Tuesday, December 6, 2022

वक्त सब कुछ छीन लेता है...




दोस्त...कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अलफ़ाज़ मेरे, मतलब मोहब्बत में बर्बाद और भी हुए हैं...दोस्त प्यार कहो तो दो ढाई लफ्ज़, मानो तो बन्दगी ,सोचो तो गहरा सागर, डूबो तो ज़िन्दगी ,करो तो आसान , निभाओ तो मुश्किल ,बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो तुम... वक्त सब कुछ छीन लेता है, खैर मेरी तो मुस्कुराहट थी तुम दोस्त...दोस्त अधूरे रिश्ते बहुत ज्यादा तकलीफ देते हैं न, न खुद मरते हैं और न मरने देते हैं...खूबसूरत वक़्त और वफ़ादार दोस्त मिलते तो मुफ्त है दोस्त...लेकिन उनकी कीमत का अंदाज़ा तब होता है जब ये कहीं खो जाते हैं... दोस्त मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना,अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी तुझे भी होगी...एक दिल को ख़ुशी देना,प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है दोस्त...अपना वही है जो हमारी ख़ामोशी पढ़ सके, वरना अंदाजे तो बेगाने भी लगा लेते है दोस्त...एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की,मैने पल पल कोशिश जिसके की पास जाने की,किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की दोस्त...दोस्त जैसे मोहब्बत की बेरहमी इनायत से वफ़ा को चोट लगती है,वैसे ही फरेब के बनावट से दिल को चोट लगती है...हमने छोड़ा था ज़माना जिन्हें पाने के लिए,लो वही छोड़ चले हमको ज़माने के लिए...हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है...पता नही कैसे तुम भूल गए दोस्त...किसी की कट रही है जिंदगी ,कोई काट रहा है जिंदगी ,पर दोस्त खुश है वो जो जी रहा है जिंदगी...Friend...May God... Never be so... That...Anybody is defeated ever/even by Life...I stay the same place friend... but I've regret for it...that...for lifetime... Nobody is available to call me friend... दोस्त अगर मौका मिला तो हम किस्मत से शिकायत जरूर करेंगे,की अक्सर वही लोग हमे क्यों छोड़ देते हैं जिन्हें हम टूट कर चाहते हैं... Friend personal responsibility & relationship are superior to private responsibility & relationship...जब तू रोती है ना ... तो बहोत सारे reasons होते है...but...जब मैं रोता हूँ न...तो Reason सिर्फ तू होती है...दोस्त...I spend my whole life in remember of that person... Who went out from my life to say it... What did you do for me फ्रेंड...राज kumar


कुछ बाते जरूर याद रखें...


1) अकेले रहने से ना डरें।


2) पिछली बातों को याद न करें।


3) सारी दुनिया की जिम्मेदारी आप पर नहीं है,यह समझें।


4) परिणामों के जल्दी आने की उम्मीद ना करें।


5) सभी को खुश रखने की कोशिश ना करें।


6) खुद को बेचारा न समझे।


7) उन चीजों पर वक्त जाया ना करें, जो आपके नियंत्रण में नहीं है।


8) दूसरों को अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करने दें।


9) दूसरे लोगों की सफलता पर जलन का अनुभव ना करें।


10) जिम्मेदारियों से ना भागें।


11) एक बार कोशिश में असफलता मिलने पर प्रयास करना ना छोड़ें।


12) हमेशा नपे तुले जोखिम उठाने की कोशिश करें।


13) अपने सपनों का पीछा करें ना कि लोगों का।


14) खुद से प्यार करना सीखें उसके बाद सब ठीक होता चला जाएगा।


15) आप जितना सोचते हैं, आप उससे कहीं ज्यादा काबिल हैं।


16) जब तक कोई काम हो नहीं जाता वह असंभव ही लगता है।


17) जिस चीज की कीमत होती है वह आसानी से हासिल नहीं होती।


18) आप की एकमात्र सीमा आप खुद ही हैं।


19) किसी चीज का इंतजार ना करें, क्योंकि जीवन की गति बहुत ही तेज है।


बुराई जड़ से ख़त्म करो... 


Friends...बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती,उसे तो उसकी जड़ से मिटाना होता है। जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा तब तक कोई लाभ नहीं होगा। किसी नगर में एक आदमी रहता था। उसके आँगन में एक पौधा उग आया। कुछ दिनों बाद वह बड़ा हो गया और उस पर फल लगने लगे। एक बार एक फल पककर नीचे गिर गया। उस फल को एक कुत्ते ने खा लिया। जैसे ही कुत्ते ने फल खाया, उसके प्राण निकल गए। आदमी ने सोचा--कोई बात होगी जिससे कुत्ता मर गया। पर उसने पेड़ के फल पर ध्यान नहीं दिया। कुछ समय बाद उधर से एक लड़का निकला। फल देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने किसी तरह फल तोड़कर खा लिया। फल को खाते ही लड़का मर गया। मरे हुए लड़के को देख आदमी की समझ में आ गया कि यह जहरीला पेड़ है। उसने कुल्हाड़ी ली और वृक्ष के सारे फल काटकर गिरा दिए। थोड़े दिन बाद पेड़ में फिर फल लग गए। लेकिन इस बार पहले से भी ज्यादा बड़े फल लगे थे। आदमी ने फिर कुल्हाड़ी से फल के साथ-साथ शाखाओं को भी काट दिया। परंतु कुछ दिन बाद पेड़ फिर फलों से लद गया। अब आदमी की समझ में कुछ नहीं आया। वह परेशान हो गया। तभी उसके पड़ोसी ने उसे देखा और उसकी परेशानी का कारण पूछा। आदमी ने सारी बातें बता दी। यह सब सुनकर पड़ोसी ने कहा --तुमने पेड़ के फल तोड़े,उसकी शाखाएं काटी , पर तुम्हारी समझ में नहीं आया कि जब तक पेड़ की जड़ रहेगी तब तक पेड़ रहेगा और उसमें फल आते रहेंगे। अगर तुम इससे छुटकारा चाहते हो तो इसकी जड़ काटो। तब आदमी की समझ में आया कि बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती,उसे तो उसकी जड़ से मिटाना चाहिए। उसने कुल्हाड़ी लेकर पेड़ की जड़ को काट दिया और हमेशा के लिए चिंता मुक्त हो गया। इसी तरह बुराई की जड़ हमारे मन में होती है। जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा, मनुष्य को जहरीला बनाने वाले फल आते रहेंगे... 


 Q-हमें ऐसा कौन सा हुनर सीखना चाहिए जो भविष्य में हमारे काम आये... 




Ans- 1:- शानदार अंग्रेजी बोलना... 




2:- पब्लिक के सामने आत्मविश्वास से अपनी बात रखना।




3:- कभी भी हार नहीं मानने वाला व्यक्तित्व बने, किसी का भी नेगेटिव कमेंट को न माने, सिर्फ अपने दिल की सुने और दुबारा प्रयास करें... 




4:- योग एवं मेडिटेशन के साथ साथ कराटे और मार्शल आर्ट भी सीखे। ये आपके बॉडी और माइंड को स्वस्थ तो रखेंगे ही साथ ही साथ , भविष्य में ये आपके, आपके अपनों और किसी जरूरतमंद भाई, बहन और बेटी के रक्षा के काम आ सकता है... 




5:- तैरना भी सीख ले । ये आपको एक अलग प्रकार का अनुभव कराएगा। इससे पूरी बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है। आपके और किसी जरूरतमंद के जीवन को बचाने में सहायक हो सकेगा , नहीं तो आप उस कंडीशन में असहाय महसूस करेंगे। यदि भविष्य में आप जीवन को पूरी तरह से जीना चाहते हैं, स्विमिंग पुल, समुद्री बीच, नदी या झील आदि का अनुभव करना चाहते हो तो ये जरूरी है... 




6:- अच्छा गाना ,या अच्छा डांस या कुछ बजाना या पेंटिंग, या जो भी आपका हॉबी हो उसको ज्यादा से ज्यादा निखारे , ये आपको भीड़ से अलग पहचान बनाने में काम आएगा। प्रोफेशन बनाने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए। भविष्य में जब किसी घड़ी अकेलापन महसूस हो तो इसमें खो जाने पर आपको बहुत शांति और आनंद मिलेगा... 




7:- अलग अलग इन्वेस्टमेंट से संबंधित बारीक से बारीक ज्ञान अर्जित करें। जैसे मच्यूल फंड, शेयर बाजार, स्टॉक, सोना, रियल इस्टेट आदि... 




8:- सबसे पहले आपको अपने सबसे जरूरी सपने में 100% देने का हुनर पता होना चाहिए। उसे पाने के लिए हर समय जबरजस्त भूख होनी चाहिए। आपको पता है काम अच्छा है, पर मन नहीं है, या फीलिंग नहीं है या थोड़ा दर्द है तो उस समय अपने मन को कंट्रोल करने और लगातार काम करते रहने और हर परिस्थिति में रोज आगे बढ़ना... 




सफलता के तीन सूत्र...




किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए प्रायः तीन सूत्रों का अवलंबन लेना होता है...


1. लक्ष्य का निर्धारण


2. अभिरुचि का होना और


3. क्षमताओं का सदुपयोग


✓जीवन लक्ष्य का निर्धारण...


दोस्तो जिस तरह देशाटन के लिए नक्शा, और जहाज चालक को दिशा सूचक की आवश्यकता पड़ती है। उसी प्रकार मनुष्य जीवन में लक्ष्य का निर्धारण अति आवश्यक है। क्या बनना और क्या करना है यह बोध निरंतर बने रहने से उसी दिशा में प्रयास चलते हैं। एक कहावत है कि ‘जो नाविक अपनी यात्रा के अंतिम बंदरगाह को नहीं जानता उसके अनुकूल हवा कभी नहीं बहती’। अर्थात् समुद्री थपेड़ों के साथ वह निरुद्देश्य भटकता रहता है। लक्ष्य विहीन व्यक्ति की भी यही दुर्दशा होती है। अस्तु सर्वप्रथम आवश्यकता इस बात की है कि अपना एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित किया जाये...


✓अभिरुचि का होना...


 दोस्तो जो लक्ष्य चुना गया है उसके प्रति उत्साह और उमंग का जगाना – मनोयोग लगाना। लक्ष्य के प्रति उत्साह, उमंग न हो, मनोयोग न जुट सके तो सफलता सदा संदिग्ध बनी रहेगी। आधे अधूरे मन से, बेगार टालने जैसे काम पर किसी भी महत्वपूर्ण उपलब्धि की आशा नहीं की जा सकती। मनोविज्ञान का एक सिद्धांत है कि ‘उत्साह और उमंग’ शक्तियों का स्रोत है। इसके अभाव में मानसिक शक्तियाँ परिपूर्ण होते हुए भी किसी काम में प्रयुक्त नहीं हो पातीं...


✓क्षमताओं का सदुपयोग...


दोस्तो ‘समय’ उपलब्ध संपदाओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शरीर, मन और मस्तिष्क की क्षमता का तथा समय रूपी सम्पदा का सही उपयोग असामान्य उपलब्धियों का कारण बनता है। निर्धारित लक्ष्य की दिशा में समय के एक-एक क्षण के सदुपयोग से चमत्कारी परिणाम निकलते हैं...सफल और असफल व्यक्तियों की आरंभिक क्षमता, योग्यता और अन्य बाह्य परिस्थितियों की तुलना करने पर कोई विशेष अंतर नहीं दिखता। फिर भी दोनों की स्थिति में आसमान और धरती का अंतर आ जाता है। इसका एकमात्र कारण है कि एक ने अपनी क्षमताओं को एक सुनिश्चित लक्ष्य की ओर सुनियोजित किया, जबकि दूसरे के जीवन में लक्ष्यविहीनता और अस्त-व्यस्तता बनी रही...एक – सच्चाई,एक – कल्पना,एक – अहसास,एक – खूबसूरती,एक – ताजगी,एक – सपना,एक – आस्था,एक – विश्वास यही है शायद यही वो जिंदगी जिसकी हम सभी कामना रखते हैं। सम्मान का दरवाज़ा इतना छोटा और तंग होता है कि उसमें दाखिल होने से पहले सिर को झुकाना पड़ता है। स्पष्ट विचार,स्‍पष्‍ट धारणा और स्‍पष्‍ट निर्णय,धीर पुरुषों और योगियों के लक्षण हैं. दर्द और खुशी दोनों ही अच्छे शिक्षक हैं, क्योंकि दोनो ही हमें अपने स्थितियों में कुछ न कुछ सिखाते जरूर हैं। अवसर और सूर्योदय में एक ही समानता है, देर करने वाले इन्हें खो देते हैं...


दोस्तों...बेकसूर कोई नहीं इस जमाने में बस सबके गुनाह उजागर नहीं होते...शरीर में कोई सुन्दरता नहीं है,सुन्दर होते हैं व्यक्ति के कर्म, उसके विचार,उसकी वाणी, उसका व्यवहार,उसके संस्कार,और उसका चरित्र ...जिसके जीवन में यह सब है वही इंसान दुनियां का सबसे सुंदर शख्स है...ज्ञान को बुद्धि में *समाने* के लिये गुणों को *धारण* करना बहुत जरूरी है। यदि *गुण* धारण नही किया... तो वो मनुष्य *ज्ञानी* होते हुए भी जैसे *अज्ञानी* हैं...जीवन का सबसे सुंदर और सरल नियम...जो आपके साथ नही होना चाहिए वह आप दूसरों के साथ न करे... A lot of people run behind getting what's द most important things in thier life but for them most important thing is...They don't Care even about common things in thier life...अनुभव का निर्माण नहीं हो सकता इसे समय देकर ही पाया जा सकता है। प्रयत्न करने से कभी ना चूकिए,हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं...प्रतिकूल परिस्थितियां हमारे कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती हैं और विषम परिस्थितियों के बावजूद परिश्रमी व्यक्ति बिखरने की बजाय निखर जाता है...जब भगवान को आप से प्यार होता है तो वो आपके लिऐ वही करता है जो आप के लिऐ अच्छा होता है...और उन तमाम लोगो को आपसे दूर कर देता है जो आपके काबिल नहीं होते...आत्मविश्वास और अपने कर्म पर भरोसा रखने से आपको सफलता मिलती है। परमात्मा कभी भाग्य नहीं लिखते जीवन के हर कदम पर हमारी सोच,हमारे विचार और हमारे कर्म ही हमारा भाग्य लिखते हैं। गलतियां सुधारी जा सकती है गलतफहमियां भी सुधारी जा सकती है लेकिन गलत धारणाएं कभी सुधारी नही जा सकती। कर्तव्य ही ऐसा आदर्श है जो कभी धोखा नहीं दे सकता और धैर्य ही एक ऐसा कड़वा पौधा है जिस पर फल हमेशा मीठे आते हैं...If you are a pure person with clean heart, you don’t need to search for God...God will find you...राज कुमार







इश्क़ कुछ इस तरह तज़ुर्बा दे गया मुझे




Some special line for my wish...


क्या हो जायेगा तेरे रोने या न रोने से ऐ दिल,जब तेरे दोस्त को कोई फर्क ही नही पड़ता तेरे होने या न होने से...सांसे उलझ सी जाती है मेरी इस दिल में ,जब मेरे सिवा कोई और तेरा नाम लेता है...पर पता नहीं कैसे तेरे लबो पे किसी और नाम छा गया दोस्त...जब कोई और अपना न हो तो,खुद का हो जाना ही बेहतर है दोस्त...मलाल ये नहीं की तुम मेरे जिंदगी चली गयी,अफ़सोस तो येे है दोस्त की तुम अब भी ख़ुश नहीं हो...उन्ही लोगों से मोहब्बत क्यूँ हो जाती है,जो मोहब्बत के मायने ही नहीं जानते हैै दोस्त...पानी से रिश्ते ,कागजी ख्वाहिशे और तैरने का वहम ...वाह... जिंदगी एक लहर से ज्यादा शायद कुछ भी नहीं दोस्त...स्वयं का दर्द महसूस होना जीवित होने का प्रमाण है दोस्त,लेकिन औरों का दर्द महसूस करना इन्सान होने का प्रमाण है...दोस्त इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत,आँख जब भी नम हुई वजह कोई अपना ही निकला....कभी चुभ जाऊँ तो माफ करना दोस्त...लफ्ज़ मेरे है...पर खुशबू तेरे चमने बहार का है न दोस्त...ज्यादा खुश रहना भी पाप है इस जग में दौड़त,लोग अक्सर खिले हुए फूल को तोड़ देते है...लोग सुख की चाबी ढूंढ रहे हैं दोस्त,लेकिन सवाल... ये है कि...सुख को ताला किसने लगाया...जुनून था दोस्त किसी के दिल मे जिंदा रहने का, और नतीजा ये निकला के हम अपने अंदर ही मर गए...दोस्त किरदार की हिफाज़त जान से बढ़कर कीजिये,क्योंकि इसे ज़िन्दगी के बाद भी याद किया जाता है...आजकल मुझसे मुहब्बत पर मशवरा माँगते हैं लोग दोस्त,तेरा इश्क़ कुछ इस तरह तज़ुर्बा दे गया मुझे...इश्क़ ब्याज नहीं मागता दोस्त,बस वफा से कीमत चुकानी पड़ती है...वक्त का खास होना जरूरी नहीं,खास लोगों के लिए वक्त होना जरूरी है दोस्त...जिस्म छूने से मोहब्बत नहीं होती,इश्क वह जज्बा है जिसे ईमान कहते हैं दोस्त...इश्क तो पता नहीं दोस्त पर इतना याद है,दो आंखों से हमने एक ख्वाब देखा था...रूठने की रस्म निभाई थी हमने,मनाने का रिवाज तुम कैसे भूल गए दोस्त...कभी देखा है अंधे को किसी का हाथ पकड़कर चलते हुए,हमने मोहब्बत मे तुम पर यूँ एतबार किया था दोस्त...चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही दोस्त,लेकिन रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते हैं...गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जाएगा,यह ज़िन्दगी है न दोस्त,यहां तारीफें भी होगी और कोसा भी जाएगा...तूमसे मिलने की जुस्तुजू और तुम्हे पाने का ख्वाब,ज़िन्दगी इन्ही दो सपनो से शुरू और इन्ही दो अरमानो पे ख़त्म भी हुई दोस्त...हर साल की यही कहानी है दोस्त,कैलेन्डर नया और कील वही पुरानी है...ढलते दिसम्बर के साथ ही खतायें माफ़ कर देना दोस्त,क्या पता जब दुबारा दिसम्बर आये तो हम रहे या ना रहें...Wishing you and your beautiful family very very happy new year...May God...Good Luck, laughter and lots of love with you and for you...Fill your life with lots of Happiness with pace...Smiles for every moment on your lips...And open the all doors of success as per your wish and choice...Along with wonderful morning, fine luck & fantastic future...फ्रेंड... राज कुमार


Update का दूसरा मतलब होता है Latest version... 

दोस्तो अपने आप के विकास में इस कदर बदलाव लाने की कोशिश करे कि खास लोग भी आम बन कर आपके सामने बात करे...कुछ लोग कुत्ते जरूर होते हैं पर वफादार कुते जैसे नही होते...इसीलिए आप हर इंसान को कुते जैसा वफादार न समझे...समझदार के लिए सूचना ही sufficient होता है। औकात सोच से बनती है पैसों से नही...Update का दूसरा मतलब होता है Latest version... improvment & modification...ब्रान्डेड कपड़े तो सभी पहनते हैं दोस्तो... पर आप अपना ब्रांडेड सोंच रखे...Lates मॉडल बनने ज्यादा समय नही लगेगा...आपको सफलता तभी मिलेगी जब आप व्हाट्सएप स्टेटस बदलना छोड़ कर अपनी किस्मत बदलने में लग जाए...विश्वास करना एक गुण है,अविश्वास दुर्बलता कि जननी है। श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और,आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास। हज़ारों मील की यात्रा एक कदम के साथ शुरू होती है। मौन महान शक्ति का स्रोत है। कहीं निवास करना हो तो ज़मीन के निकट रहें. सोचने में, सरलता रखें. झगड़े में, निष्पक्ष एवं उदार रहें. शासन में, नियंत्रण रखने की कोशिश ना करें. काम में, वो करें जिसमे आनंद आये, पारिवारिक जीवन में, पूरी तरह से संलग्न रहे। हो सकता है हर दिन अच्छा ना हो, लेकिन हर दिने में कुछ न कुछ अच्छा होता है . गुणों के सहारे ही व्यक्ति सफल हो पाता है मगर विनय और,विवेक साथ हो तो शिखर छू जाता है। हमेशा याद रखें कि क्रोध एक ऐसी अग्नि है जो दूसरों का नाश करें या ना करें,लेकिन स्वयं का विनाश जरूर करती है। सही दिशा में उठाया गया एक छोटा कदम भी बहुत बड़ा साबित होता है. जीवन में तीन मंत्र ,आनंद में वचन मत दीजिये ,क्रोध में उतर मत दीजिये ,दुःख में निर्णय मत लीजिये। बुद्धिमान वही है...जो अपनी कमियों को किसी के सामने उजागर न करे ...घर की गुप्त बाते,धन का विनाश ,दुष्टो द्वारा धोखा ,अपमान ,मन की चिंता ,इन बातो को अपने तक ही सिमित रखना चाहिए। हमे क्या नही करनी चाहिए...जिंदगी में इंसान को कभी भी अपने बल पर अहंकार और घमंड नहीं करना चाहिए,जीवन के सफर में दूसरों की खुशियों से ईर्ष्या और उसके सुख से जलन नहीं करना चाहिए,दूसरों की सफलता और कामयाबी को देखकर कभी अपने मन में घृणा नहीं रखना चाहिए। जब हम सुख नहीं दे सकते, तो दुख क्यों दे... राज कुमार


Success Tips By Raj kumar...Youth Inspiration & Motivation... 


अगर आपने अपने लक्ष्य को पाना है तो आपको धैर्य रखना आना चाहिए। इस दुनिया में जितने भी बड़े-बड़े महापुरुष हुए है उनमे यह बात कॉमन थी। धैर्य उनके स्वभाव में था...अगर आपने अपने लक्ष्य को पाने में बहुत ही हार्ड वर्क किया हो पर अगर आपको वह सफलता नहीं मिलती है जो आप चाहते है तो ऐसे में आप हार मान सकते है। यही समय होता है जब पेशेंस आपकी परीक्षा लेता है और तब आप उन हालातों को कैसे हैंडल कर पाते है। आपको खुद में धैर्य बनाये रखना होगा। अगर आप धैर्य नहीं रखेंगे तो आपने अब तक जितनी मेहनत की होगी वह सब खत्म हो जाएगी। अगर आपने कठिन समय में धैर्य बना लिया तो समझ ले की आपको जीतने से कोई नहीं रोक सकता। अगर आपमें धैर्य नहीं है तो इसे आसानी से पाना मुमकिन नहीं है। आप अपने रोजाना जीवन में इसे अपना सकते है। उदाहरण- अगर आपको कभी अपने दोस्त का 30 मिनट इन्तजार करना पड़े तब आप कितनी देर तक उसका इन्तजार कर सकते है। यह आपके धैर्य को आसानी से बता देगा। फिर इसे आप धीरे-धीरे इम्प्रूव कर सकते है। यही बात सफलता में भी लागू होती है। आपको धैर्य रखना आना ही चाहिए...


दोस्तो ये दुनिया बड़ी जालिम है दिल से फसाती है और दिमाग से लुटती है... जैसा तुम सोचते हो वैसा हो जाओगे...यदि तुम खुद को कमजोर समझते हो तो कमजोर हो जाओगे...यदि तुम खुद को ताकतवर सोचते हो तो तुम ताकतवर हो जाओगे। शांति और सुकून से जीनी है जिंदगी तो हर मोड़ पर अपने काम से काम रखिए... एक अच्छा और समझदार व्यक्ति सिर्फ ज्ञान की ख्वाहिश रखता हैं... सारी शिक्षा व्यर्थ है, सारे उपदेश व्यर्थ है, अगर वे तुम्हें अपने भीतर डूबने की कला नहीं सीखाते... संकट के समय धैर्य धारण करना मानो आधी लड़ाई जीत लेना है... इंसान क़ुदरत की सबसे खास कृति है, वो हमेशा अपनी कल्पना को अपनी शक्ति से आगे तक ले जा सकता है... कुछ बातें जिनपर आपका वश नहीं है, उन्हें वक़्त सम्भाल लेगा, आप उनकी चिंता में पड़कर वक़्त ज़ाया ना करें.संसार में सबसे असीम हमारी अपनी इच्छाशक्ति है, अगर हम कुछ ठान लें, तो ब्रह्माण्ड भी सीमित नज़र आएगा.जीवन में चुनौतियों से बचने का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए या तो उनका सामना करना सीखें या हार मान लें.अपनी परेशानियों की वजह दूसरों को मानने से आपकी परेशानियां कभी कम नहीं हो सकती हैं.हर तरफ अँधेरा छाए होने की दुहाई देने के बजाय अपनी आँखों पर से पट्टी हटाने का प्रयास करें.नींद में देखे गए सपनों से बड़े वो सपने होते हैं, जिनके सुरूर में हम नींद खो बैठते हैं.जिस प्रकार बिना लहरों और तूफान वाले पानी में नाविक कभी कुशल कप्तान नहीं बन सकता, उसी तरह कठिनाइयों का सामना करके ही ज़िन्दगी का कुशल कप्तान बना जा सकता है।चिंता और तनाव से मुक्त कर सुकून भरा जीवन प्रदान करने वाली महत्वपूर्ण बातें ज्यादा से ज्यादा करने की कोशिश करे..जीवन में काम का आलस और मतलब के लिए पैसों का लालच महान बनने नहीं देता,चंद लम्हों के लिए आ जाए घमंड और अहंकार तो खुद के विनाश का वक्त टलने नहीं देता। इन्सान सब कुछ कॉपी कर सकता है लेकिन किस्मत और नसीब नही...आप अपनी गलतियों से तभी सीख सकते है,जब आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते है...उत्साहवर्धन क्या हैं? यह किसी कार्य को शुरू करने के लिए,उसमे पहली लगाई जाने वाली पूंजी हैं...अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते है...पूरी दुनिया को हम जीत सकते हैं संस्कार से, परन्तु जीता हुआ खेल भी हम हार सकते हैं अपनी एक छोटी सी अहंकार से...Pick co-operation and drop competition...Raj kumar



Superior Motivated Line





दोस्तों..."रिद्धि दे, सिद्धि दे,वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे,चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे...दुःख को दूर कर, सुख भरपूर कर, आशा को संपूर्ण कर,सज्जन हित दे, प्रीत दे...जग में जीत दे, माया और साया दे, और निरोगी काया दे,मान के साथ साथ सम्मान भी दे...सुख-समृद्धि और ज्ञान दे,शान्ति और शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें"...यही मनोकामना, दुआ और इबादत है इस राज का उस खुदा से आप सब के वास्ते...इस बदलते साल और आनेवाले नए साल के शुभ अवसर पर...दोस्तो...इस दुनिया मे कहीं भी दर्पण नही है, प्रेम तो है लेकिन समर्पण नहीं है... हर दामन पे दाग लगा है,यहां पर कोई चन्दन नहीं है...हमे हमेशा याद रहे... किसी दूसरे की खुशी के लिए किया गया प्रयास अपने आप को भी उपर उठाता है...


दोस्तों अगर किस्मत आजमाते आजमाते थक गए हो तो,कभी खुद को आजमाइये नतीजे बेहतर होंगे। वैसा इंसान बने जिस तरह के इंसान को आप पसंद करते हैं। संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते है, एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगती। यदि आपके मन में संतोष नही हैं तो,दुनिया को कोई चीज आपको खुश नही कर सकती हैं। क़ामयाबी कुछ नही बस एक नाकामयाब व्यक्ति के संघर्ष की कहानी है। कर्म वो आइना है जो हमारा स्वरुप हमें दिखा देता है। ना जाने कितने सपने टूटे हैं,सिर्फ ये सोचकर कि लोग क्या कहेंगे। कितनी भी बुरी परिस्थित हो हमे अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए वरना गुस्से में व्यक्ति का पलन हो जाता हैं और उसे पता भी नहीं चलता हैं हर व्यक्ति को देखने का अपना अलग अलग नजरियां होता हैं ज्ञानी व्यक्ति कर्म और ज्ञान को एक ही तरह से देखता हैं. वह ज्ञान पाने की इच्छा से लोगो को देखता हैं वही जो मनुष्य अपने मन पर नियंत्रण नहीं रखता हैं उसका पूरा जीवन खराब हो जाता हैं मन पर नियंत्रण कर आप अपने शत्रु को पराजित कर सकते हैं वही अगर मनुष्य खुद पर विश्वास करें तो वह अपने हर काम में सफलता प्राप्त कर सकता हैं। कहते हैं इंसान वैसा ही बनता चला जाता हैं जैसा वह सोचता हैं। कहते हैं अगर आप किसी काम में आगे बढ़ना चाहते हैं तो उसके लिए आप हर रोज अभ्यास करते रहे एक दिन सफलता जरूर मिलेगी कठिन से ​कठिन काम को अभ्यास से हासिल किया जा सकता हैं...



दोस्तो...सुख और दुख में कोई ज्यादा भेद नहीं...जिसे मन स्वीकारें वह सुख और जिसे अस्वीकारें वह दुख...सारा खेल हमारी स्वीकृति और अस्वीकृति का ही होता है...विचार और व्यवहार हमारे बगीचे के वो फ़ूल हैं जो हमारे पूरे व्यक्तित्व को महका देतें हैं. झूट बोलकर रिश्ते उलझाने से अच्छा है, सच बोलकर सुलझा लिया जाये। जीवन में सुख-दुख तो जिंदगी के दो पहलू है आते जाते रहेंगे...जिंदगी में अनुभव और तजुर्बे सदा मुश्किल परिस्थितियों और हालातों से होते हैं। मनुष्य संसार में हर कार्य कर सकता है लेकिन किसी की गंदी सोच नहीं बदल सकता,क्योंकि मनुष्य को अपनी जिंदगी में अपने दुर्भाग्य और परिस्थितियों से खुद जूझना पड़ता है।जिंदगी में कोई भी कारण हो, कोई भी बात हो चिढ़ो मत और गुस्सा मत करो।आप कितने भी गुस्से में हो लेकिन आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप कौन हैं, यह इसलिए क्योंकि क्रोध हमेशा अपने स्वयं का ही विनाश करता है दूसरों का नाश कभी नहीं करता। जोर से मत बोलो और मन को शांत रखो उस पर विचार करो और फिर निर्णय लो। जीवन में हमेशा याद रखो कि शोर-शराबा करने से बुद्धि और भी भ्रष्ट हो जाती है,आप जितना क्रोध करेंगे उससे आपका ही बुरा होगा और तकलीफ भी आपको ही होगी। हर दिन आपका महत्व पहले से कम या ज्यादा होता जा रहा है. अगर आप खुद को बेहतर बना रहे हैं, तो आपका महत्व बढ़ेगा लकिन अगर आप खुद को बेहतर नहीं बना रहे हैं, तो आपका महत्व कम होता जाएगा. ये समझ लेना कि आप नहीं समझ रहे हैं गुण है, ये नहीं समझ पाना कि आप नहीं समझ रहे हैं दोष है। उन्हें अपना समझने से क्या फायदा जिनके अन्दर आपके लिये कोई अपनापन ही न हो...खुशी के फूल उन्हीं के दिलों में खिलते हैं,जो इंसान की तरह इंसानों से मिलते हैं। जिंदगी की मुश्किलों को,अपनों' के बीच रख दो, या तो 'अपने' रहेंगे,या फिर मुश्किलें...आलस्य – संदेह और भय को जन्म देती है तथा सक्रियता – आत्मविश्वास और साहस को जन्म देती है। हर छोटा बदलाव बड़ी कामयाबी का हिस्सा होता है...धर्म और कर्म बिना ज्ञान के अधूरे हैं ज्ञान से ही धर्म और कर्म पूरे होते है...प्रमुख बनो मालिक तो हर कोई हैं यंहा...कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है पर मैं बेईमान नहीं... मैं सबको अपना मानता हूँ सोचता हूँ फायदा या नुकसान नहीं... एक शौक है शान से जीने का कोई और मुझमें गुमान नहीं... छोड़ दूँ बुरे वक़्त में अपनों का साथ वैसा तो मैं इंसान नहीं...जिंदगी के सफर में इंसान को झूठ भी बोलना पड़ता है और सच में छुपाना पड़ता है,वक्त कभी-कभी लाता है ऐसे मोड़ जिंदगी जीने के लिए हर रास्ता अपनाना पड़ता है...अच्छे और सभ्य इंसान को भला लोग सुकून से एक पल जीने ही कहां देते हैं अक्सर,अच्छे और शांत लोगों को भी अपने हक के लिए कभी-कभी बुरा बन जाना पड़ता है...राज कुमार


जीवन में हमेशा दुखी रहेंगे ये 5 तरह के लोग, कहीं आप तो इसमें शामिल नहीं...


दोस्तो...दुःख और परेशानी सभी के जीवन में आती और जाती रहती हैं. हालाँकि कई बार इंसान के दुःख का कारण वो खुद होता हैं. दुःख असल में आपके दिमाग में उत्पन्न होने वाली एक फीलिंग मात्र हैं. ऐसे में यदि आपके अंदर कुछ खराब आदतें या कमियां होगी तो आप जीवन में हमेशा दुखी ही रहोगे. सुख आपको नसीब नहीं होगा. ऐसे में आज हम आपको उन टाइप्स के लोगो के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी ख़राब आदतों या सोच के चलते जीवन में हमेशा दुखी ही रहते हैं...


जलन करने वाले...


कई लोगो की लाइफ की सबसे बड़ी समस्यां ये होती हैं कि वो दूसरों को देख हमेशा जलते रहते हैं. फलाने के पास बहुत पैसा हैं, तो वो बहुत सुंदर हैं या करियर में वो टॉप पर हैं इत्यादि चीजें जलन का कारण बनती हैं. लोग दूसरों की तरक्की और ख़ुशी को बर्दास्त नहीं कर पाते हैं. अंदर ही अंदर कुड़कते रहते हैं. भगवान ने उन्हें जो पहले से दिया हैं उसमे संतुष्ट नहीं हैं. उन्हें दूसरों की तरह या उनसे बेहतर बनना हैं. बस यही वजह हैं कि इनकी लाइफ में सुख कम और दुःख ज्यादा होते हैं...


जल्दी हार मानने वाले...


समस्यां एक ऐसी चीज हैं जो हम सभी के जीवन में कभी ना कभी आती जरूर हैं. ऐसे में यदि आप उस प्रॉब्लम से हार मान हाथ पर हाथ धरे बैठे ही रहोगे तो लाइफ में दुखी ज्यादा रहोगे. आपको चाहिए कि आप उस समस्यां की जड़ तक जाए और उसे जल्द से जल्द हल करे. किसी प्रॉब्लम से हार ना माने और ना ही उदासी के दलदल में फंसे...


ज्यादा उम्मीदें रखने वाले...


कुछ लोगो की समस्यां होती हैं कि वो अपनी क्षमता से ज्यादा उम्मीदें लगाए रहते हैं. उन्हें जीवन में जो भी मिल रहा हैं उस से संतुष्टि नहीं होती हैं. इन लोगो को लाइफ में हमेशा बहुत ज्यादा और बड़ा चाहिए होता हैं. ऐसे में ये खुद अपनी उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर पाते हैं और लाइफ में उदास ही रहते हैं...


गुस्से पर काबू ना रखने वाले...


जिन लोगो को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता हैं और जो हमेशा लड़ाई झगड़े के मूड में ही रहते हैं वे भी जीवन में सुखी नहीं रह सकते हैं. उनके गुस्से वाले व्यवहार की वजह से कोई भी उन्हें दिल से प्यार नहीं करता हैं. ऐसे लोग जीवन में बहुत अकेलापन महसूस करते हैं. यह चीज इन्हें अंदर ही अंदर उदास कर देती हैं...


दूसरों के विचारों का आदर ना करने वाले...


अक्सर लोगो की यही सोच रहती हैं कि पूरी दुनियां उनके बताए रास्ते पर ही चले. वे लाइफ को लेकर जो नियम बनाते हैं दुसरे लोग भी उसका पालन करे. जो लोग हमेशा अपनी इच्छाएं दूसरों पर थोपते हैं वे जीवन में कभी सुखी नहीं रह सकते हैं. यदि आप दुःख अलविदा कहना चाहते हैं तो ‘जियो और जीने दो’ कहावत को अपना ले. दूसरों को अपने हिसाब से जीने दे और उससे खुद अफेक्ट ना हो...


अमिताभ बच्चन कहते हैं... 


अपने करियर के चरम पर, मैं एक बार हवाई जहाज से यात्रा कर रहा था। मेरे बगल वाली सीट पे एक साधारण से सज्जन व्यक्ति बैठे थे, जिसने एक साधारण शर्ट और पैंट पहन रखी थी। वह मध्यम वर्ग का लग रहा था, और बेहद शिक्षित दिख रहा था।अन्य यात्री मुझे पहचान रहे थे कि मैं कौन हूँ, लेकिन यह सज्जन मेरी उपस्थिति के प्रति अंजान लग रहे थे ...वह अपना पेपर पढ़ रहे थे, खिड़की से बाहर देख रहे थे, और जब चाय परोसी गई, तो उन्होंने इसे चुपचाप पी लिया । उसके साथ बातचीत करने की कोशिश में मैं उन्हें देख मुस्कुराया। वह आदमी मेरी ओर देख विनम्रता से मुस्कुराया और 'हैलो' कहा। हमारी बातचीत शुरू हुई और मैंने सिनेमा और फिल्मों के विषय को उठाया और पूछा, क्या आप फिल्में देखते हैं? आदमी ने जवाब दिया, ओह बहुत कम। मैंने कई साल पहले एक फिल्म देखा था। मैंने उल्लेख किया कि मैंने फिल्म उद्योग में काम किया है। आदमी ने जवाब दिया,ओह यह अच्छा है। आप क्या करते हैं? मैंने जवाब दिया, 'मैं एक अभिनेता हूं' आदमी ने सिर हिलाया, 'ओह, यह अद्भुत है!' तो यह बात हैं ...जब हम उतरे, तो मैंने हाथ मिलाते हुए कहा, "आपके साथ यात्रा करना अच्छा था। वैसे, मेरा नाम अमिताभ बच्चन है! उस आदमी ने हाथ मिलाते हुए मुस्कुराया, थैंक्यू ... आपसे मिलकर अच्छा लगा..मैं जे आर डी टाटा (टाटा का चेयरमैन) हूं...मैंने उस दिन सीखा कि आप चाहे कितने भी बड़े हो।हमेशा आप से कोई बड़ा होता है...नम्र बनो, इसमें कुछ भी खर्च नहीं है...


जब गुस्सा आए तो विवेक आजमाएं...


जापान के किसी गांव में एक समुराई बूढ़ा योद्धा रहता था। उसके पास कई समुराई युद्धकला सीखने आते थे। एक बार एक विदेशी योद्धा उसे पराजित करने के लिए आया। वह साहसी था। उसके बारे में यहां तक कहा जाता था कि वह जहां भी जाता विजय होकर ही वापस अपने देश लौटता था...जब विदेशी समुराई ने युद्ध करने की इच्छा जताई तो बूढ़े समुराई के शिष्यों ने मुकाबला न करने की प्रार्थना की। लेकिन बूढ़े समुराई ने उनकी नहीं मानीं और नियत समय पर युद्ध शुरू हुआ...विदेशी समुराई, उस बूढ़े समुराई को अपमानित करने लगा। उसने, उन्हें गुस्सा दिलाने के सारे प्रयत्न किए लेकिन घंटों बाद भी उन्हें गुस्सा नहीं आया। यह देखकर विदेशी समुराई ने पैरों से धूल उड़ाकर जमीन पर थूक दिया। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी बूढ़े समुराई ने कुछ न कहा। अब उस विदेशी योद्धा को अपनी पराजय का अहसास हुआ और वह अपनी हार मानते हुए चला गया...यह देखकर बूढ़े समुराई के शिष्य हैरान थे उन्होंने पूछा, आपका इतना अपमान हुआ फिर भी आप चुप रहे। तब उनके गुरु ने कहा, यदि कोई तुम्हें तोहफा दे और तुम उसे स्वीकार न करो तो वह किसका होगा ?...शिष्यों ने कहा, 'तोहफा देने वालों का ही होगा।' गुरु बोले, 'मैनें भी उसकी गालियों को स्वीकार नहीं किया। तो वह उसके पास ही गईं...संक्षेप में...अमूमन हम व्यवहार में कुछ अप्रिय प्रसंगों का सामना करते हैं। ऐसे में अवाश्यक प्रतिक्रिया से बचकर हम अपनी ऊर्जा और समय को बचा सकते हैं। विवेक के प्रयोग से हम विरोधियों को भी सकारात्मक संदेश दे सकते...


ऐसे लोगों में छिपे होते हैं महानता के बीज...


एक दिन एक निर्धन बालक लकड़ी का गट्ठर लेकर शहर में बेचने आया। उसने लकड़ी के गट्ठर को इस कलात्मक ढंग से बांधा था कि एक सेठजी को पसंद आया। सेठजी ने पूछा, 'बेटा! ये गट्ठर इतने कलात्मक ढंग से किसने बांधा है ?' उस लड़के ने उत्तर दिया, 'जी मैनें।' सेठजी को विश्वास नहीं हुआ उन्होंने कहा, 'क्या तुम इस गट्ठर को खोलकर ऐसे ही बांध सकते हो।बालक ने चेहरे पर भीनी मुस्कान के साथ उत्तर दिया, 'हां-हां क्यों नहीं बिल्कुल।' उस बालक ने गट्ठर को खोला और तुरंत वैसे ही बांध दिया। सेठजी ने उस बालक की एकाग्रचित्तता, लगन, और प्रतिभा का कायल हो गया। उसने उस बालक से कहा, 'बेटा तुम मेरे साथ चलो में तुम्हें शिक्षा दिलवाउंगा। उस लड़के ने कुछ देर सोचा और फिर चलने के लिए तैयार हो गया।सेठजी ने उस लड़के की शिक्षा का प्रबंध किया। वह स्वयं भी उसे पढ़ाते। थोड़े दिन बाद उस लड़के ने कुशाग्र बुद्धि के चलते उच्च शिक्षा हासिल कर ली। बड़ा होने पर यही बालक यूनान के महान दार्शनिक 'पाइथागोरस' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। और जो सेठजी जिन्होंने उस बालक की कला और लगन के एक दृष्टि में परखा वो थे यूनान के विख्यात तत्वज्ञानी 'डेमोक्रीट्स' थे...संक्षेप में...जो व्यक्ति छोटा सा कार्य भी पूरी मेहनत के साथ करते हैं, उन्हीं में महानता के बीच छिपे होते...


One messege from my side for you all...समाज में कुछ ऐसी समस्याएं या विषय जिन पर जागरूकता अभियान चलाने की सख्त जरूरत है...


आज समाज में अनेक समस्याएं विद्यमान हैं जो समय समय पर मानव समुदाय को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करके उसके वजूद को ही संकट में डाल देती हैं परन्तु सबसे प्रमुख समस्या लोगों में नैतिकता की कमी है जो अनेक समस्याओं का मूल कारण है इसके कारण भ्रष्टाचार धार्मिक उन्माद जैसी अनेक समस्यायें उत्पन्न होती हैं जो समाज में गतशीलता बढ़ाने का एक प्रमुख जरिया बनती दिखाई देती है...समाज में दूसरी प्रमुख समस्याएं अशिक्षा लिंगभेद अधिक जनसंख्या अतार्किक राष्ट्रीयवाद जैसी समास्याएं हैं जिसके कारण आए दिन बेबकसूर लोग शिकार होते रहते हैं जिसकी वजह से समाज में गतिशीलता बढ़ती है परिणामतः समंधित देश की साख पर अंतरराष्टरीय स्तर पर बट्टा लगता है जिससे ऐसे देश के सूचकांकों में गिरावट आ जाती है और लोगों में डर की भावना पैदा होती है...समाज में तीसरी प्रमुख पर्यावरण प्रदूषण समस्या विद्यमान है आज मानव ने बहुत ही उच्च स्तर का विकास कर लिया है मानव अपने विकास में इतना संलग्न हो गया है कि उसने अपने अस्तित्व को ही संकट में डाल लिया है पर्यावरण प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य असमय मृत्यु प्रदूषित हवा पानी जैसी जटिल समस्याएं पैदा होती हैं जो संपूर्ण जीव जंतु समुदाय के लिए असमय मौत का सबब बन बनती हैं...समाज में चौथी प्रमुख समस्या महिलाओं बच्चों बुजुर्गों पर अत्याचार है जिसके कारण समाज शक्तिशाली और कमजोर वर्ग में बंटता दिखाई देता है जिसकी वजह से घरेलू स्तर पर ग्रह क्लेश अकेलापन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं...समाज में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांचवी प्रमुख समस्या संरक्षणवाद नस्लभेद आतंकवाद जैसी समस्याएं विद्यमान हैं जो मानव समुदाय के अस्तित्व को ही नहीं बल्कि आर्थिक राजनीतिक सामाजिक व्यय को भी बढ़ाती हैं जो व्यय किसी अन्य जरूरी कार्य में खर्च हो सकता था वह व्यय ऐसी समस्याओं से निजात पाने में खर्च हो किया जाता है जिससे अन्य जरूरी कार्य बाधित होते हैं...उपरोक्त कारणों को ध्यान में रखते हुए सरकारों गैर सरकारी संगठनों एनजीओ समाजिक संगठनों और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को समय समय पर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए स्कूली स्तर पर शिक्षा में सामाजिक और नैतिक शास्त्र जैसी शिक्षा देनी चाहिए जिससे समाज में व्याप्त ऐसी समस्याएं कम की जा सकें...राज कुमार

जैसी भावना वैसी मनोकामना...


एक बार भगवान बुद्ध एक शहर में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने प्रवचन के बाद आखिर में कहा, 'जागो! समय हाथ से निकला जा रहा है।' इस तरह उस दिन की प्रवचन सभा समाप्त हो गई। सभा के बाद तथागत ने अपने शिष्य आनंद से कहा, थोड़ी दूर घूम कर आते हैं। आनंद, भगवान बुद्ध के साथ चल दिए। अभी वे विहार के मुख्य द्वार तक ही पहुंचे ही थे कि एक किनारे रुक कर खड़े हो गये...प्रवचन सुनने आये लोग एबाहर निकल रहे थे, इसलिए भीड़ का माहौल था, लेकिन उसमें से निकल कर एक स्त्री तथागत से मिलने आई। उसने कहा, 'तथागत मैं नर्तकी हूं'। आज नगर के श्रेष्ठी के घर मेरे नृत्य का कार्यक्रम पहले से तय था, लेकिन मैं उसके बारे में भूल चुकी थी। आपने कहा, ' जागो समय निकला जा रहा है तो मुझे तुरंत इस बात की याद आई।'उसके बाद एक डाकू भगवान बुद्ध से मिला उसने कहा, 'तथागत मैं आपसे कोई बात छिपाऊंगा मै भूल गया था कि आज मुझे एक जगह डाका डालने जाना था कि आज उपदेश सुनते ही मुझे अपनी योजना याद आ गई...इस तरह एक बूढ़ा व्यक्ति बुद्ध के पास आया वृद्ध ने कहा, 'तथागत! जिन्दगी भर दुनिया भर की चीजों के पीछे भागता रहा। अब मौत का सामना करने का दिन नजदीक आता जा रहा है, तब मुझे लगता है कि सारी जिन्दगी यूं ही बेकार हो गई। आपकी बातों से आज मेरी आंखें खुल गईं। आज से मैं अपने सारे मोह छोड़कर निर्वाण के लिए कोशिश करूंगा। जब सब लोग चले गए तो भगवान बुद्ध ने कहा, 'आनंद! प्रवचन मैंने एक ही दिया, लेकिन उसका हर किसी ने अलग अलग मतलब निकाला...


संक्षेप में:-कहने का तात्पर्य यह है कि जिसकी जितनी झोली होती है, उतना ही दान वह समेट पाता है। निर्वाण प्राप्ति के लिए भी मन की झोली को उसके लायक होना होता है। इसके लिए मन का शुद्ध होना बहुत जरूरी है। इस प्रेरक प्रसंग में भी ऐसा ही hai... 


जब सुख नहीं दे सकते, तो दुख क्यों देते हो...


एक बार गौतम बुद्ध जंगल में आम के पेड़ के नीचे ध्यान मग्न थे। वहां खेल रहे कुछ बच्चों ने पेड़ से आम तोड़ने के लिए पत्थर फेंका, पत्थर तथागत यानी गौतम बुद्ध के सिर पर लग गया। उनके सिर से खून बहने लगा। यह सब कुछ देख बच्चे डर गए। उन्हें लगा कि अब ये मुनि उन्हें भला-बुरा कहेंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वह बच्चे गौतम बुद्ध के चरणों में नतमस्तक होकर क्षमा याचना करने लगे। उन्हीं में से एक बच्चे ने कहा, 'यह सब कुछ मेरी वजह से हुआ है। मेरी वजह से ही आपके सिर में रक्त की धारा निकल रही है। मुनिवर! मुझे क्षमा करें। यह सुनकर गौतम बुद्ध बोले, 'बच्चों में इस बात से दुःखी नहीं हूं कि मेरे सिर से खून निकल रहा है। बल्कि इसलिए कि, जिस तरह पेड़ को पत्थर मारने पर वह फल देता है, ठीक वैसे ही मुझे पत्थर मारने पर में तुम्हें जब फल नहीं दे सकता तो भय क्यों दूं...संक्षेप में... जब हम किसी को सुख नहीं दे सकें तो हमें दुख भी नहीं देना चाहिए...


दोस्तो जैसी भावना वैसी मनोकामना होता है... हमारी इक्षाओ से बेहतर ईश्वर की योजना होती है। नहीं खाई ठोकरे सफर में तो मंजिल अहमियत कैसे जानगो,अगर नहीं टकराए गलत से तो सही कैसे पहचनोगो...हार एक सबक है जो हमे सुधारने मौका देती है। आजाद रहिये विचारों से, लेकिन बंधे रहिये संस्कारों से... दुनिया को नही अपने आप को बदलो, दुनिया तो अपने आप बदल जायेगी... बुलंद हो होंसला तो मुठी में हर मुकाम है...आपके पास कितना ज्ञान है यह ज्यादा जरूरी नहीं है बल्कि आप किसी लक्ष्य को पाने के लिए कितने एक्टिव है यह ज्यादा जरूरी है| मुश्किले और मुसीबते तो ज़िंदगी में आम है दोस्तो... जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना,सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना,सफलता मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें,बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना... जीवन तो एक जल की भांति है और यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसे अपने अच्छे और नेक कर्मो से पवित्र रखना चाहते हैं या फिर बुरे और निकृष्ट कर्म से गंदा रखना चाहते हैं...जिंदगी में हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए, इसके लिए हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, अगर इंसान खुद हार मान कर बैठ जाता है तो उसके जीवन में उजाला आना बहुत मुश्किल हो जाता है,आगे बढ़ने के लिए हमें किसी ना किसी चीज की प्रेरणा चाहिए होती है,आप को प्रेरित करने के लिए... अच्छे कर्मों के साथ लगातार मेहनत करने पर, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है। आप कब सही थे इसे कोई याद नही रखता...लेकिन आप कब गलत थे...इसे सब याद रखते है...इस लिए अपने किये गए कार्य पर विशेष ध्यान दे...कभी नहीं गिरने से ज्यादा महान काम हर बार गिरकर भी उठने की हिम्मत करना है...राज कुमार

दोस्तो अहंकार भी जरूरी है जब बात अपने अधिकार ,सम्मान और चरित्र की हो तो...पर ध्यान रहे...काबिलियत के घर मे अहंकारों की कदर नही होती...और अहंकारों के आँगन में कभी कामयाबी के फूल नही खिलते...दोस्तो कामयाबी हाथो की लकीरों में नहीं, माथे के पसीने में होती है। विश्वास" में विष भी है आस भी है। ये स्वयं पर निर्भर करता है कि क्या ग्रहण करना है. इतिहास गवाह है संघर्ष के समय कोई नजदीक नहीं आता और सफलता के बाद किसी को आमंत्रित नहीं करना पड़ता...जीवन में उत्साह बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि मनुष्य सकारात्मक चिंतन बनाए रखे और निराशा को हावी न होने दे। कभी – कभी निरंतर मिलने वाली असफलताओं से व्यक्ति यह मान लेता है कि अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर सकता, लेकिन यह पूर्ण सच नहीं है. सकारात्मक सोच ही आदमी को "आदमी" बनाती है....उसे अपनी मंजिल तक ले जाती है. आप हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण , स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें...चरित्र एक वृक्ष है और प्रतिष्ठा, यश,सम्मान,उसकी छाया लेकिन विडंबना यह है कि दोस्तों वृक्ष का ध्यान बहुत कम लोग रखते हैं और छाया सबको चाहिए...इंसानियत दिल मे होनी चाहिए हैसियत में नही, क्यूंकि ऊपरवाला कर्म को देखता न कि हमारे वसियत को...अपने आप को very special समझो दोस्तो, क्यूंकि Good कोई भी चीझ फालतू में नही बनता...कर्मवीर बनो, राह स्वयं बनती चली जाएगी। लक्ष्य पर ध्यान रहे। अपने नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को सदैव लेकर ही बढ़ना चाहिए...मन में उतरना और मन से उतरना केवल आपके व्यव्हार पर निर्भर करता है इसे हमेशा बरकरार रखे...दोस्तो खूबी और खामी दोनों ही होती है हर इंसान में जो "तराशता" है उसे ख़ूबी नजर आती है और जो "तलाशता" है उसे खामी नजर आती है...सफलता एक यात्रा है मंजिल नही दोस्तो...


Special line for student's life...


दोस्तो आपलोग जानते हो आजकल के युथ की सबसे बड़ी प्रोब्लम क्या है? जब भी किसी से पूछो की तुम्हारा सपना क्या है? बिना हकीकत जाने बिना दिल की माने वो कुछ भी बोल देते है मुझे UPSC निकालना है,IAS बनना है, IPS बनना है BANK PO बनना है,पायलट बनना है और भी बहुत कुछ...बुरा मत मानना आपलोग...लेकिन अधिकतर स्टूडेंट भेड़ की तरह एक के पीछे एक लगे हुए है।जो आगे वाला इंसान कर रहा है बिना कुछ सोचे समझे उसकी सक्सेस देखकर हम भी उनकी कॉपी करने लग जाते हैं। और बोल देते है मुझे ये करना है, मुझे वो बनना है कहना बहुत आसान है लेकिन जिस तरह से आप अपना कीमती वक्त फालतू चीजो में बर्बाद किये जा रहे हो न उस हिसाब से तुम्हे आज की दुनिया मे बेरोजगारी और पछतावे के अलावा कुछ नही मिलने वाला और है एक बात याद रखना कर दिखो कुछ ऐसा! दुनिया करना चाहे आपके जैसा...If you want something new then try to do something new....यदि आपके अंदर...दम है...ताकत है...शिद्दत है...जुनून है...जज्बा है...जज्बात है...ख्वाब है...ख्यालात है तो...आप कुछ भी पा और कर सकते है... Never stop your learning process....राज कुमार


मुसीबतें हम और हमारा लक्ष्य...


दोस्तो मुसीबतें हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा हैं इन मुसीबतों के बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है कोई इस बात को समझ लेता है तो कोई पूरी जिंदगी मुसीबतों का रोना रोता रहता है जीवन के हर मोड़ पर इन मुसीबतों से हमारा सामना होता रहता है. अक्सर जब हमारे सामने मुसीबतें आती हैं तो हम इनके सामने पस्त हो जाते हैं अपने को इनके समक्ष समर्पित कर देते हैं उस समय हमें कुछ समझ नहीं आता है कि क्या किया जाए क्या नहीं...हर व्यक्ति का इन मुसीबतों को देखने का अपना अलग नजरिया होता है कोई इनको सीढ़ी बना लेता है तो कोई इनके सामने झुक कर अपना रास्ता बदल लेता है अर्थात ऐसे समय में कुछ लोग टूट जाते हैं तो कुछ इनका मुकाबला करते हुए मंजिल पा जाते हैं...अक्सर हम में से अधिकतर लोग इन मुसीबतों के सामने ढेर हो जाते हैं अपने लक्ष्य को छोड़कर एक भटकाव वाले रास्ते पर चल पड़ते हैं जिसका हमको ना रास्ता मालूम होता है ना अंजाम वही कुछ लोग हंसते हुए इन मुसीबतों का सामना करते हैं और अन्त में इन मुसीबतों पर विजय हासिल करके अपनी मंजिल अपने लक्ष्य की हासिल करके लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं...ऐसा ही एक उदाहरण फ्रांस के महान सेनापति नेपोलियन बोनापार्ट का है जिनके जीवन मे असंभव नाम का कोई शब्द नहीं था इतिहास में नेपोलियन को विश्व के सबसे महान और अजेय सेनापतियों में गिना जाता है ऐसा कहा जाता है कि उनके सामने कोई ज्यादा देर तक टिक नही पाता था नेपोलियन बोनापार्ट ने कई जोखिम भरे काम किए हैं....ऐसा कहा जाता है कि एक बार इन्होंने आल्प्स पर्वत को पार करने का ऐलान किया और अपनी सेना को साथ लेकर चल दिए जब वहां पहुंचे तो आल्प्स पर्वत की ऊंची चोटी को देखकर सेना में हलचल की स्थिति पैदा हो गई आल्प्स पर्वत पर चढ़ाई करने के लिए तैयार ही हो रहे थे कि सामने देखा एक बुजुर्ग औरत खड़ी है वह बुजुर्ग औरत नेपोलियन बोनापार्ट के पास आकर बोली कि क्यों मरना चाहते हो आज तक इस पर कोई नही चढ़ पाया है जितने भी आयें हैं सब अपने प्रयास में असफल होकर वापस लौट गए हैं अगर अपनी जिन्दगी की सलामती चाहते हो तो तुम भी वापस लौट जाओ उस औरत की यह बात सुनकर नेपोलियन बोनापार्ट नाराज होने की बजाय और अधिक उत्साहित हो गए और मन में ठान लिया कि आल्प्स पर्वत पर सिर्फ चढ़ना ही नहीं है बल्कि कोई आज तक इस पर चढ़ नही पाया यह मिथिक भी तोड़ना है और तुरंत ही अपनी सेना को आदेश देकर आल्प्स पर्वत पर चढ़ना शुरू कर दिया अंततः नेपोलियन बोनापार्ट ने आल्प्स पर्वत पर चढ़कर विजय हासिल कर ली ऐसा नही हैं कि ये मुसीबतें सिर्फ हमारे या नेपोलियन बोनापार्ट के जीवन में ही आयी हैं हमको ऐसे अनेकों उदाहरण इतिहास और वर्तमान में मिल जायेंगे जिन्होंने अनेकों मुसीबतों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य पर विजय हासिल की है.इन मुसीबतों से हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नही पड़ता बल्कि इस बात का प्रभाव पड़ता है कि हम इन मुसीबतों को किस नजरिए से देख रहे हैं हम इनका डटकर मुकाबला कर रहे हैं या इनसे डरकर दूर भाग रहे हैं...एक बात हमेशा याद रखिए जिसने अपने जीवन में जितना अधिक स्ट्रगल किया है वह उतना ही अधिक महान इंसान बना है ऐसे व्यक्ति को इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में जगह मिली है और जिसने इन मुसीबतों से अपने आपको अलग कर लिया है उसका उसके जीवन के खत्म होते ही उसका नाम भी धूमिल हो गया है...


अब बस तभी रुकना हैं जब सफलता हमारे कदमों में हो...


दोस्तो ये आपका फैसला होगा कि आसमान की ऊंचाइयों से खूबसूरत दुनिया को देखते हो या असफलता के चौखट में ही रहकर सिमट जाते हो...क्या आप असफलता की चौखट पर ही अपना दम तोड़ देना चाहते हैं , क्या आप भूल गए कि आप घर से बाहर इसलिए निकले थे ताकि आप अपने सर पर जीत का ताज पहन के घर पहुंचे , क्या आप भूल गए उनके ख्वाहिशों को ,अरमानों को जिन्होंने आपके लिए वर्षों से संजो कर रखे हैं , आखिर हुआ क्या है आपको ,आखिर क्यों आप आज उस तरीके से नहीं लड़ रहे जिस तरीके से आप को लड़ना चाहिए ! क्यों आप उन कसमों से दूर भाग रहे हैं जो आपको जीत दिलाती हैं आखिर क्यों आप एक नादान परिंदे की तरह गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए खामोश बैठे हैं , क्यों अभी तक आपके अंदर का मानव जगा नहीं...दोस्तो बहुत कुछ तो मैं नहीं कहना चाहता पर इतना जरूर बता दूं कि आप वह है जिसके अंदर से ही शख्सियत निकलती है , आप वह है जो कर्मो का तूफ़ान पैदा कर इतिहास बदल सकता है , आप वह है जो लकीर को इतनी लंबी खींच सकता है कि आगे आने वाले वर्षों तक वह सुनहरा बनकर चमकता रहेगा ! वक्त बहुत नहीं है पर वक्त इतना जरूर है कि आप अपने जिंदगी को अपने जीवन को साकार कर जाइए...दोस्तो गौर कीजिए आपने आज तक क्या किया जब आप अपने घर से बाहर निकले थे तो आप की आंखों में कुछ ख्वाब थे , आपके होठों पर कुछ जज्बात थे , आपके चेहरे पर एक चमक थी और आपके कर्मों में एक तूफान था ! आखिर क्यों आप थम सा गए हैं आपकी सिद्दत कहां गई , आपका जुनून कहां गया , ऐसा तो नहीं कि आप जिंदा लाश बन गए हैं ! जनाब याद रखिए दुनिया उन्हीं को याद रखती है जो याद रखने जैसा कुछ कर जाते हैं ! कल का तो मुझे पता नहीं पर आपसे इतना जरूर कहूंगा कि आप इस कदर मेहनत करो की खुद को सुकून मिले ! इतिहास गवाह है इतिहास उन्हीं का लिखा जाता है जो संघर्षों से गुजरते हुए खुद को खुद के लिए खड़ा कर लेते हैं आपके अंदर...दम है...ताकत है...शिद्दत है...जुनून है...जज्बा है...जज्बात है...ख्वाब है...ख्यालात है. याद रखिये आप इंसान हैं जो लड़ सकता है गिर के उठ सकता है जो हार के भी जीत सकता है और जीत के भी जीत सकता है...दोस्तो आपके लिये चंद लाइने...हौंसले हो बुलंद तो हर मुश्किल को आसां बना देंगे , छोटी टहनियों की क्या बिसात, हम बरगद को ही हिला देंगे ! वो और हैं जो बैठ जाते हैं थक कर मंजिल से पहले , हम बुलंद हौंसलों के दम पर आसमां को ही झुका देंगे...हम कैसे हार मान सकते हैं अपनी मंजिल, अपने ख्वाबों से पहले, कैसे भाग सकते हैं अपनी जिम्मेदारियों से किसी के भी प्रति ! बहुत लोगों की उम्मीद की किरण हैं हम, चाहे वो हमारे माता-पिता हो, चाहे हो भाई बहन, चाहे हो रिस्तेदार कोई, चाहे तो हमारा अपना समाज (Society), चाहे हो शहर अपना, हो चाहे हमारा अपना देश. तो दोस्तो पूरी ताकत से जुट जाइये और अब बस तभी रुकना हैं जब सफलता हमारे कदमों में हो ! ऐसी कोई चीज नहीं है, जो हम मेहनत, लगन व आत्मविश्वास से नहीं पा सकते. खुद पर भरोसा कर इंसान अपनी किस्मत खुद बना सकता है...राज कुमार


आखिर कुछ सपने क्यों पूरा नहीं कर पाते हैं...


दोस्तो अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग किसी कार्य को करते तो हैं मगर उस कार्य के प्रति जो लग्न और वह ईमानदारी नजर आनी चाहिए वह नजर नही आती है इसके पीछे वैसे तो अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कार्य करने में रुचि नहीं होना कार्य करने में मन का नहीं लगना या जब कार्य शुरू किया तब कार्य योजना अच्छे से नहीं बन पाई अर्थात कार्य का अच्छे से मूल्यांकन नहीं किया गया...एक सबसे ज्यादा और प्रभावी कारण यह भी हो सकता है कि आप जिस कार्य को कर रहे हैं वह कार्य आपके विचारों के मुताबिक नहीं हो आपको ऐसा भी कार्य करना पड़ेगा इस बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं हो...ऐसे ही प्रमुख कार्यों में से एक पढ़ाई भी है जिसको करने में कुछ लोगों का मन नहीं लगता है और इसमें मन लगाने की कोशिश भी नहीं करते हैं क्योंकि यह सपना आपने कभी देखा ही नहीं आपने इसके बारे में कभी सोचा ही नहीं अर्थात कभी मनन तक नही किया...जिस तरह से व्यक्ति दूसरे की पसंद की शर्ट तक पहनना पसंद नहीं करता भले ही वह उसका पसंदीदा रंग था क्योंकि अब यह इसलिए पसंद नहीं है क्योंकि आपकी पसंद पर दूसरे का हस्तक्षेप हो चुका है जब इंसान दूसरे की पसंद के कपड़े भोजन स्थान में रुचि नहीं दिखाता है तो वह भला दूसरे के बताए गए रास्ते या दूसरे के दिखाए गए सपने पर कैसे ईमानदारी और मेहनत से कार्य कर सकता है...ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हम अपने रिश्तेदारों माता पिता भाई बहिन को प्यार नहीं करते और नही ऐसा है कि हम उनकी बातें नहीं मानते हैं मगर फिर भी हम उनके दिखाए गए रास्ते या सपने पर भला कैसे ईमानदारी और मेहनत से कार्य कर सकते हैं क्योंकि हमको अपने निजी जीवन में कोई हस्तक्षेप पसंद नही है यही वजह है कि कुछ मां बाप के सपने सपने ही रह जाते हैं इस पर बुजुर्गों की एक कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है घर भले ही एक कमरे का हो लेकिन अपना निजी होना चाहिए इसी तरह सपना चाहे छोटा ही हो लेकिन खुद का होना चाहिए क्योंकि व्यक्ति दूसरे के घर को और दूसरों के सपनों को ना ज्यादा देर तक ढो सकता है और नहीं उसकी अच्छे से केयर कर सकता है अगर मां बाप और बच्चों को एक दूसरे के रास्ते या सपने के साथ चलना है या जीना है तो दोनों में से किसी ना किसी को तो अपने रास्ते या सपने के साथ समझौता करना ही पड़ेगा...अगर मां बाप को अपने रास्ते या सपनों को पूरा कराना है तो इसके लिए मां बाप को चाहिए कि वह अपने बच्चे के मनोभावों को समझें उसके अनुसार ही उसे कोई कार्य करने के लिए प्रेरित या संकल्पित करें मां बाप को चाहिए कि अपने बच्चे के मन में नैतिकता इस कद्र भरें कि उनका बच्चा किसी भी परिस्थिति में उनके बताए गए रास्ते या सपने के खिलाफ ना जाए और बच्चों को भी समझना चाहिए कि कोई भी रास्ता या सपना तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार पनपता है इसका पहले से अनुमान लगाना संभव नही है...


Wish you all my dear friends Happy Dipawali a long with wonderful and fantastic wishes...Have a Good night...






भरोसा टूटने की आवाज़ नहीं होती दोस्त



भरोसा टूटने की आवाज़ नहीं होती...

दोस्त ऐसा नहीं है कि लोगों के पास दिल नहीं रहा,बस दिल से सोचने का वक्त ही नहीं रहा अब किसी के पास... दोस्त प्रेम क्या है?...इम्प्रेशन से शुरू होकर...डिप्रेशन पर खत्म होने वाली मानवीय प्रक्रिया है...जलवे तो बेपनाह थे इस कायनात में दोस्त,ये बात और है कि नजर सिर्फ तुम पर ही ठहरी...जन्म होने पर बटने वाली मिठाई से शुरू हुआ ज़िन्दगी का यह खेल, और श्राद्ध की खीर पर आकर ख़तम हो जाता है...यही जीवन की मिठास है दोस्त...मैं शिकायतकरूँ तो क्यों करूँ, ये तो किस्मत की बात है,तेरी सोच में भी नहीं मैं, और दोस्त तू मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ याद है...नजरो का क्या कसुर जो दिल्लगी तुम से हो गई,तुम हो ही इतने प्यारे कि मुहब्बत तुमसे हो गई...तुम तो अपनों के बीच में हमें भूल ही जाते हो दोस्त...लेकिन हम तुम्हे भीड़ में भी याद करते है...I miss you a lot my life...लोग कहते हैं कि आईना सच दिखाता है,हाँ दोस्त यह सच है, मगर पूरा कब दिखाता है...दोस्त नियत साफ, बातें सच्ची और मकसद सही हो तो, यकीनन किसी न किसी रूप में परमात्मा भी हमारी मदद करते है... दोस्त कौन कहता है कि,खामोशियां खामोश होतीं हैं, कभी खामोशियों को, ख़ामोशी से सुनो तो,खामोशियां वो भी कह देतीं हैं जिनको लफ़्ज़ों की तलाश होती है...दोस्त मुझे परवाह नहीं लोग मेरे बारे में क्या कहते है,मेरे रब को पता है मैंने कभी किसीका बुरा नहीं चाहा...भरोसा टूटने की आवाज़ नहीं होती दोस्त,लेकिन गुंज इसकी उम्र भर सुनाई देती है...एक ज़िद हम दोनों को बर्बाद कर गयी दोस्त,तुम्हे हमारा होना नहीं थाऔर हमें तुम्हे खोना नहीं था...दोस्त जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज है, नशीब कभी भी करवट बदल सकती...दिल बहलाने ‬ वाले तो हज़ार मिलते दोस्त,लेकिन‪ मुझे तो वो दिल ‬चाहिय था जो मेरे दिल को पसंद है...कितना अच्छा लगता है ना दोस्त जब मोहब्बत में कोई कहे, क्यूँ करते हो किसी और से बात मैं काफी नहीं आपके लिए…नींद भी नीलाम हो जाती हैं दिलों की महफ़िल में दोस्त,किसी को भूल कर सो जाना इतना आसान नहीं होता...ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है,पर सच कहता हूँ दोस्त मुझमे कोई फरेब नहीं है...मैंने हजारों ख्वाबों में देखा है तुम्हे,। मेरी हर एक उम्मीद में पाया है तुम्हें। तुम्हारे चेहरे की हँसी से ही,रंगीन होती जिंदगी मेरी,। आ ले जाऊ तुम्हे वहाँ, जहाँ ख्वाबों से सजी दुनियां हो तेरी।वादा है तुमसे ,हर पल साथ निभाऊंगा,।मत तोड़ना ये बंधन कभी ,वरना यू ही रह जाऊंगा,।यक़ीनन तुम मेरी अंधेरी रात में,चाँद की चाँदनी सी हो,।दिल करता है हर पल तुम्हे गुनगुनाऊँ ,।मानो की तुम मीठी रागिनी सी हो,।सचमुच तुम्हारे होने से ही ,सँवरती है ,जिंदगी मेरी,जो छिपा ख़्वाब था ,मेरे दिल मे,वो उम्मीद बन गया अब तेरी,।अब जिंदगी में खुशियों की महफ़िल सजेगी, ।रिश्तो की नाजुक डोर से,जिंदगी की पतंग उड़ेगी,।बस दिल करता है हर पल,बाहों में भर लू तुम्हे,।खुशनुमा जिंदगी बन जाये तेरी,ये वादा है तुम्हे,।मेने हजारों ख्वाबों में देखा तुम्हे,हर ऊमीद में पाया तुम्हे...राज कुमार

माया और योगमाया में क्या अंतर है?...


सबसे पहले यह समझ लीजिए कि माया और योगमाया यह दोनों भगवान की शक्ति है। जैसा की हम जानते हैं कि शक्ति और शक्तिमान से पृथक नहीं हो सकती। उदाहरण से समझिए आग और आग में जलाने की शक्ति। आग में जलाने की शक्ति होती है। तो आग को अलग कर दो और जलाने की शक्ति बची रहे ऐसा तो हो नहीं सकता। इसी प्रकार माया और योग माया दोनों भगवान की शक्ति है...


योग माया शक्ति क्या है?...


योग माया भगवान की अंतरंग शक्ति है। यह भगवान की अपनी शक्ति है। भगवान के जितने भी कार्य होते हैं वह योग माया से होते हैं। जैसे भगवान जो भी लीला करते हैं वह योग माया के द्वारा करते हैं। भगवान जो कुछ भी सोचते हैं वह योग माया तुरंत उस चीज को कर देती है। जैसे कि आपने सुना होगा कि कृष्ण जब जन्म लिए तो द्वारपा सो गए, द्वार अपने आप खुल गए, यमुना ने मार्ग दे दिया, यह सब योग माया से होता है...


योग माया की पहचान...


जब भी भगवान की कोई चीज या कार्य असंभव हो और वह संभव हो रही है। तो आप समझ लीजिये की यह योग माया के द्वारा हुआ है। जैसे वेदों ने कहा कि भगवान स्वतंत्र हैं वह किसी के अधीन नहीं है। और वह यशोदा मैया के डंडे से डर जाते हैं और उनमें रस्सी से बंध जाते हैं। तो यह सर्वज्ञ भगवान सब कुछ जानने वाला भगवान, सर्वशक्तिमान भगवान, सबको मुक्त करने वाला और मैया के यशोदा के रस्सी से बंध जाते है, और माँ से मुक्त करने की विनती करते है, और वो भी अभिनय में नहीं! वास्तव में, जैसे हम लोग माँ से डरते है, ऐसे ही। यह योग माया के कारण होता है। तो भगवान के जो लीलाएं हैं वह योगमाया से होती हैं। या ऐसा कह दो कि भगवान जो कुछ भी करते हैं, वह सब योग माया के कार्य होते हैं। और केवल भगवान नहीं जितने संत महात्मा हैं, जो सिद्ध हो चुके हैं, जिन महात्माओं ने भगवान की प्राप्ति कर ली है। वह भी योग माया की शक्ति से कार्य करते हैं...


योगमाया कैसे कार्य करती है?...


योग माया की शक्ति कुछ ऐसी है कि कार्य माया के करते हैं, लेकिन उनको माया नहीं लगती। जैसे क्रोध करना यह माया का विकार है दोष है। लेकिन महापुरुष और भगवान भी क्रोध करते हैं, पर वह माया का क्रोध नहीं होता वह योगमाया का क्रोध होता है। देखने में लगता है कि भगवान क्रोध कर रहे हैं चेहरे पर गुस्सा है महापुरुष को क्रोध कर रहे हैं चेहरे पर गुस्सा है। लेकिन वो योग माया से क्रोध करते है और हम लोग कहते हैं कि यह संत भी माया के आधीन है। लेकिन वास्तविकता यह है कि वह योग माया से कार्य कर रहे हैं अर्थात् चेहरे पर क्रोध है लेकिन अंदर कुछ क्रोध नहीं है यह योग माया का विलक्षण बात है...


गोपियों को शंका - कृष्ण अखंड ब्रह्मचारी कैसे?...


आप इस लेख में पहले पढ़ लीजिए। जिसमें गोपियों को शंका होती है कि श्री कृष्ण अखंड ब्रह्मचारी कैसे हैं और दुर्वासा जी ने अपने जीवन में दूब के अलावा कोई स्वाद नहीं लिया है? तो इस प्रश्न का उत्तर श्री कृष्ण देते हैं कि "यह कार्य योग माया से होते हैं, योग माया से माया के कार्य किए जाते हैं। लेकिन वह भगवान और महापुरुष माया से परे रहते हैं।" दुर्वासा जी अनेक प्रकार के व्यंजन खाया हैं, यह माया का कार्य है, सबको दिख रहा है। लेकिन योग माया के कारण उनको यह माया का सामान का स्वाद उन्हें अनुभव नहीं होता। यही कार्य अर्जुन ने किया था, वह सब को मार रहा है दुनिया देख रही है कि हाँ! अर्जुन ने सबको मारा है। लेकिन वास्तव में अर्जुन ने किसी को नहीं मारा है। यह है योग माया के विलक्षणता...


माया क्या है?...


माया भगवान की बहिरंग शक्ति है। माया भी भगवान की ही शक्ति है। लेकिन यह माया जो भगवान से विमुख जीव है या जो जीव भगवान को अपना नहीं मानते या अपना सब कुछ नहीं मानते या जिन जीवो को भगवत्प्राप्ति (भगवान की प्राप्ति) नहीं हुई है। उन पर यह माया हावी रहती है। जिन्होंने भगवान की प्राप्ति कर ली उनसे भगवान माया को हटा देते हैं और उन्हें योग माया की शक्ति दे देते हैं। जिससे वह महात्मा (संत, ऋषि मुनि) माया के कार्य करते हैं लेकिन माया से परे रहते हैं। माया के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़े माया क्या है...


योग माया का स्वरूप...


दुर्गा ,सीता ,काली ,राधा ,लक्ष्मी ,मंगला ,पार्वती का मूर्त रूप है योग माया। और इसी योगमाया से कृष्ण राधा का शरीर है राधा कृष्ण का। इसीलिए राधे श्याम हैं और सीता राम हैं। शंकर के घर भवानी है योगमाया। ये साधारण नारियां नहीं हैं दिव्या हैं। योगमाया के ही अभिनय स्वरूप प्रगट रूप में हैं। अतएव इन नारियों को नारी मत समझियेगा। ये चाहे तो स्त्री के रूप में रहे या पुरुष के रूप में। ये स्वेच्छा से किसी भी रूप को धारण कर सकती है। तो योगमाया को स्त्री का रूप मत समझियेगा। योगमाया भगवान की शक्ति है, ये कोई भी स्वरूप में रह सकती है। योगमाया बिना किसी स्वरूप के भी भगवान और महापुरुष के साथ रहती है। जैसे नारद जी, तुलसीदास, इनके पास कोई स्त्री नहीं है, लेकिन योगमाया की शक्ति है...


मन गलत दिशा में क्यों भागता है?...


यदि मन को साफ़-साफ़ पता ही हो कि कुछ गलत है, तो उधर जाएगा नहीं। मन उधर को ही जाता है जिसके सही होने की हमने उसे गहरी शिक्षा दे रखी होती है। पहले तो इस यकीन को, इस मान्यता को निकाल दें मन से कि मन गलत तरफ की ओर आकर्षित होता है। मन गलत की ओर आकर्षित नहीं होता, मन उधर को ही जाता है जिधर जाने में हमें सुख और आनंद मिलता है। और ये हमने उसे बता रखा है। मन का अपना कुछ होता नहीं। मन तो एक खाली जगह होती है जिसमें वही सब भर जाता है जो तुम भरने देते हो। मन तो लगा लो एक खाली डब्बे की तरह है या एक खाली कंप्यूटर की तरह है। उसमें सॉफ्टवेयर हम डालते है। मन को पूरी ट्रेनिंग भी हम ही देते है। मन में सारे संस्कार, कंडीशनिंग हम खुद ही भरते है। अब दिक्कत ये आती है कि हमीं ने वो संस्कार उसमें भरे, और एक दूसरे मौके पर हम देखते है कि ये संस्कार हमें ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। और हम ही कहते भी है कि ये तो गलत दिशा है। यही हम यही सवाल पूछ रहे हो कि मन गलत दिशा में क्यों भागता है। अरे, वो दिशा गलत है ही नहीं। हम ही ने तो उसे सिखाया है ऐसा...

कभी टूट कर बिखरो तो मेरे पास आजाना...

दोस्त हुस्ने इश्क़ बेहद आसन है हर किसी के लिए,पर रूहे वफ़ा हो तो जिस्म की कोई कदर नही होती...दोस्त चल तो पड़े थे मोहब्बत की आशियाने की ओर, पर पता न था कि पता बताने वाले पहचानने से इंकार कर देंगे,नशीब कुछ इस कदर हुए, बाज़ार ए वफ़ा में हम आज, बोली लगाने वाले भी वो ही थे जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे दोस्त...ख्त्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर,कभी फुर्सत मिले तो सोचना दोस्त मोहब्बत किसने की थी...उमर बीत रही पर एक जरा सी बात समझ में नहीं आई,हो जाए जिनसे मुहब्बत वो लोग कदर क्यूं नहीं करते दोस्त...बडी बरकत है यार तेरे इश्क मे,जब से हुआ है कोई दूसरा दर्द ही नही होता दोस्त...बात-बात में हर बात में,तेरी बात का आ जाना,अच्छा लगता है यूँ तेरा दिलो-दिमाग पे छा जाना दोस्त...छोटी - छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है,इच्छाओं का क्या वो तो पल - पल बदलती है न दोस्त..कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है दोस्त,और कुछ इन्सानो से रिश्ता अच्छा लगता है...जिंदगी में दो व्यक्ति जीवन को नयी दिशा दे जाते हैं दोस्त एक वह जो मौका देता है, दूसरा वह जो धोखा देता है...दिल मे ग़ुस्सा इतना है के तुझसे बात तक न करुं,फिर भी दिल में तेरी फ़िक्र कम्बख़त ख़ुद से ज़्यादा है दोस्त...तुम मेरे हो ऐसी हम जिद नही करेंगे,मगर हम तुम्हारे ही रहेंगे ये तो हम हक से कहेंगे... ये सच है कि आँखे बंद करने से मुसीबत नहीं टलती दोस्त, पर ये भी हकीकत है न मुसीबत आए बिना आँखे भी तो नहीं खुलती...दिल पे हरगिज़ ना लीजिए अगर कोई बुरा कहे, इस पूरे कायनात में ऐसा कोई है ही नहीं जिसे हर शख्स अच्छा कहे दोस्त...वक़्त बड़ा धारदार होता है दोस्त, कट तो जाता है मगर बहुत कुछ काटने के बाद...कभी टूट कर बिखरो तो मेरे पास आजाना,मुझे अपने जैसे लोग बहुत अच्छे लगते है दोस्त...दोस्त रोशनी के इंतज़ार में पता नही कब अँधेरे से मोहब्बत हो गई मुझे...किस्मत अपनी अपनी है किसको क्या सौगात मिले,किसी को खाली सीप मिले तो दोस्त किसी को मोतीयो की सौगात मिले...ए मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं,तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं…गम कहने में बड़ा कम लगता है,पर दोस्त,सहने में बड़ा दम लगता है...मेरी उदासियाँ तुम्हें कैसे नज़र आएंगी दोस्त, तुम्हारे देखने के खातिर हम मुस्कुराने लगते हैं...किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ दोस्त,ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है...शिकवे तो सभी को है जिंदगी से दोस्त,पर जो मौज में जीना जानते है वो शिकायत नहीं करते..अचानक चलते- चलते पीछे मुड़कर देखा तो, दोस्तकुछ यादें मुस्कुरा रही थीं,कुछ रिश्ते दम तोड़ रहे थे...यूं तो जिंदगी में आवाज देने वाले ढेरों मिल जाते हैं दोस्त,लेकिन हम ठहरे वहीं थे जहां अपनेपन का अहसास नहीं था,जो लोग अपनी ज़िन्दगी में खुद से ज्यादा दूसरो की फिकर करते हैं,अक्सर उन्हीं की ज़िंदगी में उनकी फिकर करने वाला कोई नहीं होता दोस्त...वक़्त के भी कैसे अज़ीब किस्से हैं दोस्त,मेरा कटता नहीँ और तुम्हारे पास होता नही...लिखकर लाया था कोरे क़ागज पर परेशानियां, लेकिन दोस्त तुमने जहाज़ बनाकर उड़ाना सिखा दिया...ना जाने कितनी कहीं अनकही बातें साथ ले जाएंगे, लोग झूठ कहते हैं कीं., खाली हाथ आए थे., खाली हाथ जाएंगे...Raj


The best English Learning Process...




The best English Learning Process...


Friends In the field of English Language Teaching there have been arguments and counter arguments about the role of various methods, approaches and techniques in learning the language. Over the centuries, these methods and

approaches have been critically in and out of favour in educational programmes. The recent expansion of

technology also led to umpteen innovative methods of teaching such as Teaching Assisted Language Learning

(TALL), Technology Enhanced Language Learning (TELL), Computer Assisted Language Learning (CALL), Web

Enhanced Language Learning (WELL), and Mobile Assisted Language Learning (MALL). Every year the institutions of higher learning conduct seminars, conferences, and teacher-training programmes and invite experts on English Language teaching who give interesting talks. But the question is, Do they really help us? Do we effectively use those techniques in the classroom? Do we actually get success in improving the students’ powers of expression? If the answer is ‘Yes’ then why the Indians are lacking communication skills and one witnesses a marked failure in the effective use of English. A study is made in the paper based on the Report that was published by British Council in The Deccan Herald. The Report says:

The pace of improvement in the English language skills of the Indian population is currently too slow to prevent India from falling behind other countries which have implemented the teaching of English in primary schools sooner, and more successfully. Thus, the present paper studies some of the reasons for our failures and also attempts to give a remedy to those problems...


Here are the top 10 communication skills that will help you stand out in today's job market...


1. Listening Being a good listener is one of the best ways to be a good communicator. No one likes communicating with someone who only cares about putting in her two cents, and does not take the time to listen to the other person. If you're not a good listener, it's going to be hard to comprehend what you're being asked to do.Take the time to practice active listening. Active listening involves paying close attention to what the other person is saying, asking clarifying questions, and rephrasing what the person says to ensure understanding ("So, what you're saying is…"). Through active listening, you can better understand what the other person is trying to say, and can respond appropriately...


2. Nonverbal Communication Your body language, eye contact, hand gestures, and tone all color the message you are trying to convey. A relaxed, open stance (arms open, legs relaxed), and a friendly tone will make you appear approachable, and will encourage others to speak openly with you.Eye contact is also important; you want to look the person in the eye to demonstrate that you are focused on the person and the conversation (however, be sure not to stare at the person, which can make him or her uncomfortable).

Also pay attention to other people's nonverbal signals while you are talking.

Often, nonverbal signals convey how a person is really feeling. For example, if the person is not looking you in the eye, he or she might be uncomfortable or hiding the truth...


3. Clarity and Concision Good communication means saying just enough - don't say too little or talk too much. Try to convey your message in as few words as possible. Say what you want clearly and directly, whether you're speaking to someone in person, on the phone, or via email. If you ramble on, your listener will either tune you out or will be unsure of exactly what you want. Think about what you want to say before you say it; this will help you to avoid talking excessively and/or confusing your audience...


4. Friendliness Through a friendly tone, a personal question, or simply a smile, you will encourage your coworkers to engage in open and honest communication with you. It's important to be nice and polite in all your workplace communications. This is important in both face-to-face and written communication. When you can, personalize your emails to coworkers and/or employees - a quick "I hope you all had a good weekend" at the start of an email can personalize a message and make the recipient feel more appreciated...


5. Confidence It is important to be confident in all of your interactions with others. Confidence ensures your coworkers that you believe in and will follow through with what you are saying. Exuding confidence can be as simple as making eye contact or using a firm but friendly tone (avoid making statements sound like questions). Of course, be careful not to sound arrogant or aggressive. Be sure you are always listening to and empathizing with the other person...


6. Empathy Even when you disagree with an employer, coworker, or employee, it is important for you to understand and respect their point of view. Using phrases as simple as "I understand where you are coming from" demonstrate that you have been listening to the other person and respect their opinions...


7. Open-Mindedness A good communicator should enter any conversation with a flexible, open mind. Be open to listening to and understanding the other person's point of view, rather than simply getting your message across. By being willing to enter into a dialogue, even with people with whom you disagree, you will be able to have more honest, productive conversations...


8. Respect People will be more open to communicating with you if you convey respect for them and their ideas. Simple actions like using a person's name, making eye contact, and actively listening when a person speaks will make the person feel appreciated. On the phone, avoid distractions and stay focused on the conversation...


9. Feedback Being able to appropriately give and receive feedback is an important communication skill. Managers and supervisors should continuously look for ways to provide employees with constructive feedback, be it through email, phone calls, or weekly status updates. Giving feedback involves giving praise as well - something as simple as saying "good job" or "thanks for taking care of that" to an employee can greatly increase motivation.Similarly, you should be able to accept, and even encourage, feedback from others. Listen to the feedback you are given, ask clarifying questions if you are unsure of the issue, and make efforts to implement the feedback...


10. Picking the Right Medium An important communication skill is to simply know what form of communication to use. For example, some serious conversations (layoffs, changes in salary, etc.) are almost always best done in person.

You should also think about the person with whom you wish to speak - if they are very busy people (such as your boss, perhaps), you might want to convey your message through email. People will appreciate your thoughtful means of communication, and will be more likely to respond positively to you...


सामान्य शिष्टाचार के नियम क्या हैं?...


1. लगातार दो बार से अधिक किसी को कॉल न करें। यदि वे आपकी कॉल नहीं उठाते हैं, तो मान लें कि उनके पास आपस बात करने से ज्यादा कुछ महत्वपूर्ण है जिससे निपटने पर वे स्वयं कॉल करेंगे...


2. वह धन, उस व्यक्ति को उनके मांगने से पहले लौटाएँ जो आपने उनसे उधार में लिया था। यह आपकी ईमानदारी और चरित्र को दर्शाता है। यही छाते, पेन या और किसी चीज के लिए भी लागु होता है...


3. कभी भी मेनू पर महंगे पकवान का ऑर्डर न करें जब कोई आपको लंच / डिनर पर आमंत्रित कर रहा हो। यदि संभव हो तो उन्हें आपके लिए भोजन उनकी अपनी पसंद का ऑर्डर करने के लिए कहें...


4. ओह, तो आपने अभी तक शादी नहीं की है? ’या क्या आपके बच्चे नहीं हैं’ जैसे अजीबोगरीब सवाल नहीं पूछते हैं? या आपने घर क्यों नहीं खरीदा? या आप कार क्यों नहीं खरीदते? ? भगवान के लिए यह आपकी समस्या नहीं है...


5. अपने पीछे आने वाले व्यक्ति के लिए हमेशा दरवाजा खोलें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह लड़का है या लड़की, सीनियर है या जूनियर है। आप छोटे नहीं बन जाते अगर आप सार्वजनिक रूप से किसी के साथ अच्छा व्यवहार करते है...


6. यदि आप किसी दोस्त के साथ टैक्सी लेते हैं और वह अभी भुगतान करता है, तो अगली बार भुगतान करने का प्रयास करें...


7. विभिन्न प्रकार के विचारों का सम्मान करें। याद रखें कि आपके लिए 6 क्या है जो आपके सामने आने वाले 9 लोगों को दिखाई देगा। इसके अलावा, दूसरा विकल्प एक विकल्प के लिए अच्छा है...


8. लोगों से बात करने में कभी बाधा न डालें। उन्हें भी बाधा डालने की अनुमति न दें। जैसा कि वे कहते हैं, उन सभी को सुनें और उन सभी को फ़िल्टर करें...


9. यदि आप किसी को चिढ़ाते हैं, और वे इसका आनंद नहीं लेते हैं, तो इसे रोकें और फिर कभी ऐसा न करें। यह किसी को और अधिक अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करता है और यह दर्शाता है कि आप उनकी कितनी सराहना करते हैं...


10. जब कोई आपकी मदद कर रहा हो तो "धन्यवाद" कहें...


11. "प्रशंसा" सार्वजनिक रूप से करें और "आलोचना" निजी तौर पर करें...


12. किसी के वजन पर टिप्पणी करने का लगभग कभी कोई कारण नहीं है। बस, "आप शानदार दिखते हैं।" यदि वे वजन कम करने के बारे में बात करना चाहते हैं, तभी वे करेंगे...


13. जब कोई आपको अपने फोन पर एक फोटो दिखाता है, तो बाएं या दाएं स्वाइप न करें। आपको कभी नहीं पता कि आगे क्या है...


14. यदि कोई सहकर्मी आपको बताता है कि उनके पास डॉक्टरों की नियुक्ति है, तो यह न पूछें कि ये क्यों है, या क्या हुआ है? बस ये कहें कि "मुझे आशा है कि आप ठीक हैं"। अपनी व्यक्तिगत बीमारी बताने के लिए बाध्य कर उन्हें असहज स्थिति में न डालें। यदि वे आपको बताना चाहेंगे, तो वे आपके पूछने के बिना ही बताएँगे...


15. सीईओ के समान ही क्लीनर के साथ व्यवहार करें। कोई भी इस बात से प्रभावित नहीं होता है कि आप अपने से नीचे के लोगों के साथ कितना बुरा व्यवहार कर सकते हैं लेकिन अगर आप उन्हें सम्मान के साथ मानते हैं तो लोग नोटिस करेंगे...


16. यदि कोई व्यक्ति आपसे बात कर रहा है, तो आपके द्वारा उसके फोन को घूरना अशिष्टता है...


17. जब तक आप कोई आपसे नहीं पूछे, तब तक कभी भी सलाह न दें...


18. जब किसी से नए व्यक्ति से मिलें, जब तक वे स्वयं इसके बारे में बात नहीं करना चाहते, तब तक उनसे उनकी उम्र और वेतन न पूछें...


19. आप सिर्फ अपने काम से मतलब रखे और बेकार या दूसरों के मामले में न पड़े, तब तक, जब तक कोई आपसे ऐसा करने के लिए न कहे...


20. यदि आप किसी से सड़क पर बात कर रहे हैं तो अपने धूप के चश्मे को हटा दें। यह सम्मान की निशानी है। नेत्र संपर्क आपकी बातों जितना ही महत्वपूर्ण है...

Wonderful Tips for well


1. Be grateful...


Love the life you have, and it will get even better. Gratitude — the simple act of being thankful — registers as optimism in your brain. Every time you have thoughts or express words of gratitude, you’re predisposing your brain to choose optimistic thoughts more frequently...


To help create an attitude of gratitude, keep a “gratitude journal”—a special notebook where you spend several minutes every day writing down things you’re grateful for. You’ll probably find that this practice trains you to be on the lookout for things to write down, and you may surprise yourself by discovering just how much you have to be thankful for...


2. Exercise...


The health benefits of exercise are numerous, but let’s talk about those endorphins. Endorphins are released during both aerobic and anaerobic exercise, creating a powerful effect on mood. An endorphin rush can feel euphoric, but it also has lasting effects. According to research from the University of Vermont, the mood benefits of just twenty minutes of exercise can last for up to twelve hours...


3. Be kind to others...


Altruism not only takes your mind off your own troubles, it feels good to give. Acts of kindness release a gratifying flood of dopamine into your brain—giving you an instant sense of reward. Look for opportunities to volunteer in your local community, or simply help out folks in need when the opportunity arises...


Even when you’re busy, kind gestures like sending a thank you card, paying a stranger’s parking meter, or donating to your favorite charity don’t take much time. Kindness can even be as simple as a smile; studies have shown that even fake smiles legitimately improve mood...


4. Surround yourself with friends and loved ones...


Friends don’t only make us happier, according to scientists, they help us live longer! Oxytocin, “the hormone of love,” floods your brain and body when you’re in close proximity to the ones you love. Having close friends may increase your life expectancy as much as quitting smoking. Plus, friends make your life a lot more fun. We all get busy, but to live a happy life, it’s important to make time for the people that matter to you...


5. Get enough sleep...


Being chronically sleep-deprived can throw off your serotonin balance — a critical hormone for happiness. Maintaining a regular sleep pattern—going to sleep and waking up at roughly the same time each day — sets your internal circadian rhythm, which helps to regulate a number of hormones...


When you sleep, your organs recuperate, your cells regenerate, your thoughts suspend, and when you wake up, you are literally a new person. That means you can leave behind whatever was troubling about your day and start over with a clean slate in the morning...


6. Notice your thought patterns, and change the negative ones...


You’ve heard, “you are what you eat” — but how about “you are what you think”? You simply won’t be happy if the conversation going on in your head is all about everything that’s going wrong. Complaints, worry, and criticism — whether spoken out loud or simply uttered internally — become habits when they’re frequent enough.Changing the habit of negative thinking is probably the single most important step I found to create joy in my personal experiments with creating a happy life...


7. Meditate...


When you are alert but relaxed, your brain can slip into soothing alpha waves — like a mini massage for your brain. Meditation may have numerous health benefits, ranging from reduced stress to slower aging, and yes — increased happiness. Not sure how to do it? I promise, meditation is not as hard as it seems. Try these three simple meditation techniques...



What are Study Skills?......




Friends If...After selling petrol at petrol pump a man may be the biggest businessman in the firms of petroleum globally...(means world label)...After selling newspapers a man may be missile man & president of second big country of this world...After selling tea a man may be PM of a big democracy country & famous in the world...After getting born in poverty & critical condition a courageous & laborious girl can reach to the moon...After living in small city & village a women may be pro player in the firms of Boxing...After falling continue seven movies a man may be super star in the area of Bollywood...After rusticating from school a man maybe a big scientist in the world...After being a woman...A women may be President of the second big country in the world...After acting in a local sarcus a man may be the second richest star in the field of Movies and Cinema...After being a orphan... A boy may be proven journalist in the field of social media news channel of this world... After defeating by life again by again a man may be president of powerful country in the world...After being only 35 years young girl may be pm of a Europe country filand... after struggling and fighting 200 years and sacrified many more things our country may be freedom...And without Hand & leg so many people are champions on the stage of this world... then that...my dear all friends why...can't we do?...friends our mind made computer... Computer did not make our mind because of it A computer has storage limit but our mind has no limitation of storage... Accelerate your mind as per your pickup... Update mind is superior to prepared mind... If you wanna to something new then try to do something new...plane your work & work on your planning faithfully...Raj Sir


What are Study Skills?...


Study skills are the skills you need to enable you to study and learn efficiently – they are an important set of transferable life skills.

Our pages provide generic study skills advice – appropriate to learners across all disciplines and in different life circumstances: full and part-time students, those returning to education later in life, those engaged in professional development and anybody who wants to learn how to learn effectively...


You will develop your own personal approach to study and learning in a way that meets your own individual needs. As you develop your study skills you will discover what works for you, and what doesn’t...


Study skills are not subject specific - they are generic and can be used when studying any area. You will, of course, need to understand the concepts, theories and ideas surrounding your specific subject area. To get the most out of your studies, however, you’ll want to develop your study skills...


You need to practise and develop your study skills. This will increase your awareness of how you study and you’ll become more confident. Once mastered, study skills will be beneficial throughout your life.

Study skills are not just for students. Study skills are transferable - you will take them with you beyond your education into new contexts. For example, organisational skills, time management, prioritising, learning how to analyse, problem solving, and the self-discipline that is required to remain motivated. Study skills relate closely to the type of skills that employers look for...


Getting Organised to Study

Getting organised is an important first step to effective study. Our page covers the basic organisation skills you need to consider – fundamentals such as where and when to study and the importance of developing a network of contacts who can help you when you need it...



Finding Time to Study

This page covers some of the basic principles of time management – with reference to study. If you manage your time badly then you will be less productive, which can lead to stress and anxiety...


Sources of Information for Study

Learn what is meant by, and the importance of, primary, secondary and tertiary documents and how you may source such information in a library or online...


Styles of Writing

By understanding different writing styles you can put what you read into perspective. This page covers the main writing styles that you are likely to come across, including academic, journal, and journalistic styles...


Effective Reading

When studying, it is likely that you will need to read a lot of information – and you will wish to use this time effectively as possible by developing your reading skills. Discover ways that you can engage with your reading, form links, understand opinions and put ideas and research into perspective. In short, develop your reading skills...


Critical Reading and Reading Strategies

This page explains what is meant by critical reading and critical thinking – skills which are fundamental to true learning, personal development and advancement. The page also covers how to develop a personal reading strategy and use SQ3R to help you manage your reading.

Note-Taking

Learning to take notes effectively is not only important to study but also in many other situations, at work and in your personal life. Develop your note-taking skill...


Planning an Essay

It pays to carefully think about and plan an essay or other piece of written work before you start writing. This page provides you with a framework for planning which will help ensure your work is relevant, well-constructed and produced efficiently...


Essay Writing

Learn about the processes involved in writing an essay, or other piece of assessed work. Avoid common mistakes and follow best practice to help ensure that the work you produce is of a high quality...


ISRO से हम छात्र क्या सीख सकते हैं...


1. अभाव से जूझना- एक वक्त था जब वैज्ञानिक साईकल और बैलगाड़ी में उपग्रह ढ़ोते थे। अपना लांचर नही था, फिर भी उपग्रह बना रहे थे। वित्तीयन के अभाव में उन्होंने नवाचार का मार्ग ढूंढ निकाला, तभी हम इतने सस्ते में मिशन भेज पा रहे हैं।

हमें भी संसाधनों के अभाव में हार नही माननी चाहिए, बल्कि खुद नए रास्ते तलाशने चाहिए...


2. समर्पण और धैर्य- 11 वर्ष तक चन्द्रयान-2 के लिए पूर्णतया समर्पित होकर धैर्य के साथ वैज्ञानिकों ने लगातार परिश्रम किया। हमें भी लक्ष्य तय कर पूर्ण समर्पण भाव से कार्यरत रहना चाहिए, धैर्य रखना चाहिए...


3. रुकावटों से न घबराना- पहले लैंडर और रोवर रूस बनाने वाला था, लेकिन आधे सफर में उसने मना कर दिया। इसरो ने तब स्वयं लैंडर बनाया, थोड़ी देर हुई मिशन में लेकिन हार नही माने।

हमें भी दूसरों पर पूर्णतया आश्रित न होकर, रुकावटों से लड़ते हुए लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए...


4. बड़े लक्ष्य रखना- हमारे वैज्ञानिकों ने चाँद की उस सतह के अन्वेषण का लक्ष्य रखा, जहाँ कोई नही जा सका था। इसके बाद भी उनका सूर्य के कोरोना के अध्ययन, asteroids के अन्वेषण और जुपिटर की कक्षा में जाने का लक्ष्य है। साथ ही गगनयान के जरिये मानव को अंतरिक्ष मे भेजने का लक्ष्य है।

हमें भी सोच बड़ी रखनी चाहिए, लक्ष्य ऊँचा रखना चाहिए, अपने क्षमताओं की परिधि का विस्तार करना चाहिए...


5. मानव कल्याण और देशहित- हमारे वैज्ञानिकों के हर लक्ष्य के मूल में जनकल्याण और प्रकृति तथा देशहित का भाव होता है। हमें भी अपने लक्ष्य स्वार्थी नही बल्कि समाज और देशहित को आधार मानते हुए तय करना चाहिए...


6. गलतियों से सीखना और अपेक्षित बदलाव करना- चन्द्रयान-2 का प्रक्षेपण पिछली बार कैंसिल किया गया, क्योंकि अंतिम समय मे कुछ खामियां नजर आयी। वैज्ञानिकों ने कमियों को तलाशा, उसे दूर किया, आवश्यक बदलाव किए और फिर लांच के लिए तैयार हुए।हमें भी अपने कमियों एवम गलतियों से सीखने हेतु आत्मावलोकन करते रहना चाहिए...


7. आलोचनाओं से न घबराना- विदेशी मीडिया में लगातार इसरो की आलोचना होती थी। एक कार्टून याद है जहाँ अंतरिक्ष एलीट क्लब के बाहर इसरो को दरवाजा खटखटाते हुए दिखाया गया था भैंस के साथ। आज वही विदेशी मीडिया इसरो की तारीफ के कसीदे पढ़ रही है, NASA आज इसरो के साथ मिलकर काम करना चाहता है। हम दूसरे विकसित देशों के पेलोड अंतरिक्ष मे सस्ते में पहुंचा रहे हैं।

हमें भी आलोचनाओं से घबराना नही चाहिए, बल्कि अपने कार्यों से आलोचकों की सोच बदलनी चाहिए...


8. हौसला और उम्मीद- चन्द्रयान 2 अपना अपेक्षित लक्ष्य अभी तक पूर्ण नही कर सका है, लेकिन वैज्ञानिकों ने हौसला नही खोया। सम्पर्क की उम्मीद रखते हुए इसके लिए प्रयास लगातार कर रहे हैं।हमें भी क्षणिक असफलता से घबराना नही चाहिए, प्रयास जारी रखना चाहिए और उम्मीद चाहिए...


15 ESSENTIAL HABITS FOR A HAPPY LIFE AND SUCCESS...


Do you know what are the essential habits to have in your life so that you can live a happy lifestile? Maybe you are looking for a simple daily routine to follow, or good morning habits to set you up for a good day...In this article I gathered the results of many scientific studies, outlining some good personal habits that positively affect our emotional state and level of energy. This post is divided in body habits, mind habits, and life habits...Happiness, of “subjective well-being”, is a state of mind—how we feel about ourself and our life. In this sense, anything we do can either makes us feel better or worse...


1. Exercise Regularly...

In modern life we move our bodies less and less, and this has huge consequences for our physical and mental wellbeing. As Dr. Bob Butler once said,If there was a drug that provided all the benefits that exercise does, the whole world would be taking it...It’s not only for people who are obsessed with their bodies and self-image. Exercise releases proteins and endorphins in our brain, which makes us feel happier. It also makes us more productive at work. Exercise is essential for a happy life.Takeaway: Don’t have time to go to the gym or join a club? Well, 7 minutes of well-planned exercise, or other minimalistic workouts might be all you need...


2. Eat better...


Huge topic, and one that people have strong opinions about. What is clear is that what you choose to eat not only affects your health, but also your moods.Joshua Rosenthal, author of Integrative Nutrition, suggests us to.Drink more water Practice cookingIncrease whole grainsIncrease sweet vegetablesIncrease leafy green vegetablesEat less meat, dairy, sugar and chemicalized, artificial junk foods; consume less coffee,alcohol and tobacco. Dr. John Fuhrman, MD, author of the bestseller Eat to Live, says that if you take only one advice from his book, it should be: eat two huge salads a day – the salad is the main dish.Takeaway: two huge salads a day + more water...


3. Sleep more...


Sleep is needed for restoring energy and emotional well-being. A study published in Harvard Medical School concludes that, among other things, sleep is essential for...Learning and memory: Sleep helps the brain commit new information to memory through a process called memory consolidation. In studies, people who’d slept after learning a task did better on tests later.Metabolism and weight: Chronic sleep deprivation may cause weight gain by affecting the way our bodies process and store carbohydrates, and by altering levels of hormones that affect our appetite.Mood: Sleep loss may result in irritability, impatience, inability to concentrate, and moodiness. Too little sleep can also leave you too tired to do the things you like to do. In order to get more sleep, try to discipline yourself about your sleep time. I personally find that putting an alarm clock to remind me to sleep works well. Some people also find that a night session of meditation (especially Yoga Nidra) helps you get better sleep. Takeaway: make sure you are getting enough sleep...

Essential Habits for your MIND...


4. Meditate...


Starting to meditate is probably one of the best habits you can develop in life. Among dozens of proven benefits, it gives you increased focus, better memory, and emotional resilience.According to Shawn Anchor, “research even shows that regular meditation can permanently rewire the brain to raise levels of happiness”. Another academic, Dr. Herbert Benson of Harvard Medical school, also found in his research that meditation had a positive effect in treating anxiety, depression, obsessive thinking, and hostility.To get started with meditation, check out this beginner’s guide. You can also read my articles about the different types of meditation and meditation tips.Takeaway: start a daily meditation practice. Even 1 minute every day is good for a start. Consistency is the key...


5. Keep a journal...


Journaling is a powerful way to process events in your life, build self-awareness, get more clarity, and keep yourself on track. Many great minds of humanity had this habit, including Leonardo Da Vinci.Some people like using paper journals, others like using apps (like the uber-popular Day One, for iOS and Mac). How much and how often to write is up to you. What should you write about? Here are some triggers. random creative ideas that come to youthings you are grateful foryour goals and aspirationsinternal stuff that you need to process betterfood you eat, and other habits you are building. Takeaway: start a journal, even if only a few lines per day...


6. Practice smiling...


This may sound corny, but smiling is healthy and also improves your well-being. It makes you live longer, look more attractive, be better at work, and feel better. There are quite a few studies about it – check out this TED talk for more information. Takeaway: smile more freely.


7. Less TV time...


Brian Tracy, author of the excellent No Excuses, tells us...Your television set can make you rich or poor. If you watch it all the time, it will make you poor. Psychologists have shown that the more television you watch, the lower are your levels of energy and self-esteem. At an unconscious level, you don’t like or respect yourself as much if you sit there hour after hour watching television. People who watch too much television also gain weight and become physically unfit from sitting around too much. Your television can also make you rich—but only if you turn it off. When you turn off your television, you free up time that you can then use to invest in becoming a better, smarter, and more competent person. When you leave your television off when you are with your family, you will find yourself talking, sharing, communicating, and laughing more often. When you leave your television off for extended periods of time, you break the habit of watching television—and you will hardly miss it at all. Your television can be an excellent servant, but it’s a terrible master. The choice is yours.The habit of watching too much TV destroys your health, leads to obesity, and shortens your life. It also makes us feel bad by creating anxiety in us – makes us want to buy buy buy, and chase fame and artificial beauty as essential elements of happiness. In the book The Power of Full Engagement, the authors list “turning off the TV” as one of the key contributors to high achievement. Television, for example, is one of the primary means by which most people relax and recover. For the most part, however, watching television is the mental and emotional equivalent of eating junk food...It may provide a temporary form of recovery, but it is rarely nutritious and it is easy to consume too much. Researchers such as Mihaly Csikszentmihalyi have found that prolonged television watching is actually correlated with increased anxiety and low-level depression. Much of the danger of overdoing television is also applied to media consumed through our computers, phones and tablets.Takeaway: Cut your TV time in half. Pick up a book instead, have meaningful talks, or listen to some podcasts...


8. Simple life = happy life...


There are several benefits for owning less stuff.Too many options or choices makes us unhappy.Too much activity distracts us and stresses us, preventing any real fulfillment.Too much food makes us fat and destroys our health.


The list is almost endless. But “less is more”, so let’s keep it short. The reason why it’s so hard to simplify is because we humans are wired to fear loss. We dread the thought of missing out on an opportunity, a friendship, or giving away those pants we spend a lot of money on but wore it only once 3 years ago. The problem is that we fail to realize how much this tendency is actually slowing us down and stuffing up our life. Do a spring cleaning in you home, and give away / throw away half of all things that you have not used in the past 12 monthsDelete all the apps on your phone that you have not used on the past 6 monthsClose those 30 tabs open in your browser. Are you even gonna read all that stuff?Make a list of 3 people you no longer want to spend time with, because they are not adding anything to your lifeMake a list of 3 activities or projects you want to say “no” to Feel the space that is made available when all that is not really needed is set aside.Takeaway: simplify your life. Try the exercises suggested above...


9. Keep a beginner’s mind...


In the beginner’s mind there are many possibilities, but in the expert’s there are few. That is a quote from Zen Mind Beginner’s Mind, one of my favorite bedside table books of my teenage years. The Japanese term for this is “Sho Shin”.A beginner’s mind is full of energy, openness. It is ready to let go of the past and accept every challenge, because it doesn’t have a concept of how things should be. That is why there is such a pleasure and zest in starting something new, be it a new hobby, learning a new skill, and kicking off a new business or career. The true enemy of beginner’s mind is laziness, and the desire for comfort. It closes us down to what we currently have and prevents us from growing to new heights.Takeaway: Keep an open a hungry mind. Leave space for the unexpected, for serendipity...


10. Write down your goals...


“Why should I write it down? I know them…”, you may say. But wait, take a look at this, from Forbes magazine"

There was a fascinating study conducted on the 1979 Harvard MBA program where graduate students were asked “have you set clear, written goals for your future and made plans to accomplish them?” The result, only 3% had written goals and plans, 13% had goals but they weren’t in writing and 84% had no goals at all. Ten years later, the same group was interviewed again and the result was absolutely mind-blowing.


The 13% of the class who had goals, but did not write them down was earning twice the amount of the 84% who had no goals. The 3% who had written goals were earning, on average, ten times as much as the other 97% of the class combined! So, writing down where you wish to be in your life, and journaling about it, will highly increase the likelihood of you creating the life you want. You can learn more about it in this. Info Self Development blog has a free e-book packed with hints about setting and sticking to goals.Takeaway: Stop for a minute and write down your three most important long-term goals in life. Are they translated into short-term goals and present actions for you?...


11. Nurture close relationships...


Spending time with those you really care about—your close friends, your significant other, and your family – will bring you much more satisfaction than the stuff your money can buy. Not spending quality time with the people you love is actually one of the top regrets of the dying. In fact, according to the Self-Determination Theory, relatedness is one of the three basic human needs...Also, there are studies that correlate marriage, or a committed long-term relationship, to higher satisfaction in life. “Intimacy, commitment, and support do, for most people, pay emotional dividends”, reports Psychologist David Myers.Takeaway: nurturing meaningful close relationships pays off.


12. Give, Volunteer, Serve...


Giving to others promotes your own happiness, especially when connected to a cause you care about. Helping others, spending your money on others and serving, releases “happiness chemicals” such as dopamine and oxytocin (called by many the “compassion hormone”). Of course, this presupposes that you are giving or serving out of a caring heart, and not due to obligation or social pressure, and that you are doing it in a way that is balanced with your own personal needs...


"In the words of Professor Martin Seligman, “father” of Positive Psychology"


we scientists have found that doing a kindness produces the single most reliable momentary increase in well-being of any exercise we have tested.Don’t feel like you have time to give? Funny enough, a study published in the Journal of Psychological Sciences points out that people who volunteer feel they have more time. On the other hand, parenting itself is a way of giving and also releases similar hormones in the brain – so if you are a busy mom or dad, you may already have this covered.Takeaway: every once in a while do something good for somebody that can never repay you...


13. Spend time in nature...


Spending time in nature, even a 20 min walk in the park, is linked to higher levels of vitality and well-being, according to numerous researches. It also gets you some exercise and increases your concentration...


"Here is a small excerpt from the book Brain-Power to this effect"


“Poets and philosophers have always counseled people regarding the benefits of being in nature, and now science is catching up. In a study published in the journal Psychological Science in 2008, neuroscientist John Jonides, Ph.D., and his colleagues measured students’ performance on tests of memory and attention before and after taking a walk. One group strolled through a beautiful arboretum near the campus of the University of Michigan, and the other walked in downtown Ann Arbor. The researchers discovered that those who walked in nature improved their test scores by 20 percent, while those who walked in the city showed no improvement (moreover, they reported a decline in perceived well-being). The researchers concluded, “In sum, we have shown that simple and brief interactions with nature can produce marked increases in cognitive control. To consider the availability of nature as merely an amenity fails to recognize the vital importance of nature in effective cognitive functioning.Takeaway: spend some more time in nature...


14. Cultivate morning rituals


Having a daily morning ritual can help you big time setting up your mood and energy for the day. In fact, great minds seem all to have this in common. It is a great opportunity to take care of your body and mind, and start the day with the right foot.You have to experiment and see what works in your lifestyle. Great things to include are: breakfastsome stretching or light exercisea few minutes of meditationplanning your day – write down the three most important things you need to do today.After that is done, then it’s a good time to check email, news and social media. Or just move on to work.Takeaway: what is the best way to start your day?...


15. Pause, look, proceed...


Sometimes we need to just stop everything and take a break. Unwind. Turn inward and rethink our life; ask some hard questions and connect to our inner voice. Especially when things are getting out of hand or too busy.To see well, you must not look always. You cannot solve a problem with the same level of thinking that created it.We have a cult of speed and busy-ness in our society. But being busy is not the same as being productive. It can often be an escape from something.In order to live better, we need to create space to breathe, and to think. We need to praise slowness more.Nothing is gonna happen if you miss that next update, phone call, or tweet.Takeaway: slow down. Take a break when needed. Create space to stop and think outside of the box...


16. Read happy (bonus tip)...


Feed your brain with things that give you insight, empowerment, and motivation. Even reading about authentic happiness makes you happier. That is why I set up this blog...A few months ago I found about the Philosopher Notes. It is an amazing resource that allows you to read or listen to summaries of the top books on several topics (motivation, happiness, meditation, nutrition, performance, wealth, personal development). I truly recommend that for anybody that wants to grow, or to get more from life...





ना जाने देखते देखते कब तुम लत बन गये...



ना जाने देखते देखते कब तुम लत बन गये...

दोस्त किसी ने थोड़ा सा अपना वक़्त दिया था मुझे,मैंने आज तक उसे इश्क समझ कर सम्भाल रखा है...आसुँ ओ की भी एक अजब कहानी है,खुशी और गम यह दोनों की निशानी है,समझने वालों के लिए अनमोल है,और ना समझने वालों के लिए पानी दोस्त...तलब उठती है दोस्त बार बार तुमसे बात करने की,ना जाने देखते देखते कब तुम लत बन गये...यूं तो जिंदगी में आवाज देने वाले ढेरों मिल जाते हैं,लेकिन दोस्त हम ठहरते वहीं हैं जहां अपनेपन का अहसास होता है...मन्नत की आरजू और पाने की चाहत, दोस्त पता नही कैसे दोनों एक साथ ही जुदा हो गए...वक्त बीतने के साथ अक्सर ये अहसास होता है दोस्त ,कि जो छुट गया वो लम्हा बेहतर था...ज़रा सी दोस्ती करना,ज़रा सा हम नशी बनना, और थोडा सा साथ देना,फिर अजनबी बनकर रहना...उफ... जान लेने से कम नही होती दोस्त...इन यादो के तीरों को जाने कौन धार देता है दोस्त,जब आती है तो इस दिल को, ज़हन को, यहाँ तक की रूह को चीर के रख देती है ...हजारो जवाब सोच रखे थे मेरे दिल ने दोस्त, काश कभी तुमने पूछ लिया होता इतना प्यार क्यूँ करते हो...जिंदगी संवारने को तो जिंदगी पड़ी है दोस्त, चलो वो लम्हा संवार लेते है जँहा जिंदगी खड़ी है...सांप बेरोजगार हो गये अब आदमी काटने लगे दोस्त,कुत्ते क्या करे ,तलव अब आदमी चाटने लगे...जिंदगी ने एक बात तो अच्छे से सीखा दी दोस्त,हम किसी के लिए हमेशा खास नही रह सकते...सवाल करने वाले तो बहुत मिलते है,लेकिन दोस्त बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते है...अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के,उतरना दिल में है या दिल से उतरना है दोस्त...वो आराम से हैं दोस्त जो पत्थर के हैं,मुसीबत तो एहसास वालों की है...किसका चेहरा अब मैं देखूं…?चाँद भी देखा, फूल भी देखा…बादल बिजली, तितली जुगनूं…कोई नहीं है ऐ दोस्त तेरा जैसा...ऐसा नहीं की जिन्दगी मे कोई आरज़ू ही नहीं,पर वो ख्वाब पूरा कैसे करू दोस्त जो तुमसे उमीद थी... दोस्त सत्य कहो, स्पष्ट कहो, सम्मुख कहो...जो अपना हुआ तो समझेगा और जो पराया हुआ तो छुटेगा...दोस्त अगर ये तय है कि जो दिया है, वो ही लौट के आएगा ...तो क्यूँ न...सिर्फ खुशियां और दुआएं ही दी जाएं...क्या सबूत दु मैं अपने प्यार का दोस्त तुम्हे,उड़ते बादल आसमां के और बहते पानी जमी की दोनों गवाह है अपनी पाक मोहब्बत का...जीवन का आधा सफर यू ही तन्हा बीत गया दोस्त,और कहने को कदम कदम पर अपने थे...The beginnings of true love, the falling in love part, gives us starry eyes and the feeling of butterflies in our stomachs. It gives us someone even better than a friend, to dance and dine with, someone to adventure with.It makes us do things like this ...Love means always having someone around who understands us, even without having to tell them specifically what's going on in our hearts and minds at any particular moment. Love means having someone who always put you first, even if you yourself don't... राज kumar

ग़म हूँ, दर्द हूँ, साज़ हूँ, या आवाज़ हूँ...

दोस्त पहला प्यार बहुत ख़ास होता है, पर बहुत कम लोगों के पास होता है...ग़म हूँ, दर्द हूँ, साज़ हूँ, या आवाज़ हूँ, बस जो भी हूँ तुम बिन बहुत उदास हूँ दोस्त...इंसान दोनों मामलों में बेबस है दोस्त, दुख बेच नहीं सकता और सुख को खरीद नहीं सकता... हर बार मुक्द्दर को दोष देना अच्छी बात नहीं दोस्त, कभी कभी हम भी हद से ज्यादा माँग लेते हैं ...कैसे लफ्जों में बयां करूँ मैं खूबसूरती तुम्हारी दोस्त, सुंदरता का झरना भी तुम थी, मोहब्बत का दरिया भी तुम थी...खत्म हो गया उन लोगो से भी रिश्ता दोस्त,जिनसे मिलकर लगता था की ये ज़िन्दगी भर साथ नही छोड़ेगे...सुनने वाला ही न सुन पाए तो ये बात अलग है दोस्त, वरना सन्नाटे भी आवाज़ दिया करते हैं...न दर्द था.. न ख़लिश... न तिलमिलाना था...किसी से इश्‍क न था... वो भी क्या ज़माना था...हम मेहमान नहीं बल्कि रौनक_ए_महफ़िल है दोस्त, मुद्दतों याद_रखोगे की जिंदगी में आया था कोई...तुम पढ़ रहे है अगर "शेर-ओ-सुख़न" मेरे "लिखे" हुए...इल्तेजा है सिर्फ़ "अल्फ़ाज़" मत पढ़ना "एहसास" भी पढ़ना दोस्त...वादा है जब भी मिलोगे हर बार तुम्हें इश्क होगा,मुहब्बत पुरी शिधत से होगी और प्यार बेपनाह होगा...यूँ तो कोई सबूत नहीं है ...कि तुम मेरे हो... ये दिल का रिश्ता तो बस यकीन से चलता है दोस्त... रूह उतर जाए ऐसा असर घोलती है दोस्त , जब लब नहीं आँखें बोलती हैं...दोस्त बहुत ही ​खूबसूरत ​लम्हा​ था वो जब तुमने कहा था ​मुझे​ ​तुमसे​ ​मोहब्बत​ ​है​ ​और​ ​तुमसे​ ​ही​ ​रहेगी...दोस्त दरिया की दहलीज पर बैठी सोच रही ऐ आँखे, आखिर कितना बक्त और लगेगा सारे ख्बाब बहाने में...कभी कभी पता ही नहीं लगता दाँव पर क्या लगा है दोस्त...पर हारने के बाद अहसास होता है बहुत कुछ हार गए हैं...कसक बन कर चुभती रहती हैं यादें तेरी दोस्त, बता वह कौन सा लम्हा है जिसमें तू नहीं थी...समझ नहीं आ रहा वफ़ा करें तो किनसे करें दोस्त...मिट्टी से बने लोग कागज़ के टुकड़ो पर बिक रहे है...दिल एक है तो कई बार क्यो लगाया जाए दोस्त, बस एक इश्क ही बहुत है अगर दिल से निभाया जाए...कितनी अजीब बात है ना दोस्त, दुनिया तो एक ही है फिर भी सबकी अलग है...सरतें कुछ और हैं वक्त की इल्तजा कुछ और है कौन जी सका है,ज़िन्दगी अपने मुताबिक दिल चाहता कुछ और है होता कुछ और है दोस्त...It is great when Two strangers become FRIENDS...But friend...its sad when Two friends become STRANGERS...याददाश्त का कमजोर होना...कोई बुरी बात नहीं दोस्त, बहुत बैचेन रहते है वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है...राज कुमार


कुछ लम्हे गुजारे है मैंने भी...

दोस्त शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें दिल की गहराई से निभाओ,क्यूँकि लाजवाब मोती कभी किनारों पे नही मिलते... दोस्त खुदा करे सलामत रहें दोनों हमेशा,एक तुम और दूसरा मुस्कुराना तुम्हारा दिल से दुआ है...रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे दोस्त,जब हर साजीश के पिछे अपनो का हाथ हो... आधा चांद....आधा इश्क....आधी सी है बंदगी,मेरे थे और मेरे नहीं कैसी है यह जिंदगी...एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए,एक उम्र और गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए दोस्त...यादों के स्पर्श बडे़ अजीब होते हैं न दोस्त, जब कोई भी ना हो पास फिर भी वे बहुत करीब होते हैं...रिश्ते और रास्ते के बीच एक अजीब रिश्ता होता है न दोस्त,कभी 'रिश्तों' से 'रास्ते' मिल जाते है और कभी रास्तों में रिश्ते बन जाते हैं...अजीब दस्तूर है मोहब्बत का दोस्त,रूठ कोई और जाता है और टूट कोई और जाता है... अपना ग़म कल मैने आसमाँ को क्या बता दिया,उसी बहाने पूरे शहर ने बारिश का मज़ा उठा लिया दोस्त...जुड़े हम सब से है पर डूबे सिर्फ तुम में है दोस्त... जिनका मिलना मुक्कदर में नही होता है ...कसम से मोहब्बत भी उनसे कमाल की होती है दोस्त...कुछ लम्हे गुजारे है मैंने भी अपने खास दोस्तो संग,लोग उन्हें वक़्त कहते है और हम उन्हे जिदंगी कहते हैै दोस्त...राज कुमार