Tute Dil Ki Tamnna By Raj Sir
प्रेम यक़ीन दिलाने का मोहताज नहीं होता,एक दिल धड़कता है तो दुजा समझता है मेरे दोस्त...गिरते हुऐ अश्क की कीमत न पूछ यार...इश्क़ के हर बूंद में लाखों सवाल छुपे होते हैं...हमें अपने हबीब से यही एक शिकायत है...ज़िंदगी में तो आए नहीं...लेकिन हमें सपनों में सताते रहने का उनका हुनर बहुत अजीज है मेरे लिए ...कैसे भुला दूँ मैं उनको...मौत इंसानो को आती है दोस्त यादों को कभी नहीं...मेरे इन आँखों से आंसू न निकले पर ये मेरा दिल तेरे लिए आज तक रोता है...इस दुनीया के लोगो का दिल मिल कर भी उतना प्यार नहीं कर सकते जितना की मेरा अकेला दिल तुमसे करता है...लाजबाब लोगो से दोस्ती करने की खोवाइस् नहीं रखा इस राज ने...पर हाँ जिससे दोस्ती मेरी होती है या है उन्हें खास बनाने की चाहत जरूर रखता हूँ...रिश्ते बिगड़ने के केवल एक ही मुख़्य कारण की हम अपनों के सामने झुकना पसंद नहीं करते,और जो गिरना सिख लिया रिस्तो के आगे उसका कोई भी रिश्ता बिगड़ने का नाम ही लेता...इत्तफाक से तो नही हम दोनो टकराये,कुछ तो साजिश खुदा की भी होगी Dost...दिल के सच्चे लोग कुछ एहसास लिखते है,मामूली शब्द ही सही पर कुछ खास और लाजबाब लिखते है ...दोस्त बेसक वफ़ा की रहो में धोखा खाया है इस Raj ने...लेकिन आज तक किसी के साथ बेवफाई नहीं किया...मेरे अकेलेपन को मेरा शौख ना समझो यारो...बड़े ही प्यार से तोहफा दिया है किसी चाहनेवाले ने...हद से ज्यदा भी प्यार मत करना...क्या खबर किस मोड़ पे रुक जाय... साँस का एतबार मत करना...कही आईने की नजर न लग जाय...उस कदर से सिंगार मत करना...तीर तेरी तरफ ही आएगा...तू हवा में शिकार मत करना...जिस समुन्दर में डरने का भय हो उस समुन्दर में कभी डूब कर पार मत करना...वक्त कभी नहीं थम सकता है आपका...समय का कभी भी इंतिजार मत करना...उमीद,अनुमान और विस्वास के दिन रात बदलते है..यकिनो का मौसम कभी बदला नहीं करते...दोस्त प्यार कर के पति पत्नी बनाने से बेहतर है की पति पत्नी बनकर प्यार किया जाय...जँहा जिस्म को संतुष्टी मिलता है वही रूह अपना सकुन को खो देता है...इसलये संतुष्टी को नहीं बल्कि सकून को पाने की चाहत रखो दोस्त...उमीद और अरमान कभी भी कीसी का नहीं तोडना चाहिए क्योंकि यही वो बंधन है जब टूटता है तो इंसान को विस्वासघाती साबित कर देता है...
प्रेम यक़ीन दिलाने का मोहताज नहीं होता,एक दिल धड़कता है तो दुजा समझता है मेरे दोस्त...गिरते हुऐ अश्क की कीमत न पूछ यार...इश्क़ के हर बूंद में लाखों सवाल छुपे होते हैं...हमें अपने हबीब से यही एक शिकायत है...ज़िंदगी में तो आए नहीं...लेकिन हमें सपनों में सताते रहने का उनका हुनर बहुत अजीज है मेरे लिए ...कैसे भुला दूँ मैं उनको...मौत इंसानो को आती है दोस्त यादों को कभी नहीं...मेरे इन आँखों से आंसू न निकले पर ये मेरा दिल तेरे लिए आज तक रोता है...इस दुनीया के लोगो का दिल मिल कर भी उतना प्यार नहीं कर सकते जितना की मेरा अकेला दिल तुमसे करता है...लाजबाब लोगो से दोस्ती करने की खोवाइस् नहीं रखा इस राज ने...पर हाँ जिससे दोस्ती मेरी होती है या है उन्हें खास बनाने की चाहत जरूर रखता हूँ...रिश्ते बिगड़ने के केवल एक ही मुख़्य कारण की हम अपनों के सामने झुकना पसंद नहीं करते,और जो गिरना सिख लिया रिस्तो के आगे उसका कोई भी रिश्ता बिगड़ने का नाम ही लेता...इत्तफाक से तो नही हम दोनो टकराये,कुछ तो साजिश खुदा की भी होगी Dost...दिल के सच्चे लोग कुछ एहसास लिखते है,मामूली शब्द ही सही पर कुछ खास और लाजबाब लिखते है ...दोस्त बेसक वफ़ा की रहो में धोखा खाया है इस Raj ने...लेकिन आज तक किसी के साथ बेवफाई नहीं किया...मेरे अकेलेपन को मेरा शौख ना समझो यारो...बड़े ही प्यार से तोहफा दिया है किसी चाहनेवाले ने...हद से ज्यदा भी प्यार मत करना...क्या खबर किस मोड़ पे रुक जाय... साँस का एतबार मत करना...कही आईने की नजर न लग जाय...उस कदर से सिंगार मत करना...तीर तेरी तरफ ही आएगा...तू हवा में शिकार मत करना...जिस समुन्दर में डरने का भय हो उस समुन्दर में कभी डूब कर पार मत करना...वक्त कभी नहीं थम सकता है आपका...समय का कभी भी इंतिजार मत करना...उमीद,अनुमान और विस्वास के दिन रात बदलते है..यकिनो का मौसम कभी बदला नहीं करते...दोस्त प्यार कर के पति पत्नी बनाने से बेहतर है की पति पत्नी बनकर प्यार किया जाय...जँहा जिस्म को संतुष्टी मिलता है वही रूह अपना सकुन को खो देता है...इसलये संतुष्टी को नहीं बल्कि सकून को पाने की चाहत रखो दोस्त...उमीद और अरमान कभी भी कीसी का नहीं तोडना चाहिए क्योंकि यही वो बंधन है जब टूटता है तो इंसान को विस्वासघाती साबित कर देता है...
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