Tuesday, June 2, 2020

IAS_MOTIVATION

IAS_MOTIVATION

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मेरे सर कहा करते है कि ज्ञान की प्यास इतनी बढ़ाओ की बुझ ना पाये.............
किताबों से तब तक जुड़े रहो,, जब तक मंज़िल मिल जाए ......!!

इतिहास के लिये कक्षा नौ (9th) से लेकर कक्षा बारह (12th) तक की NCERT किताबें व स्पेक्ट्रम की "आधुनिक भारत का संक्षिप्त इतिहास" और बिपिन चंद्रा की "आजादी के बाद का भारत" पुस्तकें उपयोगी होंगी। ध्यान रहे कि नये सिलेबस में स्वतंत्रता के बाद के इतिहास के बारे में भी पूंछा जाता है तो यदि हो सके तो रामचंद्र गुहा की "भारत गांधी के बाद" का भी अध्ययन कर सकते हैं।

भूगोल के लिये भी कक्षा नौ (9th) से लेकर बारह (12th) तक की NCERT किताबें और यदि इसके बाद भी आवश्यकता पड़े तो महेश बर्णवाल या माजिद हुसैन की किताबों से अधययन किया जा सकता है।

राज्यव्यवस्था की तैयारी के लिये हम एम० लक्ष्मीकांत की "भारतीय राज्यव्यवस्था" और मेन्स एग्जाम के पेपर - 2 के लिये "भारतीय शासन" पढ़ सकते हैं जिसमें की अधिकार संबंधी मुद्दों को ध्यान से पढ़े।

अर्थव्यवस्था भाग के लिये रमेश सिंह अथवा लाल एंड लाल की किताब, कक्षा नौ (9th) से लेकर बारह (12th) तक की NCERT किताबें और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित "आर्थिक सर्वेक्षण" कि और "बजट" इत्यादि से तैयारे कर सकते हैं।

Best of luck...

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जीवन कठिन #रास्तों से भरा हुआ एक #कल्पना है..?? #जीवन के कठिन #रास्तों से अगर #हिम्मत करके चलते #जाओगे तो #अंत में लोगों से #लाख गुना #बेहतर पाओगे..!!✓✓
✍️ जो इस बात को समझ जाता है उसका जीवन बदल जाता है👇👇
👉 उन लोगों की सलाह #लेना बन्द कर दीजिए जो अपने #जीवन में #सफल और #असफल नहीं हुए हैं.. #क्योंकि अगर आप #सफल #व्यक्ति की #सलाह लेंगे तो वो #आपको वो बातें बताएगा जिसकी वजह से वो #सफल हुआ है और आप यदि #बहुत बार #असफल हुए व्यक्ति से #सलाह लेंगे तो वो आपको वो बातें बताएंगे जिसकी वजह से वो #असफल हुए था.. आप #सफल व्यक्ति की बताई #बातों को #अपनाएं और #असफल व्यक्ति ने जो #गलती की उसे #करने से बचें..  #लेकिन जिस व्यक्ति ने #अपने जीवन में कुछ भी #हासिल ना किया हो उसकी #सलाह कभी ना लें.. #क्योंकि कोई भी व्यक्ति आपको उतना ही सलाह देता है जितना उसके #पास दिमाग़ होता है... 

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इसे पढ़े और इसपर अमल करें, बदलाव तय है..!!👇

✍️ लोगों की #ईर्षा आपकी सफलता को रोक नहीं सकती..। 

  अगर आप उनकी vibrations से डरते हैं...
अगर आप उनसे परेशान होते हैं...
तो आप उनकी vibrations मे उलझ जाते हैं, और तब उनकी वाइब्रेशन आपकी सोच पर असर करती है..।

       अपनी सोच में विश्वास और उनके प्रति सहानुभूति रखे, आपकी सोच आपकी सफलता और भाग्य बनाती है..!!

 ✍️"भगवान मेरा काम हो जाए..
बहुत मेहनत की है, पता नहीं क्या होगा...
पिछली बार भी ठीक नहीं हुआ था..."

यह #कमजोर संकल्प और बोल है..।

"मैं शक्तिशाली आत्मा हूं, मेरा हर #कर्म सही है,
परमात्मा का #ज्ञान और #दुआएं मेरे साथ हैं,
सफलता मेरे लिए #निश्चित है.."

    ध्यान से सोचो.. संकल्प से सिद्धि होती है✓✓

✍️ अगर हमारी भावना और #कर्म सही है,
तो कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है..

  लोग क्या सोचते हैं, क्या बोलते हैं,
इस बात से कभी डरना नहीं ..।
वह अपने कर्म कर रहे हैं, हम अपने कर्म कर रहे हैं.।

सत्य को सिद्ध नहीं करना पड़ता
सत्य के पास खुद को #प्रतक्ष्य करने की ताकत है..!!

✍️ जीवन कठिन #रास्तों से भरा हुआ एक #कल्पना है..?? #जीवन के कठिन #रास्तों से अगर #हिम्मत करके चलते #जाओगे तो #अंत में लोगों से #लाख गुना #बेहतर पाओगे..!!✓✓
✍️ जो इस बात को समझ जाता है उसका जीवन बदल जाता है👇👇
👉 उन लोगों की सलाह #लेना बन्द कर दीजिए जो अपने #जीवन में #सफल और #असफल नहीं हुए हैं.. #क्योंकि अगर आप #सफल #व्यक्ति की #सलाह लेंगे तो वो #आपको वो बातें बताएगा जिसकी वजह से वो #सफल हुआ है और आप यदि #बहुत बार #असफल हुए व्यक्ति से #सलाह लेंगे तो वो आपको वो बातें बताएंगे जिसकी वजह से वो #असफल हुए था.. आप #सफल व्यक्ति की बताई #बातों को #अपनाएं और #असफल व्यक्ति ने जो #गलती की उसे #करने से बचें..  #लेकिन जिस व्यक्ति ने #अपने जीवन में कुछ भी #हासिल ना किया हो उसकी #सलाह कभी ना लें.. #क्योंकि कोई भी व्यक्ति आपको उतना ही सलाह देता है जितना उसके #पास दिमाग़ होता है..!!


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✍️ #ज़िन्दगी में #संघर्ष करने से मत भागो.. ज़िन्दगी #संघर्ष से भरा हुआ है..!!  #हर मुश्किल का डत कर सामना करो क्योंकि 👇
👉 #संघर्षों के साए में; ये जीवन चलता रहता है, जो डरा नहीं, जो थका नहीं, #इतिहास उन्हीं का बनता है..!!✓✓

✍️ #दोस्तों, जीत और #हार #जिंदगी का विधान है और याद रखो की ज़िन्दगी में आप कितनी बार हरे ये कोई मायने नहीं रखता #क्योंकि आप #जीतने के लिए #पैदा हुए हैं

✍️ अगर आज आप  #मेहनत कर रहे हो तो आने वाले कल के बारे में मत सोचो. चलने दो #ज़िन्दगी को #सहजता के साथ, डरते क्यों हो कल से, कल भी #बदलेगा समय #के साथ..!!✓✓

✍️#मैं  Raj sir आपसे पहले भी कहता था और आज भी कह रहा हूं कि अपने #जीवन में हर दिन कुछ नया आजमाओ, क्योंकि 👉#सफल लोगों में एक बात समान होती है कि वह लोग थोड़े में कभी संतुष्ट नहीं होते, और हर रोज कुछ नया करने की #कोशिश में लगे रहते हैं... 
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एक बार फिर से...


हमारे साथ केवल वही लोग रहे ,जिनके अंदर अंत
तक लड़ने का दम हो...बीच मे मैदान छोड़ भागने वालों
के लिए यहा कोई जगह नही है..बहुत लोग मेरे साथ आये और वापिस चले गए , जिन्हें वापिस
जाना है वो अपना रास्ता अलग कर ले.यहां सिर्फ योद्धाओं को जगह है जो या तो मर कर जीतते है या जीत कर.आलोचना किसकी नहीं होती,आलोचना करने वाले कुछ लोग तो सृष्टि के रचनाकार
तक की आलोचना करते है ..अगर आपकी कोई आलोचना करें तो सहज होकर मूल्यांकन
कीजिए ...अगर आप पर की गई
आलोचनात्मक टिप्पणी सकारात्मक हैं तो तहेदिल से
कमेन्ट को स्वीकार कीजिए तथा आलोचना को,आत्मसुधार के रूप में देखिए ..लेकिन कुछ लोग अगर नकारात्मक,आलोचना आपको आहत करने तथा आपका आत्मविश्वास कमजोर,करने के लिए कर रहे हैं,तो उन्हें आक्रामक होकर जबाव देने
के बजाय आप रक्षात्मक रवैया ही अपनाएँ तथा अपने व्यक्तित्व में इतना निखार लाइए कि हवाबाजी में,नकारात्मक आलोचना करने वाला व्यक्ति खुद एक दिन शर्मसार हो जाएं,आज जो आप,
कठिन परिश्रम से ,अपना शरीर जला रहे है न कल
आपके इसी राख़ से आपका सुनहरा भविष्य लिखा जाएगा
और आपके लिए एक महफ़िल जुटेगी और लोग तालियों
की बौछार से आपका अभिनन्दन करेंगे अतः आजको
अगर लोग आपको गाली भी दे दे तो आप दुखी मत होइए.....पूरी ताक़त लगा दो...!!!
आग लगा दो... तूफ़ान पैदा कर दो.🎯विजार्ड🇮🇳Adventurous Soul👈 *अंत मे जीतता वही है जो मरने के लिए तैयार है...

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आज जब छात्र तैयारी की शुरुआत करता है तो उत्साह से भरा हुआ होता है और इसी कारण वह तैयारी की शुरुआत बड़ी तेजी से करता है* और निर्णय लेता है की प्रतिदिन 8 -10 घंटे पढ़ना है और इन घंटों में जाने कितने विषय समायोजित करता है ….वह तैयारी तो तेजी से शुरू करता है पर उसे निरंतर नहीं रख पाता दो या तीन दिन बाद ही उसका उत्साह कम हो जाता है और धीरे धीरे उसकी 8 घंटे की पढाई 6 फिर 5 फिर 4 फिर 2 और फिर 1 घंटे में बदल जाती है क्या इतनी बड़ी शुरुआत करना उचित है ? …

क्या आपका दिमाग पहले से 8 से 10 घंटे लगातार पढ़ने के लिए तैयार है ? शायद नहीं ….. दोस्तों ऐसा सभी के साथ होता है तो कृपया इसमें सुधार कीजिये और पहले दिन की शुरुआत छोटी कीजिये फिर रोज इसमें थोड़ा थोड़ा समय जोड़ते जाइये इस तरह आपकी आदत 8 से 10 घंटे पढ़ने की बन जाएगी और आपका उत्साह भी काम नहीं होगा ….पहले दिन 1 या 2 घंटे से शुरुआत कीजिये फिर 3 ,4 .5 .6 और फिर और आगे बढ़ाते जाइये !इस तरह के उदाहरण आप रोज अपने परिवेश में भी देखते हो ..एक कुशल धावक दौड़ में शुरू के समय धीमे ही दौड़ता है और फिर ज्यो ज्यो लक्ष्य पास आता जाता है अपनी स्पीड बढ़ाता जाता है …..

अरे आप सभी क्रिकेट के तो दीवाने ही होंगे न तो जरा सोचिये जब कोई नया बल्लेबाज क्रीज पर आता है तो क्या वह शुरू की पहली बॉल से छक्का और चौके शुरू कर देता है नहीं न पहले वह परिस्थिति को समझता है , खुद को उस माहौल में ढालता है और एक या दो बॉल धीमे ही खेलता है ….बस यही तो आपको भी करना चाहिए..दोस्तों और एक बात कई लोग एक दिन 8 घंटे पढ़ लेते हैं फिर दूसरे दिन किताब खोलते तक नहीं है कि हमने कल तो इतना सारा पढ़ लिया अब कल पढ़ लेंगे ….ऐसा बिल्कुल मत कीजिये आईएएस निरंतरता मांगता है ..भले ही आप एक दिन में 8 की जगह सिर्फ 4 घंटे ही पढ़ें पर इसे निरंतर बनाये रखें ! 

काम की अल्पता नहीं बल्कि अनियमितता इंसान की असफलता का कारण बनती है ! दोस्तों जिंदगी बहुत छोटी है और हमारे सपने बहुत बड़े तो जायज है हमे तेज चलना होगा …. कहते तो सभी हैं हमे करके दिखाना होगा हर दिन अपनी जिंदगी को एक नया ख्वाब दो , चाहे कोई लौटकर न आये पर आवाज दो , एक दिन पुरे हो ही जायेंगे सारे ख्वाब तुम्हारे , बस हर दिन उन ख्वाबों को एक छोटी शुरुआत तो दो ...

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IAS मूड का बहाना ना बनाएँ ...

आप एक घने जंगल से होकर गुजर रहे है, अचानक शेर की दहाड़ सुनाई देती है। आप यह कहने का साहस जुटा सकते हो कि आज मूड नहीं है इसलिए नहीं दौडूगा।
आपको तैरना नहीं आता और आप पानी में डूब रहे हैं, 
तो आप यह कहने का साहस कर सकते है कि" बचाओ बचाओ " चिल्लाने का मूड नहीं है क्या आप बत्रा धाम घूमने के लिए मूड की इजाज़त लेते हो?

क्या आप शुक्रवार को हिट मूवी का first show देखने के लिए मूड का सहारा लेते हो? 
क्या आप अपनी गर्ल फ्रेंड से बात करने के लिए मूड का सहारा लेते हो नहीं ना तो फिर पढ़ाई में हर बार मूड की हेल्प क्यों? 
आप कोशिश कर देख लीजिए जब भी आप अपने मूड से पूछेंगे, तो कम से कम आधे दिन आपका मन कहेंगा पढ़ने का मन नहीं है, जो असफलता की नींव तैयार करने में मदद करेगा, इसलिए कभी जरूरी काम के लिए मूड की तबीयत ना पूछें।

मैंने कई छात्रों से सुना है ,मैं IAS बनना तो चाहता हूँ, पर पढ़ने में मन नहीं लगता क्या करूँ अगर आपने आईएएस बनने का संकल्प किया है तो इसका मतलब तो यह हुआ ना आपने सबसे कठिन कामों को करने का फैसला किया है।

दोस्तों जैसे मन्दिर में पूजा -पाठ करने के लिए पुजारी कभी मूड का सहारा नहीं लेते, शीत ऋतु में बर्फ जैसे ठंडे पानी में सूर्योदय से पहले नहाकर बैठ जाता है, वह यह काम साल के 365 दिन बिना मूड का सहारा लिए हर रोज़ करता है, उसी तरह आपको बिना बहाना बनाएँ अपने काम को लगन से हर रोज़ करना ही करना है।

इसलिए मित्रों जो काम जरूरी है, उसके लिए मूड का सवाल भी पैदा नहीं होता। मूड के आज से ही दास नहीं मालिक बन जाईये फिर देखिए आपकी मंसूरी की राह कितनी सुगम तथा आसान हो जाती हैं ...

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कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास की जरूरत ... 

 अगर आप एक विद्यार्थी हैं तो मुझे यकीन है आप इस तस्वीर को जरूर पहचानते होंगे. यह पिछले वर्ष की टॉपर सृष्टि जयंत देशमुख है जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय स्तर पर भारत के सबसे कठिन परीक्षा माने जाने वाली  सिविल सेवा परीक्षा में पांचवी रैंक हासिल की थी. अब जब साल भर से अधिक का वक्त एक आईएस के रूप में इन्होंने गुजार लिया है तो कहती है कि 1 सालों का यह सफर बहुत सुहाना रहा हालांकि जिंदगी में कुछ ज्यादा बदलाव आया नहीं है जिस रूप में तैयारी के दौरान बतौर सजग इंसान की तरह पढ़ाई करती थी उसी प्रकार अब जो भी जिम्मेवारी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (प्रशासन द्वारा) दी गई मैं बखूबी उस काम को करती गई. ( फिलहाल ये LBSNAA में ट्रेनिंग कर रही है ) 

कहा जाता हैं सफलता आपको रातों-रात नहीं मिलती बड़ा परिश्रम, धैर्य और आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरत है. सबसे अच्छी बात एक सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं छात्र के लिए यह होती है कि वह पहले से ही एक आईएएस की तरह एक आईपीएस की तरह एक आईएफएस की तरह अपने जीवन को ढाल लेता है. अपने आसपास की उन तमाम गतिविधियों को, तमाम कार्यों को एक अलग दृष्टिकोण से अपने शुरुआती दिनों से ही देखना प्रारंभ कर देता है! जो उसे दूसरे छात्रों से बेहद अलग बनाती है! वो कहते है कि जीवन में कठिनाइयां हर इंसान को आती है कई बार आपको लगेगा कि बस अब और नहीं अब नहीं झेल सकता अब नहीं हो पाएगा ! लेकिन ऐसे समय में ही आपको धैर्य का परिचय देना है और जिस लक्ष्य को लेकर आप जीवन में आगे बढ़ रहे हैं उस तक पहुंचने के लिए और तेज गति से आगे बढ़ना है... 


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Success_Tips for Youth_inspiration

अगर आपने अपने लक्ष्य को पाना #है तो आपको धैर्य रखना आना #चाहिए। इस दुनिया में जितने भी #बड़े-बड़े महापुरुष हुए है उनमे यह #बात कॉमन थी। धैर्य उनके स्वभाव #में था।

अगर आपने अपने लक्ष्य को पाने में बहुत ही हार्ड वर्क किया हो पर अगर आपको वह सफलता नहीं मिलती है जो आप चाहते है तो ऐसे में आप हार मान सकते है।

यही समय होता है जब पेशेंस आपकी परीक्षा लेता है और तब आप उन हालातों को कैसे हैंडल कर पाते है। आपको खुद में धैर्य बनाये रखना होगा। अगर आप धैर्य नहीं रखेंगे तो आपने अब तक जितनी मेहनत की होगी वह सब खत्म हो जाएगी। अगर आपने कठिन समय में धैर्य बना लिया तो समझ ले की आपको जीतने से कोई नहीं रोक सकता।

अगर आपमें धैर्य नहीं है तो इसे आसानी से पाना मुमकिन नहीं है। आप अपने रोजाना जीवन में इसे अपना सकते है। उदाहरण- अगर आपको कभी अपने दोस्त का 30 मिनट इन्तजार करना पड़े तब आप कितनी देर तक उसका इन्तजार कर सकते है।

यह आपके धैर्य को आसानी से बता देगा। फिर इसे आप धीरे-धीरे इम्प्रूव कर सकते है। यही बात सफलता में भी लागू होती है। आपको धैर्य रखना आना ही चाहिए... आपको_सिविल_सेवा_परीक्षा_कोचिंग_की_आवश्यकता_कब_होती_है...


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सिविल_सेवा...बुरी_मिशाल_न_बने_ज़िन्दगी...

*_कुछ लोग हैं जो लम्बे समय से तैयारी में लगे हैं. सुखद परिणाम नहीं आ रहा. मन में आता है, क्या करें, छोड़ दे ! कुछ और कर ले ! क्या करें !_*
*_तो एक प्रसंग है, छोटा सा भावुक सा....!!!!!_*
*_बहुत लम्बे संघर्ष के बाद एक मित्र का चयन IAS में हुआ था._*  *_और ऐसे समय हुआ था जब उन्हें लगने लगा था कि घर परिवार और उनके अब सारे संसाधन ख़तम होने की कगार पर हैं. चयन होने के बाद बहुत सारे कोचिंगवाले बुलाते हैं स्टूडेंट्स के साथ इंटरएक्सन के लिए. उन्हें भी एक ने बुलाया था._*
*_स्टूडेंट्स में से एक ने सवाल पूछा,'सर ! आप इतने लम्बे समय से तैयारी कर रहे हैं और अभी तक टिके रहे अपनी तमाम असफलताओं के बावजूद, तो सर वो कौन सी बात है जो आपको इतना दिन के बाद भी प्रेरित करती रही.'_*
*_थोडा रूककर दिया लेकिन जवाब बहुत भावुक सा था,'मैं एक ख़राब मिशाल नहीं बनना चाहता था. एक गाँव से आया था तैयारी करने. मेरे गाँव से कभी कोई  IAS नहीं बना था.... और मेरे गाँव_*
*_के साथ -साथ आसपास गाँव के लोग भी जानते थे कि मैं तैयारी करता हूँ. मैं सोचता था, अगर नहीं बना और लौट गया तो लोगों पर क्या असर होगा. मेरा तो जो होगा सो होगा लेकिन आगे जब भी कोई बच्चा जयपुर दिल्ली जाकर तैयारी करना चाहेगा, मना करने वाले मेरी मिशाल देंगे. नहीं हुआ लौट आया. तुम क्या जाओगे बहुत कठिन है.,B.ED, BTC कर लो ये कर लो वो कर लो तमाम बाते. तो मेरा जीवन एक बुरा उदहारण बन कर रह जायेगा. यह बात मुझे रोके रखती थी और मैं अपनी तमाम असफलताओं के बावजूद अगली बार सफल होने के लिए लगा रहता था.....!!!!!_*
*_नोट :- वक्त कम है ,_*
*मन एकाग्र करो जीवन तुम्हारा है* ,
*_उसे सार्थक करो हवाये तेज है ,_*
*_खुद को संभालों आग हर तरफ है_* ,
*_अंदर की आग जलाओ रास्ता लंबा है ,_*
*_पर चलना तुम्ही को है खुद को समझो_*
*_और खुद के अरमान को समझो_*
*_जीत के लिए आये हो ,_*
*_हार के मत लौटना घर छोड़ के आये हो ,_*
*_खाली हाथ मत लौटना...

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सिविल सेवा ...

पढ़ाई उसके लिए बोझ नही है, जो अपने मिशन से प्रेम करते हैं। - - - - - 
बल्कि पढाई बोझ उसके लिए है, जो अपने
लक्ष्य से प्रेम नही करते।........ 
क्या बच्चे अपने पैरेंट्स पर बोझ होते  ...!!!!!!!!!!
क्योंकि parents ke  लक्ष्य होते हैं.......
आपके लिए पापा हर दुख सह सकते हैं..........
आपके लिए मम्मी कुछ भी कर सकती
हैं....... 

क्योंकि वे आपको बहुत प्यार करते हैं।
....... 
जब यही पवित्र स्नेह आप
अपनी पढाई में पैदा कर लेंगे तो 
आपको नींद नही आयेगी....
आलस्य नही आयेगा.... 
कहा जाता है कि,,,,,,,,
सोने वाले डूब जाते हैं ....और ...... जागने वाले जग जीत लेते हैं....... 
जब आप हर समय जोश से लबरेज रहेंगे..... 
तो कलेक्टरी की तैयारी माउंट
एवरेस्ट की तरह नही
दिखेगी बल्कि,,,,,,,,,,
वह एक सामान्य चढाई मालूम
होगी .......
सोंचिए, जब मानव चांद, मंगल और शुक्र, शनि पर झंडा लहरा सकता है तो....
UPSC में झंडा क्यों नही गाड सकता........
"" UPSC की परीक्षा में पताका लहराना है""....... 
बस इतना ही वाक्य किसी सफल मंत्र
की तरह रोज जपते रहो, पसीना बहाते
रहो....लगे रहो पढ़ाई में 
मेरे सर कहा करते है कि ज्ञान की प्यास इतनी बढ़ाओ की बुझ ना पाये.............
किताबों से तब तक जुड़े रहो,, जब तक मंज़िल मिल जाए ...

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चाहत और जरूरत

आपकी चाहत आईएएस बनना हो सकती है आपकी जरूरत आईएएस बनना हो सकती है  अब आपको फैसला करना है कि आपकी चाहत है या जरूरत है   आईएएस बनना क्या कभी चाहत और जरूरत में फर्क होता है इस बात पर विचार किया है

चाहतें हमेशा पूरी हो यह जरूरी नही है क्योंकि चाहतें समय के साथ बदलती रहती हैं जरूरतें हमेशा पूरी होती हैं हो सकता है आपको ज्यादा की जरूरत थी मगर कम जरूरत पूरी हुई हो

चाहत इंसान को कमजोर आलसी और केंद्रित नजरिए वाला बनाती है जबकि जरूरतें इंसान को ताकतबर कर्तव्यनिष्ठ और विकेंद्रित नजरिए वाला बनाती हैं

अगर आज तक आपकी चाहत आईएसएस बनना थी तो अपने आपका मूल्यांकन कीजिए क्या आपने वह सब किया जो एक आईएसएस बनने के लिए किया जाना चाहिए अर्थात अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए किया जाना चाहिए शायद आपको नही में जवाब मिलेगा अगर आपको नही में जवाब मिलता है तो आज ही अपनी चाहत से जरूरत का रास्ता तय कीजिए चंद दिनों में आप अपनी मंजिल को नजदीक से देखने के काबिल हो जाएंगे और चंद साल में एक सितारा बन जायेंगे जो अपने उजाले से कई लोगों को प्रकाशित करने की कोशिश करेगा

ये चाहत और जरूरत का ही तो फर्क होता है जो इंसान को सोने नहीं देता है इसके बेहतरीन उदाहरण के रूप में दक्षिण और पूर्व भारत को देख सकते हैं आज यह उत्तर भारत से आगे हैं क्योंकि वहां स्तिथि कुछ इस तरह की है कि कोई भी जीवन यापन के लिए भी कार्य करना है उसे चाहत के रूप में नहीं ले सकते हैं जरूरत के रूप में ही लेना पड़ता है और एक दिन छोटे या बड़े रूप में अपनी जरूरतों को हासिल भी कर लेते हैं 

जबकि उत्तर भारत में परिस्थितियां इसके विपरीत हैं यहां के लोग किसी भी कार्य को पहले चाहत बनाते हैं और अपने आपको चाहत की दृष्टि से ही केन्द्रित रखते हैं जब कुछ हासिल नहीं होता है तब चाहत को जरूरत में तब्दील करते हैं और एक दिन जरूरत पूरी कर लेते हैं चाहत से जरूरत की प्रिक्रिया में पहुंचने में समय लगता है जो शायद हर किसी के पास नही होता है इसलिए सीमित लोगों की ही जरूरतें पूरी हो पाती हैं इसलिए उत्तर भारत में पूर्व और दक्षिण भारत की तुलना में सफलता का अनुपात सीमित है


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