दोस्तों...5 सितंबर को पूरा भारत राष्ट्रीय शिक्षक दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मना रहा है...देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम होंगे। हर स्टूडेंट अपने टीचर को टीचर्स डे की शुभकामनाएं और संदेश भेजेंगे। कहीं शिक्षक दिवस पर भाषण दिए जाएंगे तो कहीं टीचर डे पर निबंध प्रतियोगिता होगी। इस के शुभ अवसर पर कुछ बेहतरीन लाइन प्रस्तुत है...मेरे तरफ से आप सभी के लिए...शिक्षा, बुद्धि और अनुशासन क्या है... By Raj Sir
अनमोल विचार का अर्थ...
दोस्तों..."अनमोल विचार” का अर्थ है कि ये विचार उन विचारों को संक्षिप्त रूप में व्यक्त करते हैं जो सफलता के प्रति एक दृढ़ आदर्श या मार्गदर्शन प्रस्तुत करते हैं...ये विचार मनोबल बढ़ाने, सकारात्मकता को प्रोत्साहित करने और उपलब्ध संकेतों के माध्यम से किसी व्यक्ति को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने में मदद करते हैं...इन अनमोल विचारों में सहायक मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और सफलता के प्रति समर्पण शामिल है जो किसी व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है... So please read it carefully...
शिक्षा क्या है...
शिक्षा वह नींव है जिसके ऊपर हमलोग आपने उज्वल भविष्य का निर्माण करते है... शिक्षा और शिक्षक को साधारण न समझे क्यूंकि ये दोनों संसार की वे वस्तुए है जिनके गोद में निर्माण और प्रलय दोनों खेलते कूदते रहते है... शिक्षा हमारे समाज की वो आत्मा है जो एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी को प्रदान किया जाता है...शिक्षा वो महान कार्य-शैली जो किसी भी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता और एक बेहतर भविष्य को आकार देता है...शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसे आप दुनिया को बदलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं...शिक्षा मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न अंग है... शिक्षा अवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है...शिक्षा हमें एक अनुशासित जीवन विकसित करने में मदद करती है...शिक्षा से व्यक्ति के व्यक्तिगत तथा व्यक्तित्व का परिपूर्ण विकास होता है... शिक्षा हमारे बुद्धि, कौशल और ज्ञान को बढाती है...शिक्षा हमें अंधेरों से प्रकाश की ओर ले जाती है...शिक्षा हमें गहराई और गंभीर रूप से सोंचना सिखाती है...प्रत्येक परिवार और समाज में शिक्षा प्रगति का आधार होता है...शिक्षा एक रचनात्मक राष्ट्र का निर्माणकरता है...शिक्षा का लक्ष्य ज्ञान की प्रगति और संचाई का प्रसार है...शिक्षा जीवन में सफलता की कुंजी है...शिक्षा से ज़्यदा मूल्यवान इस दुनिया में कुछ भी नहीं है...शिक्षा अचानक से प्राप्त नहीं की जा सकती, इसे उत्साह और परिश्रम के द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए...
Experiment of Education...
दोस्तों...ज्ञान का दीप जलाकर अपने जीवन को सुमार्ग पर ले जाएं और समाज को शिक्षित बनने में अपना योगदान दें...शिक्षित होकर ही आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं...शिक्षा प्राप्त करने वाला हर मानव शिक्षित होकर समाज को शक्तिशाली बनाता है।शिक्षा ही सही मायनों में मानव जीवन में से अज्ञानता के अंधकार को मिटाता है।शिक्षा प्राप्त करके ही समाज में सुख-समृद्धि की स्थापना की जा सकती है।मुझे विश्वास है कि प्रति व्यक्ति एक प्रतिभा के साथ पैदा होता है बस हमें ज़रूरत होती है उस प्रतिभा को निखारने की हमें हमेशा कुछ उपयोगी चीज़ों को जानने और सीखने की इच्छा रखनी चाहिए।भूतकाल से सीखते हुए वर्तमान में जीएं और भविष्य की आशा करना ही शिक्षा है...ज्ञान ही शक्ति है और जानकारी स्वतंत्रता है...
बुद्धि क्या है...
बुद्धि (Intelligence) वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं एवं तथ्यों को समझने, उनमें आपसी सम्बन्ध खोजने तथा तर्कपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है। यह 'भावना' और अन्तःप्रज्ञा से अलग है। बुद्धि ही मनुष्य को नवीन परिस्थितियों को ठीक से समझने और उसके साथ अनुकूलित (adapt) होने में सहायता करती है। बुद्धि को 'सूचना के प्रसंस्करण की योग्यता' की तरह भी समझा जा सकता है...मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बुद्धि व्यक्ति की सामान्य योग्यता है, जो उसकी हर क्रिया में पायी जाती है...अमूर्त वस्तुओं के सम्बंध में विचार करने की योग्यता ही बुद्धि है...बुद्धि समस्या को हल करने की योग्यता है...बुद्धि विभिन्न भागों को मिलाने की शक्ति है...बुद्धि तर्क, निर्णय एवं आत्म आलोचन की योग्यता एवं क्षमता है...उत्तम क्रिया करने तथा नई परिस्थितियों के साथ समायोजन करने की योग्यता को बुद्धि कहते हैं...बुद्धि कठिनता,जटिलता, अमूर्तता,आर्थिकता,उद्देश्य प्राप्यता, सामाजिक मूल्य तथा मौलिकता से सम्बंधित समस्याओं को समझने की योग्यता है...बुद्धि वो शक्ति है जो हमें समस्याओं का समाधान करने एवं उदेश्य को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है...बुद्धि एक समुच्चय या सार्वजनिक क्षमता है जिसके सहारे व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण क्रिया करता है, विवेकशील चिन्तन करता है तथा वातावरण के साथ प्रभावकारी ढंग से समायोजन करता है...
Experiment of intelligence...
दोस्तों...बुद्धि विभिन्न क्षमताओं का सम्पूर्ण योग होती है। इसका तात्पर्य यह है कि बुद्धि में किसी एक प्रकार की क्षमता नहीं होती है इसमें कई प्रकार की क्षमताएँ होती हैं। इन क्षमताओं का पूर्व योग ही बुद्धि है...बुद्धि के सहारे व्यक्ति किसी समस्या के समाधान में सूचना का सहारा लेता है व पूर्व अनुभवों का लाभ बुद्धि के द्वारा उठाता है...बुद्धि के सहारे व्यक्ति उद्देश्यपूर्ण क्रियाएँ करता है जो व्यक्ति जितना अधिक उद्देश्यपूर्ण व सार्थक क्रियाएँ करता है वह उतना अधिक बुद्धिमान माना जाता है...बुद्धि व्यक्ति को वातावरण के साथ प्रभावशाली ढंग से समायोजन या अनुकूलन करने में मदद करती है। कम बुद्धि वाले व्यक्ति में समायोजन की क्षमता कम होती है...बुद्धि से व्यक्ति में विवेकशील चिंतन व अमूर्त चिन्तन करने में भी मदद मिलती है तात्पर्य यह हुआ कि जो व्यक्ति बुद्धिमान है उसके सोचने व समझने का तरीका विवेकपूर्ण, तर्कपूर्ण एवं युक्तिसंगत होता है...बुद्धिमान व्यक्ति प्रायः कठिन और जटिल कार्य को करते हैं और उनके कार्यों में मौलिकता अधिक होती है...
अनुशासन क्या है...
दोस्तों...अनुशासन’ का अंग्रेजी पर्याय है ‘Discipline’ और ‘Discipline’ शब्द की उत्पत्ति ‘Disciple’ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है, ‘छात्र’, ‘शिष्य’, ‘शिक्षक का अनुगामी’, ‘आज्ञा पालन करना’...अनुशासन शब्द का प्रयोग नियमों का कर्त्तव्यों का, मर्यादाओं का पालन करने के लिए किया जाता है। जब व्यक्ति अपने आवेगों पर नियन्त्रण रखकर सामाजिक नियमों व मर्यादाओं का अनुगमन करता है तथा व्यवस्था को बनाये रखने में अपना योगदान देता है, तब हम उसे अनुशासित व्यक्ति की संज्ञा देंगे। अनुशासन से व्यक्ति के व्यक्तित्व में परिपक्वता आती है, विचारों में गहराई आती है तथा सामाजिक से संगठन की नींव और दृढ़ होती है। अनुशासन आचरण की दृष्टि से व्यक्ति को सबल बनाता है और संगठन की दृष्टि से समाज को। वस्तुतः बिना अनुशासन के नैतिकता का भी कोई अर्थ नहीं है। अनुशासित व्यक्तियों से यही अपेक्षा हो जाती है कि वह जीवन को आदर्शों और मूल्यों के आधार पर जिए, उसके चरित्र में कोई दुर्बलता न हो, वह अपने कर्त्तव्य को पूर्ण रुचि एवं तन्मयता के साथ करे तथा समाज की मर्यादाओं को बनाए रखने एवं विकसित करने में पूर्ण रूप से सहायक हो...
अनुशासन का अर्थ है-अपनी भावनाओं और शक्तियों को नियन्त्रण के आधीन करना, जो अव्यवस्था को व्यवस्था प्रदान करता है...अनुशासन वह साधन है, जिसके द्वारा बालकों को व्यवस्था, उत्तम आचरण और उनमें निहित सर्वोत्तम गुणों की आदत को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है...विद्यार्थियों को सुसभ्य तथा सुसंस्कृत बनाने के लिए स्वभाव पर सीधा प्रभाव डालना प्रशिक्षण अथवा अनुशासन है...अनुशासन से तात्पर्य आत्मनियन्त्रण अथवा आत्मानुशासन से है...अनुशासन का मतलब समय की पाबंदी, नियमों का पालन करना है...अनुशासन हमें अपने सर्वोत्तम लाभ के लिए समय का सदुपयोग करने में मदद करता है...अनुशासन एक मूल्यवान गुण है...अनुशासन आपके काम को आसान और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है...अनुशासन भावना को नियंत्रित करने और सही समय पर सही काम करने की क्षमता है...अनुशासन के बिना जीवन अधूरा और असफल है...अनुशासन हमारे शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रण में रखने का एक उत्तम साधन है...अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है...
Experiment of Discipline...
दोस्तों...एक क्रमबद्ध तरीके से काम करने से अनुशासन विकसित करने में मदद मिलती है.यदि हम अनुशासन का पालन नहीं करेंगे तो हमारा दैनिक जीवन असंगठित हो जाएगा...अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है.अनुशासन का पूरे जीवन में बहुत महत्व है और जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। पूरी दुनिया, देश, समाज, समुदाय, आदि अनुशासन के बिना अव्यवस्थित है.हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन अवश्य करना चाहिए...
Wish you all happy Teacher's Day...