Monday, May 3, 2021

तरस इन आँखों की,तड़प इस दिल की...

Some special line for my life... सुनो जिसकी फितरत हुई बगावत करना,हमने उस दिल पे हुक़ूमत की है न दोस्त...तरस इन आँखों की,तड़प इस दिल की, बेबसी और जलन इस जिंदगी की तुमसे superior or कोई नही समझ सकता दोस्त...लगता है मैं भूल चुका हूँ मुस्कुराने का वो हुनर,कोशिश अब जब भी करता हूँ आँसू निकल आते हैं दोस्त...बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर,जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया दोस्त...चुभता है बहुत कुछ मुझे में भी तीर की तरह,पर अफसोस कि खामोश रहता हूं मैं भी अपनी तकदीर की तरह दोस्त...इक रेंत का सेहरा हूँ मैं और बारिश की फ़िज़ा है तु,आधा लिखा एक खत हूँ मैं और उस खत का पता है तु दोस्त...तुम्हारे बाद हमने किसी और को चाहा ही नहीं, ज़रा सी तो उम्र है किस किस को आजमाते फिरते दोस्त...मोहब्बत की शतरंज में वो सक्स बड़ा चालक निकला दोस्त,दिल को मोहरा बना कर हमसे हमारी जिन्दगी छीन ली...हम चाय पीकर कुल्हड़ भी नहीं तोड़ पाते,दिल तो खैर बहुत दूर की बात हैं दोस्त...इश्क़ और कोरोना दोनों एक ही समान हैं दोस्त,जब तक खुद को ना हो जाये साभी को मज़ाक ही लगत है...दोस्त माना कि मरता नहीं कोई जुदाई में,लेकिन जी भी तो नहीं पाता है कोई तन्हाई में...हर दर्द का इलाज़ मिलता था जिस बाज़ार में, पर जब मुहब्बत का नाम लिया तो सभी दवाख़ाने बन्द हो गये दोस्त...कभी ना कभी वो मेरे बारे में सोंचती जरूर होगी दोस्त,कि हासिल होने की उम्मीद ना थी फिर भी ‪‎मोहब्बत कोई बेपनाह करता था…दर्द बनकर ही रह जाते मेरे साथ दोस्त,सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है...आदते बुरी नहीं और न ही शौक ऊँचे हैं,वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही की राज देखे और पुरा ना हो दोस्त...राज

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