Saturday, November 5, 2022

दबदबा,रुतबा और दौलत

 यदि आप अपने आप को अति सुन्दर मानते है तो आप एक बार अपने कपडे को उतार कर आयने के सामने खड़ा हो जाय  और ओ इंसान जो अयने में दिखेगा...शायद हो सकता है की उसे देख कर आप सुंदरता की परिभासा समझ जाय...या ओ वय्क्ति आप से बहुत बेहतर अर्थ बता सकता है...खूबसूरती की...


दोस्त  बात  पते की बताऊ...जो लोग जिस सो रूम के पीछे भागते है , गोडाउन तक जाने के बात पता चलता  है की जब हर वस्तु मिटी से बन कर मिटी में मिल सकती है तो इंसान की क्या अवकात है...ये  दबदबा, ये रुतबा, ये नशा, ये दौलत  सब किरायेदार है हजुर घर बदलते रहते है...


खोवाइस नहीं रही अब राईस बनने की पर तम्मना जरूर है की कुछ काबिल बन जाऊ...


Those who knows Wats the meaning of sliding or flexibility...they never value of ego or proud...


फर्क इस बात से नहीँ पड़ता कि आप कितने सफ़ल हैं, फर्क इस बात से पड़ता है कि क्या आप उतने सफ़ल हैं जितनी आप में योग्यता थी...

Good night to you all friends...

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