जो लोग अपने आप को अमीर या धनी मानते है....उनसे मेरा एक प्रश्न है....
चरित्र, शांति,सुख, ज्ञान,प्राण,सभ्यता,संस्कार,अनुशासन,
आनंद,व्यवाहार, काबीलियत तथा अच्छा आचरण और आदत को ... जो धन आपके पास है... क्या आप उस दौलत या धन से खरीद कर इन वस्तुओ को अपने बच्चे और परिवार को हासिल करा सकते हो/ दे सकते हो...ये सारी वस्तुये हमारी परिश्रम और तपस्या का बरदान होता है...इसे बेचा या ख़रीदा नहीं जाता इसे हासिल किया जाता है....दोस्तों
I respect money not value of it...since
Money may be many things but it can never take place of everything....
प्यार से देखने की आदत तो बचपन से है...पर कुछ लोग ऐसे है जो कहते है मैं गुनाहगार हूँ....
Have a awesome & glorious... day friends
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