राज्य एवं गणतन्त्र
संस्कृत से; गण -;जनता, राज्य; रियासत/देश । गणराज्य एक ऐसा देश होता है जहां के शासनतन्त्र में सैद्धान्तिक रूप से देश का सर्वोच्च पद पर आम जनता में से कोई भी व्यक्ति पदासीन हो सकता है। इस तरह के शासनतन्त्र को गणतन्त्र(संस्कृत; गण:पूरी जनता, तंत्र:प्रणाली; जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली) कहा जाता है।
गणतंत्र (रिपब्लिक) शासन की ऐसी प्रणाली है जिसमें राष्ट्र के मामलों को सार्वजनिक माना जाता है। यह किसी शासक की निजी संपत्ति नहीं होती है। राष्ट्र का मुखिया वंशानुगत नहीं होता है। उसको प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित या नियुक्त किया जाता है। आधुनिक अर्थों में गणतंत्र से आशय सरकार के उस रूप से है जहां राष्ट्र का मुखिया राजा नहीं होता है। वर्तमान में दुनिया के 206 संप्रभु राष्ट्रों में से 135 देश आधिकारिक रूप से अपने नाम के साथ ‘रिपब्लिक’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत, अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे आधुनिक गणतंत्रों में कार्यपालिका को संविधान और जनता के निर्वाचन अधिकार द्वारा वैधता प्रदान की गई है।
उत्पत्ति :
मध्ययुगीन उत्तरी इटली में कई ऐसे राज्य थे, जहां राजशाही के बजाय कम्यून आधारित व्यवस्था थी। सबसे पहले इतालवी लेखक गिओवेनी विलेनी (1280-1348) ने इस तरह के प्राचीन राज्यों को लिबर्टिस पापुली (स्वतंत्र लोग) कहा। उसके बाद 15वीं शताब्दी में पहले आधुनिक इतिहासकार माने जाने वाले लियोनार्डो ब्रूनी (1370-1444) ने इस तरह के राज्यों को ‘रेस पब्लिका’ नाम दिया। लैटिन भाषा के इस शब्द का अंगे्रजी में अर्थ है- पब्लिक अफेयर्स (सार्वजनिक मामले)। इसी से रिपब्लिक शब्द की उत्पत्ति हुई है। लोकतंत्र इससे अलग होता है। लोकतन्त्र वो शासनतन्त्र होता है जहाँ वास्तव में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन चलता है। आज विश्व के अधिकान्श देश गणराज्य हैं और इसके साथ-साथ लोकतान्त्रिक भी। भारत एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है।
गणराज्य जो लोकतन्त्र नहीं हैं
प्रत्येक गणराज्य का लोकतान्त्रिक होना अवश्यक नहीं है। तानाशाही, जैसे हिट्लर का नाज़ीवाद, मुसोलीनी का फ़ासीवाद, पाकिस्तान और कई अन्य देशों में फ़ौजी तानाशाही, चीन, सोवियत संघ में साम्यवादी तानाशाही, इत्यादि गणतन्त्र हैं, क्योंकि उनका राष्ट्राध्यक्ष एक सामान्य व्यक्ति है या थे। इन राज्यों में लोकतान्त्रिक चुनाव नहीं होते, जनता और विपक्ष को दबाया जाता है और जनता की इच्छा से शासन नहीं चलता। ऐसे कुछ देश हैं : पाकिस्तान,चीन,अफ़्रीका के अधिक्तम् देश,ईरान,बर्मा,दक्षिणी अमरीका के कई देश।
लोकतन्त्र जो गणराज्य नहीं हैं
प्रत्येक लोकतन्त्र का गणराज्य होना आवश्यक नहीं है। संवैधानिक राजतन्त्र, जहाँ राष्ट्राध्यक्ष एक वंशानुगत राजा होता है, लेकिन वास्तविक शासन जनता द्वारा निर्वाचित संसद चलाती है, इस श्रेणी में आते हैं। ऐसे कुछ देश हैं
ब्रिटेन,कनाडा,ऑस्ट्रेलिया,स्पेन,बेल्जियम,नीदरलैंड्,स्वीडन,नॉर्वे,डेनमार्क,जापान,कम्बोडिया,लाओस
भारत में :- लोकतांत्रिक गणराज्य
सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद नहीं प्रदान करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाता, तो भारत अपने को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा। 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके पश्चात स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, 26 नवम्बर 1949 को संविधान अंगीकृत हुआ, इसलिए 26 नवम्बर के दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा द्वारा 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इस दिन को भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान करते हुए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया।
No comments:
Post a Comment