तुम महसूस ना कर सको तो इसमें राज क्या गलती है दोस्त...
इश्क़ दूर रहकर भी होता है दोस्त,बस इश्क़ करने के हुनर में वफ़ा होनी चाहिए...दोस्त तुम्हारे पास नहीं है तो हमसे ले जाओ,हमारे पास बहुत सारी मोहब्बत है सिर्फ तेरे वास्ते...हवा बन के तेरे पास से ही गुजरते हैं हर रोज,तुम महसूस ना कर सको तो इसमें राज क्या गलती है दोस्त...मिटा न पाओगे मुझे तुम अपने अन्दर से,चुकी मिलने से बिछड़ने तक बेमिसाल है राज तुममे दोस्त...सररती तौर पर मत ले राज को ,तेरा राज जरा फिक्र और जरा गौर से है दोस्त....आखिर वो रिश्ता बनाकर भी क्या करते दोस्त,जब सामने वाले का निभाने का इरादा ही झूठा हो...एक दिन मैं मर जाऊँगा,और फिर सब ठीक हो जाएगा दोस्त...हमारी आँखें भी अक्सर वही लोग खोलते है,जिन पर हम आँख बंद करके भरोसा करते है दोस्त...जो आँसू पीता हो गम ही खाता हो,उसके लिए कुछ खास क्या हो सकता हैं दोस्त...दुआ में मांग बैठे थे तुम्हे हम दोस्त, कबूल होने का इंतजार तो जन्मो जन्म तक रहेगा न दोस्त...कुछ ख्वाहिशें है कुछ फरमाइशें है दोस्त ,इस दो पल की जिंदगी में कितनी आजमाईशें हैं...जहां हम नहीं होते हैं वहां हमारे गुण एंवम अवगुण हमारा प्रतिनिधित्व करते हैं दोस्त...तू वो वक्त पर हिसाब मांग लेती अगर,आज तेरा राज इतने गमों का मालिक नहीं होता दोस्त...तुम जो होते कभी साथ निभाने वाले, मोहब्बत में हमारा भी किस्सा बेमिसाल होता दोस्त...कुछ इस तरह तेरे मेरे रिश्ते ने आखरी सांस ली,ना मैंने पलट कर देखा ना तुमने आवाज दी दोस्त...अनदेखे बेनाम धागों में यूं बांध गया कोई,कि वो साथ भी नही और हम आजाद भी नहीं दोस्त...तूने ही तो बनाया था आशिक अपना,मैं कहां जानता था मोहब्बत कैसी होती है दोस्त...हमारी नींद की हसरत तो देखो,तुम्हे तकिया बनाना चाहती थी दोस्त...नहीं जानता क्या रिश्ता है तुझसे फिर भी,मन्नतों के हर धागे में एक गाँठ तेरे नाम की ही बांधता था दोस्त...तेरे दिल का मेरे दिल से रिश्ता अजीब है,मीलों की दूरियां और धड़कन करीब है दोस्त...ना जाने कौन सी शिकायतों के शिकार हो गये,जितना दिल साफ़ रखा उतने ही गुनाहगार हो गये दोस्त...अपनी किस्मत को कभी भी दोष नही देना चिहिय दोस्त,इंसान के रूप में जन्म मिला है ये किस्मत नहीं तो और क्या हैं...यूं ही नहीं दिल ढूंढता है तुम्हे बार बार,एक हिस्सा है मेरा जो कहीं रह गया है दोस्त...साथ तेरा नही फिर भी सफर तन्हा नही,निहायत ही वफादार है यादे तेरी दोस्त...वो जो चंद लम्हें गुजरे है तेरे साथ,ना जाने कितने बरस मेरे काम आयेंगे दोस्त...रिश्तों को तोड़ने की कोशिश मत करो दोस्त,क्यूंकि ये और भी गहरे हो जाते हैं...राज
शुभ रात्रि दोस्तों
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