Tuesday, June 2, 2020

IAS Tips

IAS TIPS... 

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आईएएस_कोचिंग_क्यों?... 

यदि आप यूपीएससी पाठ्यक्रम, नवीनतम पैटर्न, आईएएस किताबों के बारे में पूरी तरह से अनजान हैं और अपने लिये एक रणनीति तैयार नहीं कर सकते हैं।

यदि आपके पास समय कम है (परीक्षा से पहले 2 या 3 महीने पहले), तब आपको एक क्रैश कोर्स की जरूरत है।

यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अकेले रहने या तैयारी करने में आत्मविश्वास महसूस नहीं करते।

यदि आप सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देना चाहते हैं और आपके द्वारा चयनित वैकल्पिक विषय में आपको बहुत ही कम ज्ञान हो, व उसके लिये सटीक रणनीति का अभाव हो।

आप उन सभी अच्छी वेबसाइटों की मदद लें जो आईएएस अध्ययन सामग्री और मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त  नि:शुल्क शिपिंग और कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा का लाभ उठाते हुए, भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए आवश्यक सभी पुस्तकों को प्राप्त कर सकते हैं। और यदि आप ये सब भी नहीं जुटा सकते, तब आपको एक अच्छे कोचिंग संस्थान  से जुड़ना चाहिये।

??#आपको_सिविल_सेवा_परीक्षा_कोचिंग_की_आवश्यकता_कब_नहीं_होती_है?

जब आपको यह पूर्णत: विश्वास हो, कि आप अपनी खुद की मेहनत और सूझबूझ से यह एग्जाम क्रैक कर सकते हैं।

जब आप आश्वस्त हों कि आप यूपीएससी के पटर्न को अच्छी तरह समझते हैं और तदनुसार रणनीति बना कर अध्ययन कर सकते हैं, तो कोचिंग संस्थानों की आवश्यकता ना के बराबर हो जाती है।

यदि आप भारत में जेएनयू या आईआईटी जैसे शीर्ष संस्थानों में से किसी एक में अध्ययन प्राप्त अभ्यर्थी रह चुके हों और आपको विभिन्न विषयों के बारे उपयुक्त जानकारी पहले से ही हो।

यदि आपने पहले से ही एक कोचिंग के साथ इस परीक्षा का प्रयास किए हों। (यानि आपको पहले से ही पैटर्न, आवश्यक किताबें और पाठ्यक्रम पता हो तथा एक बार फिर कक्षाओं समय देने पर आप ऊब महसूस करें)।
 #निष्कर्ष:  एक सिविल सेवा अभ्यर्थी बिना कोचिंग के आईएएस परीक्षा पास कर सकते हैं।... 

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अखबार_कैसे_पढ़ा_जाए... 

*ये सवाल हर उस परीक्षार्थी के मन में आता हैं जो प्रशासनिक  परीक्षा की तैयारी कर रहा हैं....

#द_हिन्दू अखबार में मनोरंजन या मसाला खबरे नहीं आती हैं,लेकिन ऐसा भी नहीं हैं के आपको सब पढ़ना हैं। वो भी समय की बाध्यता को देखते हुए हमे अखबार के कुछ हिस्सो को ही पढ़ना हैं जिससे परीक्षा की दृष्टि से हमें उपयोगी बिंदु मिल जाए। आपको सिर्फ इन चार भागो को पढ़ना हैं –*
• प्रथम पृष्ठ_
_• राष्ट्रीय खबरे_
_• अंतर्राष्ट्री खबरे_
_• व्यापर/कारोबार खबरे_

ऐसे कोई भी खबर मत पढ़िए जो परीक्षा की दृष्टि से लाभदायक नहीं हैं। सबसे पहले एक रजिस्टर या कॉपी ले और उसे अर्थशास्त्र,विज्ञानं,भूगोल,संविधान आदि विषयानुसार भागो में बाँट ले और सम्बंधित खबर उसी विषय में लिखे, इससे अगर आपको करेंट अफेयर का पुनरावलोकन करने में आसानी होगी।*
_उदाहरण से समझते हैं इसको_
_मान लीजिये आपके शहर में_ _*किसी मन्नू लाल की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गयी हैं, तो क्या*_ _*आपको लगता हैं की ये खबर कभी यूपीएससी में पूछी जाएगी?
_जवाब नहीं।*_

_दूसरे तथ्य को देखे तो मान लीजिये आज सोना का भाव गिर गया या उठ गया, या शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया तो ऐसे प्रश्न भी परीक्षा में कभी नहीं आएँगे। कम से कम यूपीएससी में तो कभी नहीं।_
*समाचार की बजाय मुद्दे पर ध्यान दें:*
*मान लीजिए कि एक समाचार “शीर्ष सीट के न्यायाधीश को अपनी सीट से हटा दिया गया है” के रूप में शीर्षक है। तो पढ़िए कि – उसने क्या किया कि वह हटा दिया गया, वह कब निकाल दिया गया? “कैसे एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाया जा सकता है” पर फोकस, “हमारे संविधान को सीट से न्यायाधीश को हटाने के लिए क्या प्रावधान है”, “हमारे राष्ट्र और आगामी पीढ़ी पर क्या प्रभाव पड़ सकता है” इत्यादि ।*

*कुछ श्रेणियों में समाचार को वर्गीकृत करने की कोशिश करें-*

*अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण और जैव विविधता, व्यक्तित्व और पुरस्कार, सरकारी नीतियां और योजनाएं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, आर्थिक नीतियां, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा, विविध आदि जैसे कुछ श्रेणियों में समाचार या मुद्दों को विभाजित करें।*
*ऐसा भी नहीं हैं कि आप ने द हिन्दू पढ़ लिया तो आप ने गंगा नहा ली हैं। अखबार में दिए गये तथ्य ही पर्याप्त नहीं है: इस बारे में और अधिक जानने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करें ।*

*उदाहरण-*
_हाल ही में एच्1 बी वीजा समाचार में है और हिंदू संपादकीय में भी देखा जा सकता है। संपादकीय इसके बारे में कुछ बिंदुओं और विचार देगा, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है,इसके लियेआप गूगल देवता के शरण में जाइये और आपके दिमाग में उभर रहे सवालों जैसे “एच्1 बी वीजा का क्या असर नौकरी पेशा लोगो पर क्या पड़ेगा ? क्या इससे भारत और अमेरिका के रिश्तो में खटास आएगी? इसमें क्या सुधर किये जा सकते हैं या किये जा रहे हैं ?आदि को खंगाले।_
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*समाचार पढ़ने के बाद ये देखे ये किस विषय से सम्बंधित हैं उसे उस विषय में लिख ले ,लेकिन तारीख के अनुसार नहीं विषय के अनुसार अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए हिन्दू अखबार को समझना बहुत मुश्किल नहीं हैं ,लेकिन जब बात हिंदी माध्यम के छात्रों की आती हैं तो उनके लिए हिन्दू पढ़ना टेढ़ी खीर बन जाता हैं। देखिये उनको क्या करना चाहिए –*
• *हिन्दू अखबार में एक मजबूत पकड़ बनाने के लिए आपको कम से कम दो से तीन माह का समय लग जाएगा तो यहाँ आप को आवश्यक हैं एक रजिस्टर और पेन की।*
• *अब जो बिंदु मैंने आपको ऊपर बताये हैं उसी हिसाब से पढ़िए और जो शब्दावली आपको नहीं समझ आ रही हैं आप उसके लिए डिक्शनरी (ऑनलाइन या ऑफलाइन) का प्रयोग करिये और उन शब्दो को अपने रजिस्टर में लिखिए हो सके तो वाक्यो के साथ उदहारण के तौर पर समझने के लिए लिखे और उन्हें लगातार दोहराते रहे ,क्यों कि आपको अंगरेजी भाग भी उत्तीर्ण करना  हैं तो इससे आपका वह भाग धीरे-धीरे तैयार होता जाएगा...

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बहुत से छात्र या कुछ अभिवावक जिनके भाई या बहन अभी 12th में हैं हमसे पूछते हैं कि क्या sir  अभी से NCERT या बुक्स से तैयारी प्रारम्भ कर देनी चाहिए ?
हम कभी सलाह नहीं देना चाहेंगे कि कक्षा 12 या इससे कम के विद्यार्थी NCERT या अन्य किताबें अभी से पढ़नी शुरू करें ....क्योंकि कक्षा 12 में खुद किताबों और पढाई का इतना बोझ रहता है कि आप उसके साथ इसे मैनेज नहीं कर सकते और अगर जबरदस्ती दोनों तरह कि किताबें पढ़ने का प्रयास करेंगे तो यह आपके खुद के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है !
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न्यूज़_पेपर_बनेगा_सर्वश्रेष्ठ_माध्यम -->
पिछले कुछ वर्षों से संघ लोक सेवा आयोग करंट अफेयर्स से बहुत ज्यादा प्रश्न पूछ रहा है ...और वर्ष 2016 की परीक्षा में तो यह आंकड़ा बहुत ऊपर पहुँच गया ! . ऐसी स्थिति में अगर आप अभी से न्यूज़ पेपर का अनुसरण आरम्भ कर देंगे तो जाहिर सी बात है इस एक साल में न सिर्फ आप बहुत सारा ज्ञान अर्जित कर लेंगे बल्कि न्यूज़ पेपर के अवयव के साथ परीक्षा के स्वरुप और आयोग की मांग को भी भली भांति जान लेंगे !
. अभी से आप प्रतिदिन किसी एक राष्ट्रीय स्तर का न्यूज़ पेपर फॉलो करना शुरू कर दीजिये ! हमारे भारत में क्या हो रहा है ? , विदेश में क्या हो रहा है ? .. सरकार की योजनाएं ..वैज्ञानिकों के अविष्कार .. नयी नीतियां ... पर्यावरण , कला एवं संस्कृति और भारत के साथ विदेशों के सम्बन्ध आदि बहुत सारे मुद्दे हैं जिनपर आपकी पैनी नजर होनी चाहिए .._आईएएस गुरू शरद_ और सबसे बड़ी बात सिर्फ इन मुद्दों को पढ़िए मत इनके बारे में इंटरनेट से जानकारी निकालने का प्रयास कीजिये ! लेकिन यह काम आप अपनी कक्षा वाली पढाई से अलग हटकर खाली समय में कीजिये .... जो समय आप वीडिओ गेम , सोशल मीडिया ( फेसबुक , व्हाट्सप्प ) या गॉसिप में बर्बाद करते हैं उसे बचाकर आप इसमें समय दीजिये ..... इससे न सिर्फ आपकी जानकारी बढ़ेगी बल्कि आपका बौद्धिक स्तर में भी बृद्धि होगी ! . न्यूज़ पेपर में सिर्फ आपको खबरे पढ़कर छोड़ नहीं देना है बल्कि उसका पोस्टमार्डम करना है कैसे ? ..एक टॉपिक लेकर मैं समझाता हूँ --उदाहरण के लिए एक खबर अपने पढ़ी """ टॉपिक है कि "" राजाजी नेशनल पार्क को NTCA द्वारा टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया ..इस खबर से जो आपके मन में सवाल उठेंगे वह हैं कि .. NTCA क्या है ..? ... राजाजी नेशनल पार्क एवं उत्तराखंड कि मानचित्र में स्थिति .? ... इस देश में और कौन कौन से टाइगर रिज़र्व हैं ..? ... सबसे ज्यादा टाइगर किन किन राज्यों में पाये जाते हैं ..? ... इस समय भारत में कुल कितने बाघ है ..? .. टाइगर सरंक्षण के लिए भारत में कितनी योजनाएं चलायी जा रही हैं ..? ..आदि .. !! यानि एक खबर के बाद बाघ का किस्सा ख़त्म .. !! ...अब जरा सोचिये एक न्यूज़ पेपर से आप एक दिन में कितने विषयों कि तैयारी कर सकते हैं ..? और इन सभी प्रश्नों के उत्तर इंटरनेट में मौजूद हैं तो आपको अभी से किताबें नहीं खरीदनी पड़ेंगी !! ... आशा है आप ठीक तरह से समझ गए होंगे ..क्योकि एक अधिकारी वाली विश्लेषणात्मक और विस्तृत सोच तो आपको अभी से विकसित करनी ही होगी ...

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अगर आप IAS अध‍िकारी बनना चाहते हैं तो इसकी तैयारी की शुरुआत कैसे और कहां से करें, जान‍ििये... 

यह एक सामान्य सा, बहुत ही सरल और व्यावहारिक वैज्ञानिक फॉर्मूला है कि यदि आपको कोई बड़ा काम करना है, तो इसके लिए उतनी ही अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है. इस जरूरत में दो ऊर्जाएं मुख्य होती हैं- एक शारीरिक ऊर्जा तथा दूसरी मानसिक ऊर्जा. मुझे यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि यदि आपने IAS बनने का फैसला किया है, तो यह एक बहुत बड़ा काम करने का फैसला है. यह सरकारी तंत्र में प्रवेश करने का सबसे ऊपर का स्तर है. इसके लिए प्रतियोगी परीक्षा की जो प्रणाली तैयार की गई है, वह इस परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक बना देती है. यदि लगभग 12 लाख युवाओं में से केवल एक हजार को सफल होना हो, तो कठिनता का अंदाजा इन आंकड़ों से भी लगाया जा सकता है.
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जाहिर है कि यह एक कठिन और बड़ा ही नहीं, बल्कि बेहद कठिन और बहुत बड़ा काम है. इसलिए इसके बारे में अंतिम निर्णय लेने से पहले आपको जायजा इस बात का लेना चाहिए कि इसके लायक शारीरिक और मानसिक ऊर्जा आपके पास है या नहीं. यह बात मुझे इसलिए बतानी पड़ रही है, क्योंकि लाखों अबोध-अनजान युवा इस IAS के ग्लैमर में आकर, जो बहुत स्वाभाविक है, इसकी तैयारी में लग जाते हैं. काफी समय तक लगे रहते हैं, लेकिन अंत तक उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हो पाता. तो इसे आप खुद के मूल्यांकन की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कसौटी कह सकते हैं.आइए, इसे हम व्यावहारिक स्तर पर जानें.

शारीरिक ऊर्जा का संबंध यहां बहुत अच्छे स्वास्थ्य तथा इस बात से नहीं है कि आप एक बार में कितने दंड-बैठक लगा सकते हैं. न ही इसका कोई संबंध आपकी भुजाओं के मसल्स तथा पेट के एब्स से है.

स्वास्थ्य के स्तर पर यह परीक्षा आपसे केवल दो बातों की मांग करती है. पहला यह कि आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ठीक-ठाक हो. यानी कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आपको बीमार करने के लिए दोयम दर्जे का छोटा सा जीवाणु या जीवन-पद्धति में आया थोड़ा सा बदलाव पर्याप्त है. इस परीक्षा की तैयारी के लिए एक ठीक-ठाक स्वास्थ्य की अपेक्षा इसलिए की जाती है, क्योंकि इसकी तैयारी एक लम्बे वक्त की मांग करती है. यह ‘लम्बा वक्त‘ जहां दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ है, वहीं वर्ष से भी. यानी यह एक मैराथन दौड़ है. क्या आपके पास इस दूरी को पूरा करने की शारीरिक ऊर्जा है, वह भी दौड़ते हुए? बीच में रुककर सुस्ताने की गुंजाइश नहीं है.

जहां तक मानसिक ऊर्जा का सवाल है, यह मुख्यतः तीन बातों से जुड़ी हुई है. पहला यह कि आपको हताश और निराश करने के लिए बाहरी किन परिस्थितियों और कितनी मेहनत की जरूरत होगी. यानी आप अपने उद्देश्य के प्रति मानसिक रूप से कितने मजबूत हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने थोड़ा सा इसके खिलाफ बोल दिया, या किसी की असफलता की बात सुन ली, और आप हथियार डाल कर बैठ गए. आप बड़ा काम करने जा रहे है. काम जितना बड़ा होगा, उसमें सफल होने की संभावना उतनी ही कम होगी. इसलिए जब लोग आपकी सफलता पर अपना संदेह व्यक्त करेंगे, तो उनके संदेह के सच होने की उम्मीद ज्यादा होगी. क्या आप इस नकारात्मक वातावरण से स्वयं को अप्रभावित रख पाएंगे?

इस परीक्षा के तीन स्तर होते हैं. इन तीनों स्तरों को आपको एक ही साथ पार करना होता है. ज्यादातर यही होता है कि सफलता को पाने से पहले कई-कई बार आप की भेंट असफलता से होगी. क्या आप इसे संभाल पाएंगे? कहीं ऐसा तो नहीं कि इन असफलताओं के कारण आप स्वयं पर से अपना विश्वास ही खो दें! आईएएस बनने का निर्णय लेने से पहले आपको चाहिए कि आप इन बिंदुओं पर इत्मीनान के साथ विचार kre...

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‘द हिन्दू’ अखबार कैसे पढ़ा जाए ?*
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*ये सवाल हर उस परीक्षार्थी के मन में आता हैं जो प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी कर रहा हैं.*
*द हिन्दू अखबार में मनोरंजन या मसाला खबरे नहीं आती हैं,लेकिन ऐसा भी नहीं हैं के आपको सब पढ़ना हैं। वो भी समय की बाध्यता को देखते हुए हमे अखबार के कुछ हिस्सो को ही पढ़ना हैं जिससे परीक्षा की दृष्टि से हमें उपयोगी बिंदु मिल जाए। आपको सिर्फ इन चार भागो को पढ़ना हैं –*
• प्रथम पृष्ठ
• राष्ट्रीय खबरे
• अंतर्राष्ट्री खबरे
• व्यापर/कारोबार खबरे
*ऐसे कोई भी खबर मत पढ़िए जो परीक्षा की दृष्टि से लाभदायक नहीं हैं। सबसे पहले एक रजिस्टर या कॉपी ले और उसे अर्थशास्त्र,विज्ञानं,भूगोल,संविधान आदि विषयानुसार भागो में बाँट ले और सम्बंधित खबर उसी विषय में लिखे, इससे अगर आपको करेंट अफेयर का पुनरावलोकन करने में आसानी होगी।*
उदाहरण से समझते हैं इसको –
मान लीजिये आपके शहर में किसी मन्नू लाल की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गयी हैं, तो क्या आपको लगता हैं की ये खबर कभी यूपीएससी में पूछी जाएगी?
जवाब – नहीं।

दूसरे तथ्य को देखे तो मान लीजिये आज सोना का भाव गिर गया या उठ गया, या शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया तो ऐसे प्रश्न भी परीक्षा में कभी नहीं आएँगे। कम से कम यूपीएससी में तो कभी नहीं।
*समाचार की बजाय मुद्दे पर ध्यान दें:*
*मान लीजिए कि एक समाचार “शीर्ष सीट के न्यायाधीश को अपनी सीट से हटा दिया गया है” के रूप में शीर्षक है। तो पढ़िए कि – उसने क्या किया कि वह हटा दिया गया, वह कब निकाल दिया गया? “कैसे एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाया जा सकता है” पर फोकस, “हमारे संविधान को सीट से न्यायाधीश को हटाने के लिए क्या प्रावधान है”, “हमारे राष्ट्र और आगामी पीढ़ी पर क्या प्रभाव पड़ सकता है” इत्यादि ।*

*कुछ श्रेणियों में समाचार को वर्गीकृत करने की कोशिश करें-*

*अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण और जैव विविधता, व्यक्तित्व और पुरस्कार, सरकारी नीतियां और योजनाएं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, आर्थिक नीतियां, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा, विविध आदि जैसे कुछ श्रेणियों में समाचार या मुद्दों को विभाजित करें।*
*ऐसा भी नहीं हैं कि आप ने द हिन्दू पढ़ लिया तो आप ने गंगा नहा ली हैं। अखबार में दिए गये तथ्य ही पर्याप्त नहीं है: इस बारे में और अधिक जानने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करें ।*
उदाहरण-
हाल ही में एच्1 बी वीजा समाचार में है और हिंदू संपादकीय में भी देखा जा सकता है। संपादकीय इसके बारे में कुछ बिंदुओं और विचार देगा, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है,इसके लियेआप गूगल देवता के शरण में जाइये और आपके दिमाग में उभर रहे सवालों जैसे “एच्1 बी वीजा का क्या असर नौकरी पेशा लोगो पर क्या पड़ेगा ? क्या इससे भारत और अमेरिका के रिश्तो में खटास आएगी? इसमें क्या सुधर किये जा सकते हैं या किये जा रहे हैं ?आदि को खंगाले।
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*समाचार पढ़ने के बाद ये देखे ये किस विषय से सम्बंधित हैं उसे उस विषय में लिख ले ,लेकिन तारीख के अनुसार नहीं विषय के अनुसार अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए हिन्दू अखबार को समझना बहुत मुश्किल नहीं हैं ,लेकिन जब बात हिंदी माध्यम के छात्रों की आती हैं तो उनके लिए हिन्दू पढ़ना टेढ़ी खीर बन जाता हैं। देखिये उनको क्या करना चाहिए –*
• *हिन्दू अखबार में एक मजबूत पकड़ बनाने के लिए आपको कम से कम दो से तीन माह का समय लग जाएगा तो यहाँ आप को आवश्यक हैं एक रजिस्टर और पेन की।*
• *अब जो बिंदु मैंने आपको ऊपर बताये हैं उसी हिसाब से पढ़िए और जो शब्दावली आपको नहीं समझ आ रही हैं आप उसके लिए डिक्शनरी (ऑनलाइन या ऑफलाइन) का प्रयोग करिये और उन शब्दो को अपने रजिस्टर में लिखिए हो सके तो वाक्यो के साथ उदहारण के तौर पर समझने के लिए लिखे और उन्हें लगातार दोहराते रहे ,क्यों कि आपको अंगरेजी भाग भी उत्तीर्ण करना  हैं तो इससे आपका वह भाग धीरे-धीरे तैयार होता जाएगा... 
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जानें, IAS ऑफिसर बनने के लिए कब तक और कितनी बार दे सकेंगे एग्जाम... 

अगर आप अधिकतम आयु सीमा को पार कर गए हैं तो फिर आप IAS ऑफिसर नहीं बन पाएंगे।   

IAS Officer Age limit: हर साल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सर्विसेज के एग्जाम का आयोजन करता है। इसी परीक्षा को क्रैक करके आप IAS या IPS ऑफिसर बन सकेंगे। परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा तय है। अगर आप अधिकतम आयु सीमा को पार कर गए हैं तो फिर आप IAS ऑफिसर नहीं बन पाएंगे।
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आयु सीमा
सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 साल और अधिकतम आयु सीमा 32 साल है। जहां न्यूनतम आयु सीमा सभी वर्ग के लिए 21 वर्ष ही है, वहीं अधिकतम आयु सीमा समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए अलग हैं जिनका विवरण नीचे दिया गया है...

सामान्य श्रेणी के लिए अधिकतम आयु सीमा32 सालअन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा35 सालअनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए अधिकतम आयु सीमा37 सालरक्षा सेवा के जवान जो किसी देश के साथ युद्ध के दौरान या किसी अशांत क्षेत्र में ऑपरेशन में दिव्यांग हुए हों और उसके बाद सेवामुक्त हो गए हों35 सालभूतपूर्व सैनिकों के लिए ऊपरी आयु सीमा। इसमें कमीशंड ऑफिसर्स एवं ईसीओ/एसएससीओ शामिल हैं जिन्होंने सैन्य सेवा में कम से कम पांच साल दिए हों37 सालदिव्यांग (सामान्य श्रेणी)42 साल
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आयु की गणना कैसे होती है?
न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा 1 अगस्त के मुताबिक निर्धारित होती है। जैसे अगर किसी का जन्म 6 अप्रैल, 1986 का हुआ है तो उसकी आयु 1 अगस्त, 2019 को होगी 33 साल 3 महीना और 25 दिन यानी अगर वह व्यक्ति 2019 में पेपर देना चाहता है तो नहीं दे पाएगा। वह व्यक्ति 2018 में भी पेपर देने के योग्य नहीं था क्योंकि उसकी उम्र उस समय 32 साल 3 महीने 25 दिन हो रही थी यानी 3 महीने ज्यादा।

कितने प्रयास

कौन कैंडिडेट कितनी बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दे सकता है, यह भी उस वर्ग से निर्धारित होता है जिससे उसका संबंध है। आमतौर पर सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स को 32 साल की उम्र तक 6 चांस मिलता है। यानी सामान्य वर्ग का कैंडिडेट 32 साल की उम्र तक छह बार सिविल सर्विसेज का एग्जाम दे सकता है।

ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट्स 35 सालों की उम्र तक 9 बार एग्जाम दे सकेंगे।
एससी/एसटी वर्ग के कैंडिडेट्स को 37 साल तक जितनी बार चाहें, पेपर दे सकेंगे। उनके लिए कोई सीमा तय नहीं है।
सामान्य वर्ग के दिव्यांग छात्र 42 साल की उम्र तक 9 बार एग्जाम दे सकेंगे... 

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Friends agar prelims nikalna hai to aapko poora syllabus cover karna hi padega aur revision bhi achche se karna padega...... 
Aap ye sab karoge to aap upsc prelims nikal paoge.... 

1. Aapko drishti ya vision ka test schedule download karna hai.. Usme diya hua hai ki first test me topics diye hai jo aapko 8 se 10 din me cover karne hote hai....  Topics ko padho aur phir test series ka test solve karo poori imaandari ke sath me...... 

Test series 2020 ke liye me aapko provide karwa dunga free of cost..... 

2. Current affairs ke liye me nahi bolunga ki newspaper padho... Last year 7 question aaye h current affairs se... Aap drishti current affairs today padh lo dono medium me aati hai.... 

100 % cover ho jayega.... 

3. Source ke liye aap ncrts padh skte hai...... Market me bahut books available hai bas koi padhne wala hona chahiye...... 

4. Time management bahut jaruri hai..... 

5. Health ka dhyan rakhna.... Padhte padhte khate peete rahna.... 

6. Quality and quantity ka dhyan rakhe    ... 

7 aapko ncrts + syllabus + current affairs ko sath me lekar Chalna hai... 

8. Answer writting practice karte rahe.... 

9.jitna jaldi so jaye syllabus ko cover kar do..... Jisase main exam par focus kiya jaye...

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3 महीनों की तैयारी में इस तरह आप भी बन सकते हैं IAS ऑफिसर... 

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को पहले इंपीरियल सिविल सर्विस (ICS) के रूप में जाना जाता था, जो कि सिविल सेवा परीक्षा और भारत की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। यह अखिल भारतीय प्रशासनिक सिविल सेवा के लिए अधिकारियों की भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है।

इसके अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने गए एक अधिकारी को कलेक्टर, आयुक्त, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रमुख, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव इत्यादि जैसी बहुत ही विविध भूमिकाओं में काम करने का मौका मिलता है।

लोकप्रिय रूप से IAS परीक्षा के रूप में जाना जाता है, आधिकारिक तौर पर इसे सिविल सेवा परीक्षा (CSE) कहा जाता है, जो हर साल केंद्रीय भर्ती एजेंसी, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है।

IAS भारत में स्थायी नौकरशाही है और कार्यकारी शाखा का एक हिस्सा है। यह तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है, इसके कैडर को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों दोनों द्वारा नियोजित किया जा सकता है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को 24 सरकारी सेवाओं जैसे IPS, IFS (फॉरेन), IFS (फॉरेस्ट), IP & TAFS, IAAS, IRS, IDAS, CMSE, IRTS, IRAS, IRPS में से एक के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। , ITS, CAPF-AF कुछ नाम।

कैसे बनें आईएएस ऑफिसर-

आईएएस परीक्षा को आधिकारिक तौर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है। यूपीएससी सीएसई में 3 चरण होते हैं - प्रीलिम, मेन और इंटरव्यू। भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होना एक तरह की प्रतिस्पर्धा होने के साथ-साथ पूरी तैयारी की परीक्षा है।

सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई)-

यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) सही उम्मीदवारों का चयन करने के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसी है। हर साल संयुक्त रूप से सभी 24 सेवाओं के लिए लगभग 1000 उम्मीदवार चुने जाते हैं। परीक्षा का पहला चरण यानि कि प्रीलिम्स आमतौर पर जून के आसपास आयोजित किया जाता है, जबकि दूसरा चरण, मेन (लिखित) अक्टूबर के आसपास आयोजित किया जाता है। जो लोग दोनों चरणों को पास कर लेते हैं उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

वार्षिक रूप से, UPSC, IAS, IPS और IFS जैसी 20 से अधिक सेवाओं के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा (CSE) आयोजित करता है। IAS परीक्षा के लिए औसतन आठ लाख से अधिक उम्मीदवार पंजीकरण करते हैं और लगभग पांच लाख उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं।

आईएएस परीक्षा के लिए योग्यता मानदंड-

किसी भी विषय में ग्रेजुएशन डिग्री होना जरूरी है।
इसके अलावा कॉलेज के आखिरी साल के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं।

कितनी बार दे सकते हैं आईएएस परीक्षा-
यूपीएससी सीएसई में एक सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए परीक्षा देने के लिए प्रयासों की संख्या 6 है। ओबीसी उम्मीदवारों के लिए प्रयासों की संख्या 9 है, जबकि अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आईएएस परीक्षा के लिए असीमित प्रयास हैं।

क्या उम्र की सीमा है?
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए उपस्थित होने की न्यूनतम उम्र 21 साल है। सामान्य श्रेणी के लिए ऊपरी आयु सीमा 32 साल है और ओबीसी के लिए यह 35 साल है।

IAS परीक्षा का सिलेबस-

यूपीएससी परीक्षा के लिए उसके सिलेबस को समझना सबसे पहले जरूरी है। सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंक (सामान्य अध्ययन पेपर I और सामान्य अध्ययन पेपर II) के दो पेपर होते हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवार की रैंक केवल मेन और इंटरव्यू में बनाए गए स्कोर पर निर्भर करती है। लिखित परीक्षा (मुख्य) में 9 पेपर होते हैं लेकिन अंतिम योग्यता रैंकिंग के लिए केवल 7 पेपरों को ही माना जाता है... 


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