जिंदगी किसी के लिए वफादार नहीं होती...
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं,जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए दोस्त...मौका मिलने पर पलट देती है बाज़ी,जिंदगी किसी के लिए वफादार नहीं होती दोस्त...मैंने खुद को भी पढ़ कर देखा है,सिवाए मोहब्बत के कोई गुनाह न था दोस्त...कई ख्वाइशों को मारा है मैंने,मैं भी किसी कातिल से कम नही दोस्त...ज्यादा भी हुआ तो कम समझेंगे,हमदर्द का दर्द हैं दोस्त सिर्फ़ हम और तुम समझेंगे...जिसे सोच कर उठना और सोचते हुए सो जाना,पता नहीं कैसे वही बेवफा हो जाते है दोस्त...टूट जायेगी तुम्हारी जिद्द की आदत भी उस दिन,जब तुम्हे पता चलेगा कि तुम्हे याद करने वाला अब याद बन गया दोस्त...बहुत मिलेंगे तुम्हें तमीज और तहजीब वाले,पर याद आएंगी तुम्हें बदतमीज़ियां मेरी दोस्त...खूबसूरत होना उतना ज़रुरी नहीं है,पर जरूरी होना किसी एक लिए बहुत खूबसूरत है दोस्त...अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है,सवाल भी खुद के होते है और जवाब भी दोस्त...नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं,कसूर तो उस चेहरे का है जो सकून सोने नहीं देता दोस्त...तेरा नाम है या डाँकटर की दवा,जब भी लेता है बहुत शुकुन मिलता है दिल को दोस्त...खुदा ने सबको खूबसूरत बनाया हैं,किसी को अच्छी सूरत देकर किसी को अच्छा दिल देकर दोस्त...किस्मत तो लिखी थी मेरी सोने की कलम से,पर इसका क्या करें ज़ब स्याही में ही ज़हर था दोस्त...मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं दोस्त,इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखा है मैने...औक़ात नही थी जमाने में जो मेरी कीमत लगा सके,कबख़्त इश्क में क्या गिरे मुफ़्त में नीलाम हो गए दोस्त...कितनी अजीब बात है ना दोस्त मिटटी से बना इंसान,डस्ट एलर्जी का शिकार है आज के डेट मे...सबक जिंदगी ने सिखाया मुझे,हर अपने ने रुलाया है मुझे,कोई अपना अपना नहीं होता, ऐ भी किसी अपने ने सिखाया है मुझे दोस्त...दुआ का रंग नहीं होता,मगर ये रंग ले आती है दोस्त...राज
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