हमारी यादो के सफर मे हमसफर हो तुम...
ख्वाहिश सिर्फ एक यही है की जब, मैं तुझे याद कर तू मुझे महसूस करे दोस्त...वही छीन लेते हैं चेहरे की मुस्कान दोस्त,जिसे बता दिया जाय कि तुम मेरी हंसी हो...मुझे बहुत प्यारी हैं तेरी हर एक दी हुई निशानी,चाहे वो दर्द हो या आंखों की पानी दोस्त...दूर रह कर रिस्ते खाक नही होते,क्योंकि एहसासों और यादों के कभी तलाक नही होते दोस्त...तेरा चेहरा,तेरी बातें, तेरा गम,तेरी यादे,इतनी दौलत पहले कँहा थी मेरे पास दोस्त...जब मोहब्बत बे-पनाह हो जाय न,तो पनाह कहि नही मिलती दोस्त...ये तीन चीज काफी है जिंदगी का सकूँन छिनने के लिए, झूठा प्यार, मतलबी यार और पंचायती रिस्तेदार दोस्त...लोग कहते है कि हद से ज्यादा जिसे प्यार करो वो कदर नहीं करता,पर सच तो ये है कि प्यार की कदर जो भी करता है उसे कोई प्यार ही नही करता दोस्त...वो कागज आज भी मुझे फूलो की तरह लगता है,जिसपे तुमने लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत दोस्त...हमारी यादो के सफर मे हमसफर हो तुम,हमारे दिल मे बसी इस कदर हो तुम दोस्त...तलब कहूं, ख्वाहिश कहूं,या कहूं इश्क तुम्हें दोस्त, जो भी है,तुम से तुम तक का ये सफ़र जिंदगी है...सारी दुनिया की मोहब्बत से किनारा कर के,हमने रखा था खुद को तुम्हारा कर के दोस्त...
हर बंधन को विश्वास नहीं कहते,
हर आँसू को जज्बात नहीं कहते,
किस्मत से मिलते हैं रिश्ते जिंदगी में,
हर रिश्ते को इत्तेफाक नहीं कहते दोस्त...राज
आप सभी मेरे प्यारे दोस्तों को शुभ रात्रि...
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