दोस्तो कोई भी व्यक्ति हमारे पास तिन कारणों से आता है,भाव से, अभाव से और प्रभाव से... यदि भाव से आया है तो उसे प्रेम दो,अभाव में आया है तो उसे मदद करो,और यदि प्रभाव से आया है तो प्रसन्न हो जाओ की परमात्मा ने तुम्हे इतनी क्षमता दी है...मैं सब कुछ,और तुम कुछ भी नहीं,बस यही सोच व्यक्ति को इंसान नहीं बनने देता...सम्मान हमेशा समय का होता है,लेकिन आदमी उसे अपना समझ लेता है...कोई भी इंसान वो लड़ाई कभी नहीं जीत सकता, जिसमें दुश्मन उसके ख़ुद के अपने हो...
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