुद ही पोछ लेना दोस्त, लोग पोछने आएंगे तो अब सौदा करेंगे...अल्फाज अक्सर अधूरे ही रह जाते है मोहब्बत में दोस्त,हर शख्स किसी न किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है...नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए दोस्त,मेरी पहली और आखिरी आरज़ू ही किसी ने लूट लिया...दोस्त बहुत दिन हुए तुमने मुझे याद नहीं किया,हमें भी बताओ वो बाजार जहाँ तुमने यादें बेच दी हमारी...तुम महक बन के मिल जाओ इन हवाओं में कहीं दोस्त,हम सांस लेकर दिल में उतार लेंगें तुम्हे कुछ पल के लिए...गुलशन महके, बरखा बरसे, पतझड़, जाड़ा, बषन्त बहार कुछ भी हो,दिल का मौसम अच्छा है तो सारे मौसम से दोस्त...शिक़वा नहीं है कुछ भी तेरी "रहमतों" से मालिक,मगर वो मेरा "अज़ीज़ -ऐ- दिल" की हमेशा महफूज़ रखना...वजूद सिर्फ मेरी मौहब्बत से है,मुझे गुरुर बहुत अपनी मौहब्बत पे है,मुझे चाहते होंगे और भी बहुत लोग,मगर मुझे मौहब्बत सिर्फ अपनी मौहब्बत से है दोस्त...राज
शुभ रात्रि मेरे सभी प्रिय मित्रों...
तुम महसूस ना कर सको तो इसमें राज क्या गलती है दोस्त...
तुम महसूस ना कर सको तो इसमें राज क्या गलती है दोस्त...
इश्क़ दूर रहकर भी होता है दोस्त,बस इश्क़ करने के हुनर में वफ़ा होनी चाहिए...दोस्त तुम्हारे पास नहीं है तो हमसे ले जाओ,हमारे पास बहुत सारी मोहब्बत है सिर्फ तेरे वास्ते...हवा बन के तेरे पास से ही गुजरते हैं हर रोज,तुम महसूस ना कर सको तो इसमें राज क्या गलती है दोस्त...मिटा न पाओगे मुझे तुम अपने अन्दर से,चुकी मिलने से बिछड़ने तक बेमिसाल है राज तुममे दोस्त...सररती तौर पर मत ले राज को ,तेरा राज जरा फिक्र और जरा गौर से है दोस्त....आखिर वो रिश्ता बनाकर भी क्या करते दोस्त,जब सामने वाले का निभाने का इरादा ही झूठा हो...एक दिन मैं मर जाऊँगा,और फिर सब ठीक हो जाएगा दोस्त...हमारी आँखें भी अक्सर वही लोग खोलते है,जिन पर हम आँख बंद करके भरोसा करते है दोस्त...जो आँसू पीता हो गम ही खाता हो,उसके लिए कुछ खास क्या हो सकता हैं दोस्त...दुआ में मांग बैठे थे तुम्हे हम दोस्त, कबूल होने का इंतजार तो जन्मो जन्म तक रहेगा न दोस्त...कुछ ख्वाहिशें है कुछ फरमाइशें है दोस्त ,इस दो पल की जिंदगी में कितनी आजमाईशें हैं...जहां हम नहीं होते हैं वहां हमारे गुण एंवम अवगुण हमारा प्रतिनिधित्व करते हैं दोस्त...तू वो वक्त पर हिसाब मांग लेती अगर,आज तेरा राज इतने गमों का मालिक नहीं होता दोस्त...तुम जो होते कभी साथ निभाने वाले, मोहब्बत में हमारा भी किस्सा बेमिसाल होता दोस्त...कुछ इस तरह तेरे मेरे रिश्ते ने आखरी सांस ली,ना मैंने पलट कर देखा ना तुमने आवाज दी दोस्त...अनदेखे बेनाम धागों में यूं बांध गया कोई,कि वो साथ भी नही और हम आजाद भी नहीं दोस्त...तूने ही तो बनाया था आशिक अपना,मैं कहां जानता था मोहब्बत कैसी होती है दोस्त...हमारी नींद की हसरत तो देखो,तुम्हे तकिया बनाना चाहती थी दोस्त...नहीं जानता क्या रिश्ता है तुझसे फिर भी,मन्नतों के हर धागे में एक गाँठ तेरे नाम की ही बांधता था दोस्त...तेरे दिल का मेरे दिल से रिश्ता अजीब है,मीलों की दूरियां और धड़कन करीब है दोस्त...ना जाने कौन सी शिकायतों के शिकार हो गये,जितना दिल साफ़ रखा उतने ही गुनाहगार हो गये दोस्त...अपनी किस्मत को कभी भी दोष नही देना चिहिय दोस्त,इंसान के रूप में जन्म मिला है ये किस्मत नहीं तो और क्या हैं...यूं ही नहीं दिल ढूंढता है तुम्हे बार बार,एक हिस्सा है मेरा जो कहीं रह गया है दोस्त...साथ तेरा नही फिर भी सफर तन्हा नही,निहायत ही वफादार है यादे तेरी दोस्त...वो जो चंद लम्हें गुजरे है तेरे साथ,ना जाने कितने बरस मेरे काम आयेंगे दोस्त...रिश्तों को तोड़ने की कोशिश मत करो दोस्त,क्यूंकि ये और भी गहरे हो जाते हैं...राज
शुभ रात्रि दोस्तों
बड़ा आदमी बनना...
दोस्तो बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है लेकिन अच्छा आदमी बनना उससे भी बड़ी बात है। जीवन में गलती सिर्फ एक पन्ना है लेकिन रिश्ता पूरी किताब है...रिश्तों की पूरी किताब के खातिर गलती का एक पन्ना फाड़ना पर गलती के एक पन्ने की वजह से पूरी किताब नहीं फाड़ें। दर्पण जब चेहरे का दाग दिखाता है तब हम दर्पण नहीं तोड़ते बल्कि चेहरे पर लगे दाग को साफ करते हैं। उसी प्रकार हमारी कमी बताने वाले पर क्रोध करने के बजाय हमें अपनी कमी दूर करनी चाहिए। आपकी ताकत और चरित्र का सबसे बड़ा प्रदर्शन तब होता है जब आप उस वक्त किसी और की मदद करते हैं जिस वक्त आप खुद ही तूफान से गुजर रहे होते हैं...राज
बाल, युवा और बृद्ध...
दोस्तो...शरीर कभी एकरूप नहीं रहता और सत्ता कभी अनेकरूप नहीं होती। शरीर जन्म से पहले भी नहीं था, मरने के बाद भी नहीं रहेगा तथा वर्तमान में वह प्रतिक्षण मर रहा है। शरीर की तीनों- बाल, युवा और बृद्ध अवस्थायें स्थूल शरीर की हैं। परंतु स्वरूप की चिन्मय सत्ता इन सभी अवस्थाओं से अतीत है!अवस्थाएँ बदलती है पर स्वरूप वही रहता है। जन्मना और मरना हमारा धर्म नहीं है प्रत्युत शरीर का धर्म है.हमारी आयु अनादि और अनंत है। जैसे हम अनेक वस्त्र बदलते रहते हैं, पर वस्त्र बदलने पर हम नहीं बदलते। ऐसे ही अनेक जन्मो में जाने पर भी हमारी सत्ता नित्य निरंतर ज्यों की त्यों रहती है। हर कठिन समय के बाद एक खूबसूरत सुबह जरूर होती है। ईश्वर पर भरोसा रखें। मजबूत बनें और अपना और परिवार का ध्यान रखें...संयोग तो अचानक आता है ना तो उसकी आहट सुनाई देती है। ना ही पूर्वाभास होता है। परन्तु जब आता है तो, जीवन के हर पहलू पर अपना असर छोड़ जाता है...जिसकी संगत से रंगत बदल जाए,वही मित्र उत्तम व श्रेष्ठ होता है। और जिसकी प्रेरणा व सुझाव से किसी का, चरित्र व जीवन बदल जाये गुरु वही श्रेष्ठ है...किसी भी रिश्ते को कितनी भी खूबसूरती से क्यों ना बांधा जाए...अगर नज़रों में इज्जत और बोलने में लिहाज,न हो तो वह टूट जाता है...
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
दोस्त कुछ तो उधार बाकी है तुम्हारा मुझ पर,वरना यूँ ही नहीं जुड़ते शब्दो के धागे...
दोस्त अपने सिवा बताओ कभी कुछ मिला भी है क्या तुम्हें,हज़ार बार ली हैं तुमने मेरे दिल की तलाशियाँ...
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए दोस्त...
आईना आज फिर से रिशवत लेते पकड़ा गया,दिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया दोस्त...
जिसकी गलतियों को भुला के मैंने रिश्ता निभाया है,उसी ने मुझे बार बार फालतू होने का एहसास दिलाया है दोस्त...
तुझसे मोहब्बत करने से फुर्सत नहीं मिली,वरना कर के बताते नफरत किसे कहते हैं दोस्त...
किसी का दिल टूटा तो किसी की रूह,ये इश्क़ किसी का सगा नहीं दोस्त...
चलो मैं माना की मैं हारा तुमने जीता,पर ये तो बता दो दोस्त कि खेल क्या था जीवन का...
लोग कह रहे थे कि आज अमावस है मुझे क्या पता,मेरी तो हर रात अमावस है तेरे बिना दोस्त...
कितनी अजीब बात है न दोस्त दूरियां सिखाती है,नजदीकियाँ क्या होती है...
जरुरी नहीं की काम से ही इंसान थक जाए,फ़िक्र , धोके और फरेब भी थका देते है जिंदगी में दोस्त...
ब्लॉक नहीं इग्नोर करना सीखो,वर्ना तुम्हारी कामयाबी कैसे देखेंगे वो लोग दोस्त...
कुछ तो जरूर बहुत अच्छा है सभी में दोस्त,फिर जरा सी बुराइयों का हिसाब क्या रखें इस जिंदगी में...
देख अतीत के आईने में महसूस होता है,रंगीनियां ज़िन्दगी की हमेशा रहती नहीं दोस्त...
एक नाराज़गी सी हैं जेहन में ज़रूर,पर मैं खफा किसी से भी नहीं दोस्त...
वो शिकवे जो मैंने नहीं किए ,सारी उम्र तुम पर क़र्ज़ रहेंगे दोस्त...
अल्फ़ाज़ कैसे भी हों ‘रद्दी’ हो जाते हैं,अगर सुनने वाला ‘कबाड़ी’ हो दोस्त...
समस्या का गुलाम बनने वाले कभी भी खुद के भाग्य का निर्माता नही बन पाते दोस्त...राज
शुभ रात्री दोस्तों...
तुम तो मेरे लिए मेरी जिंदगी से भी प्यारी थी...
तुम तो मेरे लिए मेरी जिंदगी से भी प्यारी थी...
पता है दोस्त जिस रात को तुमने कभी थाम कर रखा था,आज वो रात तेरे राज से गुजारी नही जाती दोस्त...एक बात बता मुझे मेरे अजीज,राज आवारा आशिक या फिर पागल दीवाना है दोस्त...तुम्हे भुलाने में कुछ वक़्त लगेगा, और वो वक़्त मेरी पूरी जिंदगी है दोस्त...तुम मेरे जिंदगी की वो पासवर्ड थी, जिसका OTP सिर्फ राज था दोस्त...इस दुनिया में सबको प्यारी है ऐ जिंदगी,पर तुम तो मेरे लिए मेरी जिंदगी से भी प्यारी थी दोस्त...अपनो में कमियां तब नजर आती हैं, जब हम गैरो की बातें सुनने लगते हैं दोस्त...इतनी बुरी भी न थी जिंदगी मेरी, बस मैंने कुछ दिमाग वाले लोगो को दिल मे जगह दे दी दोस्त...एक छोटा सा टारगेट था इस राज का, बस तेरे साथ जीने और मरने की दोस्त...तेरी याद में गुजर जाती हैं दोस्त, जिसे दुनिया रात कहती है...हम दुनिया से अलग नही दोस्त,बस तेरे राज दुनिया ही अलग है...वो नजारे भी क्या खूबसूरत होंगे,जिस दिन हम तुम बिछड़े होंगे दोस्त...अकेले आये थे अकेले जाना है, तो फिर अकेले रहने में क्या परेशानी है दोस्त...बहुत तकलीफ देता हैं वो लम्हा दोस्त,जब तन्हाई में कोई अपना याद आता है...आंखों में ऑंसू आ जाते हैं रातो को ये सोंच कर दोस्त, जो कहता था पागल सोना मत अभी बहुत सारी बाते करनी है तुमसे...शायर बनना कोई मुश्किल काम नही है दोस्त,बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री होनी चाहिए...ना जाने मैं बुरा हूँ या मेरा नसीब,हर शख़्स ने मेरा दिल दुखया है जिस पे राज को नाज था दोस्त...मुझे नफरत है मेरी उस मोहब्बत से,जो मोहब्बत मैंने कभी किसी को दी थी दोस्त...कमसिन भोला सा मुखड़ा और मासूम चेहरा, दोनो ने दग़ा दे दिया दोस्त...प्रेम, राजनीतिक और धर्म दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारिया हैं दोस्त...Pain is not always in tears sometimes its also present in smiles फ्रेंड...राज
सिर्फ मिले थे हम काश मिल गए होते दोस्त...
सिर्फ मिले थे हम काश मिल गए होते दोस्त...
कुछ लोग इतने गरीब होते है की, देने के लिए कुछ नहीं होता तो धोखा दे जाते है दोस्त...
दिमाग पर ज़ोर लगाकर गिनते हो गलतियां मेरी,कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका था दोस्त...
हमारी हार का सबब है इतना ही की, राज ने कभी किसी से जंग ही नहीं की दोस्त...
मेरी तो फितरत में था माफ करना ,पर वो गलती करते करते गुनाह कर गए दोस्त...
इकट्ठा कर लिए हथियार बहुत दुनिया वालों ने,जमा करते जो फूल इतने तो दुनिया महक उठती दोस्त...
इतना तो किसी ने चाहा भी ना होगा,जितना की मैंने सिर्फ सोचा है तुम्हे दोस्त...
खूबसूरती हमेशा दिल और ज़मीर में होती है,लोग बेवजह उसे शक्ल और कपड़ों में ढूंढ़ते हैं दोस्त...
बहुत फर्क होता है किसी को जानने और समझने में दोस्त,जानता वो है जो पास होता है और समझता वो है जो खास होता है...
जरुरी नहीं है कि सब लोग हमें समझ पाएं,तराज़ू तो सिर्फ वज़न बता सकता है क्वालिटि नहीं दोस्त...
दुनिया का सबसे सुन्दर गिफ्ट किसी को मन से याद करना, और उसे एहसास दिलाना की वो हमारे लिए सबसे अजीज दोस्त...
गुज़रते दिनों का नही बल्कि यादगार लम्हों का नाम है जिंदगी दोस्त...सिर्फ मिले थे हम काश मिल गए होते दोस्त...राज
Have a wonderful Day फ़्रेंड्स...
नाउम्मीदी और अविश्वास की भावना...
दोस्तों...नाउम्मीदी और अविश्वास की भावना वह धीमा ज़हर है, जो इंसान के जीवन मे निराशा फैलाकर उसकी सारी शक्तिया नष्ट कर देता है जबकि उमीद और विश्वास की भावना वह अमृत है, जिसकी एक बूँद चखते ही इंसान अपनी उच्चतम सम्भावनाओ और खुशहाल जीवन की ओर चल पड़ता है.उत्साह और शांति के दिए बुझने के बाद, तीसरा दिया उम्मीद होता है...उम्मीद जगते ही सुकून महसूस होता है क्योंकि उम्मीद भी एक राहत है. लोगो को रोटी नही उम्मीद जिंदा रखती है तथा उम्मीद के बल पर ही पूरी सृष्टि कायम है। कल के सपने आज की उम्मीद है और आज की उम्मीद आनेवाले काल की हकीकत है। जीवन और मृत के बीच मे कुछ है तो वो है उम्मीद दस्तो..जब ईश्वरीय विचारों को इंसान की वाणी मिलती है तब वह वाणी विश्वासवाणी बनती है। यह वाणी वह दवा है जो मुँह से नही ली जाती बल्कि बोलकर बनाई जाती है...हमारे जीवन मे जो भी घटनाएं होती हैं, वो हमारे रुके हुए जीवन को गति प्रदान करने के लिए आती हैं...अगर वो कर सकता है तो मैं क्यों नही, इस पर अमल करें...राज