Sunday, July 12, 2020

Fantastic Motivation Line By Raj Sir

Fantastic Motivation Line By Raj Sir


Dosto शक्ति का दूरउपयोग नहीं बल्कि सदा सदउपयोग करना चाहिए नहीं तो इंसान शक्तिहीन हो जाता है...हम ताकतवर बन कर लोगो को गुलाम तो बना सकते है परंतु मेरे दोस्त दुनीया के लोगो के दिलो पे राज नहीं कर सकते...शिक्षा और शिक्षक को साधारण मत लो और नहीं सरल समझो क्योंकि ये वो वस्तुए है जिनके गोद में प्रलय ओर निर्माण दोनों खेलते कूदते रहते है...

We must remove that past moment from our life which vex us again by again... since our improving system will surely provide new opportunity to improve our demerits  by the assist of our ability & capability...

जब कदमो का साथ छूटने लगता है तब हमें हमारे जज्बा और हौसला के सहयोग से कदम को आगे के तरफ खीचना पड़ता है...नजरिया, नियत और नियम बदला जरुरी होता है पर याद रहे अच्छाई के प्रति न की बुराई के लियें...दोस्त

दोस्त इंसान का सबसे बड़ा मार्गदर्शन उसका ज्ञान होता है...क्योंकि ज्ञान के बदवलत ही इंसान जिंदगी में ये सिख पता है...की...जिंदगी जीने के लिए क्या-क्या नहीं करना चाहिए...ये तो सभी जानते है की जिंदगी जीने के लिए क्या-क्या करना चाहिए...दोस्त मजाक और पैसा ओ वस्तुए है जो जितना समय जीवन बनाने में नहीं लेते कही उससे अधिक जल्दी जीवन को नास कर देते है...

गलत और बुजदिल है वो लोग जो अपनी जुबानी अपना कहानी बांया करते  है...दोस्त मजा तो तब आता है जब अपना नाम किसी और व्यक्ति के जुबान से सुनते है...जो लोग मुझे समझते थे वो मै अब नहीं हू...परंतु अब मै जो हूँ वो बहुत कम लोग समझ पाते है...

Do you know my patient friends...? Public has unique & wonderful technique to find out others people defaults but they never try that tactic to examine their own demerits...Therefore... such those humans never success to get any heavy dynamic & dashing achievement in their life...friends... always your best try must be inspect your own mistake...It'll be nice for your further fine future...

एक बात बताऊ यारो बेताबियाँ मजबूर कर देती है मेरे हौसलों और जज्बो को वर्ना मैं कभी नहीं लिखता...दोस्त... हम क्या करते है या कौन सा काम करते है...ये मायने नहीं रखता परंतु हम किसी काम किस तरीके से कर रहे है ये बात बहुत महत्तवपूर्ण होता है...मरने वाले तो एक दिन बिन बताये मर ही जाते है...मगर दुनीया के लोग मरने के बाद भी जिसे याद करे उसे कहते है क़ाबिलियत और सफलता...

Carrier को ठेस पंहुचाओ...कोई बात नहीं मेरे दोस्त परंतु ध्यान रहे  character पे आंच की लूह तक भी नहीं आनी चाहिए...क्यूंकि mountain everest से गिरा हुआ मनुष्य उठ कर चल सकता है...लेकिन नजरो से गिरा हुआ इंसान कभी चलने योग भी नहीं रहता...जो लोग आपसे नजरें नहीं मिलाते है उनसे आप अपनी नजरिया को मत छुपाइये...क्योंकि दोस्त ये वही लोग है जो एक दिन आप को  देखना पसन्द नहीं करते थे...

Technology is just a tool...In terms of getting the kids working together and motivating them...the teacher is the most important...I believe that if you show people the problems and you show them the solutions they will be moved to act...


दोस्त जोस,जज्बा, जाहिर कर... अपनी अंदर की जमीर और जिगर को जागृत कर के ही हम अपनी जिज्ञासा को जगाने में जिमीदार जरिया बन सकते है...मैं ज्यदातर उन्ही सोंचो को सोंचने की प्रयास और प्रयत्न करता हूँ जिसे लोग कहते है नहीं हो सकता है...

जो लोग हिफाजत की ज्यदा बात किया करते है अक्सर वही मनुस्य हमारे जीवन के भक्षक साबित होते है...This is not matter of negative & positive...it is the opposite & curious point & noticeable...

दोस्त सफलता और काबिलयत किसी दर्जी के हाथ से बनाया या बूना हुआ कपडा नहीं है जो किसी शो रूम या शॉपिंग मॉल खरीद पहन लिया जाय...इसे आपने  क्षमता और मेहनत के हुनर से सींचना पड़ता है...

क्या हैं मन और आत्मा...?
जब हम किसी गलत काम को करने के लिए इच्छुक होते है तब हमारे अंदर एक हल्की सी हिचक होती है...इच्छुक हमरा मन जबकि हलकी सी हिचक होता है आत्मा मेरे दोस्त...समझदार के लिए सुचना ही sufficient है...

समस्याये अकास से नहीं टपकती बल्कि उसे आप और हम पैदा करते है...इस धरती पे जितना समस्याओ का भंडार नहीं है उससे लाख गुना अधिक समाधान का पहलु है...पर दोस्त उनके लिए जो किसी वय्क्ति का समस्या के समाधान होते है न की...समाधान का समस्या...

Confidence is the greatest accessory for us...never leave home without it...it may not bring success...but it provide you empowerment power to face challenges...All mistakes are lessons to be learned and challenges to be overcome...and they come in the form of objects,events & public...friends

जो लोग जातीयता की बातो में forward or backward जैसी शब्दों की प्रयोग करते है...वो शायद ये नहीं जानते की जातीयता के प्रति इन शब्दों का उच्चारण करना ही पाप है...इसके प्रति सनेह और समांनजनक जैसी शब्दों को जुबान पे लाना चाहिए...क्यूंकि मेरे दोस्त forward or backward शब्द शिक्षा के सही और गलत उदेश्य को दरसाने के लिए किया जाता है न की किसी धर्म को...अधर्म और धर्म बताने के उदेश्य से...

मै कभी भी उदास और दुखी नहीं होता क्यूंकि मैं किसी के प्रति कभी भी और किसी भी कीमत पे गलत सोंच ही नहीं सकता...यही है मेरे लिए मेरा ख़ुशी...चलते रहने के वास्ते गिरना जरुरी है दोस्त खड़ा होने का तजुर्बा बढ़ते रहता है...दोस्त जब सफलता और काबिलियत आपके कदम चूमने लगाती है तो चाहे word हो या ward आप दोनों भूलने लगते है...ये कहलाता है असली उपलब्धि जीवन का...अभी तो सफर का अगाज है दोस्तों क्यामत से क्यामत तक टकराने का इरादा है मेरा...

Follow this quotations written by the greatest & glorious or qualified & specialized his own wonderful & excellence experience Swami viveka Nand...

उठो जागो और तब तक नहीं रुको जबतक आप अपनी लक्ष्य की प्राप्ति न कर ले...हम वो है जो हमारे सोंच ने बनया जैसा सोंचोगे वैसा होंगे...सबसे बड़ा धर्म अपने आप के प्रति संचा होना और अपने आप के ऊपर विस्वास रखना...अगर समस्याये न आये तो ये तय है की आप अभी भी गलत रास्ते पे है...खुद पे यकीन नहीं तो खुदा पे भी विस्वास मत करना...इन शब्दों को आम तौर से मत लेना क्यूंकि मेरे दोस्त ये वो शब्द है जो हमारे देश को इस नाम के काबिल बनाया...only India is the father of each & every country... so we must follow these stanzas to becoming better life....

If you wanna to know very well about glossary of my knowledge...Then...alize your questions...? my wonderful feedback can display my ability & capability of my qualified & specialized...as per my excellence experience superior to me...

साइना और सानिया, कल्पना और रानी, प्रतिभा और इंद्रा...आप भी बन सकते हो क्यूंकि मेरे दोस्त ये लोग कोई पार्सल नहीं थे...किसी कंपनी की...जो इनको पैक कर और तैयार कर के किसी वय्क्ति के द्वारा किसी इंसान को भेट में मिले थे बल्कि इन्होंने अपने क्षमता और रूचि के आधार पर अपने आप को इस दुनीया के मंच पे रखा था/रखे है...

हांथो के लकीरो को तकदीर समझने वाले शायद ये बात भूल जाते है मेरे दोस्त की तकदीरें उनकी भी खुदा बनता है जिनके हाथ नहीं होते...कर्म ही पूजा है यारो... बाकि सब कहने के लिए पूजनीय है...छोटी 2 बाते ही गंभीर समस्याओ को जन्म देती है...फर्क बस ये होता है हम किस तरीके से लेते है...

अभिमानी थे भीष्मपितामा और अहंकारी थे गुरु द्रोणाचार्य...कैसे...आइए आज मैं बताता हूँ...जब गुरु द्रोणा जी ने एकलबेए से अपनी नाम की उपाधि के वास्ते उसका अंगूठा मागे थे ये उनका अहंकार था जिसके वजह से... जिसको उन्हों ने वेद और शात्र का ज्ञान दिया या बहुत मानते थे...दोस्त वही शिष्य उनके जीवन का अंत किया...ये है अहंकार का अंजाम...अब चलिये भीष्मपितामा के पास...इन्होंने अपने पिता मोह के पक्ष में एक ऐसा सपत ले लिया जो उनको नहीं लेना चाहिये था...हस्तिनापुर के साम्राज्य और जायजाद का विभाजन न करने की सोंच...जिसके वजह से जो पोता उनका सबसे अजीज हुआ करता था...उसने ही उनको अपनी बाण से मुरक्षित किया था...ये है अभिमान का दृस्य...ईमानदारी से बेहतर कोई और दूसरी निति नहीं होती मेरे दोस्त...

Caste is not a physical object like a wall of bricks or a line of barbed wire which prevents the Hindus from co-mingling and which has...therefore, to be pulled down...Caste is a notion...it is a state of the mind...An ideal society should be mobile...should be full of channels for conveying a change taking place in one part to other parts...In an ideal society...there should be many interests consciously communicated and shared...

अपने आप को पढे...आप से बेहतर अभी तक न ही कोई किताब लिखी गई है और न ही कोई लिख सकता है...इस लिए स्वम को समझे...समस्याओ के समाधान के बारे में नहीं सोंचना पड़ेगा...परिवर्तन से घबराना और परिश्रम और प्रयत्न से कतराना कायरता की सबसे बड़ी पहचान होती है...तिनके को सहारे की जरुरत नहीं होती...डर की फिकर नाव को होता...डर आपको तभी डरा सकता है जब गलत हो...परंतु यदि आप सही है तो वो डर आपके डर से है भाग जायेगा...

आप ये जान कर हैरान रह जायँगे...बहुत सूंदर,अति सूंदर और अति उत्तम में जमी आसमा का फर्क है...दोस्त इन जैसे शब्दों को समझने के लीये हर एक इंसान को हर एक वय्क्ति के प्रति अच्छी feelings & imagination रखनी पड़ती है...तब कही जाकर इन सब वस्तुओ का आनंद लेने में हम सफल होते है...दोस्त now & always remember it Best efforts Better thinking....

It's special to those public who suppose themselves they are the best...

WHAT HE SAID LORD KRISHNA, THE TOTAL CONCEPT WE SEEMS IN ALL RELIGIOUU. THAT IS THE GREATNESS OF '"BHAGHAVATGEETA"

इंसान का कोई दुश्मन होता है
तो वो है,उसका मन...जिस इंसान ने मन को वश में कर लिया...वो इंसान महान बनकर...ईश दुनिया मे, अपनी अच्छी छवि से पहचाना जाता है...अर्थात यदि हमें अपने सपने को  जीना है ,तो प्रबल इच्छाशक्ति...दृढ़ निश्चय व निश्छल भाव से  कठिन परिश्रम करना होगा...

अगर लोग जरूरत पर ही
आपको याद करते है तो उन्हें गलत मत समझिये क्योंकि मेरे दोस्त...आप जिन्दगी की वो किरण हैं जो उन्हें सिर्फ अन्धेरों में ही दिखाई देती है....कड़वी बाते जो लोग आपसे आपके प्रति करते है तो बुरा मत मानना बल्कि उनको आदर और सम्मान पूर्वक इज्जत देना...क्यंकि मेरे दोस्त ये वो बाते होती है जो आप से नहीं हो सकता उसे आपसे करवा के दिखती है...

एक अच्छा शिक्षक वही होता है जिसके अंदर के एक छात्र होने का छबि कभी नहीं मरता हो...जितना मन से पवित्र रहोगे उतना ही भगवान के करीब रहोगे और भगवान की कृपा तुम्हारे करीब...क्यूंकि मेरे दोस्त सदैव भगवान का वास् पवित्रता में ही होता है

Efforts & courage are not enough without propose & direction...study not what the world is doing but what you can do for it...Honesty is extremely expensive gift don't share together cheap public...Friends...nature is one of our the greatest teachers... Always your best try to learn from our beautiful & melodious nature...

काबिल बनने की जनून और जज्बा हो तो मुश्किलो और काँटों की क्या अवकात जो रस्ते में आये...वो आपके हौसलों और आत्मविस्वास को देखते ही भग जाते है...अगर आपको किसी के ऊपर उपकार करने का मौका मिले तो खुदगर्ज मत बनना मेरे दोस्त बहुत खुशनसीब होते है वो लोग जो किसी चहरे को मुस्कान दे पाते है

आपके वज़ूद से वाकिफ होने के वावजूद आपके अपने आपको नजर अंदाज करे तो मत घबराना...क्यूंकि मेरे दोस्त नराजगी से बेहतर होता है नजरअन्दाजगी...जबरदस्ती हस्ती बनाने वाले भूल जाते है की जबरदस्ती का काम ज्यदा दिन तक नहीं टिकता है/चलता है

दोस्त भूख और प्यास तो रिस्तो को भी लगता है पर अफ़सोस की हम लोग उसके थाली में...भूख की जगह प्यार और प्यास की जगह विस्वास नहीं परोसते...रिश्ते जुबान को नहीं बल्कि उस स्नेह का नाम है जो उमीद के दामन से एक अटूट और पवित्र बंधन बनता हो...


संयोग और साथ संयोग से बनते और बिगड़ते है...यदि ऐसा नहीं होता तो...उचित और उत्तम,सही या गलत,अपना और गैर की पहचान अच्छी तरीके से नहीं हो पाता...इस लिए दोस्त हर चिझो का वजह संयोग और साथ को न बनाये...

बिगड़ते हलात से न घबराये क्यूंकि हलात की मार के चोट से जो सिख मिलती है वो किसी किताब में नहीं लिखी होती...चाँद की सीतलता से बदतर होता है सूर्य का ऊष्मा बेसक बेहतर है सूर्य इस दुनिया को उजाला देने में...

We have the power. Action is the thing that makes a huge difference in the world...don't waste your affection to a worng one who's not responding but don't miss your affection to the right one who respects for it...your worng over thinking  to others may effect your happiness & healthiness...

दोस्त खोवाइसो को फरमाइस नहीं बल्कि अजमाइस पसंद होता है...आदेश देना से अच्छा ही की आप उस काम को स्वयं करे...क्यूंकि अंजाम का मुकाम आपको चाहिए किसी और को नहीं...

चलिये आज हम जानते है भगवान... इंसान की भावना और मन को कैसे परखता है...

एक वय्क्ति था वो भगवान प्रति अती आदर्स, आदरणीय और पूजनीय था । एक दिन भगवान उसके पूजा और आरती को देख बहुत प्रसन और आकर्षीत हुये और  ऋषिमुनि के भेस में उसके सामने प्रकट हुये...बोले...बोलो सेवक तुम्हे क्या चाहिए या तुम्हारी इक्षा क्या है...वय्क्ति खुश होते हुए कहा हे प्रभु मेरा पूरा घर हिरे और मोती, सोना और चाँदी से परीपूर्ण कर दे...भगवान ने आशीर्वाद दिया पूर्ण होगा सेवक...और चल दिए...फिर दूसरे दिन भगवान ने भिखारी के रूप में उसके घर आये...और उस वय्क्ति से कहा...मुझे कुछ खाने और पिने के दे दो...उस वय्क्ति ने उत्तर में ये कहा...घर में फूटी भांग धतूर तक नहीं है तो आपको कँहा से खिलाऊ और पिलाऊँ...इसके समक्ष भगवान ने उत्तर दिया...जो तुम कह रहे हो वो संच हो और इतना कह कर चले गए...ओ आदमी जब घर में आया तो पाया की सारा जगह भांग और धतूरा ही था...इस लिए मेरे दोस्त हिन् भावना और पापी मन कभी भी सकून और सुख भरी जिंदगी नहीं जी सकता...

If you might not be positive then at least be quite...whatever you decide to do make sure...will it make you happy...? Experience is the name everyone gives to their mistakes...friends everyone wannas to change the world but no one thinks of changing himself...

जो आपको तकलीफ में पड़े देखकर रो पड़े...उस से ज्यादा आपके लिए Perfect कोई और नही हो सकता...शिक्षित और ज्ञानी ही जीवन का आनंद लेते है...ज़्यादा समझदार व्यक्ति को हमेशा उलझे हुऐ ही देखा है मैंने...सफलता 1 दिन में नही मिलती मगर...ठान लो तो 1 न 1 दिन जरूर मिलती है...


जी भर के चाहने वालों का भी एक दिन जी भर जाता है मेरे दोस्त...ज़माना कुछ भी कहे,उसका एहतेराम/एतवार कभी मत करना...जिसे ज़मीर ना माने,वैसे जमीर को कभी सलाम भी मत करना...आपलोगों का हर सपना पूरा हो जिसे आप सभी दिल से चाहते हैं...यही है मेरे दिल तमन्ना और खोइस...

जो जीता वो सिकंदर और जो हार गया वो बंदर नहीं मेरे दोस्त जो हार कर जीतता है उसे बाजीगर कहते है...हारना विफलता नही है हार कर कोशिस न करना सबसे बड़ी असफलता है...हासिल और उपलब्धि के लिए प्रयास और अभयास अति आवश्यक है

स्वस्थ रहने के वास्ते व्यस्त होना जरुरी है और व्यस्त वय्क्ति हमेसा मस्त रहता है...वक्त कहता है मैं फिर न आऊंगा...मुझे खुद नहीं पता तुझे हसाऊंगा या रुलाऊंगा...जीना है तो इस पल को जी ले, क्योंकि मै किसी भी हाल में इस पल को, अगले पल तक रोक न पाऊंगा...इस लिए मेरे दोस्त जो पल जसके साथ भी मिले उसे हंसी खुसी बिताना चाहिए क्या पता  कल हो न हो...ये सुनहरे पल...

The aim of life is no more to control the mind... but to develop it harmoniously...not to achieve salvation here after...but to make the best use of it here below...and not to realise truth... beauty and good only in contemplation...but also in the actual experience of daily life... social progress depends not upon the ennoblement of the few but on the enrichment of democracy...universal brotherhood can be achieved only when there is an equality of opportunity - of opportunity in the social... political and individual life...It is easy to kill individuals but you cannot kill the ideas...I am a man and all that affects mankind concerns me...

लालसा और श्रद्धा बहुत काम लोगो में पाये जाने वाली बीमारी है इसके लिए खुद डॉक्टर बनना पड़ता है...दो‬ हाथ से हम पचास लोगोंको भी नहीं ‎मार‬ सकते है परन्तु दो हाथ‬ जोङ कर हम करोङो‬ लोगों का दिल‬ जीत सकते है या दिलो पे राज कर सकते है...ये है सहनशीलता का क्षमता और साहस मेरे दोस्त...

Life is not easy...accept it... no matter how hard you work...there will surely be a time when everything will not be in your mind... Everything will not be in your control...You fall...but you have to stand again...Education is not the best school...life is the best school...Why not read as many books as you can...in academic life...it will never fully teach you to face the real challenge of real life...Be prepared to learn from your own life..friends

घमंड और गरूर से कभी भी कुछ नहीं सीखा जा सकता है...और हम मरते दम तक सीखते रहते है...दोस्त आज मै इसे भी आपको एक छोटी सी पराग्राफ के तहत दर्शता हूँ...

जब श्रीराम जी ने रावण का वध किया उसके तत पश्चात लक्षमण से कहा...भाई लक्षमण जाओ रावण से कुछ ज्ञान ले लो क्यूंकि वो एक महा ज्ञानी पंडित है...लक्षमण रावण के तरफ गए और उसके सर के समीप बैठ गए और कोई प्रश्न किया पर रवण ने उनसे बात तक नहीं की...ठीक उसी समय श्रीराम की नजर लक्षमण के तरफ आकर्षीत हुआ...श्रीराम जी ने कहा लक्षमण विद्या झुक कर ली जाती न की अकड़ के दम पे...श्रीराम की बाते लक्षमण को अच्छी तरह समझ में आगई....फिर लक्षमण दुबारा रावण के पास गए और उसके पैर की ओर जाकर बैठ गए ...तब लक्षमण के प्रश्न न करने के वजूद भी रवण उनसे दो शब्द कहा...की लक्ष्मण घमंड और गरूर कभी भी नहीं रखना चाहिए ये बाते आज मुझे समझ में आ गई है...और सिखाने और सिखाने की प्रक्रिया कभी भी खत्म नहीं होती है...ये बाते भी मुझे आज दम तोड़ने के वक्त समझ में आ गई...कुछ तो समझो यारो यूँही कोई बात नहीं कही जाती...यंहा दो बाते प्रतीत होती है एक तो लक्षमण का अभिमानी तरीका ज्ञान प्राप्त करने की और दूसरा रावण से की ज्ञान की कोई अवधि नहीं होती है...

कटा हूँ,बंटा हूँ, जला हूँ, कतरा कतरा गला हूँ मैं...तब कही जाकर किसी आकर के ढांचे में ढ़ला मैं...शब्द मेरी पहचान बने तो बेहतर है...चेहरे का क्या है वो तो मेरे साथ ही चला जाएगा एक दिन..."मन" सभी के पास होता है...मगर "मनोबल" किसी किसी के पास पाया जाता है मेरे दोस्त...हुनर तो सब के अंदर होता है मेरे दोस्त बस फर्क ऐ होता है की...किसी की छप जाती है तो किसी कसी की छिप जाती है...छिपता उनका है जो गिर कर उठने की कोशिस नहीं करते...और छपता उन लोगो का है जो गिर गिर के भी चलने की तजुर्बा सीखते है...

Before you start some work...always ask yourself three questions... Why am I doing it... What the results might be and Will I be successful...Only when you think deeply and find satisfactory answers to these questions...go ahead...Once you start working on something... don't be afraid of failure and don't abandon it... People who work sincerely are the happiest...Education is the best friend...An educated person is respected everywhere...Education beats the beauty and the youth...

जिंदगी हमें हर दिन कोई न कोई सबक सिखाती है...इसलिए नहीं कि हम उस सबक को पढ़ें…बल्कि इसलिए ताकि हम उस सबक से कुछ सीखें...शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है...चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे या सपनो का...ज़िंदगी बड़ी अजीब होती है कभी हार कभी जीत होती है...तमन्ना रखो समंदर की गहराई छूने की...किनारों पे तो बस ज़िंदगी की शुरुआत होती है मेरे दोस्त...

friends people always try to defeat to others person that's why public is never success in their life to get a heavy position of any constant post...this is not an important matter where were u but it's extremely essential thing right now where r u...

जीवन मे पैसा नही व्यवहार कमाओ साहेब...क्योकी श्मशान मे 4 करोड नही 4 लोग छोडने आएगे...कूछ नही मिलता...दुनिया मे मेहनत के बगैर...मेरा अपना साया भी मुझे धूप मे आने के बाद मिला...वहम था कि सारा बाग अपना है...तूफां के बाद पता चला...सूखे पत्तों पर भी हक हवाओं का था...आईना कब किसको...सच बता पाया है... जब देखा दायाँ तो...बायाँ ही नजर आया है...

भुलिये अपनी बडाई को और दूसरों की बुराई को...रखिये याद कर्ज के चुकाने की...मर्ज के मिटाने की...करिये आयें का मान...जाते का सम्मान...उठाइये सोते हुए को नहीं...गिरे हुयें को... जाईये दुःख में पहले...सुख में पीछे...

The biggest guru-mantra is...never share your secrets with anybody...It will destroy you...We should not fret for what is past...nor should we be anxious about the future...men of discernment deal only with the present moment...There is some self-interest behind every friendship...There is no friendship without self-interests...This is a bitter truth...The world’s biggest power is the youth and beauty of a woman...It is better to die than to preserve this life by incurring disgrace... The loss of life causes but a moment’s grief... but disgrace brings grief every day of one’s life...The one excellent thing that can be learned from a lion is that whatever a man intends doing should be done by him with a whole-hearted and strenuous effort...

फर्क बहुत है तेरी और मेरी तालीम में...तूने उस्तादों से सीखा है और मैंने हालातों से...ये जीवन है...साहेब...उलझेंगे नहीं...तो सुलझेंगे कैसे...और बिखरेंगे नहीं...तो निखरेंगे कैसे...कोई भी मनुष्य किस बात को...किस प्रकार से समझता है...यह उसकी मानसिकता तय करती है...कोई दूसरों की थाली में से भी...छीन कर खाने में अपनी शान समझता है...तो कोई अपनी थाली में से दूसरों को...हर निवाले को खिला कर संतुष्ट होता है...सारा खेल संस्कारों...समझ और मानसिकता का है...लेकिन एक बात तो तयशुदा है कि छीन कर...खाने वालों का कभी पेट नहीं भरता...और बाँट कर खाने वाले...कभी भी भूखे नहीं रहते...विधाता की आदालत की वकालत बड़ी न्यारी है...धैर्य रख...खामोश रह...कर्म कर...मुकदमा अभी जारी है...फरिश्ता बनने की चाह नही है मुझमें ....मेरे दाता...बस तू एक मुकम्मल इंसान बना दे...आजकल के हर आशिक की अब तो यही कहानी है...मजनू चाहता है लैला को...लैला किसी और की दीवानी है...

Dear friends never try to defeat to others just try to win them...you will not be only senior to others but also superior to them... Be opposite now & always to other public...

When meditation is mastered...the mind is unwavering like the flame of a lamp in a windless place...The meaning of duty is in the intention...The intention behind action is what matters...Those who are motivated only by desire for the fruits of action are miserable friends...for they are constantly anxious about the results of what they do...Delusion arises from anger friends...The mind is bewildered by delusion... Reasoning is destroyed when the mind is bewildered friends...One falls down when reasoning is destroyed...

इंसान इंसानियत भरी जिंदगी जे ले इससे बड़ा कोई और दूसरा उपलब्धि नहीं होता है मेरे दोस्त...स्वामी कहलाने से पहले सेवक बनना पड़ता है...वो लोग आपको जो समझते है दरअसल वो आप उनके नजरो में नहीं होते क्यूंकि मेरे दोस्त जो दिखता वो होता नहीं और जो होता है वो कभी दीखता नहीं...

दोस्तो पिता के नाम पे पहचान बनाने वाले ये भूल जाते है की पिता के नाम पे वेशियत चलता है  हैसियत कभी नहीं...अपने नाम से कुछ करने की सोंच ही इंसान का नाम इतिहास के पन्नों में अपना जगह बना पाता हैं...

दोस्तों... मैं आज आपको मन और आत्मा का परिभासा क्या है यह भी परिभाषित करता हूँ...let's move on the point...

हमारे सोंच का भूमिका इसमें बहुत निर्णायक होती है...दोस्त हमें उस काम को अति सीघ्र नहीं करनी चाहिए जो मन कहे परंतु उस कार्य को थोड़ी विलम ही सही पर उसे अवश्य करनी चाहिए जिसे हमारा आत्मा कहे...क्यूंकि मेरे अजीज दोस्तों... पार्थ कहते हुए श्री कृष्ण ने महाभारत के कुरुक्षेत्र में ये उपदेश दिया था जिसे गीता के उपदेश के नाम से जाना जाता है...दोस्तों सौ का सीधा हिसाब यह है की कलयुग है मन और इसका भाई शतयुग ही है आत्मा...

घटनाये घटित तो होगी ही पर क्या हम और आप कभी notice करते है कौन करता है इसे ...दोस्त हम और आप ही मिल कर...विधाता का तो विधि है दोस्त... इस दुनीया में सजीव हो या निर्जीव,अरबपति हो या अरबो का...एक न एक दिन उसे नस्ट होना ही है क्यूंकि मेरे दस्तो हर वो वस्तु मिट्टी में मिलेगी जो मिट्टी से निर्मित है...

Friends...Being positive is like a new mantra...which is important to be happy... Its important that you have only positive thoughts...because friends negative thoughts lead to negative events...Its true that we don 't always experience something good...but its better not to lose hope and have patience in god's plan...Whether however the bad situations you face in life...friends remember there could always be worse... So be strong and always keep smiling...When we force smile it brings out happy emotions automatically...And also as you smile while you meet others...you spread more happy emotions...So keep smiling...you will always be happy friends...Make peace with your past and keep it where it is...you don't need to take it along in your present...Live your moment...don't let the past ruin it...friends Focus on what you are doing and only think about that task and nothing else...

वशिस्ठ वय्क्ति का व्यक्तितव् उसके व्यवहार से ही बांया हो जाता है दोस्तो...झुकने की आदत डालो कोशिशे होती चली जायेगी...दोस्तों आज मैं बात करूँगा हिन् भावना और घृणा करने वाले वय्क्ति के बारे में और जानगे की हमें इससे लाभ है या हानि...चलिये आगे चलते हैं...

दोस्तों जब मानव अपना मानवता खो देता है तब पैदा होती हैं घृणा और हिन् भावना जैसी बीमारी...जिसका भोगी खुद इंसान को ही भुगतना पड़ता है...हम इंसान उन सारी समस्याओ से छुट-करा पा सकते है...जैसे आर्थिक,सामाजिक,पारिवारिक,व्यपारीक...मगर मेरे दोस्त शारीरिक समस्याए नहीं टाली जाती वो स्वयम् ही झेलना पड़ता है...जिसका कारण होता है इंसान का केवल हिन् भावना और घृणा...इस लिए की मेरे दोस्त ये बात राम ने अपने छोटे भर्ता लक्ष्मण से कहा था सबरी के घर बेर खाते समय...अगर आप बदलना चाहते है तो सबसे पहले अपनी सोंच और नजरिया को बदलिए आपको बदलने की जरुरत नहीं पड़ेगी...

Don't try to be like me...since i hate from it...i keep best wish for all who those having the greatest graceful for one other, your glorious choice must be to be superior to me...

वो लोग गुनहगार होते जिनके पैर काँटों पे पड़ते हैं...कांटे बेकसूर होते हैं दोस्त खता हम करते है वो  तो बेचारा अपनी जगह पे था चल कर तो हम खुद गए थे...This is my best for my wish...क्षमता और रूचि की limitation आपके सोंच पे भी निर्भर करता है...चुकी मेरे दोस्त सोंच की कोई अवधि नहीं होती...हम जो सोंचगे वो हो ना हो  हो भी जाए...नहीं हुआ तो कोई बात नहीं...करने का तजुर्बा जो मिला...

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