दोस्तों प्रेरणा एक आग की तरह है, जिसे जलाए रखने के लिए इसमें लगातार ईंधन डालना पड़ता है। प्रेरणा को बनाए रखने के लिए आपका ईंधन “स्वंय पर विश्वास” ही है। आज से हम अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी क्षमताओं पर पूरा विश्वास रखें...लगन व्यक्ति से वो करवा लेती हैं जो वह नहीं कर सकता.साहस व्यक्ति से वो करवाता है जो वह कर सकता हैं.किन्तु अनुभव व्यक्ति से वही करवाता है जो वास्तव में उसे करना चाहिए...सही मौके पर खड़े होकर बोलना एक साहस है.उसी प्रकार खामोशी से बैठकर दूसरों को सुनना भी एक साहस है...
Learn to Smile at Every Situation And Live Your Life Simple...Hi Guy's...I wish to Informe You All...This is knowledge portal website which will provide for you all wonderful and amazing tricks...Spiritual,Motivational and Inspirational Education along with Education for all Competition Exams Question with answer...By Raj Sir
Saturday, November 5, 2022
बचपन की यादो के कुछ सुलघते सौगात...
बचपन की यादो के कुछ सुलघते सौगात...
बेफिक्र सी सुबह और गुनगुनाहट सी शामों, क्या खूब थी दोस्त अपनी बच्चपन की सौगाते...दोस्त अब तुझे न सोचू तो जिस्म टूटने सा लगता है,एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते करते...ऐसे बीमार की दवा क्या है दोस्त,जो बताता ही नहीं की हुआ क्या है...किसी को न पाने से ज़िन्दगी खत्म नहीं होती,लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता दोस्त...रात का अंधेरा पूछ रहा है हमसे दोस्त,कहां गए वो रात भर बात करने वाले अपने...दिल में घाव सा कर जाती हैं उनकी निगाहें दोस्त,मुड़ मुड़ के देखने वाले जब देख कर मुड़ जाते हैं...तेरे सिवा ख़्वाब में भी कोई दिखाई ना दे,इस तरह अपने आंखों को मैने तेरा ग़ुलाम कर रखा है दोस्त...पता नहीं किस मिट्टी की बनीं हैं ये तमन्नाएं दोस्त,मरतीं हैं तड़पतीं हैं फ़िर भी रोज़ जन्म लेती हैं...दोस्त जरूरी नहीं हर ताल्लुक मोहब्बत का ही हो,कुछ रिश्ते इश़्क से ऊँचा मुकाम रखते हैं...जज्बातो में बहकर खुद को किसी के अधीन मत करना दोस्त, वैसे ही खुदा और खुद के अलावा किसी पर यकीन मत करना...थोड़ी बुराइयां भी शामिल किया करो अपनी शख्सियत में दोस्त, क्यूंकी शरीफ़ लोग अक्सर शक के दायरे में रहते हैं...ना हुस्न पे परदा मांगा ना नज़रो में हया मांगी दोस्त,हमने सौदा-ए-मौहब्बत में बस तुमसे दुुुआ और वफा मांगी...पहले रिश्तों का दूसरा नाम प्यार था आज रिश्तों का दूसरा नाम पैसा है दोस्त,पैसा है तो प्यार है और पैसा है तो रिश्ता है...तीर चुभने से भी ज्यादा दर्द होता है दोस्त,जब कोई सबसे करीबी इंसान चुभती बात कह देता है...थक जाते हैं हाथ मुहब्बत लिखते लिखते,बड़ी सस्ती हो गई दोस्त मुहब्बत बिकते बिकते...वो मुझसे पूछती है की ख्वाब किस-किस के देखते हो,बेखबर जानती ही नहीं की यादे उसकी सोने कहाँ देती हैं दोस्त...रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने दोस्त, मगर,इश्क में पागल थे आँसू ख़ुदकुशी करते चले गए...कभी-कभी यूं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर दोस्त,अच्छा लगता है यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा दस्तक देना...राज
पिछली रात ब्रेकअप के बाद... वे कॉलेज में मिलते है...लाजबाब love स्टोरी...
Girl:सुनो आप...जरा रुकना!!
Boy:कौन...मैं??
Girl:हाँ....आप ही हो यहाँ तो आप ही को बुला रही होऊँगी ना!!
Boy:हां बोलो..! मुझे बस लगा की अब हमारे बीच बोलने सुनने को कुछ बचा ही नही..क्योंकि तुमने कल रात तो यही कहा था।
Girl[मन ही मन में-पता नही कब से मेरी सारी बातें मानने लग गया!!]
हाँ..पर आपका कुछ सामान बचा था मेरे पास...वही लौटने आयीं हूँ..!
लड़की उसे पिछली एक साल की रिलेशनशिप के दौरान दिए गए सभी कार्ड,चॉकलेट,टेडी और भी सारे गिफ्ट लड़के को लौटा देती है!!
Boy : ये सब क्या हैं??
Girl : आपका सामान है सब..!
Boy : नहीं..ये आपका है..!! मैंने आपको दिया था!!
(और उसकी आँख से एक आसूं उसके गाल पर टपक जाता है)
Girl :आप रो रहे हो?
(लड़की की आवाज़ भी रुआँसी हो जाती है)
Boy : नहीं...बाय!मैं जा रहा हूँ!!
Girl :बैग लेते जाना
Boy :तोहफे तो आपने लौटा दिए.. प्यार लौटा पाओगे मेरा आप ..?
लड़की रोना सुरु कर देती है!!
Boy : मैं आपको रोता हुआ नही देख पाउँगा....!plz मत रो...मैं बहुत बुरा हूँ.. आपको रुलाता हूँ ना..मैं आपके लायक नही हूँ..अच्छा किया जो आपने कल रात सब खत्म ही कर दिया..!!
बस एक चीज नही खत्म कर पायी आप...
लड़की रुककर उसके तरफ प्रश्नभरी निग़ाहों से देखती है..???
He : मेरे लिए जो आपके दिल में इतना सारा प्यार सजा रखा हैं वो भी खत्म कर लिया होता...
Boy : क्या करूँ..वो नही लौटा सकती!
Boy (घुटनो पर बैठकर) : कुछ ना लौटाओ जान बस खुद लौट आओ आप मेरे पास...
मैं आपने आप को आपके काबिल बनाना चाहता हूँ(और रोने लगता है)
Girl : मैं गयी ही कब थी... और ये क्या काबिल काबिल लगा रखा है..तुम मेरे लिए परफेक्ट हो पगलू....आपके अलावा और कौन है जो संभालेगा मुझको?? आप तो जानते हो मैं नही रहे पाऊँगी आपके बिना!!!
Boy : तो क्यों कहा था कल रात को इतना सब कुछ..मैंने सॉरी बोला था ना..!
Girl : I love u बोला होता तब मान जाती....सॉरी बोला ही क्यों था?
Boy :अरे बाबा...I love u..I love ... I love uh...मेरी जान
(और लड़की के माथे को चूम लेता है)
Girl : I love uh too..
अगली बार से इतनी देर मत लगाना.. एक बार बस बोल देना की तुम मुझसे
प्यार करते हो.... मैं नाराज ही नही होऊँगी !!. और फिर इस तरह से वे फिर से एक हो जाते है... और ऐसी स्टोरी पढ़ने के लिए मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं या फिर फॉलो कर सकते हैं...स्टोरी_कैसी_लगी_कमेंट_करके_जरूर_बताएं...By राज sir
छोटे बच्चे_की ...love story....
Girl:.ये क्या है..?? 😕😕
Boy:. मै आपसे प्यार करता हूँ
i love you... ☺ 😍
Girl:. बेटा तुम अभी बच्चे छोटे हो.... 😊 😊
Boy:. छोटा हूँ तो क्या हुआ ....
क्या मैं प्यार नहीं कर सकता .... 😕😕 ☺
.
Girl:.कर सकते हो पर आपनी उम्र
वाली लड़की से करो ....😇😇
मैं तो तुमसे बहोत बड़ी हूँ .. 😘
Boy:.सुनो दिल❤❤ प्यार में ...
छोटा बड़ा नहीं देखा जाता समझे... ☺ ☺
.
Girl:.मुझे पता है पर तुम अभी
और बड़े हो जाओ... 😉 😉
Boy:.क्यों ?
मैं छोटा हूँ तो क्या हुआ ,
तुम्हारा ख्याल रखुंगा...,😕
तुम्हे बहोत प्यार कारूगा ...... सच्ची .....😇😇
Girl:..अच्छा तो तुम मुझे क्या खिलाओगे ....
कहा से पैसे लाओगे .. ..☺ ☺ 😇
Boy:.अरे पगली पैसे की चिंता क्यों करती है ..... ☺ ☺
पापा मुझे poketmoney देते है ना.. 😊 😊
.
Girl:..okk तो तुम मुझे क्या खिलाओगे 😊 😊
कहा घुमाओगे .. ☺ ☺
Boy:..मैं तुम्हे ice cream 🍦🍦🍦
खिलाऊँगा ..फ़िल्म दिखाउगाँ .. 📀
और तुम जो बोलो ...
.
Girl: ..मुझे गिफ्ट क्या दोगे .. 😉 😉
Boy:..खूब सारी dairy milk चॉकलेट 🍫🍫
Girl:..oh so sweet yarr.. 😘 😘 😘
Boy:.okk अब यह rose 🌹 लेलो ....
और मुझे भी ....
i love you bolo...😍😍
.
Girl:.ok..sweet baby i love u ...??😘😘??
Boy:...i love you too...By Raj Sir
Wishing you all very good night friends...
इसे पढ़े और इसपर अमल करें बदलाव तय है...
इसे पढ़े और इसपर अमल करें बदलाव तय है...
दोस्तों...लोगों की ईर्षा आपकी सफलता को रोक नहीं सकती.अगर आप उनकी vibrations से डरते हैं.अगर आप उनसे परेशान होते हैं.तो आप उनकी vibrations मे उलझ जाते हैं, और तब उनकी वाइब्रेशन आपकी सोच पर असर करती है.अपनी सोच में विश्वास और उनके प्रति सहानुभूति रखे, आपकी सोच आपकी सफलता और भाग्य बनाती है.भगवान मेरा काम हो जाए.बहुत मेहनत की है, पता नहीं क्या होगा. पिछली बार भी ठीक नहीं हुआ था. यह कमजोर संकल्प और बोल है.मैं शक्तिशाली आत्मा हूं, मेरा हर कर्म सही है,परमात्मा का ज्ञान और दुआएं मेरे साथ हैं,सफलता मेरे लिए निश्चित है.ध्यान से सोचो.. संकल्प से सिद्धि होती है। अगर हमारी भावना और कर्म सही है,तो कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है. लोग क्या सोचते हैं, क्या बोलते हैं,इस बात से कभी डरना नहीं .वह अपने कर्म कर रहे हैं, हम अपने कर्म कर रहे हैं.। सत्य को सिद्ध नहीं करना पड़ता...सत्य के पास खुद को प्रतक्ष्य करने की ताकत है...
तड़पती तन्हाइयो की तमाम तमन्नाये...
तड़पती तन्हाइयो की तमाम तमन्नाये...
जुदाई और तन्हाई से ज्यादा जान लेवा,मोहब्बत में मोहब्बत की कमी है दोस्त...प्रेम अगर पाईथोगोरस प्रमेय सा कुछ होता,तब दूरियां भी ज्ञात होती और प्रेम का आधार भी दोस्त...कुछ तो बिखरा बिखरा सा है दोस्त,ख्वाब, ख्वाहिश या तेरा मेरा मन...अपना ग़म मैंने आसमां को क्या बता दिया दोस्त,प्यार के पूरे शहर ने बारिश का मज़ा ले लिया...जिन जख्मो से खून नहीं निकलता समझ लेना दोस्त,वो ज़ख्म किसी खाश अपने ने ही दिया है...ख्वाहिश हुई आज खुद को पढ़ने की,पन्ने दर पन्ने पलटते रहे बस तुम ही तुम दिखती रही दोस्त...कई हादसों ने मिटा दिए मेरे जिस्म के कई हिस्से दोस्त,अफ़सोस मेरे बेपनाह हौसले से हादसे भी हार गए...तू मेरे बिना ही खुश है तो शिकायत कैसी दोस्त,अब तुझे खुश भी ना देखू तो राज की मोहब्बत कैसी...जिन्हें तुम मिले वो तुम्हें समझ ही न सके दोस्त,और यहां हमने तुम्हें दिल के जर्रे-जर्रे में लिख रखा है...हमारी बुज़दिली मशहूर है ज़माने में दोस्त, हम बदला नहीं लेते ये हक ख़ुदा पर छोड़ देते हैं...हालत ए हाल के सबब हालात ए हाल ही रही दोस्त,प्यार के शौक़ में कुछ न गया सिर्फ शौक़ ए ज़िंदगी ही चली गयी...खामोश रहने वालो का अपना ही मजा है दोस्त, क्यूंकि नीव के पत्थर कभी बोला नही करते...दोस्त कौन कहता है कि धड़कनें बस सीने में होती हैं,मैं लिखूं तुम्हें तो मेरी उँगलियाँ भी धड़कती है...दोस्त मैं हँसता हूँ तो सिर्फ़ अपने दर्द को छुपाने के लिए,लोग देख कर कहते हैंकाश हम भी इसके जैसे होते...खामोशियां कभी बेवजह नहीं होती साहब दोस्त,कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो आवाज छीन लेते है...किसी को हराना बहुत आसान होता है दोस्त,पर किसी के लिए हार जाना बहुत मुश्किल...रूह की आवाज और खामोशी का संगीत, इससे खूबसूरत कोई अजान और कोई इबादत नहीं दोस्त...दोस्त तुम्हें क्या लिखूँ दोस्त लिखूँ,हमदम लिखूँ, हमदर्द लिखूँ, गमसार लिखूँ, हमशफर या फिर हमराज लिखूँ...राज
जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नही करते तो वो ईर्ष्या बन जाती है और अगर स्वीकार कर ले तो वो प्रेरणा बन जाती है...
हैपी होली आल ऑफ यु my डिअर frinends...
रात की बेवशी जज्बातो के जरिय...
रात की बेवशी जज्बातो के जरिय...
देख दोस्त क्या हैशियत इस सख्शियत सिर्फ तेरा बिना... एक सेर तो बनता है ना दोस्त केवल तेरे वास्ते...बेसक राज की राधा जुदा है उसके जिंदगी के आँगन से, but जिस आँगन की तुलशी है तू उसके प्रेम की पुजारी सिर्फ राज है न दोस्त...चल छोड़ न दोस्त...आज गाने के तहत बात करते है... एक दूसरे के बारे में...इश्क़ है जिंदगी, जिंदगी प्यार है, मेरे दर्दे दिल की दवा सिर्फ मेरा दिलदार है... टूटे है इश्क़ हम पर कोई गम नही,मेरे ही थे कभी तुम ये भी तो कम नही दोस्त...माना की होगा न तेरे जैसा कोई हसीन इस जंहा में,पर होगा न कोई तेरे लिए मेरे जैसा इस जंहा में दोस्त...मौत के कगार पे हु तो क्या हुआ दोस्त, इस मौत के मददगार तो सिर्फ मेरे प्यार की मंजिल ही है न दोस्त...क्या कहु अब दोस्त तुम्हे इस जिंदगी के अंतिम मोर पे,बस दिल की ये आवाज है बेवफा हो,बेकदर हो,बेरहम हो,बेदर्द हो तुम...इस तस्बीर को देख अनदेखा मत करना दोस्त,क्योंकि जब से तू उजालो की शौक रखने लगी तब से राज को अंधेरे से मोहब्बत हो गई...तू तो आज बेमिसाल है अपनी जिंदिगी मे दोस्त,लेकिन मेरी मिसाल तो देख तेरे बिना कुछ भी नही...किसी की जिंदगी से टाइम पास नही करना चाहिए न दोस्त,क्या पता किसी टाइम पास ही किसी की जिंदगी को पास आउट कर दे...गलती तो सिर्फ तुम्हारी थी दोस्त, पर अलग होने के बाद आज हम दोनों रोते हुए रात गुजार रहे है...ये किसी फिल्म की नगमा नही है दोस्त, ये हकीकत हैं उn दो जवा दिलो की जो जुदा होक भी एक रहते...आगे और कुछ लिखू की रहने दु...बस last one स्पेशल for यु...एक प्यार का नगमा है, मौजो की रवानी है,जिंदगी और कूछ भी नही दोस्त बस तेरी मेरी कहानी है... राज
विद्या और अक्लमंदी
दोस्तो...विद्या और अक्लमंदी को एक मानने की भूल न करें,क्योंकि पहली आपको जीविका अर्जन में मदद करती है और दूसरी जीवन निर्माण में। जिंदगी परिवर्तनों से ही बनी है, किसी भी परिवर्तन से घबराएं नहीं, बल्कि उसे स्वीकार करे! कुछ परिवर्तन आपको सफलता दिलाएंगे, तो कुछ सफलता का गुण सिखाएंगें! अच्छा समय उसी का आता हैं...जो परिवर्तन स्वीकार कर स्वयं के साथ परिवार, समाज, प्रकृति और संसार का अच्छा एवं भला सोचते हैं...अपेक्षा और उपेक्षा ये दोनों ऐसी घातक भावनायें है जो मजबूत से मजबूत सम्बन्धों की भी नींव हिलाकर रख देती है. इससे हमें सतर्क रहना चाहिए।क्रोध ऐसा हुनर है, जिसमें फंसते भी हम हैं,उलझते भी हम हैं, पछताते भी हम हैं और पिछड़ते भी हम हैं। इसलिए क्रोध पर नियन्त्रण आवश्यक है...लम्बा सफ़र तय करना है तो ठोकरों से मुलाक़ात लाज़मी हैं दोस्तो और इसी का नाम ज़िन्दगी है...राज
एक दिल की कसक दूसरे दिल की अक्स तक...
एक दिल की कसक दूसरे दिल की अक्स तक...
तेरे गलियों में रह गुजर जाऊ, तेरे शहरो में रह बसर जाऊ बस इतनी सी थी मेरे दिल की आरजू दोस्त...लक डाउन,कर्फ्यू, या धारा 144 मोहब्बत में इनकी कोई मायने नही दोस्त,तेरी यादों की कशिश और तनहाईया ये सब संविधानिक धाराऐ कँहा मानती हैं ...जिसे सजने और सवरने की दिल दुआ देता रहा,पता नही कैसे उसी ने मुझे बिखरने और उजड़ने की बददुआ दे बैठा दोस्त...हम तो हर पल तुम्हें देखने की ख्वाहिश रखते हैं दोस्त,पर क्या करूँ तेरी दिल की तम्मन्ना और चाहत किसी की थीं...रिश्तों की बुनियाद में जीवन सफ़र चलता रहा,उलझनों का बोझ लेकर भी आलोचनाएं सह गए दोस्त...मतलबी जमाना है नफरतो का कहर है,ये दुनिया दिखती शहद है पर पिलाती ज़हर है दोस्त...प्रेम केवल अनुभूति ही नही बल्कि प्रेम ख़ुश्बू और खुशियों से भरी विभूति भी है दोस्त...पलकों से पानी गिर रहा हो तो उसको गिरने देना दोस्त, क्या पता कोई पुरानी तमन्ना अंदर ही अंदर पिघल रही हो...यही सोचकर छोड़ दी मैंने ज़िद्द मोहब्बत की,अश्क़ तेरे गिरे या मेरे रोएगी तो हमारी मोहब्बत ही न दोस्त...एक हक ही न नही हैं हमरा तुम पे,पर इश्क़ तो बेसुमार तुम्हे राज आज भी करता है दोस्त...क्या बताऊँ तुझे कि ये मोहब्बत कितनी गहरी है,तुम बस इतना समझ लो की इसे समझना तुम्हारे बस की बात नही है दोस्त...तन को स्पर्श करने वाले लाखो मिल जायेंगे,जो मन को स्पर्श कर ले शायद वही पवित्र प्रेम है दोस्त...राज
शुभ रात्रि दोस्तों...
अरमानो की गुलशन के बिखरे बाहरो की परछाईंया...
अरमानो की गुलशन के बिखरे बाहरो की परछाईंया...
शायद अपने अरमानो के भी गुल खिल गए होते दोस्त,पर क्या करू राज जिस गुलशन का गुलज़ार था वो फिजा ही बेवफा निकली...यादो की झिलमिलाती और साथ बीते लम्हो की परछाइया,जब याद आते है न दोस्त तब इंसान तो जिंदा रहता लेकिन जीने लायक नही...हमको जिसकी तलाश है वो आश थी तुम, पर क्या करू दोस्त तुम भी मुझे उदास और निराश कर के छोड़ दिया...तलाशी ले लो निगाहों की मेरी ख़ताओं का पता चला जाएगा दोस्त,बस एक तेरी तस्वीर छुपाई है मैंने उसके सिवा तुम्हें कुछ भी न मिलगा...तुमसे बात करने के लिए मैंने पुख्ता इंतजाम किए हैं दोस्त,ख्वाब,ख्याल और तसव्वुर सब तुम्हारे नाम किए हैं...मुझे शौहरto ने सौ बार नही कई बार इशारे किये दोस्त,पर मैं क्या करता उन हसरतो को लेके जिस में तू शामिल न हो...तेरी चाहत तो मेरी मुकद्दर को बेसक नही मिली दोस्त,पर सच मे एक सुकून जरूर मिलता है तुझे अपना सोच कर...तेरी कश्ती तेरा दरिया तेरा ही मझधार सही दोस्त,तुझसे जीते तो क्या जीते तुझसे जंग तो मेरे लिए हार सही...मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल मेरा तेरे बिना,कभी बात करने की हसरत to कभी देखने की तमन्ना दोस्त...ये बेख्याली ये सूनापन ये बेसबब उदासियाँ,शायद यही हैं उल्फत के राहो पे चलने का अंजाम दोस्त...दोस्त अब खुशी कहा हम तो गम चाहते है, खुदा खुशीयो के आंचल सदा रखे उसे जिसे हरदम चाहते है...दो पल का चैन फिर उम्र भर की बेकरारी है,हमे कहाँ मालुम था तुम्हारी मुहब्बत जानलेवा बीमारी है...दोस्त अगर तुम्हें यकीन नहीं तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास,अगर तुम्हें यकीन हैं तो मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं...डायरी अब कुछ पुरानी सी हो गयी है,मगर उन ग़ज़लों से लिपटी यादें अब भी ताज़ी है दोस्त...प्यार कैसे करते हैं ये राधा-कृष्ण ने सिखाया है,दोनों ने खुद को खोकर एक-दूसरे को पाया है दोस्त...राज
शुभ रात्रि दोस्तो...
बहुत कुछ याद आता है बस तेरी एक याद आने से...
बहुत कुछ याद आता है बस तेरी एक याद आने से...
हम तो खैरियत से है आपने धुंधली सी शहर में दोस्त,तू अपने शहर में अपनी हिफाजत रखना इस क़हरे दौर का...कभी यादे, कभी बाते, कभी पिछली मुलाकाते,बहुत कुछ याद आता है बस तेरी एक याद आने से दोस्त...लोगो की बात करने का तरीके बया कर देते हैं, की रिश्तों में गहराई कितनी है औऱ अपनापन कितना है दोस्त...अच्छे चेहरे की इम्प्रेशन तो बस कुछ टाइम के लिए है न दोस्त, परंतु एक अच्छे सोंच औऱ एक अच्छा मन जीवन भर के लिए रहता है...ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र के साथ दोस्त,बस बचपन की जिद समझवतो में बदल जाती है...समुन्द्र के बीच पहुंच कर फरेब क्या तुमने दोस्त,तुम कहते तो सही हम किनारे पर ही डूब जाते...कँहा मिला कोई इस जिंदिगी में समझने वाला, जो भी मिला वो समझा के चला गया दोस्त...बहुत मुश्किल होता है उस सक्स को भूल पाना, जिससे प्यार भी बेशुमार हो और नफरत भी बेहिसाब हो दोस्त...प्रेम तो सिर्फ प्रेम ही होता है,यदि वो वजह है फिर तो वो पसंद बन जाता है दोस्त...बीते कुछ सालों की लम्हो को जरा संभाल कर रखना ए दोस्त, हम याद तो आएंगे पर अब वापस कभी लौट कर नही आएंगे...अफ़सोस तो है तुम्हरे दिल के बादल जाने का,मगर तुम्हारी कुछ प्यार भरे बोल अकेले जीना सीखा दिया दोस्त...तुम्हारी और हमारी रात बस यही फर्क है दोस्त, तू सो कर गुजरती है और हम रो कर दोस्त...एक फायदा तो था तेरी यादों से गुफ्तगू करने का,कुछ पल बड़ी हसरत से दिल मुस्कुरा लेता दोस्त...तेरी खामोशी जला देती है इस दिल को,बाकी सारे इशारे अच्छे लगते हैं तेरी हर एक तस्वीरों में...भरोसा नही है क्या मुझ पर यार, न जाने कितनों ने ये कहकर धोखा दिया दोस्त...ख्वाहिसे जिंदिगी बस इतनी सी थी दोस्त, की साथ तुम्हरा हो और जिन्दगी कभी खत्म न हो...सारी दुनिया के रुठ जाने का डर नही था मुझे, बस एक तेरी खामोशी मेरा सब कुछ छीन लिया दोस्त...वक़्त बदलने से शायद उतनी तकलीफ नहीं होती, जितना कि किसी अपने के बदल जाने से होती दोस्त...Raj
वेरी गुड नाईट फ्रेंड्स...
हर हुस्न की हया झुकती वँहा जँहा हुनर बेहिसाब हो...
हर हुस्न की हया झुकती वँहा जँहा हुनर बेहिसाब हो...
घर गुलज़ार, सूने शहर, बस्ती बस्ती में कैद हर हस्ती हो गई,आज फिर ज़िन्दगी महँगी और दौलत सस्ती हो गई दोस्त...In really, I am not your Husband and You are not my Wife...But... Relationship is between You and I... Superior to Husband and Wife Friend...तू मेरी वैसी ही जरूरत थी,जैसे दिल्ली के अस्पतालो को aaj ऑक्सीजन की दोस्त...मांग तो लिया था उस खुदा से और छीन भी लेता इस जंहा से,पर अलग होने की जिद तो तुम्हारी थी न दोस्त...दोस्त मेरी हर खुशी का रास्ता तुझसे होकर गुजरता है,अब ये मत पुछना मेरे क्या लगते हो तुम...मंजिल भी तुम, तलाश भी तुम,उम्मीद भी तुम,आस भी तुम,अब जब अहसास ही तुम हो तो कह सकते है न दोस्त की जिंदगी भी तुम ही थे...हर ख़वाब हर ख़याल में हो तुम,मेरी रूह के हर एहसास में हो तुम दोस्त...कौन कहता है मुझसे दूर हो तुम,मैं ज़िस्म हूँ तो मेरी रूह हो तुम दोस्त...छिपा कर रखा है सांसों में कहीं वो जान से प्यारा जज़्बात हो तुम,बयां न किया जो अब तक किसी से दिल का मेरा वो गहरा राज हो तुम दोस्त...कमाल की मोहब्बत थी मुझसे उसको, अचानक ही शुरू हुई और बिना बताये ही ख़त्म भी हो गई दोस्त...फर्क तो अपने-अपने सोच में है दोस्त,वरना दोस्ती और मोहब्बत किसी ग्रंथ से कम नही है...तू जान कर भी न जान सकी वो राज हूँ मै, और सच मे दोस्त कल से बेहतर आज़ हूँ मै...रुतबा तो खामोशियों का होता है अल्फ़ाज़ का क्या दोस्त,वो तो बदल जाते हैं अक्सर हालात को देखकर...मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,जो दावा करते थे वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा दोस्त...लोग कहते हैं कि कुछ बदले - बदले से हो तुम यार,दोस्त अब तू ही बता शाख से टूटे हुए पत्ते क्या अब रंग भी न बदलें...भूल गए हैं कुछ लोग हमे इस तरह दोस्त की, यकीन मानो मुझे यकीन ही नहीं आता...जिसके साथ बात करने से ही ख़ुशी दोगुनी और दुःख आधा हो जाए दोस्त,वो ही अपना है बाकी तो बस दुनियादारी ही है...आखिर कितना चाहना पड़ता है एक शख्स को,कि वो थोड़ा समय हमें भी दे ये शायद तुझसे बेहतर कोई नही जनता दोस्त...कॉमन थिंगस inside everyone दोस्त...हम अपने से बुरा अपनों की सोचते हैं...राज
शिक्षित बनो...संगठित रहो...संघर्ष करो...दुसरो का सम्मान करो...शुभ रात्री दोस्तों...
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ नहीं चलते,
दोस्तो...रिश्ते कभी जिंदगी के साथ नहीं चलते,रिश्ते तो एक बार बनते हैं और फिर जिंदगी रिश्तों के साथ चलने लगती है। अंतर्मन में संघर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ चेहरा यही जीवन का श्रेष्ठ अभिनय है...सबके जीवन में सब कुछ ठीक नहीं होता है। सत्य क्या है और उचित क्या है? ये हम अपनी सोच या अपनी आत्मा की आवाज़ से स्वयं निर्धारित करते हैं! फ़र्क़ सिर्फ इस बात से पड़ता है कि हम अपने कर्मो सामना किस प्रकार कर्मज्ञान के आधार पर करते हैं! कर्मज्ञान है तो ज़िन्दगी हर पल सुखी संतुष्ट है...वरना समस्या तो हर मानव के साथ प्रतिदिन है...प्रत्येक पल को ईश्वर का आशीर्वाद मानकर जीवन को जीना चाहिए। पद पर आकर व्यक्ति अगर अच्छा कार्य करता है तो पद श्रृंगार, उपहार और हार है वरना वह भार है , धिक्कार है और निस्सार है...As Per Some auspicious ग्रन्थ...Like गीता, कुरान, बाईबल, रामायण एंड राम,आल्हा, और God...To Sevice of Public is Service Of God...जो स्नेह हमें दूसरों से मिलता है...वो हमारे व्यवहार का ही एक लाजवाब तोहफ़ा है...परिस्थि की पाठशाला ही इंसान को वास्तविक शिक्षा देती है...राज
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नहीं...
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नहीं...
दोस्त टूट कर चाहना और फिर टूट जाना,बात छोटी है मगर जान निकल जाती हैं…जिन्हें याद कर के मुस्कुरा दे ये आँखें,वो लोग दूर होकर भी दूर नहीं होते दोस्त...तेरी दूरियों में वो दम कहा,जो मेरी चाहत को कम कर दे दोस्त...तरस गई है ये आंखे तुम्हे निहारने को,काश आखिरी बार थोडा और देख लिया होता तुझे दोस्त...तुम को महसूस करना ही तो इश्क़ है,छू के तो मैंने खुदा को भी नहीं देखा दोस्त...एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है,और एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नहीं दोस्त...कुछ नही जानता मैं तुम्हारे बारे में,बस खुबसूरत अदाओं से लगता है तू मेरी जिंदगी की राजधानी थी दोस्त...हिसाब आज तक इसका कोई रख ही नहीं पाया,किसी को पाने की हसरत में क्या क्या खोना पड़ता है दोस्त...बेबसी किसे कहते है कोई हमसे पूछें,तुम्हरा पता होक भी लापता है तू मेरी जिंदगी से दोस्त...मैंने परखा है अक्सर अपनी बदनसीबी को,जिस को अपना कह दूं फिर वो अपना नहीं रहता दोस्त...सुकून मिलता है दो लफ़्ज कागज पर उतार कर ,चीख़ भी लेते हैं हम और आवाज़ भी नहीं होती दोस्त...सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबे मुझे,करीब से कुछ चेहरे पढे और न जाने कितने सबक सीख लिए दोस्त...झूठी मोहब्बत,वफा के वादे,साथ निभाने की कसमें,कितना कुछ करते हैं लोग सिर्फ वक्त गुजारने के लिए दोस्त...कितनी भी कोशिश कर लो दोस्त,समझा नहीं पाओगे उसे जो समझना ही नहीं चाहते...ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हों,तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम क़रीब हों,कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम,की तेरी हर दुआ और हर ख्वाहिश कबूल हो दोस्त...जो गुजारी न जा सके,हम वो जिंदगी गुजार रहे हैं दोस्त...है रूह को भी समझना ज़रूरी,महज़ हाथों को थामना साथ नहीं न होता दोस्त...बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है दोस्त...खुशबू कैसे ना आये मेरी बातों से यार,मैंने बरसों से एक ही फूल से मोहब्बत की है...राज
शुभ रात्रि दोस्तो...
एक उम्मीद है...
दोस्तों एक उम्मीद है जो किसी से संतुष्ट ही नहीं होती और एक संतुष्टि है जो कभी किसी से उम्मीद ही नहीं करती। उत्साह से उत्सव की दूरी सिर्फ संघर्ष ही नाप सकता है। अच्छे के बदले सरल बनने का प्रयास करें क्योंकि अच्छा मात्र आंखों तक पहुँच पाता है...जबकि सरल हृदय तक। जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए जो भी जरूरी है उसे ज़िद और जुनून से हासिल करो।संशय और संकोच से कुछ नहीं मिलता दोस्तो । आपका शांत एवं स्थिर दिमाग आपके जीवन की प्रत्येक लड़ाई का बह्मास्त्र है...अच्छे संस्कार मोल से नहीं,माहौल से मिलते है दोस्तो। सफलता के लिए सिर्फ कल्पना ही नहीं, सार्थक कर्म भी जरूरी है।बीतता वक्त है और खर्च हम हो जाते है...राज