IAS परीक्षा की तैयारी बिगनर्स कैसे करें
यह तो हम सभी जानते हैं कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा (CSE) आयोजित कराता है और यह देश की एक कठिन व प्रतिष्ठित परीक्षा है। लाखों युवा छात्र देश के कोने-कोने से इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और एक IAS अफसर बनने का सपना देखते हैं। परन्तु परीक्षा की तैयारी शुरू करते समय हम इस बात का बहुत की कम ध्यान देते हैं कि तैयारी कैसे शुरू करें? “IAS परीक्षा की तैयारी बिगनर्स कैसे करें” आज हम इसी बात पर विमर्श करेंगे ताकि वह भी परीक्षा की तैयारी रणनीति से परिचित हो सकें। यदि हम इस परीक्षा की प्रक्रिया व प्रकृति को देखें तो हम पायेंगे कि इस परीक्षा में सफलता पाने के लिये हमें चाहिये कि हम एक सटीक रणनीति और व्यवस्था के साथ तैयारी करें। सामान्यत: एक अभ्यर्थी यदि इस परीक्षा की तैयारी स्नातक से पूर्व या स्नातक स्तर से ही शुरू कर दें तो यह भी संभव है कि इस सेवा में जाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, और अभ्यर्थी सफलता पूर्वक इस प्रतिष्ठित सेवा में अपना भविष्य निर्धारित कर सकते हैं।
मुख्यत: इस कठिन परीक्षा में सफलता पाने के लिये अभ्यर्थीयों में शैक्षिक योग्यता के साथ अनुशासन व धैर्य होना अतिआवश्यक है, और एक समझदार अभ्यर्थी को यह चाहिये कि वह इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यह निर्धारित कर ले कि उसमे पर्याप्त व उचित योग्यता, अनुशासन और धैर्य है, जिससे वह इस परीक्षा में निश्चित सफलता प्राप्त कर सके।
IAS परीक्षा की तैयारी शुरू करने वाले छात्र निम्न रूप से अपनी तैयारी शुरू कर सकते हैं-
स्कूल विद्यार्थियों के लिये टिप्स
1) अतिशीघ्रता न करें
सभी छात्रों और उनके अभिवावकों को हमारा सबसे पहला सुझाव यही है कि आप सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिये अतिशीघ्रता न करें। स्मरण रहे कि यह परीक्षा ज्ञान की परीक्षा नहीं है बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व की परीक्षा है और व्यक्तित्व का सहज विकास करने के लिये बच्चों को सहजता से बचपन गुजारने देना चाहिए। अगर आप आठवीं या उससे छोटी क्लास में पढ़ते हैं तो अभी आपको इस परीक्षा की तैयारी के लिये अलग से कुछ भी पढ़ने की ज़रूरत नहीं है। आप बस अपनी क्लास की पढ़ाई अच्छे से कीजिए और खूब खेलिये-कूदिये। अगर आप 9वीं से 12वीं क्लास के विद्यार्थी हैं तो अपनी तैयारी की थोड़ी-बहुत शुरुआत कर सकते हैं।
2) पाठ्यक्रम गंभीरता से पढ़ें
आप स्कूल में चाहे किसी भी क्लास में पढ़ते हों, आपके लिये सबसे ज़रूरी सुझाव यही है कि आप अपना पाठ्यक्रम ठीक से पढ़ें। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का कम से कम 25-30 प्रतिशत हिस्सा ऐसा है जो NCERT की स्कूल पुस्तकों को गहराई से पढ़ने से खुद ही तैयार हो जाता है। इसलिये, यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपनी पढ़ाई को गंभीरता से लें। आपने पुस्तकें ढंग से पढ़ी हैं, इसे जांचने के लिए आप NCERT क्लास बेस्ड मॉक टेस्ट में सम्मिलित हो सकते हैं और जिन्हें हल करके आप अपनी तैयारी का सटीक मूल्यांकन कर सकते हैं।
3) 11वीं कक्षा में उपयुक्त विषय चुनें
बेहतर होगा कि आप एक वैकल्पिक कॅरियर को ध्यान में रखकर अपने विषय चुनें। फिर भी, यदि आपने ठान ही लिया है कि आपको सिर्फ और सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा को ध्यान में रखकर विषयों का चयन करना है और किसी वैकल्पिक कॅरियर पर ध्यान नहीं देना है तो बेहतर होगा कि आप आर्ट्स के विषय चुनें। आर्ट्स के विषयों में भी प्राथमिकता भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र तथा राजनीति-शास्त्र को दी जानी चाहिये। ये सभी विषय सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में बड़ा हिस्सा रखते हैं। अगर आप इन्हें शुरू से पढ़ेंगे तो निस्संदेह तैयारी के अंतिम दौर में सहजता महसूस करेंगे।
कॉलेज और उसके बाद के विद्यार्थियों के लिये टिप्स
अगर अभी आप ग्रैजुएशन कर रहे हैं या उसमें प्रवेश लेने वाले हैं और आपने निश्चय कर लिया है कि आपको आगे चलकर IAS या PCS जैसी किसी सेवा में अपना कॅरियर बनाना है तो आपके लिये निम्नलिखित सुझाव कारगर हो सकते हैं-
अगर अभी आप ग्रैजुएशन कर रहे हैं या उसमें प्रवेश लेने वाले हैं और आपने निश्चय कर लिया है कि आपको आगे चलकर IAS या PCS जैसी किसी सेवा में अपना कॅरियर बनाना है तो आपके लिये निम्नलिखित सुझाव कारगर हो सकते हैं-
1) ग्रैजुएशन के लिये उपयुक्त विषय चुनें
यदि आपने ठान ही लिया है कि आपको सिर्फ और सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा को ध्यान में रखकर ग्रैजुएशन के विषयों का चयन करना है और किसी वैकल्पिक कॅरियर पर ध्यान नहीं देना है तो बेहतर होगा कि आप आर्ट्स के विषय चुनें। आर्ट्स के विषयों में भी प्राथमिकता भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र तथा राजनीति-शास्त्र को दी जानी चाहिये। ये सभी विषय सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में बड़ा हिस्सा रखते हैं। अगर आप इन्हें शुरू से पढ़ेंगे तो निस्संदेह तैयारी के अंतिम दौर में सहजता महसूस करेंगे और हो सके तो अपना वैकल्पिक विषय निर्धारित कर लें और उसे अधिक गंभीरता से अभी से पढ़ना शुरू कर दें।
2) तैयारी शुरू करें
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी बहुत धैर्य और ठहराव की मांग करती है। इसलिये, इसकी शुरुआत हड़बड़ी में नहीं बल्कि ठोस योजना के साथ करें। कॉलेज जीवन के शुरुआती दिनों में यह ज़रूरी नहीं है कि आप इस परीक्षा की तैयारी के प्रति अत्यंत गंभीर हो जाएँ। बेहतर होगा कि कॉलेज के पहले एक-दो वर्षों में आप कॉलेज की पढ़ाई पर फोकस करें। इस दौरान आप ज़्यादा से ज़्यादा यह कर सकते हैं कि अख़बार/पत्रिकाएँ पढ़ने और रोज़ाना कुछ न कुछ लेखन-अभ्यास करने की आदत डाल लें।
3) NCERT पुस्तकों से तैयारी प्रारंभ करें
जैसा की पूर्व में बताया जा चूका है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का कम से कम 25-30 प्रतिशत हिस्सा ऐसा है जो NCERT की पुस्तकों को गहराई से पढ़ने पर तैयार हो जाता है। इसलिये, जब भी आप इस परीक्षा की तैयारी शुरू करें तो पहले चरण के रूप में NCERT की पुस्तकों को पढ़ें।
कॉलेज के अंतिम वर्ष से आप गंभीर तैयारी की शुरुआत कर सकते हैं। कोशिश करनी चाहिये कि इस वर्ष में आप उन NCERT पुस्तकों को पढ़ लें जो तैयारी के लिये सहायक हैं। ग्रैजुएशन और उसके बाद आपको उन पुस्तकों पर आना चाहिये जो विशेष रूप से इस परीक्षा के लिये पढ़े जाने की अपेक्षा है। फिर भी, अगर आप ग्रैजुएशन खत्म होने तक इस परीक्षा की तैयारी शुरू नहीं कर पाते हैं तो बिल्कुल तनाव न लें। आप जब भी गंभीरता से पढ़ना शुरू करेंगे, लगभग डेढ़ वर्षों में तैयारी पूरी कर लेंगे।
आपके मन में यह दुविधा हो सकती है कि आपको NCERT की किन कक्षाओं तथा किन विषयों की पुस्तकें पढ़नी हैं। इसके समाधान के लिये नीचे उपयोगी पुस्तकों की सूची दी जा रही है-
1) भूगोल: कक्षा 6 से 12 तक NCERT की नई पुस्तक ( विश्व के भूगोल के लिये कक्षा 6 से 8 तक की NCERT की पुरानी पुस्तक भी पढ़ें)
2) इतिहास: कक्षा 6 से 12 तक NCERT की नई पुस्तक। इनको पढ़ने के बाद प्राचीन भारत (रामशरण शर्मा), मध्यकालीन भारत (सतीश चंद्रा) एवं आधुनिक भारत (विपिन चंद्रा) की कक्षा 11 एवं 12 की पुरानी NCERT की पुस्तकें भी पढ़नी चाहियें।
3) विज्ञान: कक्षा 6 से 10 तक NCERT की नई पुस्तक। इनके अलावा, कक्षा 11 की जीव विज्ञान तथा कक्षा 12 की जीव विज्ञान (अंतिम 4 अध्याय) भी अवश्य पढ़ें ।
4) अर्थव्यवस्था – कक्षा 9 से 12 तक NCERT नई पुस्तक।
5) राजव्यवस्था – कक्षा 11 और 12 की NCERT की नई पुस्तक। इनके अलावा, कक्षा 11 (राजनीतिक सिद्धांत) एवं 12 (भारत में लोकतंत्र : मुद्दे एवं चुनौतियाँ) की NCERT पुरानी पुस्तक भी पढ़ सकते हैं।
6) सामाजिक-राजनीतिक जीवन – कक्षा 6 से 10 तक NCERT की नई पुस्तक।
आपने NCERT की पुस्तकें गहराई से पढ़ीं या नहीं; इसका मूल्यांकन करने आप क्लास स्तरीय NCERT मॉक टेस्ट में अवश्य सम्मिलित हों और मॉक टेस्ट हल करके आप अपनी तैयारी का सटीक मूल्यांकन कर सकते हैं।
सभी विद्यार्थियों के लिये टिप्स
1) सह-पाठ्य गतिविधियों में भाग लें
सिविल सेवा परीक्षा ज्ञान से अधिक व्यक्तित्व की परीक्षा है और व्यक्तित्व विकसित करने के लिये किताबें पढ़ना काफी नहीं है। व्यक्तित्व का विकास भिन्न-भिन्न तथा जटिल परिस्थितियों का सामना करने से होता है। इसलिये, स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को चाहिये कि वे ज़्यादा से ज़्यादा सह-पाठ्य गतिविधियों में हिस्सा लें। कॉलेज के विद्यार्थियों को कम से कम पहले दो वर्षों में तो आपको सह-पाठ्य गतिविधियों में भाग लेना ही चाहिये। ग्रैजुएशन के अंतिम वर्ष से चाहें तो आप इस परीक्षा की तैयारी में पूरे मनोयोग से जुट सकते हैं।
सबसे अच्छा यह होगा कि आप डिबेट जैसी एक मंचीय गतिविधि में जमकर भाग लें और किसी एक टीम स्पोर्ट (जैसे क्रिकेट) में थोड़ा-बहुत समय गुज़ारें। कॉलेज ख़त्म कर परीक्षा की तैयारी में जुटे उम्मीदवार सिर्फ अपनी तैयारी पर फोकस करें।
2) अख़बार तथा पत्रिकाएँ पढ़ें
सिविल सेवा परीक्षा में करेंट अफेयर्स की भूमिका बहुत अधिक है। मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के पेपर में लगभग आधे प्रश्न किसी न किसी रूप में करेंट अफेयर्स से जुड़े होते हैं। इसलिये, इस परीक्षा में वे लोग बेहतर साबित होते हैं जिनकी अख़बार तथा पत्रिकाएँ पढ़ने में स्वाभाविक रुचि रही होती है।
सबसे पहले, यह ज़रूरी है कि आप सही अख़बारों और पत्रिकाओं को चुनें। यह सुझाव भी 9वीं और उससे बड़ी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिये है, पर छठी से आठवीं क्लास के बच्चे भी चाहें तो थोड़ी-बहुत कोशिश कर सकते हैं। अखबार जितना समझ में आ जाए, उतना ठीक है; पूरा अख़बार समझने की ज़िद न करें। स्कूल के स्तर पर आप इनमें से कोई एक अख़बार देखते रहें, इतना ही काफी है। कॉलेज के अंतिम वर्ष या कॉलेज ख़त्म कर चूके सिविल सेवा के उम्मीदवार से अपेक्षा होती है कि वह संपादकीयों तथा लेखों में किये गए विश्लेषण के स्तर तक पहुँचे।
अगर किसी कारण अख़बार न पढ़ पा रहे हों तो वे करेंट अफेयर्स की कोई अच्छी मासिक पत्रिका पढ़कर काम चला सकते हैं। या इसी ग्रुप में यानी IAS&PCS DK Academy में ही मेरे द्वारा और राजेश यादव सर द्वारा करेन्ट के लिए आर्टिकल्स पोस्ट किए जाते है। अगर आप अभी से उन्हें पढ़ने की आदत डाल लेंगे तो परीक्षा देने के समय तक करेंट अफेयर्स के एक्सपर्ट बन जाएंगे।
3) लेखन शैली का विकास करें
यह सुझाव मुख्य रूप से 9वीं और उससे बड़ी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिये है। छठी से आठवीं क्लास के बच्चे भी चाहें तो हल्की-फुल्की कोशिश कर सकते हैं। गौरतलब है कि सिविल सेवा परीक्षा में सफलता अंततः अच्छी लेखन शैली से तय होती है और अच्छी लेखन शैली का विकास निरंतर अभ्यास से लंबी अवधि में होता है। अगर आप स्कूल के दिनों से ही लेखन अभ्यास शुरू कर देंगे तो कॉलेज के अंतिम वर्षों तक आपकी शैली परिपक्वता के उस स्तर को ज़रूर छू लेगी जिसकी अपेक्षा इस परीक्षा में की जाती है।
लेखन शैली को विकसित करने के लिए आप कई आसान उपाय अपना सकते हैं। सबसे आसान उपाय यह है कि आप किसी अख़बार या पत्रिका में प्रकाशित1000-1500 शब्दों का कोई लेख ध्यान से पढ़ें और फिर लगभग 250-300 शब्दों में उसका सार लिखें। दूसरा तरीका है कि आप हर सप्ताह किसी विषय पर 1000 शब्दों में निबंध लिखने का अभ्यास करें। निबंध लेखन के अभ्यास से न सिर्फ आप निबंध के प्रश्नपत्र में अच्छे अंक ला सकेंगे बल्कि आपकी विश्लेषणात्मक व रचनात्मक चिंतन की क्षमता भी बढ़ेगी।
लेखन शैली की उत्कृष्टता बहुत हद तक आपके शब्द-चयन पर निर्भर करती है, इसलिये आपको अपना शब्द-संसार समृद्ध करने के लिये प्रयासरत रहना चाहिये। इसका सर्वश्रेष्ठ तरीका है कि आप नई-नई किताबें व पत्रिकाएँ पढ़ें और जहाँ कहीं भी कोई नया शब्द, प्रभावशाली कविता, सूक्ति या कथन मिले उसे नोट कर लें। इन नोट किये हुए शब्दों को दो-चार बार आपको यत्नपूर्वक प्रयोग में लाना पड़ेगा, फिर ये आपके शब्द-संसार में सहज रूप से शामिल हो जाएंगे। लेखन-शैली का चमत्कार काफी हद तक इस बात पर भी टिका होता है कि आप प्रभावशाली कथनों का सटीक प्रयोग कर पाते हैं या नहीं। अभी से यह अभ्यास शुरू कर देंगे तो सिविल सेवा परीक्षा में बैठने से पहले आपकी भाषा निस्संदेह धारदार हो जाएगी।
4) IAS टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़ें/देखें
यह सुझाव मुख्य रूप से 9वीं और उससे बड़ी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिये है। छठी से आठवीं क्लास के बच्चे भी चाहें तो यह कर सकते हैं। IAS टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़ने या देखने से नए उम्मीदवारों को प्रेरणा मिलती है और तैयारी से जुड़े कई पक्षों पर उनकी समझ स्पष्ट हो जाती है। इसलिये, आपको चाहिये कि ज़्यादा से ज़्यादा टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़ें और देखें। आप IAS टॉपर्स के इंटरव्यू किसी पत्रिका या वेबसाइट या यूट्यूब पर भी देख सकते हैं। इससे आप निरंतर मोटीवेट होते रहेंगे और आपका ध्यान नहीं भटकेगा।
5) सिलेबस की पूरी समझ बना लें
UPSC के परीक्षा स्ट्रक्चर को समझना बहुत जरूरी है। ऐसा न हो कि आपकी मेहनत बिना किसी वजह के हो क्योंकि UPSC के उम्मीदवारों को किसी भी विषय में शोध नहीं करना है बल्कि उन्हें विषय की आधारभूत समझ के साथ सिलेबस के आधार पर अपनी जानकारी को परिपूर्ण करना है इसलिए उम्मीदवारों को सिलेबस सिर्फ देखना नहीं है बल्कि उसे जज्ब कर लेना है। यह सलाह कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए हैं। पिछले साल के क्वेश्चन पेपर्स का अभ्यास करना और उनके हिसाब से अपनी आगे की तैयारी करना भी जरूरी है।
कॉलेज के बाद के लिए टिप्स
इस समय परीक्षा की तैयारी अक्सर वे शुरू करते हैं, जिन्हें IAS में जाने की प्रेरणा जरा देर से मिली हो। ऐसे युवा भी काफी संख्या में सफल होते हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन के बाद IAS परीक्षा की तैयारी शुरू की। ये युवा अपनी पूरी ऊर्जा और पूरा समय इसी परीक्षा की तैयारी को दे सकते हैं। ऐसे में उनकी तैयारी ज्यादा फोकस्ड रहती है। फिर, ग्रेजुएशन कर चुके युवा की, अपने विषयों में तो अच्छी नींव डल ही चुकी होती है। दरअसल, ‘सही समय’ से ज्यादा महत्वपूर्ण है IAS क्लियर करने के प्रति आपका समर्पण और प्रतिबद्धता। इस समर्पण, प्रतिबद्धता और कठोर परिश्रम के बल पर ही आप IAS अधिकारी बनने का अपना सपना साकार कर सकते हैं।
सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस काफी बड़ा होता है। खासकर जनरल स्टडीज का दायरा तय करना और मुश्किल है। इसलिए पढ़ाई का मॉड्यूल बनना बहुत अहम है। हर दिन कितने घंटे पढ़ना है यह तय होना चाहिए। इसके बाद यह क्रम टूटना नहीं चाहिए। ऐसा नहीं है कि किसी सप्ताह हमने जमकर पढ़ाई की और अगला सप्ताह खाली चला गया। बेहतर है कि टॉपिक के अनुसार टाइम बांट लें और उस निर्धारित टाइम में टॉपिक को खत्म करें।
अगर अभी तक आपने अपना वैकल्पिक विषय नहीं चयनित किया है तो सबसे पहले उसे चुने। सिविल सेवा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों की सबसे बड़ी समस्या वैकल्पिक विषयों के चयन की होती है। हमेशा उस विषय को प्राथमिकता दें जिसमें आपकी रूचि हो। जिसे पढ़ने में मजा आता हो और आप उसमें खुद को सहज महसूस करते हों। NCERT और प्रमाणिक पुस्तकों का अध्ययन करें।
अगर अभी तक आपने अपना वैकल्पिक विषय नहीं चयनित किया है तो सबसे पहले उसे चुने। सिविल सेवा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों की सबसे बड़ी समस्या वैकल्पिक विषयों के चयन की होती है। हमेशा उस विषय को प्राथमिकता दें जिसमें आपकी रूचि हो। जिसे पढ़ने में मजा आता हो और आप उसमें खुद को सहज महसूस करते हों। NCERT और प्रमाणिक पुस्तकों का अध्ययन करें।
सिविल सेवा की तैयारी और परीक्षा की प्रक्रिया लगभग डेढ़ वर्ष चलती है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस पूरी अवधि के दौरान खुद की सोच सकारात्मक बनाए रखें। पढ़ाई के दौरान समय-समय पर ब्रेक लें। मूवी देखें, दोस्तों से बात करें। यह बात समझनी होगी कि तैयारी एक पक्षीय नहीं होती है। इसमें आपकी सोच और स्वास्थ्य की अहम भूमिका होती है।मूवी का मतलब ये नहीं है कि आप दिन भर मूवी देखे महीने में 1-2बार देख लेना काफी है।
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