Monday, June 9, 2025

इतिहास गवाह है...

 ▪इतिहास गवाह है कि कपड़े धोते वक्त 

पति की जेब से मिले पैसे बीवियों ने 

आज तक वापस नहीं किए |


▪इतिहास गवाह है कि आदमी नहाने के बाद 

बाल्टी में उतना ही पानी छोड़ता है 

जितने से उसकी चड्डी धुल सके |


▪इतिहास गवाह है कि गुटखा खाते वक्त 

किसी से बातचीत करते हुए जब-जब भी 

आदमी ने गुटखा बीच में ही थूका है 

तब-तब उसने बहुत ज्ञान की बात बताई है |


 ▪इतिहास गवाह है कि प्राइवेट जॉब से छुट्टी लेकर आदमी का ब्याह-शादी मे पहुंचना उतना ही 

मुश्किल रहा है जितना कि 

पुरानी फिल्मों में गवाह का कोर्ट में पहुंचना | 


▪इतिहास गवाह है कि हर गांव में एक दो 

बुड्ढे ऐसे होते हैं 

जिनसे भूत ने कभी बीड़ी मांगी होती है |


▪इतिहास गवाह है कि सब्जी खरीदने के बाद 

जो भी पैसे बच जाते हैं, 

वही बेरोजगारों की आय का मुख्य स्त्रोत है |


▪इतिहास गवाह है कि अलार्म बजने से 

परिवार के सारे लोग उठ जाते हैं 

सिवाय उसके,जिसने अलार्म लगाया हो | 


▪इतिहास गवाह है कि महिलाओं ने 

मोलभाव करते समय दुकानदार को 

हमेशा पिछली दुकान का हवाला दिया है |


▪इतिहास गवाह है कि अगर कोई पटरी पर 

ये देखने गया है कि ट्रेन आ रही है 

या नहीं, तो वह बिना थूके वापस नहीं आया है |


▪इतिहास गवाह है कि लड़कियों को अपनी 

मंजिल पर पहुंचने से कोई नहीं रोक पाया है, 

सिवाय रास्ते में खड़े गोलगप्पे वाले के |


▪इतिहास गवाह है कि रोटी के बाद सबसे ज्यादा 

खाई जाने वाली चीज 'कसम' है, 

'गुटखा' अभी भी तीसरे नंबर पर है |


▪इतिहास गवाह है कि शादी के बाद लड़के का 

हमेशा पहला फर्ज रहा है

टेंट वाले के सारे बर्तन पूरे करना | 


▪इतिहास गवाह है कि सर्दियों में ऐसी कोई 

रात नहीं रही है जब रजाई में 

घुसने के बाद सु-सु न आई हो | 


▪इतिहास गवाह है कि संस्कृत दसवीं कक्षा के 

बाद सीधी 'फेरों' पर ही सुनने को मिली है |


▪इतिहास गवाह है कि 49 या 99 का रिचार्ज 

करवाने पर दुकान वाले ने बचा हुआ 

एक रुपया वापस ना देकर हमेशा 

उसकी टॉफी ही खिलाई है |


▪इतिहास गवाह है कि आम खाने के बाद 

इंसान ने गुठली पर उतना ही आम छोड़ा है 

जितनी ट्यूब में कॉलगेट |


 ▪इतिहास गवाह है कि भारत में शुरू से ही 

अच्छे बॉलर नहीं रहे क्योंकि बैटिंग करने के बाद 

साला हमेशा से ही घर भागने की परंपरा रही है |


 ▪इतिहास गवाह है कि होटल में रुका हुआ 

आदमी कमरे के परदे और तौलिए से 

जूते पोंछे बगैर वहां से नहीं गया है...!!


आपको जानकारी कैसी लगी??

पिताजी के वो डायलॉग्स...

 पिताजी के वो  डायलॉग्स... 

जो बचपन में सिर्फ "शब्द" लगे थे, 

पर आज "सबक" बन गए हैं! 


1. "पढ़ाई पर ध्यान दो, बाकी सब बाद में!"


2. "मैं जो कर रहा हूं, सब तुम्हारे लिए कर रहा हूं।"


3. "खुद के पैरों पर खड़ा होना सीख।"


4. "मेरे जैसे मत बन, मुझसे अच्छा बन।"


5. "बड़ा आदमी बन, लेकिन अच्छा इंसान पहले बन।"


6. "नाम रोशन करना, बस यही सपना है मेरा।"


7. "तेरी उम्र में मैं जिम्मेदारियां उठाता था।"


8. "खर्च सोच-समझकर करना, पैसे पेड़ पर नहीं उगते।"


9. "मां को कभी दुख मत देना, नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"


10. "बचपन जल्दी निकल जाएगा, सम्हल जा।"


11. "कमाना आसान है, इज्जत कमाना मुश्किल।"


12. "अपने फैसले खुद ले, लेकिन सोच समझकर।"


13. "दोस्ती सोच समझकर करना, सब तेरे जैसे नहीं होते।"


14. "हर वक्त तेरे पीछे नहीं रहूंगा, खुद लड़ना सीख।"


15. "जो भी कर, मेरा सिर ऊँचा होना चाहिए!"


16. "मुझे कुछ नहीं चाहिए बेटा, तू खुश रहे बस।"


17. "जो सीख रहा है, ज़िंदगी में काम आएगा।"


18. "ज़िंदगी में गिरा भी तो उठना सीख।"


19. "तेरे लिए ही तो सब कुछ कर रहा हूं बेटा।"


20. "जिस दिन खुद के लिए खड़ा होगा, उसी दिन मेरा सपना पूरा होगा।"


21. "तू बस मेहनत कर, किस्मत मैं संभाल लूंगा।"


22. "कभी भी झूठ मत बोलना, चाहे हालात कैसे भी हों।"


23. "तू मेरा बेटा है, खुद पर भरोसा रख।"


24. "बेटा कितना भी बड़ा हो जाए, बाप हमेशा बाप ही रहेगा।"


25. "जब मैं नहीं रहूंगा, तब समझेगा कि मैं क्या था।"


🥹 आज जब ये शब्द याद आते हैं, तो लगता है…

तब समझ नहीं आता था, पर आज ये हर वाक्य ज़िंदगी की नींव जैसा लगता है।

अगर आपके पिताजी ने भी कभी इनमें से कुछ कहा हो…

तो दिल से एक ❤️ ज़रूर भेजना...