गुरु गुण और ज्ञान हैं, गुरूर नही...
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का बहुत महत्व है। शास्त्र के अनुसार इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। कई जगहों पर इसे आषाढ़ी पूर्णिमा भी कहते है। इस बार गुरु पूर्णिमा का व्रत 13 जुलाई रखा जाएगा। हिंदू धर्म में गुरुओं को देवता से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है, इसलिए यह दिन भारतीयों के लिए बहुत खास होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन लोग महर्षि वेदव्यास जी की पूजा करके अपने गुरुजनों का भी आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा कहा जाता हैं, कि इस दिन गुरुओं की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है...तो फिर चलिए आज जानते हैं कि गुरू के द्वारा दिया गया ज्ञान अर्थात शिक्षा, इसका योगदान मानव जीवन में कितना महत्वपूर्ण है...
शिक्षा की परिभाषा...
दोस्तों हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत ही महत्व है, जिस तरह जीने के लिए साँसो की ज़रूरत होती है, आज के समय में जीवन आगे में बढ़ने के लिए शिक्षा भी उतनी ही ज़रूरी है, शिक्षा का मतलब केवल नौकरी पाना नहीं होता है, बल्कि शिक्षा हमें समाज में जीने योग्य बनाती है, शिक्षा ही हमें अच्छे बुरे की पहचान कराती है, शिक्षा ही है जो हमें अपने हक़ के लिए लड़ना सिखाती है, एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है, हर माता पिता को अपने बच्चे की शिक्षा पर ज़ोर देना चाहिए क्योंकि जब पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया, किसी भी देश के विकास में शिक्षा बहुत ही मायने रखती है, क्योंकि शिक्षित व्यक्ति ही समाज में जागरूकता लाते हैं। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो हमें सफलता की ओर अग्रसर करता है। शिक्षा ही संसार में हमें श्रेष्ठ बनाती है सिर्फ किताबी ज्ञान ही शिक्षा नहीं होता। शिक्षा से ही आन बान शान होती है...
शिक्षा क्या है...
शिक्षा ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता, विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को कहते हैं। शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों, व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है...
शिक्षा का महत्व...
शिक्षा हमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान और कौशल को प्रदान करती है। यह सीखने की निरंतर, धीमी और सुरक्षित प्रक्रिया है, जो हमें ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो हमारे जन्म के साथ ही शुरु हो जाती है और हमारे जीवन के साथ ही खत्म होती है...
शिक्षा का लक्ष्य...
शिक्षा के व्यापक लक्ष्य हैं जैसे- बच्चों के भीतर विचार और कर्म की स्वतंत्रता विकसित करना, दूसरों के कल्याण और उनकी भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता पैदा करना, और बच्चों को नई परिस्थितियों के प्रति लचीले और मौलिक ढंग से पेश आने में मदद करना। शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति का सम्पूर्ण विकास करना है। शिक्षा आदमी को सामाजिक व्यवहार श्रेष्ठ तरीके से करना सिखलाती है। शिक्षित होकर ही व्यक्ति देश की मुख्य धारा से सही रूप से जुड़ता है...
गुरु अमृत वाणी...
1 शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है...
2 शिक्षा सभी के जीवन में सफलता की कुंजी है...
3 शिक्षा भविष्य के लिए पासपोर्ट है...
4 शिक्षा वह नींव है, जिस पर हम अपने आने वाले कल का निर्माण करते हैं...
5 शिक्षा का सही उद्देश्य तथ्यों का नही,बल्कि मूल्यों का सही ज्ञान होना है...
6 शिक्षा हम सभी को अँधेरे से प्रकाश की ओर लें जाती है...
7 शिक्षा हमारे समाज की आत्मा है,जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती है...
8 शिक्षा एक ऐसा खज़ाना है, जो अपने मालिक को कभी नहीं छोड़ सकता...
9 शिक्षा एक ऐसा हथियार है जो आपको हर तरह की कठिनाइयों से लड़ना सिखाता है...
10 शिक्षा सुंदरता और जवानी दोनों को हरा सकती है...
शिक्षा और शिक्षक को कभी भी साधारण न समझे क्योंकि की ये दोनों संसार की वे वस्तुये हैं जिनके गोंद में निर्माण और प्रलय खेलते कूदते रहते हैं...
आप सभी दोस्तों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं...By Raj Sir