Tuesday, December 6, 2022

वक्त सब कुछ छीन लेता है...




दोस्त...कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अलफ़ाज़ मेरे, मतलब मोहब्बत में बर्बाद और भी हुए हैं...दोस्त प्यार कहो तो दो ढाई लफ्ज़, मानो तो बन्दगी ,सोचो तो गहरा सागर, डूबो तो ज़िन्दगी ,करो तो आसान , निभाओ तो मुश्किल ,बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो तुम... वक्त सब कुछ छीन लेता है, खैर मेरी तो मुस्कुराहट थी तुम दोस्त...दोस्त अधूरे रिश्ते बहुत ज्यादा तकलीफ देते हैं न, न खुद मरते हैं और न मरने देते हैं...खूबसूरत वक़्त और वफ़ादार दोस्त मिलते तो मुफ्त है दोस्त...लेकिन उनकी कीमत का अंदाज़ा तब होता है जब ये कहीं खो जाते हैं... दोस्त मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना,अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी तुझे भी होगी...एक दिल को ख़ुशी देना,प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है दोस्त...अपना वही है जो हमारी ख़ामोशी पढ़ सके, वरना अंदाजे तो बेगाने भी लगा लेते है दोस्त...एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की,मैने पल पल कोशिश जिसके की पास जाने की,किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की दोस्त...दोस्त जैसे मोहब्बत की बेरहमी इनायत से वफ़ा को चोट लगती है,वैसे ही फरेब के बनावट से दिल को चोट लगती है...हमने छोड़ा था ज़माना जिन्हें पाने के लिए,लो वही छोड़ चले हमको ज़माने के लिए...हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है...पता नही कैसे तुम भूल गए दोस्त...किसी की कट रही है जिंदगी ,कोई काट रहा है जिंदगी ,पर दोस्त खुश है वो जो जी रहा है जिंदगी...Friend...May God... Never be so... That...Anybody is defeated ever/even by Life...I stay the same place friend... but I've regret for it...that...for lifetime... Nobody is available to call me friend... दोस्त अगर मौका मिला तो हम किस्मत से शिकायत जरूर करेंगे,की अक्सर वही लोग हमे क्यों छोड़ देते हैं जिन्हें हम टूट कर चाहते हैं... Friend personal responsibility & relationship are superior to private responsibility & relationship...जब तू रोती है ना ... तो बहोत सारे reasons होते है...but...जब मैं रोता हूँ न...तो Reason सिर्फ तू होती है...दोस्त...I spend my whole life in remember of that person... Who went out from my life to say it... What did you do for me फ्रेंड...राज kumar


कुछ बाते जरूर याद रखें...


1) अकेले रहने से ना डरें।


2) पिछली बातों को याद न करें।


3) सारी दुनिया की जिम्मेदारी आप पर नहीं है,यह समझें।


4) परिणामों के जल्दी आने की उम्मीद ना करें।


5) सभी को खुश रखने की कोशिश ना करें।


6) खुद को बेचारा न समझे।


7) उन चीजों पर वक्त जाया ना करें, जो आपके नियंत्रण में नहीं है।


8) दूसरों को अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करने दें।


9) दूसरे लोगों की सफलता पर जलन का अनुभव ना करें।


10) जिम्मेदारियों से ना भागें।


11) एक बार कोशिश में असफलता मिलने पर प्रयास करना ना छोड़ें।


12) हमेशा नपे तुले जोखिम उठाने की कोशिश करें।


13) अपने सपनों का पीछा करें ना कि लोगों का।


14) खुद से प्यार करना सीखें उसके बाद सब ठीक होता चला जाएगा।


15) आप जितना सोचते हैं, आप उससे कहीं ज्यादा काबिल हैं।


16) जब तक कोई काम हो नहीं जाता वह असंभव ही लगता है।


17) जिस चीज की कीमत होती है वह आसानी से हासिल नहीं होती।


18) आप की एकमात्र सीमा आप खुद ही हैं।


19) किसी चीज का इंतजार ना करें, क्योंकि जीवन की गति बहुत ही तेज है।


बुराई जड़ से ख़त्म करो... 


Friends...बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती,उसे तो उसकी जड़ से मिटाना होता है। जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा तब तक कोई लाभ नहीं होगा। किसी नगर में एक आदमी रहता था। उसके आँगन में एक पौधा उग आया। कुछ दिनों बाद वह बड़ा हो गया और उस पर फल लगने लगे। एक बार एक फल पककर नीचे गिर गया। उस फल को एक कुत्ते ने खा लिया। जैसे ही कुत्ते ने फल खाया, उसके प्राण निकल गए। आदमी ने सोचा--कोई बात होगी जिससे कुत्ता मर गया। पर उसने पेड़ के फल पर ध्यान नहीं दिया। कुछ समय बाद उधर से एक लड़का निकला। फल देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने किसी तरह फल तोड़कर खा लिया। फल को खाते ही लड़का मर गया। मरे हुए लड़के को देख आदमी की समझ में आ गया कि यह जहरीला पेड़ है। उसने कुल्हाड़ी ली और वृक्ष के सारे फल काटकर गिरा दिए। थोड़े दिन बाद पेड़ में फिर फल लग गए। लेकिन इस बार पहले से भी ज्यादा बड़े फल लगे थे। आदमी ने फिर कुल्हाड़ी से फल के साथ-साथ शाखाओं को भी काट दिया। परंतु कुछ दिन बाद पेड़ फिर फलों से लद गया। अब आदमी की समझ में कुछ नहीं आया। वह परेशान हो गया। तभी उसके पड़ोसी ने उसे देखा और उसकी परेशानी का कारण पूछा। आदमी ने सारी बातें बता दी। यह सब सुनकर पड़ोसी ने कहा --तुमने पेड़ के फल तोड़े,उसकी शाखाएं काटी , पर तुम्हारी समझ में नहीं आया कि जब तक पेड़ की जड़ रहेगी तब तक पेड़ रहेगा और उसमें फल आते रहेंगे। अगर तुम इससे छुटकारा चाहते हो तो इसकी जड़ काटो। तब आदमी की समझ में आया कि बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती,उसे तो उसकी जड़ से मिटाना चाहिए। उसने कुल्हाड़ी लेकर पेड़ की जड़ को काट दिया और हमेशा के लिए चिंता मुक्त हो गया। इसी तरह बुराई की जड़ हमारे मन में होती है। जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा, मनुष्य को जहरीला बनाने वाले फल आते रहेंगे... 


 Q-हमें ऐसा कौन सा हुनर सीखना चाहिए जो भविष्य में हमारे काम आये... 




Ans- 1:- शानदार अंग्रेजी बोलना... 




2:- पब्लिक के सामने आत्मविश्वास से अपनी बात रखना।




3:- कभी भी हार नहीं मानने वाला व्यक्तित्व बने, किसी का भी नेगेटिव कमेंट को न माने, सिर्फ अपने दिल की सुने और दुबारा प्रयास करें... 




4:- योग एवं मेडिटेशन के साथ साथ कराटे और मार्शल आर्ट भी सीखे। ये आपके बॉडी और माइंड को स्वस्थ तो रखेंगे ही साथ ही साथ , भविष्य में ये आपके, आपके अपनों और किसी जरूरतमंद भाई, बहन और बेटी के रक्षा के काम आ सकता है... 




5:- तैरना भी सीख ले । ये आपको एक अलग प्रकार का अनुभव कराएगा। इससे पूरी बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है। आपके और किसी जरूरतमंद के जीवन को बचाने में सहायक हो सकेगा , नहीं तो आप उस कंडीशन में असहाय महसूस करेंगे। यदि भविष्य में आप जीवन को पूरी तरह से जीना चाहते हैं, स्विमिंग पुल, समुद्री बीच, नदी या झील आदि का अनुभव करना चाहते हो तो ये जरूरी है... 




6:- अच्छा गाना ,या अच्छा डांस या कुछ बजाना या पेंटिंग, या जो भी आपका हॉबी हो उसको ज्यादा से ज्यादा निखारे , ये आपको भीड़ से अलग पहचान बनाने में काम आएगा। प्रोफेशन बनाने के लिए नहीं बल्कि अपने लिए। भविष्य में जब किसी घड़ी अकेलापन महसूस हो तो इसमें खो जाने पर आपको बहुत शांति और आनंद मिलेगा... 




7:- अलग अलग इन्वेस्टमेंट से संबंधित बारीक से बारीक ज्ञान अर्जित करें। जैसे मच्यूल फंड, शेयर बाजार, स्टॉक, सोना, रियल इस्टेट आदि... 




8:- सबसे पहले आपको अपने सबसे जरूरी सपने में 100% देने का हुनर पता होना चाहिए। उसे पाने के लिए हर समय जबरजस्त भूख होनी चाहिए। आपको पता है काम अच्छा है, पर मन नहीं है, या फीलिंग नहीं है या थोड़ा दर्द है तो उस समय अपने मन को कंट्रोल करने और लगातार काम करते रहने और हर परिस्थिति में रोज आगे बढ़ना... 




सफलता के तीन सूत्र...




किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए प्रायः तीन सूत्रों का अवलंबन लेना होता है...


1. लक्ष्य का निर्धारण


2. अभिरुचि का होना और


3. क्षमताओं का सदुपयोग


✓जीवन लक्ष्य का निर्धारण...


दोस्तो जिस तरह देशाटन के लिए नक्शा, और जहाज चालक को दिशा सूचक की आवश्यकता पड़ती है। उसी प्रकार मनुष्य जीवन में लक्ष्य का निर्धारण अति आवश्यक है। क्या बनना और क्या करना है यह बोध निरंतर बने रहने से उसी दिशा में प्रयास चलते हैं। एक कहावत है कि ‘जो नाविक अपनी यात्रा के अंतिम बंदरगाह को नहीं जानता उसके अनुकूल हवा कभी नहीं बहती’। अर्थात् समुद्री थपेड़ों के साथ वह निरुद्देश्य भटकता रहता है। लक्ष्य विहीन व्यक्ति की भी यही दुर्दशा होती है। अस्तु सर्वप्रथम आवश्यकता इस बात की है कि अपना एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित किया जाये...


✓अभिरुचि का होना...


 दोस्तो जो लक्ष्य चुना गया है उसके प्रति उत्साह और उमंग का जगाना – मनोयोग लगाना। लक्ष्य के प्रति उत्साह, उमंग न हो, मनोयोग न जुट सके तो सफलता सदा संदिग्ध बनी रहेगी। आधे अधूरे मन से, बेगार टालने जैसे काम पर किसी भी महत्वपूर्ण उपलब्धि की आशा नहीं की जा सकती। मनोविज्ञान का एक सिद्धांत है कि ‘उत्साह और उमंग’ शक्तियों का स्रोत है। इसके अभाव में मानसिक शक्तियाँ परिपूर्ण होते हुए भी किसी काम में प्रयुक्त नहीं हो पातीं...


✓क्षमताओं का सदुपयोग...


दोस्तो ‘समय’ उपलब्ध संपदाओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शरीर, मन और मस्तिष्क की क्षमता का तथा समय रूपी सम्पदा का सही उपयोग असामान्य उपलब्धियों का कारण बनता है। निर्धारित लक्ष्य की दिशा में समय के एक-एक क्षण के सदुपयोग से चमत्कारी परिणाम निकलते हैं...सफल और असफल व्यक्तियों की आरंभिक क्षमता, योग्यता और अन्य बाह्य परिस्थितियों की तुलना करने पर कोई विशेष अंतर नहीं दिखता। फिर भी दोनों की स्थिति में आसमान और धरती का अंतर आ जाता है। इसका एकमात्र कारण है कि एक ने अपनी क्षमताओं को एक सुनिश्चित लक्ष्य की ओर सुनियोजित किया, जबकि दूसरे के जीवन में लक्ष्यविहीनता और अस्त-व्यस्तता बनी रही...एक – सच्चाई,एक – कल्पना,एक – अहसास,एक – खूबसूरती,एक – ताजगी,एक – सपना,एक – आस्था,एक – विश्वास यही है शायद यही वो जिंदगी जिसकी हम सभी कामना रखते हैं। सम्मान का दरवाज़ा इतना छोटा और तंग होता है कि उसमें दाखिल होने से पहले सिर को झुकाना पड़ता है। स्पष्ट विचार,स्‍पष्‍ट धारणा और स्‍पष्‍ट निर्णय,धीर पुरुषों और योगियों के लक्षण हैं. दर्द और खुशी दोनों ही अच्छे शिक्षक हैं, क्योंकि दोनो ही हमें अपने स्थितियों में कुछ न कुछ सिखाते जरूर हैं। अवसर और सूर्योदय में एक ही समानता है, देर करने वाले इन्हें खो देते हैं...


दोस्तों...बेकसूर कोई नहीं इस जमाने में बस सबके गुनाह उजागर नहीं होते...शरीर में कोई सुन्दरता नहीं है,सुन्दर होते हैं व्यक्ति के कर्म, उसके विचार,उसकी वाणी, उसका व्यवहार,उसके संस्कार,और उसका चरित्र ...जिसके जीवन में यह सब है वही इंसान दुनियां का सबसे सुंदर शख्स है...ज्ञान को बुद्धि में *समाने* के लिये गुणों को *धारण* करना बहुत जरूरी है। यदि *गुण* धारण नही किया... तो वो मनुष्य *ज्ञानी* होते हुए भी जैसे *अज्ञानी* हैं...जीवन का सबसे सुंदर और सरल नियम...जो आपके साथ नही होना चाहिए वह आप दूसरों के साथ न करे... A lot of people run behind getting what's द most important things in thier life but for them most important thing is...They don't Care even about common things in thier life...अनुभव का निर्माण नहीं हो सकता इसे समय देकर ही पाया जा सकता है। प्रयत्न करने से कभी ना चूकिए,हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं...प्रतिकूल परिस्थितियां हमारे कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती हैं और विषम परिस्थितियों के बावजूद परिश्रमी व्यक्ति बिखरने की बजाय निखर जाता है...जब भगवान को आप से प्यार होता है तो वो आपके लिऐ वही करता है जो आप के लिऐ अच्छा होता है...और उन तमाम लोगो को आपसे दूर कर देता है जो आपके काबिल नहीं होते...आत्मविश्वास और अपने कर्म पर भरोसा रखने से आपको सफलता मिलती है। परमात्मा कभी भाग्य नहीं लिखते जीवन के हर कदम पर हमारी सोच,हमारे विचार और हमारे कर्म ही हमारा भाग्य लिखते हैं। गलतियां सुधारी जा सकती है गलतफहमियां भी सुधारी जा सकती है लेकिन गलत धारणाएं कभी सुधारी नही जा सकती। कर्तव्य ही ऐसा आदर्श है जो कभी धोखा नहीं दे सकता और धैर्य ही एक ऐसा कड़वा पौधा है जिस पर फल हमेशा मीठे आते हैं...If you are a pure person with clean heart, you don’t need to search for God...God will find you...राज कुमार







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