काश तुझे मेरी जरूरत होती मेरी तरह...
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Sunday, February 12, 2023
काश तुझे मेरी जरूरत होती मेरी तरह...
Monday, February 6, 2023
You're Too Good to Feel This bad...
You're Too Good to Feel This bad...
मोहब्बत, अदावत, वफ़ा, बेरुख़ी ये सभी किराये के घर थे...
मोहब्बत, अदावत, वफ़ा, बेरुख़ी ये सभी किराये के घर थे...
सांस मेरी, जिंदगी मेरी, मोहब्बत भी मेरी,मगर हर चीज़ को मुक्कमल करने के लिए ज़रूरत थी तेरी दोस्त...गलत कहते है लोग की संगत का असर होता है,तुम बरसो मेरे साथ ही रही मगर फिर भी तु बेवफा निकली दोस्त...हँस तो लेते हैं हर किसी के साथ,मगर कंधे पर सर रख कर रोने वाला कोई नहीं मिला दोस्त...बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है,दौर जवानी का संभालना आसान नहीं होता है दोस्त...आकर्षण शायद अनेकों के लिए हो सकता है,पर समर्पण सिर्फ एक के लिए ही होता है दोस्त...हमसफर वक्त बदलने वाला होना चाहिए ,वक्त के साथ बदलने वाला कदापि नहीं दोस्त...वादों की तरह इश्क़ भी आधा रहा हमरा,मुलाकातें कम रहीं इंतज़ार ज़्यादा रहा दोस्त...जो मौन को समझ लें वो ही पूजनीय है, फिर चाहे वो मां हो, पत्नी हो, प्रेमी हो या परमेश्वर दोस्त...मोहब्बत, अदावत, वफ़ा, बेरुख़ी ये सभी किराये के घर थे, सब को बदलते देखा है तेरे राज ने दोस्त...मेरी कब्र के कीड़े भी भूखे रहेंगें,मुझे कुछ इस तरह से खाया है तेरे इश्क़ ने दोस्त...वक्त का खास होना जरूरी नही है, उस खास के लिए वक्त होना जरूरी है दोस्त...इरादे तो खतरनाक है दोस्त ,बाकी देखते हैं जिन्दगी मेरे से क्या करवाती है...मेरा खुद का दर्द तुझे से ज्यादा,कोई नहीं समझ सकता दोस्त... राज जो भी चीज़ रखता हैं कमाल का रखता है,यकीन न आए तो खुद की मिसाल ले लो दोस्त...सुनो महफूज़ हो तुम मेरी हर धड़कन में,यूं ही नहीं राज रोज तुम्हें लफ़्ज़ों में उतारा करता दोस्त...राज
तम्माम उम्र तपस्या कि जिसकी मोहब्बत की खातिर, उसी मोहब्बत को किसी ने एक पल में त्याग दिया दोस्त...तमन्ना नहीं रही दुनिया में मशहूर होने की दोस्त, अब तो तलब ये है की अपनों से थोड़ी दूरिया बनी रहे...तुम्हे याद तो हम जरूर आते होंगे अकेले में, पर अफ़सोस उन तन्हाईयों अपने इश्क़ का सरूर नहीं होता होगा दोस्त...चल रही इस जिंदगी से शायद तू खुश हो, पर जीने वाली जिंदगी तो कब का दफन हो चूका है दोस्त...मेरी चाहत की चीख तो तेरे रूह तक थीं, पता नहीं कैसे तुमने जिस्मो की पुकार सुन ली दोस्त...दर्द की भी अपनी एक अदा है, वो भी सहने वालों पर ही फिदा होती दोस्त...तेरी याद बस राज के साथ
Some Special Line only for you friend...
कुछ गुज़री,कुछ गुज़ार दी...कुछ निखरी, कुछ निखार दी...कुछ बिगड़ी, कुछ बिगाड़ दी...कुछ अपनी रही,कुछ अपनों पर वार दी...कुछ इश्क में डूबी, कुछ इश्क ने पार लगा दी...कुछ दोस्त साथ रहे,कुछ कसर दुश्मनों ने उतार दी...बस...ज़िन्दगी जैसी मिली ,वैसी ही गुज़ार दी तेरे राज ने दोस्त...एक तू ही तो है जिसे हर किस्सा सुनाने को जी चाहता है,वरना यूं तो हमारे लफ़्ज़ सुनने का अब दुनिया वाले भी बेताब है दोस्त...