Sunday, December 25, 2022

कही मैं तो कही मेरे ख्वाब और जज़्बात टूटे...





कही मैं तो कही मेरे ख्वाब और जज़्बात टूटे...


मरने के बाद कि गई तारीफ और दिल तोड़ने के बाद मांगी गई माफ़ी का कोई महत्व नहीं होता दोस्त...मुझे मालूम था कि लौट के अकेले ही आना है,फिर भी तेरे साथ दो चार कदम चलना अच्छा लगा दोस्त...एक नफरत ही है जिसे दुनियां जल्दी जान जाती है, वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिंदगी बीत जाती है दोस्त...बेफिक्र है आईने सा किरदार रखते हैं,फिक्र वो करें जो चेहरा दो चार रखते हैं दोस्त...शायद तुम वक्त बिताने आए थे, और हमें लगा था तुम जिंदगी भर साथ निभाओगे दोस्त...बहुत गिनते थे न तुम मेरी गलतियां ,थोड़ा अपने अंदर झांक के देख होश उड़ जायँगे दोस्त...कुछ रिश्ते किराये के मकान के माफिक होते है, कितना भी सजा लो कभी अपने नहीं होते दोस्त...जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद, वो नतीजे में किसी और के निकले दोस्त...अदब और हया तो मैने अपनी कलम से सीखी है,जब भी चलती है बस झुक कर ही चलती है दोस्त... जिंदगी में ख़ामोशी भी बहुत जरूरी है, कुछ रिश्तों के आबरू डकने के वास्ते दोस्त...पूरी दुनिया बदल जाय कोई दुःख नहीं होता, पर कोई अपना बदल जाय वो लम्हा मौत से कम नहीं होता दोस्त...कही मैं तो कही मेरे ख्वाब टूटे,न जाने कितने टुकड़ो में मेरे जज़्बात टूटे दोस्त..सिर्फ महसूस किये जाते है, कुछ एहसास कभी लिखें नहीं जाते है दोस्त...कभी गम हो तो याद कर लेना इस पागल को, अब हम ख़ुशी उधार देते हैं दर्द को गिरवी रखकर दोस्त...किसी के इश्क थे किसी का ख्याल थे हम, गुजरे दिनों में बहुत हीं कामल थे हम दोस्त...मेरी तकलीफ,मेरा गम, मेरे सदमा का पता चलता, तेरा कोई अपना बिछड़ता तो मेरा पता चलता दोस्त... ये जिंदगी बहुत कुछ देकर भी, किसी न किसी चीज के लिए फकीर बनाई रखती है दोस्त...अल्फाज़ बचे ही नही जो दिल के दर्द को बंया कर सके,तेरे इश्क ने जितना हंसाया उससे अधिक रुला दिया दोस्त...तेरे ही ख्याल पर ख़त्म होगा ये साल,तेरी ही ख़्वाहिश से शुरू होगा नया साल दोस्त...जहां तक तुम थे वहीं तक सफर था राज का दोस्त...राज 


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