Tuesday, June 2, 2020

UPSC मुख्य परीक्षा का फॉर्म कैसे भरें?

UPSC मुख्य परीक्षा का फॉर्म कैसे भरें?

मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरते समय क्या सावधानियाँ बरतें ?
आवश्यकता क्यों ?... 

हर वर्ष प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के तुरंत बाद सफल उम्मीदवारों के सामने एक परेशानी यह आती है कि वे मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरते समय क्या सावधानियाँ बरतें? ये सावधानियाँ इसलिये  ज़रूरी हैं क्योंकि इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य इसी फॉर्म की जानकारियों के आधार पर आपसे सवाल-जवाब करते हैं और आपका मूल्यांकन करते हैं।

हम हर वर्ष इंटरव्यू के समय ऐसे उम्मीदवारों को देखते हैं जिन्हें अफसोस होता है कि उन्होंने मुख्य परीक्षा के फॉर्म में कोई बात क्यों लिख दी थी? कई बार यह अफसोस अंतिम परिणाम के बाद होता है क्योंकि विभिन्न सेवाओं या राज्यों के संबंध में गलत प्राथमिकता भर देने के कारण व्यक्ति की पूरी ज़िंदगी दाँव पर लग जाती है। 

कुछ सफल अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने लापरवाही से आई.ए.एस. (भारतीय प्रशासनिक सेवा) के बाद आई.एफ.एस. (भारतीय विदेश सेवा) को अपनी वरीयता सूची में लिख दिया था और संयोग ऐसा बना कि उन्हें वही सेवा मिल गई। उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि वे देश के भीतर रहना और कोई महत्त्वपूर्ण कार्य करना चाहते हैं पर उनकी सेवा में ऐसा मौका मिल नहीं पाता। 

वे इतना साहस भी नहीं कर पाते कि नौकरी को छोड़कर पुनः परीक्षा दे दें क्योंकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे पुनः सफल होंगे। बाकी सेवाओं में रहते हुए तो उम्मीदवार पुनः इस परीक्षा में बैठ सकता है किंतु नियम है कि अगर कोई उम्मीदवार  भारतीय विदेश सेवा के लिये  चयनित हो गया है तो वह इस्तीफा देकर ही इस परीक्षा में पुनः बैठ सकता है। 

यह और ऐसी ही कई अन्य गलतियाँ हैं जो फॉर्म भरते समय उम्मीदवारों से हो जाती हैं और बाद में उन्हें निरंतर परेशान करती हैं। 

मूल समस्या यह है कि फॉर्म भरते समय उम्मीदवारों को विभिन्न सेवाओं आदि से संबंधित अधिकांश पक्षों की जानकारी ही नहीं होती और जानकारी के इसी अभाव के कारण वे ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं। 

कुछ वर्ष पहले तक उम्मीदवारों को यह मौका मिलता था कि वे इंटरव्यू के समय अपनी सेवा संबंधी वरीयताएँ बदल सकते थे पर अब ऐसा नहीं है। इसलिये  यह और ज़रूरी हो जाता है कि मुख्य परीक्षा का फॉर्म भरते समय हम लापरवाही न करें। 

वर्तमान भारत सरकार इन नियमों को लचीला बनाने पर विचार कर रही है (जैसे यह कि उम्मीदवार अपनी सेवा या राज्य संबंधी वरीयताएँ बदल सकें) किंतु जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक तो उम्मीदवारों को विशेष सावधानी बरतनी ही चाहिये।

फॉर्म के विभिन्न खंडों से जुड़ी समस्याएँ और अपेक्षित सावधानियाँ

अभिरुचियाँ (Hobbies)

जो प्रश्न मुख्य परीक्षा के उम्मीदवारों को सबसे ज़्यादा परेशान करता है, वह यही है कि वे अभिरुचियों के अंतर्गत कुछ भरें या नहीं; और अगर भरें तो क्या भरें?

गौरतलब है कि मुख्य परीक्षा के फॉर्म में प्रश्न संख्या 18 (डी) का संबंध रुचियों से है। इसकी भाषा है- ‘अन्य पाठ्येतर गतिविधियाँ व रुचियाँ (जैसे कि अभिरुचियाँ आदि)’ [Other Extra Curricular Activities and Interests (Such as hobbies etc.)]। 

इस प्रश्न का भाव है कि उम्मीदवार ने पढ़ाई के अलावा किन गतिविधियों में हिस्सा लिया है या उसकी रुचि अथवा अभिरुचि किन विषयों में रही है?

चूँकि इंटरव्यू में प्रायः रुचियों से जुड़े प्रश्न ठीक-ठाक संख्या में पूछे जाते हैं, इसलिये  कई उम्मीदवार इस बात से बेहद डरे रहते हैं कि वे इस कॉलम में क्या लिखें? कई उम्मीदवार तो घबराहट के मारे इस कॉलम को खाली ही छोड़ देते हैं।

इस संबंध में हमारी सबसे पहली सलाह यह है कि आप भूल कर भी इस कॉलम को खाली न छोड़ें। इस कॉलम के खाली होने का मतलब है कि आप पढ़ाई के अलावा कुछ भी करना पसंद नहीं करते। 

याद रहे कि इंटरव्यू बोर्ड ऐसे प्रत्याशियों की तलाश करता है जो सामान्य जीवन के प्रति सहज और ज़िंदादिल हैं। उसे ऐसे उम्मीदवार बिल्कुल पसंद नहीं आते जो सामान्य जीवन के प्रति अरुचि या असहजता का प्रदर्शन करते हैं। अगर कोई उम्मीदवार अपनी कोई रुचि नहीं लिखता है तो उसके बारे में इंटरव्यू बोर्ड में बेहद नकारात्मक छवि बन जाती है।

दूसरा प्रश्न है कि अगर रुचि लिखनी ही है तो एक रुचि लिखी जाए या एक से अधिक रुचियाँ भी लिखी जा सकती हैं? इस संबंध में आपको खुद ही निर्णय करना चाहिये । अगर आप एक ही रुचि के संबंध में सहज हैं तो एक ही लिखें और यदि एक से अधिक में सहज हैं तो उन सभी का ज़िक्र करें। कोशिश करनी चाहिये  कि 2-3 से अधिक रुचियाँ न लिखी जाएँ। अधिक रुचियाँ लिखने से एक तो उम्मीदवार के जटिल प्रश्नों में फँसने की संभावना बढ़ जाती है और दूसरी संभावना यह भी बनती है कि बहुत सी रुचियाँ देखकर इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य उस ओर ध्यान न दें।

अब सवाल है कि कौन सी रुचियाँ भरने योग्य हैं और कौन सी नहीं? अच्छी रुचियाँ वे हैं जो आपको एक सहज व्यक्ति के तौर पर प्रदर्शित करती हैं, न कि आपके ऊपर महानता का आवरण चढ़ाती हैं। उदाहरण के लिये , ‘फिल्में देखना’ या ‘चित्रकारी करना’ अच्छी रुचियाँ मानी जाती हैं किंतु जब कोई उम्मीदवार रुचियों के नाम पर ‘बूढ़ों की सेवा करना’, ‘विकलांगों की सहायता करना’, ‘बच्चों से बातचीत करना और उन्हें पढ़ाना’ जैसी बातें लिखता है तो इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों के मन में उसके प्रति अच्छी छवि नहीं बनती। उन्हें महसूस होता है कि यह उम्मीदवार उन्हें प्रभावित करने के लिये  झूठ और कपट का सहारा ले रहा है। अतः रुचियों के अंतर्गत खुद को महान बताने से बचना चाहिये ।

अच्छी रुचियाँ वे होंगी जो बोर्ड सदस्यों के भीतर जिज्ञासा पैदा करें। अगर आप चाहते हैं कि आपसे रुचियों पर बात की जाए तो कुछ ऐसा लिखें कि बोर्ड के सदस्य उस विषय पर बात करने को उत्सुक हो जाएँ। उदाहरण के लिये , अगर कोई उम्मीदवार ‘नई तकनीकों को समझना’, ‘साहसिक खेल खेलना’, ‘पशु-पक्षियों के स्वभाव को समझना’ जैसी कोई रुचि लिखता है तो तय हो जाता है कि उसके इंटरव्यू में रुचियों पर चर्चा होगी और अगर वह चर्चा को रुचिकर बना पाया तो 30 मिनट के इंटरव्यू में 10-15 मिनट तक उसी विषय पर चर्चा को केंद्रित रख सकेगा जो उसके लिये  बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकता है। 

अगर आप चाहते हैं कि आपसे रुचियों पर प्रश्न न पूछे जाएँ तो आप ऐसी रुचियाँ लिखें जिन्हें पढ़कर बोर्ड के सदस्यों के मन में कोई जिज्ञासा या उत्साह पैदा न हो। ‘योग करना’, ‘सैर करना’, ‘अखबार पढ़ना’, ‘क्रिकेट खेलना’, ‘उपन्यास पढ़ना’ जैसी रुचियाँ इतनी प्रचलित हैं कि लगभग हर दूसरा उम्मीदवार इन्हीं में से कोई रुचि लिखता है। कभी-कभी सदस्य इन रुचियों पर बात कर लेते हैं किंतु सहज मनोविज्ञान यही है कि उनके मन में ऐसे विषयों पर बातचीत करने के लिये  उत्साह पैदा नहीं होता।

रुचियों के संबंध में कुछ सामान्य बातें 

ऐसी रुचि न लिखें जो आपके अभिजात वर्ग से होने को सूचित करती हो, जैसे ‘कार रेसिंग में भाग लेना’, ‘घुड़सवारी करना’, ‘देश-विदेश में भ्रमण करना’ इत्यादि। (अगर आप देश-विदेश में भ्रमण अपनी आय से करते हैं तो डरने की आवश्यकता नहीं है। माता-पिता के धन के आधार पर चलने वाली रुचियों को लिखने से बचना चाहिये ।)

ऐसी रुचि न लिखें जो समाज के खिलाफ जाने का संकेत करती हो, जैसे ‘नए-नए हथियारों का संग्रह करना’, ‘स्मोकिंग करना’, ‘तेज़ गति में ड्राइविंग करना’ इत्यादि।
(BY:- Rishi Ranjan)
वही रुचि लिखें जिस पर आपकी ठीक-ठाक समझ हो। बोर्ड के सदस्य आपसे अपनी रुचि के संबंध में किसी विशेषज्ञता की उम्मीद नहीं करते। वे सिर्फ इतना चाहते हैं कि जो कार्य करना आपको अच्छा लगता है, उसके संबंध में आप उन प्रश्नों का जवाब ज़रूर दें जो सामान्य जानकारियों से जुड़े हैं। उदाहरण के लिये , अगर आप ‘फिल्म देखना’ अपनी रुचि बताते हैं तो आप यह नहीं कह सकते कि ‘मैं गुरुदत्त या राज कपूर की फिल्मों के बारे में नहीं जानता हूँ’। इसका एक तरीका यह भी है कि आप मुख्य परीक्षा देने के बाद अपनी रुचि से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ इकट्ठी कर लें। इसके लिये  3-4 दिन की मेहनत पर्याप्त होनी चाहिये।

जहाँ तक संभव हो, अपनी रुचि का क्षेत्र सीमित और स्पष्ट रखना चाहिये। उदाहरण के लिये , अगर आप सिर्फ मनोरंजन के लिये  फिल्में देखते हैं और सिर्फ आजकल की फिल्में ही देखते हैं तो अपनी रुचि में ‘फिल्म देखना’ जैसी व्यापक बात न लिखें। आपको लिखना चाहिये - ‘समकालीन मनोरंजनपरक फिल्में देखना’। ऐसा होने पर बोर्ड के सदस्य आपसे बहुत दूर-दराज के प्रश्न नहीं पूछेंगे; और अगर पूछेंगे भी तो आपका माफी मांगना उचित होगा क्योंकि आपकी रुचि का क्षेत्र सीमित था। कुछ अन्य उदाहरण लें तो ‘उपन्यास पढ़ना’ से बेहतर होगा कि ‘पिछले दो दशकों के उपन्यास पढ़ना’ लिखा जाए।

अगर आपके पास कोई ऐसी रुचि नहीं है जिस पर आप बात कर सकें तो बेहतर होगा कि आप कोई ऐसी रुचि लिख दें जिस पर बहुत अधिक प्रश्न न बनते हों; और बनते भी हों तो उनके जवाब आसानी से दिए जा सकते हों। ऐसी कुछ रुचियाँ हैं- ‘पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना’, ‘पत्र लिखना’, ‘मंच पर कविता पाठ करना’, ‘चुटकुले सुनना और सुनाना’, ‘साइकिल चलाना’, ‘व्यायाम करना’, ‘दोस्तों से बातचीत करना’ इत्यादि। इनमें से जो आपके व्यक्तित्व से जुड़ती हो, आप वह लिख दें।

सेवा संबंधी वरीयताएँ (Service Preferences)

सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम के आधार पर लगभग 22-25 सेवाओं का आबंटन किया जाता है जिनमें से 2 (I.A.S. तथा I.P.S.) अखिल भारतीय सेवाएँ हैं जबकि शेष सभी केंद्रीय सेवाएँ। उम्मीदवार को वही सेवा मिलती है जो उसके रैंक तथा उसकी वरीयता सूची के आधार पर उसके हिस्से में आती है। 

उम्मीदवारों को सभी सेवाओं के सामने वरीयता-क्रम भरना चाहिये, किसी भी सेवा को छोड़ना नहीं चाहिये । 

कुछ उम्मीदवार अति-आत्मविश्वास के शिकार होकर कुछ ही सेवाओं को भरते हैं। सरकार की दृष्टि में इसका अर्थ यह है कि अगर आपको उन सेवाओं में से कोई नहीं मिलती है तो शेष सभी सेवाएँ आपके लिये बराबर हैं। अगर आपका रैंक कुछ पीछे रह गया तो सरकार पहले आपसे पीछे के रैंक वाले अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार सेवा आबंटित करेगी और अंत में जिस भी सेवा में कोई स्थान बचेगा, वह आपको आबंटित कर दी जाएगी। 

कई बार ऐसा होता है कि अच्छा रैंक आने के बावजूद कोई अभ्यर्थी बहुत प्रभावहीन सेवा में चला जाता है क्योंकि उसने कुछ ही वरीयताएँ भरी थीं या गलत वरीयता-क्रम भर दिया था।

अगर आप पहले से किसी सेवा मे हैं तो बेहतर है कि आप अपनी वरीयता सूची में उतनी ही सेवाएँ भरें जिनमें आपकी रुचि है। उदाहरण के लिये , अगर आप पहले से भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित हैं तो स्वाभाविक तौर पर आपको 2 या 3 सेवाएँ ही भरनी चाहिये।

अगर आप किसी सेवा के लिये स्वास्थ्य संबंधी कारणों से अयोग्य हैं तो आप उस सेवा को छोड़ भी सकते हैं और चाहें तो भर भी सकते हैं। अगर आपने वह विकल्प भरा है और स्वास्थ्य परीक्षण में आप उसके लिये अयोग्य घोषित हो जाते हैं तो आपको अपने आप वरीयता सूची में वर्णित अगली सेवा मिल जाएगी। उदाहरण के लिये, अगर आपकी लंबाई आई.पी.एस. के लिये  पर्याप्त नहीं है और आपने वरीयता सूची में दूसरे क्रम पर आई.पी.एस. तथा तीसरे क्रम पर आई.आर.एस. को भरा है तो आई.पी.एस. में अयोग्य होने पर आपको आई.आर.एस. में अपने आप स्थान मिल जाएगा, बशर्ते आपका रैंक उसके लिये  पर्याप्त हो। 

वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति की सेवा संबंधी वरीयताएँ अलग होती हैं, किंतु फिर भी विभिन्न सेवाओं में मिलने वाले अवसरों, सुविधाओं और करियर-ग्रोथ जैसे मानकों के आधार पर एक सामान्य वरीयता-क्रम बनाया जा सकता है। अपनी रुचि के अनुसार आवश्यक संशोधन करते हुए आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।

 सेवा/पद का नाम    
(Name of Service/Post)

 क्रम (Order)

 Indian Administrative Service

 1

 Indian Foreign Service

 3

 Indian Police Service

 2

 Indian P & T Accounts & Finance Service, Group A

 18 

 Indian Audit & Accounts Service, Group A

 7 

 (I.R.S.) Indian Customs and Central Excise Service Group-A

 5 

 Indian Defence Accounts Service, Group A

 15 

 Indian Revenue Service (IT) Gr-A

 4 

 Indian Ordnance Factories Service, Group A (Asstt. Works Manager, Administration)

 21 

 Indian Postal Service, Group-A

 20 

 Indian Civil Acc. Service, Gr-A

 9 

 Indian Railway Traffic Service, Group A

 6 

 Indian Railway Accounts Service, Group A

 8 

 Indian Railway Personnel Service, Group A

 10 

 Asst. Security Commissioner, Group-A in Rail. Prot. Force

 11 

 Indian Defence Estates Service, Group A

 12 

 Indian Information Service, Jr. Grade Group A

 19 

 Indian Trade Service, Gruop A (Grade III)

 17 

 Indian Coporate Law Service, Group A

 16

 Armed Forces Headquarters Services, Group-B (Sec. Off.)

 22

 Delhi, Andaman-Nicobar, Lakshadweep, Daman-Diu and Dadra-Nagar Haveli Civil Service, Group B

 14 

 Delhi, Andaman-Nicobar, Lakshadweep, Daman-Diu and Dadra-Nagar Haveli Police Service, Group B

 13 

 Pondicherry Police Service, Group B

 23 

इस सूची में आई.पी.एस. को दूसरे क्रम पर रखा गया है और आई.एफ.एस. को तीसरे क्रम पर। हमारी समझ है कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवार प्रायः आई.एफ.एस. में नहीं जाना चाहते। जो उम्मीदवार शारीरिक दृष्टि से आई.पी.एस. के लिये  योग्य है, वह इस क्रम को निश्चिंत होकर भर सकता है क्योंकि अगर उसे आई.पी.एस. नहीं मिलेगा तो आई.एफ.एस. भी नहीं मिलेगा क्योंकि आई.एफ.एस. की कट-ऑफ आई.पी.एस. से ऊँची होती है। ऐसी स्थिति में उसे अपने आप चौथी वरीयता वाली सेवा मिल जाएगी। 

किंतु अगर कोई उम्मीदवार आई.पी.एस. के लिये  अयोग्य हो जाए और उसका रैंक इतना अच्छा हो कि वह आई.ए.एस. में तो न आ पा रहा हो किंतु आई.एफ.एस. की कट-ऑफ से ऊपर हो तो वह आई.एफ.एस. में चुन लिया जाएगा और अगर उसकी रुचि इस सेवा में नहीं है तो वह जीवन भर परेशान रहेगा। इस संभावना से बचने के लिये  बेहतर होगा कि वे अभ्यर्थी (जो आई.पी.एस. के लिये  शारीरिक रूप से अयोग्य हैं और आई.एफ.एस. में नहीं जाना चाहते हैं) आई.एफ.एस. को आई.आर.एस. के बाद रखें।

इसी प्रकार, इस वरीयता क्रम में दिल्ली से जुड़ी 2 सेवाओं डानिक्स और डानिप्स को क्रमशः 14वें और 13वें क्रम पर रखा गया है। जो उम्मीदवार दिल्ली में रहने की इच्छा रखते हों, वे इन सेवाओं को और ऊँची वरीयता दे सकते हैं जबकि जिन्हें दिल्ली से कोई लगाव नहीं है, वे इन्हें कुछ नीचे कर सकते हैं।

राज्य संबंधी वरीयताएँ (State Preferences)

पिछले कुछ वर्षों से लागू व्यवस्था के तहत उम्मीदवारों को यह वरीयता-क्रम देना होता है कि अगर उन्हें आई.ए.एस. या आई.पी.एस. अर्थात् किसी अखिल भारतीय सेवा में शामिल किया जाता है तो वे अपने काडर के तौर पर विभिन्न राज्यों को किस क्रम में चुनना चाहेंगे? 5-7 वर्ष पहले तक काडर मिलना सिर्फ तुक्के पर आधारित होता था किंतु अब वरीयता-क्रम की व्यवस्था लागू होने के कारण अधिकांश उम्मीदवारों को अपने राज्य या उसके आस-पास के किसी राज्य में काम करने का मौका मिल जाता है।

इस संबंध में अभ्यर्थियों को यह सलाह दी जाती है कि वे सभी राज्यों के सामने वरीयता क्रम लिखें। आम तौर पर उन्हें अपने राज्य को पहले क्रम पर रखना चाहिये किंतु अगर उनके पास कोई ठोस कारण हो तो ऐसा नहीं भी कर सकते हैं। 

राज्यों का क्रम तय करते हुए प्रायः उम्मीदवार यही तर्क ध्यान में रखते हैं कि कौन सा राज्य उनके गृह राज्य के निकट है। यह आधार सही है, साथ ही कुछ अन्य आधार भी ध्यान में रखे जाएँ तो बेहतर है क्योंकि अलग-अलग राज्यों में विभिन्न कार्य संस्कृतियाँ हैं। कई बार दूर-दराज के राज्य सेवा संबंधी संतुष्टि की दृष्टि से गृह राज्य या आस-पड़ोस के राज्यों से बेहतर साबित होते हैं। कुछ अन्य कारक भी महत्त्वपूर्ण हैं, जैसे हरियाणा और पंजाब को दिल्ली के निकट होने और अच्छी परिवहन सुविधाओं आदि के कारण कई लोग वरीयता देते हैं।

राज्य संबंधी वरीयताएँ भी हर व्यक्ति की अलग हो सकती हैं किंतु ऊपर बताए गए आधारों पर हमने एक सूची तैयार की है। उम्मीदवारों को चाहिये  कि इसमें अपने हिसाब से कुछ परिवर्तन कर लें, जैसे-

1. पहले क्रम पर उन्हें अपने गृह राज्य को रखना चाहिये। अगर किसी कारण से आप गृह राज्य में काम नहीं करना चाहते तो उसे छोड़ भी सकते हैं।
2. उसके बाद अपने आस-पड़ोस के राज्यों को रखना चाहिये । अगर आस-पड़ोस के राज्यों में कोई गंभीर संकट या आपकी अरुचि है तो उन्हें छोड़ भी सकते हैं।
3. उसके बाद सामान्यतः अपने गृह राज्य से दूरी तथा परिवहन सुविधाओं के आधार पर आपको इस सूची में बदलाव कर लेना चाहिये ।
4. अगर आपको पहाड़ी राज्यों या जनजाति बहुल राज्यों से विशेष लगाव या अलगाव है तो उसके आधार पर भी सूची को संशोधित कर सकते हैं।
5. इस सूची में कुछ स्थानों पर आई.ए.एस. तथा आई.पी.एस. के लिये  राज्यों के वरीयता क्रम को अलग-अलग रखा गया है। इसका आधार यह है कि उस राज्य विशेष में इन दोनों सेवाओं की तुलनात्मक स्थिति क्या है? उदाहरण के लिये , आग्मुट काडर (अर्थात् दिल्ली, अन्य केंद्रशासित प्रदेश तथा कुछ अन्य राज्य) को आई.पी.एस. के लिये ज़्यादा ऊँची वरीयता दी गई है क्योंकि इस काडर की अधिकांश पोस्टिंग्स दिल्ली में होती हैं और दिल्ली पुलिस पर सीधे केंद्र सरकार का नियंत्रण होने के कारण उसके अधिकारी अन्य राज्यों की पुलिस की तुलना मेंज़्यादा स्वायत्तता के साथ कार्य कर पाते हैं।
6. यह क्रम उत्तर भारत के हिंदी भाषी अभ्यर्थियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अगर आप किसी अन्य क्षेत्र से हैं तो आपको इस सूची में गंभीर बदलाव कर लेने चाहिये।

कृपया फॉर्म भरते समय निम्नलिखित बातों पर भी ध्यान दें-

वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ (Spelling Mistakes) भूलकर भी न करें। कभी-कभी पूरा इंटरव्यू ऐसी गलतियों की भेंट चढ़ जाता है।

अगर आपका स्थायी पता किसी ग्रामीण क्षेत्र का है तो वही दें क्योंकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को इंटरव्यू में कुछ लाभ मिलने की संभावना रहती है।

अगर आप दिल्ली या इलाहाबाद जैसे शहर में रहकर तैयारी कर रहे हैं तो भी बेहतर होगा कि अपना वर्तमान पता वही बताएँ जहाँ आपके माता-पिता रहते हैं या जहाँ आप पढ़ाई या नौकरी करते रहे हैं। यह बात सामने नहीं आनी चाहिये  कि आप इस परीक्षा की तैयारी के लिये  दिल्ली जैसे शहर में रह रहे हैं।

अगर आपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद कोई अतिरिक्त डिग्री हासिल की है तो सामान्यतः उसकी जानकारी दी जानी चाहिये। अगर आप उसमें सहज हैं तो जानकारी ज़रूर दें ताकि यह न लगे कि आप कई वर्षों से खाली बैठे हैं। हाँ, यदि आपने एल.एल.बी. या एम.सी.ए. जैसी कोई तकनीकी डिग्री ली है और उसकी अवधारणाओं व जानकारियों से आप एकदम वंचित हैं तो ऐसी डिग्री की चर्चा करने से बचें।

अगर आपने कहीं नौकरी की है तो उपयुक्त कॉलम में उसकी चर्चा ज़रूर करें। इससे इंटरव्यू बोर्ड पर अच्छा असर पड़ता है। बस शर्त यह है कि आपके पास नौकरी संबंधी प्रमाण व बुनियादी जानकारी होनी चाहिये । कई लोग तो गैप-ईयर की समस्या से बचने के लिये  नौकरी के प्रमाण-पत्र बनवा लेते हैं और बोर्ड को आश्वस्त भी कर देते हैं।

परीक्षा के केंद्र से परिणाम पर कैसा असर पड़ेगा, इसके संबंध में कोई अनिवार्य निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। कुछ लोगों को दिल्ली केंद्र पर लाभ महसूस हुआ है तो कुछ को छोटे केंद्रों पर। सामान्य मान्यता है कि छोटे केंद्रों पर तुलनात्मक रूप से कुछ लाभ मिल जाता है। अगर आपके पास सुविधा हो तो दिल्ली की बजाय जयपुर, भोपाल, इलाहाबाद जैसा परीक्षा केंद्र चुन सकते हैं, हालाँकि इससे फायदा होने की कोई गारंटी नहीं है।

अगर आप पहले दी गई सिविल सेवा या अन्य परीक्षाओं के अनुक्रमांक भूल गए हैं तो डरें नहीं। केवल परीक्षा का वर्ष और नाम लिखकर छोड़ दें...


आईएएस क्रेक करने की फुल जानकारी... 

#UPSC_क्या_है ?

UPSC(Union public service commison) यानी हिंदी में कहे तो #संघ_लोक_सेवा_आयोग
इसका का गठन आजादी से पहले 1 अक्तूबर 1926 को लोक सेवा आयोग नाम से हुआ था| लेकिन सवैधानिक प्रावधानों के तहत 26 अक्तूबर 1950 लोक सेवा आयोग का पुनर्निर्माण हुआ|

जिसका नाम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) रखा गया| इस आयोग को  अनुछेद 315 के तहत सवैंधानिक दर्जा(मान्यता) प्रदान की गई है | 

यह commison(upsc) लगभग 13 प्रकार के exam का आयोजन करता 

जैसे:- ICS(indian civil service) 
IES (indian Engineering Services),NDA,INA,CDS,CAPF और भी है लेकिन उसका चर्चा यहाँ नही करेंगे...

UPSC द्वारा आयोजित इन सभी exam में सर्वश्रेष्ठ exam है..जिसकी हमलोग तैयारी कर रहे है इसे ICS(indian civil service) यानी  हिंदी में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है.. इसके तहत  24 तरह की service के लिए selection होता है..जिसमे सबसे टॉप post/service आईएएस (IAS) होता है.. कोई जरूरी नही की आप इस exam को पास कर सीधे IAS बन जायेंगे.. आप अपने rank/perfomance के आधार नीचे दिए गए 24 सेवाओं में किसी के लिए भी चयन किये जा सकते है..

(i) Indian Administrative Service.
(ii) Indian Foreign Service.
(iii) Indian Police Service.
(iv) Indian P & T Accounts & Finance Service, Group ‘A’.
(v) Indian Audit and Accounts Service, Group ‘A’.
(vi) Indian Revenue Service (Customs and Central Excise), Group ‘A’.
(vii) Indian Defence Accounts Service, Group ‘A’.
(viii) Indian Revenue Service (I.T.), Group ‘A’.
(ix) Indian Ordnance Factories Service, Group ‘A’ (Assistant Works Manager, Administration).
(x) Indian Postal Service, Group ‘A’.
(xi) Indian Civil Accounts Service, Group ‘A’.(xii) Indian Railway Traffic Service, Group ‘A’.
(xiii) Indian Railway Accounts Service, Group 'A'.
(xiv) Indian Railway Personnel Service, Group ‘A’.
(xv) Post of Assistant Security Commissioner in Railway Protection Force, Group ‘A’
(xvi) Indian Defence Estates Service, Group ‘A’.
(xvii) Indian Information Service (Junior Grade), Group ‘A’.
(xviii) Indian Trade Service, Group 'A' (Gr. III)
.(xix) Indian Corporate Law Service, Group "A".
(xx) Armed Forces Headquarters Civil Service, Group ‘B’ (Section Officer’s Grade).(xxi) Delhi, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Daman & Diu and Dadra & NagarHaveli Civil Service, Group 'B'.
(xxii) Delhi, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Daman & Diu and Dadra & NagarHaveli Police Service, Group 'B'.
(xxiii) Pondicherry Civil Service, Group 'B'.(xxiv) Pondicherry Police Service, Group ‘B

चलिए अब हम बात करते है इसकी योग्यता और attempt के बारे में..

योग्यता:-
इसके लिए आपको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C) की धारा 1956, द्वारा मान्यता प्राप्त, किसी भी university से graduate होना चाहिए.. इस exam के लिए graduation का subject matter नही करता की आप आर्ट्स से किये है science से.... upsc के फॉर्म भरने के लिए बस आपके  पास valid बैचलर डिग्री(बी.टेक/BA/BSC/BCOM)  होना चाहिए....graduation अंतिम वर्ष के छात्र भी इस फॉर्म को भर सकते है 

★अगर age की बात करे तो
♠Age Limit: आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष की होनी चाहिए और अधिकतम 32 वर्ष की उम्र से अधिक नहीं होनी चाहिए।हालांकि विकलांग अभ्यार्थी और सैन्य परिवार तथा पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के लिए उम्र सीमा में छूट दी जाती है...

NOTE:- उम्र की गिनती अगस्त माह तक की जाती है

♠परीक्षा में #attempt की संख्या:- ओपन श्रेणी 6 प्रयास, ओबीसी श्रेणी के लिए 9 प्रयासों और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए कोई सीमा नहीं है।.....

💐फार्म_सम्बंधित_जानकारी

सामान्यतः UPSC(civil service) का notification feb-march में आता है और pre exam जून में होता है ..फिर pre quallify करने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए एक फार्म भरा जाता है जिसे DAF कहा जाता है ..interview में इसी DAF फार्म में जो आप अपने बारे में जो भरते है उसी सम्बंधित शुरूआती प्रश्न पूछे जाते हैं....

इसकी मुख्य परीक्षा october-november में होती है ..interview मार्च_अप्रैल में लेकर final परिणाम मई_जून में जारी कर दिया जाता है...

#form_कैसे_भरे ?★★

सर्वप्रथम आप..एक से अधिक आवदेन देने से बचें।
Pre का फॉर्म भरते समय आपसे  आपका centre choice , mains किस माध्यम से देना है..mains में optional sub क्या लेना है ? Etc भरना होता है..फार्म में सही विवरण दें। क्योकि बाद में सुधार नही कर सकते है ..साथ ही आवेदन करते समय अपना सही ई-मेल आईडी साथ रखें।

★●● #Exam_syllabus

इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको तीन चरण पास करने होते है पहला है Preliminary Exam(इसका अंक मेरिट में नही जुड़ता )
 दूसरा है Mains Exam और तृतीय हैInterview / Personality Test 

Syllabus के बारे में यहाँ ज्यादा आपसे जिक्र नही करूँगा! Syllabus की जानकारी.. मै पहले की पोस्ट मे बता चुका हूं... आगे भी सिलेबस चर्चा जारी रहेगी...

Syllabus को deeply समझना सबसे जरूरी चीज है क्योकि syllabus को जितना बेहतर से आप समझ कर उसके according तैयारी करेंगे उतना ही आपकी success का chance ज्यादा होगा ! .

इसका syllabus कोई छोटा-मोटा नही होता है.. इसकी गहरी समझ बेहतर न होने के कारण  काफी Aspirant गलत दिशा में मेहनत करने लगते है. है..उनको यह पता नही होता है की किस खण्ड से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है किस खण्ड से कम.. आप चाहे तो syllabus को खंड-खंड में अच्छे से बाटे,साथ ही उस खण्ड में यह भी mention कर दे की इस खंड से pre और mains में कितने अंक के प्रश्न आते है ..और इसको तैयार करके आप अपने study room में चिपका भी सकते है ... 

IAS Tips

IAS TIPS... 

1

आईएएस_कोचिंग_क्यों?... 

यदि आप यूपीएससी पाठ्यक्रम, नवीनतम पैटर्न, आईएएस किताबों के बारे में पूरी तरह से अनजान हैं और अपने लिये एक रणनीति तैयार नहीं कर सकते हैं।

यदि आपके पास समय कम है (परीक्षा से पहले 2 या 3 महीने पहले), तब आपको एक क्रैश कोर्स की जरूरत है।

यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अकेले रहने या तैयारी करने में आत्मविश्वास महसूस नहीं करते।

यदि आप सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देना चाहते हैं और आपके द्वारा चयनित वैकल्पिक विषय में आपको बहुत ही कम ज्ञान हो, व उसके लिये सटीक रणनीति का अभाव हो।

आप उन सभी अच्छी वेबसाइटों की मदद लें जो आईएएस अध्ययन सामग्री और मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त  नि:शुल्क शिपिंग और कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा का लाभ उठाते हुए, भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए आवश्यक सभी पुस्तकों को प्राप्त कर सकते हैं। और यदि आप ये सब भी नहीं जुटा सकते, तब आपको एक अच्छे कोचिंग संस्थान  से जुड़ना चाहिये।

??#आपको_सिविल_सेवा_परीक्षा_कोचिंग_की_आवश्यकता_कब_नहीं_होती_है?

जब आपको यह पूर्णत: विश्वास हो, कि आप अपनी खुद की मेहनत और सूझबूझ से यह एग्जाम क्रैक कर सकते हैं।

जब आप आश्वस्त हों कि आप यूपीएससी के पटर्न को अच्छी तरह समझते हैं और तदनुसार रणनीति बना कर अध्ययन कर सकते हैं, तो कोचिंग संस्थानों की आवश्यकता ना के बराबर हो जाती है।

यदि आप भारत में जेएनयू या आईआईटी जैसे शीर्ष संस्थानों में से किसी एक में अध्ययन प्राप्त अभ्यर्थी रह चुके हों और आपको विभिन्न विषयों के बारे उपयुक्त जानकारी पहले से ही हो।

यदि आपने पहले से ही एक कोचिंग के साथ इस परीक्षा का प्रयास किए हों। (यानि आपको पहले से ही पैटर्न, आवश्यक किताबें और पाठ्यक्रम पता हो तथा एक बार फिर कक्षाओं समय देने पर आप ऊब महसूस करें)।
 #निष्कर्ष:  एक सिविल सेवा अभ्यर्थी बिना कोचिंग के आईएएस परीक्षा पास कर सकते हैं।... 

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अखबार_कैसे_पढ़ा_जाए... 

*ये सवाल हर उस परीक्षार्थी के मन में आता हैं जो प्रशासनिक  परीक्षा की तैयारी कर रहा हैं....

#द_हिन्दू अखबार में मनोरंजन या मसाला खबरे नहीं आती हैं,लेकिन ऐसा भी नहीं हैं के आपको सब पढ़ना हैं। वो भी समय की बाध्यता को देखते हुए हमे अखबार के कुछ हिस्सो को ही पढ़ना हैं जिससे परीक्षा की दृष्टि से हमें उपयोगी बिंदु मिल जाए। आपको सिर्फ इन चार भागो को पढ़ना हैं –*
• प्रथम पृष्ठ_
_• राष्ट्रीय खबरे_
_• अंतर्राष्ट्री खबरे_
_• व्यापर/कारोबार खबरे_

ऐसे कोई भी खबर मत पढ़िए जो परीक्षा की दृष्टि से लाभदायक नहीं हैं। सबसे पहले एक रजिस्टर या कॉपी ले और उसे अर्थशास्त्र,विज्ञानं,भूगोल,संविधान आदि विषयानुसार भागो में बाँट ले और सम्बंधित खबर उसी विषय में लिखे, इससे अगर आपको करेंट अफेयर का पुनरावलोकन करने में आसानी होगी।*
_उदाहरण से समझते हैं इसको_
_मान लीजिये आपके शहर में_ _*किसी मन्नू लाल की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गयी हैं, तो क्या*_ _*आपको लगता हैं की ये खबर कभी यूपीएससी में पूछी जाएगी?
_जवाब नहीं।*_

_दूसरे तथ्य को देखे तो मान लीजिये आज सोना का भाव गिर गया या उठ गया, या शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया तो ऐसे प्रश्न भी परीक्षा में कभी नहीं आएँगे। कम से कम यूपीएससी में तो कभी नहीं।_
*समाचार की बजाय मुद्दे पर ध्यान दें:*
*मान लीजिए कि एक समाचार “शीर्ष सीट के न्यायाधीश को अपनी सीट से हटा दिया गया है” के रूप में शीर्षक है। तो पढ़िए कि – उसने क्या किया कि वह हटा दिया गया, वह कब निकाल दिया गया? “कैसे एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाया जा सकता है” पर फोकस, “हमारे संविधान को सीट से न्यायाधीश को हटाने के लिए क्या प्रावधान है”, “हमारे राष्ट्र और आगामी पीढ़ी पर क्या प्रभाव पड़ सकता है” इत्यादि ।*

*कुछ श्रेणियों में समाचार को वर्गीकृत करने की कोशिश करें-*

*अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण और जैव विविधता, व्यक्तित्व और पुरस्कार, सरकारी नीतियां और योजनाएं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, आर्थिक नीतियां, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा, विविध आदि जैसे कुछ श्रेणियों में समाचार या मुद्दों को विभाजित करें।*
*ऐसा भी नहीं हैं कि आप ने द हिन्दू पढ़ लिया तो आप ने गंगा नहा ली हैं। अखबार में दिए गये तथ्य ही पर्याप्त नहीं है: इस बारे में और अधिक जानने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करें ।*

*उदाहरण-*
_हाल ही में एच्1 बी वीजा समाचार में है और हिंदू संपादकीय में भी देखा जा सकता है। संपादकीय इसके बारे में कुछ बिंदुओं और विचार देगा, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है,इसके लियेआप गूगल देवता के शरण में जाइये और आपके दिमाग में उभर रहे सवालों जैसे “एच्1 बी वीजा का क्या असर नौकरी पेशा लोगो पर क्या पड़ेगा ? क्या इससे भारत और अमेरिका के रिश्तो में खटास आएगी? इसमें क्या सुधर किये जा सकते हैं या किये जा रहे हैं ?आदि को खंगाले।_
.
*समाचार पढ़ने के बाद ये देखे ये किस विषय से सम्बंधित हैं उसे उस विषय में लिख ले ,लेकिन तारीख के अनुसार नहीं विषय के अनुसार अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए हिन्दू अखबार को समझना बहुत मुश्किल नहीं हैं ,लेकिन जब बात हिंदी माध्यम के छात्रों की आती हैं तो उनके लिए हिन्दू पढ़ना टेढ़ी खीर बन जाता हैं। देखिये उनको क्या करना चाहिए –*
• *हिन्दू अखबार में एक मजबूत पकड़ बनाने के लिए आपको कम से कम दो से तीन माह का समय लग जाएगा तो यहाँ आप को आवश्यक हैं एक रजिस्टर और पेन की।*
• *अब जो बिंदु मैंने आपको ऊपर बताये हैं उसी हिसाब से पढ़िए और जो शब्दावली आपको नहीं समझ आ रही हैं आप उसके लिए डिक्शनरी (ऑनलाइन या ऑफलाइन) का प्रयोग करिये और उन शब्दो को अपने रजिस्टर में लिखिए हो सके तो वाक्यो के साथ उदहारण के तौर पर समझने के लिए लिखे और उन्हें लगातार दोहराते रहे ,क्यों कि आपको अंगरेजी भाग भी उत्तीर्ण करना  हैं तो इससे आपका वह भाग धीरे-धीरे तैयार होता जाएगा...

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बहुत से छात्र या कुछ अभिवावक जिनके भाई या बहन अभी 12th में हैं हमसे पूछते हैं कि क्या sir  अभी से NCERT या बुक्स से तैयारी प्रारम्भ कर देनी चाहिए ?
हम कभी सलाह नहीं देना चाहेंगे कि कक्षा 12 या इससे कम के विद्यार्थी NCERT या अन्य किताबें अभी से पढ़नी शुरू करें ....क्योंकि कक्षा 12 में खुद किताबों और पढाई का इतना बोझ रहता है कि आप उसके साथ इसे मैनेज नहीं कर सकते और अगर जबरदस्ती दोनों तरह कि किताबें पढ़ने का प्रयास करेंगे तो यह आपके खुद के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है !
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न्यूज़_पेपर_बनेगा_सर्वश्रेष्ठ_माध्यम -->
पिछले कुछ वर्षों से संघ लोक सेवा आयोग करंट अफेयर्स से बहुत ज्यादा प्रश्न पूछ रहा है ...और वर्ष 2016 की परीक्षा में तो यह आंकड़ा बहुत ऊपर पहुँच गया ! . ऐसी स्थिति में अगर आप अभी से न्यूज़ पेपर का अनुसरण आरम्भ कर देंगे तो जाहिर सी बात है इस एक साल में न सिर्फ आप बहुत सारा ज्ञान अर्जित कर लेंगे बल्कि न्यूज़ पेपर के अवयव के साथ परीक्षा के स्वरुप और आयोग की मांग को भी भली भांति जान लेंगे !
. अभी से आप प्रतिदिन किसी एक राष्ट्रीय स्तर का न्यूज़ पेपर फॉलो करना शुरू कर दीजिये ! हमारे भारत में क्या हो रहा है ? , विदेश में क्या हो रहा है ? .. सरकार की योजनाएं ..वैज्ञानिकों के अविष्कार .. नयी नीतियां ... पर्यावरण , कला एवं संस्कृति और भारत के साथ विदेशों के सम्बन्ध आदि बहुत सारे मुद्दे हैं जिनपर आपकी पैनी नजर होनी चाहिए .._आईएएस गुरू शरद_ और सबसे बड़ी बात सिर्फ इन मुद्दों को पढ़िए मत इनके बारे में इंटरनेट से जानकारी निकालने का प्रयास कीजिये ! लेकिन यह काम आप अपनी कक्षा वाली पढाई से अलग हटकर खाली समय में कीजिये .... जो समय आप वीडिओ गेम , सोशल मीडिया ( फेसबुक , व्हाट्सप्प ) या गॉसिप में बर्बाद करते हैं उसे बचाकर आप इसमें समय दीजिये ..... इससे न सिर्फ आपकी जानकारी बढ़ेगी बल्कि आपका बौद्धिक स्तर में भी बृद्धि होगी ! . न्यूज़ पेपर में सिर्फ आपको खबरे पढ़कर छोड़ नहीं देना है बल्कि उसका पोस्टमार्डम करना है कैसे ? ..एक टॉपिक लेकर मैं समझाता हूँ --उदाहरण के लिए एक खबर अपने पढ़ी """ टॉपिक है कि "" राजाजी नेशनल पार्क को NTCA द्वारा टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया ..इस खबर से जो आपके मन में सवाल उठेंगे वह हैं कि .. NTCA क्या है ..? ... राजाजी नेशनल पार्क एवं उत्तराखंड कि मानचित्र में स्थिति .? ... इस देश में और कौन कौन से टाइगर रिज़र्व हैं ..? ... सबसे ज्यादा टाइगर किन किन राज्यों में पाये जाते हैं ..? ... इस समय भारत में कुल कितने बाघ है ..? .. टाइगर सरंक्षण के लिए भारत में कितनी योजनाएं चलायी जा रही हैं ..? ..आदि .. !! यानि एक खबर के बाद बाघ का किस्सा ख़त्म .. !! ...अब जरा सोचिये एक न्यूज़ पेपर से आप एक दिन में कितने विषयों कि तैयारी कर सकते हैं ..? और इन सभी प्रश्नों के उत्तर इंटरनेट में मौजूद हैं तो आपको अभी से किताबें नहीं खरीदनी पड़ेंगी !! ... आशा है आप ठीक तरह से समझ गए होंगे ..क्योकि एक अधिकारी वाली विश्लेषणात्मक और विस्तृत सोच तो आपको अभी से विकसित करनी ही होगी ...

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अगर आप IAS अध‍िकारी बनना चाहते हैं तो इसकी तैयारी की शुरुआत कैसे और कहां से करें, जान‍ििये... 

यह एक सामान्य सा, बहुत ही सरल और व्यावहारिक वैज्ञानिक फॉर्मूला है कि यदि आपको कोई बड़ा काम करना है, तो इसके लिए उतनी ही अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है. इस जरूरत में दो ऊर्जाएं मुख्य होती हैं- एक शारीरिक ऊर्जा तथा दूसरी मानसिक ऊर्जा. मुझे यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि यदि आपने IAS बनने का फैसला किया है, तो यह एक बहुत बड़ा काम करने का फैसला है. यह सरकारी तंत्र में प्रवेश करने का सबसे ऊपर का स्तर है. इसके लिए प्रतियोगी परीक्षा की जो प्रणाली तैयार की गई है, वह इस परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक बना देती है. यदि लगभग 12 लाख युवाओं में से केवल एक हजार को सफल होना हो, तो कठिनता का अंदाजा इन आंकड़ों से भी लगाया जा सकता है.
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जाहिर है कि यह एक कठिन और बड़ा ही नहीं, बल्कि बेहद कठिन और बहुत बड़ा काम है. इसलिए इसके बारे में अंतिम निर्णय लेने से पहले आपको जायजा इस बात का लेना चाहिए कि इसके लायक शारीरिक और मानसिक ऊर्जा आपके पास है या नहीं. यह बात मुझे इसलिए बतानी पड़ रही है, क्योंकि लाखों अबोध-अनजान युवा इस IAS के ग्लैमर में आकर, जो बहुत स्वाभाविक है, इसकी तैयारी में लग जाते हैं. काफी समय तक लगे रहते हैं, लेकिन अंत तक उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हो पाता. तो इसे आप खुद के मूल्यांकन की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कसौटी कह सकते हैं.आइए, इसे हम व्यावहारिक स्तर पर जानें.

शारीरिक ऊर्जा का संबंध यहां बहुत अच्छे स्वास्थ्य तथा इस बात से नहीं है कि आप एक बार में कितने दंड-बैठक लगा सकते हैं. न ही इसका कोई संबंध आपकी भुजाओं के मसल्स तथा पेट के एब्स से है.

स्वास्थ्य के स्तर पर यह परीक्षा आपसे केवल दो बातों की मांग करती है. पहला यह कि आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ठीक-ठाक हो. यानी कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आपको बीमार करने के लिए दोयम दर्जे का छोटा सा जीवाणु या जीवन-पद्धति में आया थोड़ा सा बदलाव पर्याप्त है. इस परीक्षा की तैयारी के लिए एक ठीक-ठाक स्वास्थ्य की अपेक्षा इसलिए की जाती है, क्योंकि इसकी तैयारी एक लम्बे वक्त की मांग करती है. यह ‘लम्बा वक्त‘ जहां दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ है, वहीं वर्ष से भी. यानी यह एक मैराथन दौड़ है. क्या आपके पास इस दूरी को पूरा करने की शारीरिक ऊर्जा है, वह भी दौड़ते हुए? बीच में रुककर सुस्ताने की गुंजाइश नहीं है.

जहां तक मानसिक ऊर्जा का सवाल है, यह मुख्यतः तीन बातों से जुड़ी हुई है. पहला यह कि आपको हताश और निराश करने के लिए बाहरी किन परिस्थितियों और कितनी मेहनत की जरूरत होगी. यानी आप अपने उद्देश्य के प्रति मानसिक रूप से कितने मजबूत हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने थोड़ा सा इसके खिलाफ बोल दिया, या किसी की असफलता की बात सुन ली, और आप हथियार डाल कर बैठ गए. आप बड़ा काम करने जा रहे है. काम जितना बड़ा होगा, उसमें सफल होने की संभावना उतनी ही कम होगी. इसलिए जब लोग आपकी सफलता पर अपना संदेह व्यक्त करेंगे, तो उनके संदेह के सच होने की उम्मीद ज्यादा होगी. क्या आप इस नकारात्मक वातावरण से स्वयं को अप्रभावित रख पाएंगे?

इस परीक्षा के तीन स्तर होते हैं. इन तीनों स्तरों को आपको एक ही साथ पार करना होता है. ज्यादातर यही होता है कि सफलता को पाने से पहले कई-कई बार आप की भेंट असफलता से होगी. क्या आप इसे संभाल पाएंगे? कहीं ऐसा तो नहीं कि इन असफलताओं के कारण आप स्वयं पर से अपना विश्वास ही खो दें! आईएएस बनने का निर्णय लेने से पहले आपको चाहिए कि आप इन बिंदुओं पर इत्मीनान के साथ विचार kre...

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‘द हिन्दू’ अखबार कैसे पढ़ा जाए ?*
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*ये सवाल हर उस परीक्षार्थी के मन में आता हैं जो प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी कर रहा हैं.*
*द हिन्दू अखबार में मनोरंजन या मसाला खबरे नहीं आती हैं,लेकिन ऐसा भी नहीं हैं के आपको सब पढ़ना हैं। वो भी समय की बाध्यता को देखते हुए हमे अखबार के कुछ हिस्सो को ही पढ़ना हैं जिससे परीक्षा की दृष्टि से हमें उपयोगी बिंदु मिल जाए। आपको सिर्फ इन चार भागो को पढ़ना हैं –*
• प्रथम पृष्ठ
• राष्ट्रीय खबरे
• अंतर्राष्ट्री खबरे
• व्यापर/कारोबार खबरे
*ऐसे कोई भी खबर मत पढ़िए जो परीक्षा की दृष्टि से लाभदायक नहीं हैं। सबसे पहले एक रजिस्टर या कॉपी ले और उसे अर्थशास्त्र,विज्ञानं,भूगोल,संविधान आदि विषयानुसार भागो में बाँट ले और सम्बंधित खबर उसी विषय में लिखे, इससे अगर आपको करेंट अफेयर का पुनरावलोकन करने में आसानी होगी।*
उदाहरण से समझते हैं इसको –
मान लीजिये आपके शहर में किसी मन्नू लाल की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गयी हैं, तो क्या आपको लगता हैं की ये खबर कभी यूपीएससी में पूछी जाएगी?
जवाब – नहीं।

दूसरे तथ्य को देखे तो मान लीजिये आज सोना का भाव गिर गया या उठ गया, या शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया तो ऐसे प्रश्न भी परीक्षा में कभी नहीं आएँगे। कम से कम यूपीएससी में तो कभी नहीं।
*समाचार की बजाय मुद्दे पर ध्यान दें:*
*मान लीजिए कि एक समाचार “शीर्ष सीट के न्यायाधीश को अपनी सीट से हटा दिया गया है” के रूप में शीर्षक है। तो पढ़िए कि – उसने क्या किया कि वह हटा दिया गया, वह कब निकाल दिया गया? “कैसे एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को हटाया जा सकता है” पर फोकस, “हमारे संविधान को सीट से न्यायाधीश को हटाने के लिए क्या प्रावधान है”, “हमारे राष्ट्र और आगामी पीढ़ी पर क्या प्रभाव पड़ सकता है” इत्यादि ।*

*कुछ श्रेणियों में समाचार को वर्गीकृत करने की कोशिश करें-*

*अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण और जैव विविधता, व्यक्तित्व और पुरस्कार, सरकारी नीतियां और योजनाएं, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, आर्थिक नीतियां, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा, विविध आदि जैसे कुछ श्रेणियों में समाचार या मुद्दों को विभाजित करें।*
*ऐसा भी नहीं हैं कि आप ने द हिन्दू पढ़ लिया तो आप ने गंगा नहा ली हैं। अखबार में दिए गये तथ्य ही पर्याप्त नहीं है: इस बारे में और अधिक जानने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करें ।*
उदाहरण-
हाल ही में एच्1 बी वीजा समाचार में है और हिंदू संपादकीय में भी देखा जा सकता है। संपादकीय इसके बारे में कुछ बिंदुओं और विचार देगा, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है,इसके लियेआप गूगल देवता के शरण में जाइये और आपके दिमाग में उभर रहे सवालों जैसे “एच्1 बी वीजा का क्या असर नौकरी पेशा लोगो पर क्या पड़ेगा ? क्या इससे भारत और अमेरिका के रिश्तो में खटास आएगी? इसमें क्या सुधर किये जा सकते हैं या किये जा रहे हैं ?आदि को खंगाले।
.
*समाचार पढ़ने के बाद ये देखे ये किस विषय से सम्बंधित हैं उसे उस विषय में लिख ले ,लेकिन तारीख के अनुसार नहीं विषय के अनुसार अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए हिन्दू अखबार को समझना बहुत मुश्किल नहीं हैं ,लेकिन जब बात हिंदी माध्यम के छात्रों की आती हैं तो उनके लिए हिन्दू पढ़ना टेढ़ी खीर बन जाता हैं। देखिये उनको क्या करना चाहिए –*
• *हिन्दू अखबार में एक मजबूत पकड़ बनाने के लिए आपको कम से कम दो से तीन माह का समय लग जाएगा तो यहाँ आप को आवश्यक हैं एक रजिस्टर और पेन की।*
• *अब जो बिंदु मैंने आपको ऊपर बताये हैं उसी हिसाब से पढ़िए और जो शब्दावली आपको नहीं समझ आ रही हैं आप उसके लिए डिक्शनरी (ऑनलाइन या ऑफलाइन) का प्रयोग करिये और उन शब्दो को अपने रजिस्टर में लिखिए हो सके तो वाक्यो के साथ उदहारण के तौर पर समझने के लिए लिखे और उन्हें लगातार दोहराते रहे ,क्यों कि आपको अंगरेजी भाग भी उत्तीर्ण करना  हैं तो इससे आपका वह भाग धीरे-धीरे तैयार होता जाएगा... 
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जानें, IAS ऑफिसर बनने के लिए कब तक और कितनी बार दे सकेंगे एग्जाम... 

अगर आप अधिकतम आयु सीमा को पार कर गए हैं तो फिर आप IAS ऑफिसर नहीं बन पाएंगे।   

IAS Officer Age limit: हर साल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सर्विसेज के एग्जाम का आयोजन करता है। इसी परीक्षा को क्रैक करके आप IAS या IPS ऑफिसर बन सकेंगे। परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा तय है। अगर आप अधिकतम आयु सीमा को पार कर गए हैं तो फिर आप IAS ऑफिसर नहीं बन पाएंगे।
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आयु सीमा
सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 साल और अधिकतम आयु सीमा 32 साल है। जहां न्यूनतम आयु सीमा सभी वर्ग के लिए 21 वर्ष ही है, वहीं अधिकतम आयु सीमा समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए अलग हैं जिनका विवरण नीचे दिया गया है...

सामान्य श्रेणी के लिए अधिकतम आयु सीमा32 सालअन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा35 सालअनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए अधिकतम आयु सीमा37 सालरक्षा सेवा के जवान जो किसी देश के साथ युद्ध के दौरान या किसी अशांत क्षेत्र में ऑपरेशन में दिव्यांग हुए हों और उसके बाद सेवामुक्त हो गए हों35 सालभूतपूर्व सैनिकों के लिए ऊपरी आयु सीमा। इसमें कमीशंड ऑफिसर्स एवं ईसीओ/एसएससीओ शामिल हैं जिन्होंने सैन्य सेवा में कम से कम पांच साल दिए हों37 सालदिव्यांग (सामान्य श्रेणी)42 साल
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आयु की गणना कैसे होती है?
न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा 1 अगस्त के मुताबिक निर्धारित होती है। जैसे अगर किसी का जन्म 6 अप्रैल, 1986 का हुआ है तो उसकी आयु 1 अगस्त, 2019 को होगी 33 साल 3 महीना और 25 दिन यानी अगर वह व्यक्ति 2019 में पेपर देना चाहता है तो नहीं दे पाएगा। वह व्यक्ति 2018 में भी पेपर देने के योग्य नहीं था क्योंकि उसकी उम्र उस समय 32 साल 3 महीने 25 दिन हो रही थी यानी 3 महीने ज्यादा।

कितने प्रयास

कौन कैंडिडेट कितनी बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दे सकता है, यह भी उस वर्ग से निर्धारित होता है जिससे उसका संबंध है। आमतौर पर सामान्य वर्ग के कैंडिडेट्स को 32 साल की उम्र तक 6 चांस मिलता है। यानी सामान्य वर्ग का कैंडिडेट 32 साल की उम्र तक छह बार सिविल सर्विसेज का एग्जाम दे सकता है।

ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट्स 35 सालों की उम्र तक 9 बार एग्जाम दे सकेंगे।
एससी/एसटी वर्ग के कैंडिडेट्स को 37 साल तक जितनी बार चाहें, पेपर दे सकेंगे। उनके लिए कोई सीमा तय नहीं है।
सामान्य वर्ग के दिव्यांग छात्र 42 साल की उम्र तक 9 बार एग्जाम दे सकेंगे... 

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Friends agar prelims nikalna hai to aapko poora syllabus cover karna hi padega aur revision bhi achche se karna padega...... 
Aap ye sab karoge to aap upsc prelims nikal paoge.... 

1. Aapko drishti ya vision ka test schedule download karna hai.. Usme diya hua hai ki first test me topics diye hai jo aapko 8 se 10 din me cover karne hote hai....  Topics ko padho aur phir test series ka test solve karo poori imaandari ke sath me...... 

Test series 2020 ke liye me aapko provide karwa dunga free of cost..... 

2. Current affairs ke liye me nahi bolunga ki newspaper padho... Last year 7 question aaye h current affairs se... Aap drishti current affairs today padh lo dono medium me aati hai.... 

100 % cover ho jayega.... 

3. Source ke liye aap ncrts padh skte hai...... Market me bahut books available hai bas koi padhne wala hona chahiye...... 

4. Time management bahut jaruri hai..... 

5. Health ka dhyan rakhna.... Padhte padhte khate peete rahna.... 

6. Quality and quantity ka dhyan rakhe    ... 

7 aapko ncrts + syllabus + current affairs ko sath me lekar Chalna hai... 

8. Answer writting practice karte rahe.... 

9.jitna jaldi so jaye syllabus ko cover kar do..... Jisase main exam par focus kiya jaye...

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3 महीनों की तैयारी में इस तरह आप भी बन सकते हैं IAS ऑफिसर... 

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को पहले इंपीरियल सिविल सर्विस (ICS) के रूप में जाना जाता था, जो कि सिविल सेवा परीक्षा और भारत की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। यह अखिल भारतीय प्रशासनिक सिविल सेवा के लिए अधिकारियों की भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है।

इसके अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने गए एक अधिकारी को कलेक्टर, आयुक्त, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रमुख, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव इत्यादि जैसी बहुत ही विविध भूमिकाओं में काम करने का मौका मिलता है।

लोकप्रिय रूप से IAS परीक्षा के रूप में जाना जाता है, आधिकारिक तौर पर इसे सिविल सेवा परीक्षा (CSE) कहा जाता है, जो हर साल केंद्रीय भर्ती एजेंसी, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है।

IAS भारत में स्थायी नौकरशाही है और कार्यकारी शाखा का एक हिस्सा है। यह तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है, इसके कैडर को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों दोनों द्वारा नियोजित किया जा सकता है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को 24 सरकारी सेवाओं जैसे IPS, IFS (फॉरेन), IFS (फॉरेस्ट), IP & TAFS, IAAS, IRS, IDAS, CMSE, IRTS, IRAS, IRPS में से एक के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। , ITS, CAPF-AF कुछ नाम।

कैसे बनें आईएएस ऑफिसर-

आईएएस परीक्षा को आधिकारिक तौर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है। यूपीएससी सीएसई में 3 चरण होते हैं - प्रीलिम, मेन और इंटरव्यू। भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होना एक तरह की प्रतिस्पर्धा होने के साथ-साथ पूरी तैयारी की परीक्षा है।

सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई)-

यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) सही उम्मीदवारों का चयन करने के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसी है। हर साल संयुक्त रूप से सभी 24 सेवाओं के लिए लगभग 1000 उम्मीदवार चुने जाते हैं। परीक्षा का पहला चरण यानि कि प्रीलिम्स आमतौर पर जून के आसपास आयोजित किया जाता है, जबकि दूसरा चरण, मेन (लिखित) अक्टूबर के आसपास आयोजित किया जाता है। जो लोग दोनों चरणों को पास कर लेते हैं उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

वार्षिक रूप से, UPSC, IAS, IPS और IFS जैसी 20 से अधिक सेवाओं के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा (CSE) आयोजित करता है। IAS परीक्षा के लिए औसतन आठ लाख से अधिक उम्मीदवार पंजीकरण करते हैं और लगभग पांच लाख उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं।

आईएएस परीक्षा के लिए योग्यता मानदंड-

किसी भी विषय में ग्रेजुएशन डिग्री होना जरूरी है।
इसके अलावा कॉलेज के आखिरी साल के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं।

कितनी बार दे सकते हैं आईएएस परीक्षा-
यूपीएससी सीएसई में एक सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए परीक्षा देने के लिए प्रयासों की संख्या 6 है। ओबीसी उम्मीदवारों के लिए प्रयासों की संख्या 9 है, जबकि अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आईएएस परीक्षा के लिए असीमित प्रयास हैं।

क्या उम्र की सीमा है?
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए उपस्थित होने की न्यूनतम उम्र 21 साल है। सामान्य श्रेणी के लिए ऊपरी आयु सीमा 32 साल है और ओबीसी के लिए यह 35 साल है।

IAS परीक्षा का सिलेबस-

यूपीएससी परीक्षा के लिए उसके सिलेबस को समझना सबसे पहले जरूरी है। सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंक (सामान्य अध्ययन पेपर I और सामान्य अध्ययन पेपर II) के दो पेपर होते हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवार की रैंक केवल मेन और इंटरव्यू में बनाए गए स्कोर पर निर्भर करती है। लिखित परीक्षा (मुख्य) में 9 पेपर होते हैं लेकिन अंतिम योग्यता रैंकिंग के लिए केवल 7 पेपरों को ही माना जाता है... 


ब्रांड अंबेस्टर (योजना/ अभियान एवं संस्थान )

ब्रांड अंबेस्टर (योजना/ अभियान एवं संस्थान )

 ▪भारत में 'ला लीगा' के ब्रांड एंबेसडर- रोहित शर्मा
▪ 'पेप्सी' का ब्रांड एंबेस्डर सलमान खान 
▪भारत के पहले प्लानिंग  एंबेसडर -रीपुदमन बेवली
▪ नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (एनएडीए )-अभिनेता सुनील शेट्टी
▪ स्वदेशी लोगों के लिए यूनेस्को सद्भावना दूत- यलित्जा अपारिसियो
▪'भारत की लक्ष्मी'  पहल की अंबेसडर -दीपिका पादुकोण एवं पीवी सिंधु
▪ 'मोबिल इंडिया' का ब्रांड एंबेसडर - बजरंग पुनिया
▪ भुगतान प्रौद्योगिकी कंपनी 'वीजा'- पीवी सिंधु
▪ मध्यप्रदेश राज्य के अंबेस्टर -अभिनेता गोविंदा
▪ यूपीआई पेमेंट एप  Bharatpe का ब्रांड   एंबेसडर -सलमान खान
▪ संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सद्भावना दूत- दीया मिर्जा 
▪बस टिकटिंग प्लेटफॉर्म 'रेडबस' का ब्रांड अंबेसडर- महेंद्र सिंह धोनी
▪ गौ सेवा आयोग उत्तर प्रदेश -हेमा मालिनी
 ▪ फेंटेसी 11 के ब्रांड एंबेसडर( ट्रेडमार्क राजदूत)- मुरली कार्तिक 
▪संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के गुडविल एंबेसडर- पद्मालक्ष्मी
▪ एसबीआई( SBI) के डिजिटल ऐप 'योनो' के ब्रांड अंबेस्डर- स्वपना बर्मन
▪  सबसे युवा यूनिसेफ गुडविल एम्बेसडर- मिली बॉबी ब्राउन 
▪यूनिसेफ इंडिया का युवा अंबेसडर -हिमादास
▪ 2019 महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप- मैरीकॉम 
▪नोकिया इंडिया- आलिया भट्ट 
▪नेपाल टूरिज्म -जयाप्रदा
▪ बीएसएनएल/ ट्राइब्स इंडिया -मैरीकॉम
▪ कौशल भारत अभियान- वरुण धवन एवं अनुष्का शर्मा
▪ सड़क सुरक्षा अभियान/ स्वच्छ भारत मिशन- अक्षय कुमार 
▪डिजिटल इंडिया- अंकित फाडिया 

▪मेक इन इंडिया- पीरु खम्बत्ता
▪ फिट इंडिया अभियान- सोनू सूद
▪ व्हर्लपूल -कृति सैनन और सुशांत सिंह राजपूत
▪ सुमाधुरा समूह-  एम०एस० धोनी 
▪WHOगुडविल अंबेसडर (ऑटिज्म के लिए)- साइमा वाजिद हुसैन
▪ remit 2 india/ फिलिप्स इंडिया -विराट कोहली
 ▪dream11/ इंडिगो पेंट- महेंद्र सिंह धोनी 
▪पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास- एम०सी० मैरीकॉम
 ▪पल्स पोलियो /मुथूट ग्रुप- अमिताभ बच्चन 
▪एजुकेट गर्ल्स /स्मार्ट फोन वनप्लस -अमिताभ बच्चन
▪ तेलुगु टाइगर्स- राना दग्गुबती
▪ असम राज्य पर्यटन- प्रियंका चोपड़ा
▪ असम राज्य खेल- हिमा दास
▪ अरुणाचल प्रदेश राज्य- जॉन अब्राहिम 
▪केरला आयुर्वेद- स्टैफी ग्राफ
▪ हरियाणा स्वास्थ्य कार्यक्रम -गौरी सौरान
▪ हरियाणा योग और आयुर्वेद- योग गुरु बाबा रामदेव
▪ तेलंगना राज्य- सानिया मिर्जा और महेश बाबू
▪ सिक्किम राज्य- ए० आर० रहमान
▪ फ्लिपकार्ट- रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर
▪ गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी )-अमिताभ बच्चन
▪ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड- शोएब अख्तर
▪ लुब्रिकेंट इंडिया (हिंदुजा ग्रुप)- हार्दिक पांड्या
▪ कामनवेल्थ यूथ अंबेस्डर- प्रिंस हैरी
▪ VIVOइंडिया/ फोन पे- आमिर खान 
▪उवर इंडिया (पहला ब्रांड अंबेस्डर)- विराट कोहली
▪  टी20 मुंबई लीग-सचिन तेंदुलकर 
▪ स्वच्छ आदत स्वच्छ भारत -काजोल
▪ मास्टरकार्ड के पहले भारतीय अंबेस्डर -इरफान खान 
▪स्वच्छ आंध्र मिशन- पीवी सिंधु 
▪स्वच्छता ही सेवा -बिलाल डार
▪ स्वच्छ भारत अभियान/ हेपेटाइटिस बी उन्मूलन- अमिताभ बच्चन
▪ भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सद्भावना दूत -दीया मिर्जा 
▪भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (वाइल्डलाइफ ट्रस्ट )-दीया मिर्जा 
▪संयुक्त राज्य पर्यावरण के लिए वैश्विक सद्भावना दूत- एली गोल्डिंग
▪ यूनिसेफ /स्किल इंडिया अभियान -प्रियंका चोपड़ा 
▪मां अभियान -माधुरी दीक्षित 
▪पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)- विराट कोहली
▪ अतुल्य भारत अभियान- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
▪ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ- माधुरी दीक्षित
▪ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (हरियाणा सरकार द्वारा)- साक्षी मलिक
▪ दरवाजा बंद अभियान- अमिताभ बच्चन ,अनुष्का शर्मा
▪डावर(त्वचा देखभाल ब्रांड महिला )-कृति सैनन
▪ रेनॉल्ट इंडिया- रणबीर कपूर 
▪फ्रूट जूस appy fizz -सलमान खान 
▪ऑनलाइन दवा कंपनी- महेंद्र सिंह धोनी 
▪स्नीकर्स चॉकलेट- महेंद्र सिंह धोनी
▪ डीडी किसान चैनल- अमिताभ बच्चन 
▪इंटेक्स -माधुरी दीक्षित
 ▪मेकमायट्रिप -आलिया भट्ट और रणबीर

IAS Officer)_कैसे_बने_पूरी_जानकारी

IAS Officer_कैसे_बने_पूरी_जानकारी

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 1🛑. 12वी क्लास पास करे किसी भी सब्जेक्ट से
अगर आपको आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनना है तो इसके लिए सबसे पहले आपको 12वी की परीक्षा पास करनी होगी अगर आप अभी स्कूल में है तो किसी भी स्ट्रीम (Stream) से चाहे वो साइंस (Science) , कॉमर्स (Commerce) हो या फिर आर्ट्स (Arts) सब्जेक्ट हो बस आपको सबसे पहले बारवी पास करनी होगी
2.🛑अब ग्रेजुएशन पूरी करे किसी भी कोर्स में
3.🛑UPSC एग्जाम के लिए अप्लाई करे
4.🛑अब Preliminary Exam एग्जाम क्लियर करे
यूपीएससी एग्जाम में अप्लाई करने के बाद अब आपको सबसे पहला एग्जाम क्लियर करना होगा जिसका नाम है The preliminary exam, इसमें दो पेपर होते है और दोनों ही ऑब्जेक्टिव वाले सवाल होते है यानि की चार आप्शन वाले तो दोनों पेपर 200 – 200 के होंगे तो नेक्स्ट राउंड में जाने के लिए आपको इस एग्जाम को क्लियर करना होगा जो की बेहद जरुरी है आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनने के लिए.
 5. 🛑अब Main Exam क्लियर करे
जैसे ही आप पहले एग्जाम को क्लियर करलेते है इसके बाद अब आपको मेन एग्जाम क्लियर करना होगा जो की बहोत मुस्किल होता है इसमें आपको टोटल 9 पेपर देने होंगे जिसमे आपको रिटेन (Written Exam) के साथ साथ इंटरव्यू भी देना होता है ये थोडा मुस्किल होता है तो इस एग्जाम को बहोत लोग क्लियर नहीं कर पाते तो अगर आपको आईपीएस ऑफिसर बनना है तो आपको अच्छे से और एग्जाम में टॉपमार्क्स लाने होगे तो आपको आईएएस एग्जाम क्लियर करने के लिए धयान से पढना हो.

 6. 🛑अब इंटरव्यू राउंड क्लियर करे
जैसे ही आपके दोनों राउंड क्लियर होजये उसके बाद अब आपको पर्सनल इंटरव्यू (Personal interview) के लिए बुलाया जाता है जो की करीब 45 मिनट का होता है तो आपको इंटरव्यू क्लियर करना होगा यहाँ पर कई इंटरव्यू लेने वाले पैनल होते है जो आपसे काफी मुस्किल और ट्रिकी सवाल पूछते है तो आपको इसके लिए तैयार रहना होगा और आपको इस राउंड को भी क्लियर करना होगा तभी आप एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बन पाएंगे
तो इस तरह आप एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बन जायेंगे लेकिन याद रहे ये इतना आसान नहीं है इसके लिए आपको हो सकता है अलग से टयूसन लेना होगा या अगर आप सेल्फ स्टडी करके एग्जाम पास करना चाहते है तो कर सकते है याद रहे ये एग्जाम इंडिया का सबसे मुस्किल एग्जाम माना जाता है... 

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अक्सर जो छात्र अभी ग्रेजुएशन में हैं या कही बाहर जाकर तैयारी नहीं कर पा रहे और वो आईएएस की तयारी शुरू करना चाहते हैं उनके मन में ढेरों सवाल होते हैं ? … आईएएस के लिए क्या क्या पढ़ना पड़ेगा ? .. कैसे पढ़ना पड़ेगा ..?..कौन कौन सी बुक्स पढ़नी पड़ेंगी .? न्यूज़ पेपर और मैगजीन जरुरी है क्या ..? अगर हाँ तो कौन सी ..?… उनके लिए इस पोस्ट को मैंने तैयार किया है ..आशा है की हमेशा की तरह आपकी कुछ मदद करेगी :–
Follow me for upsc related any problem mohit Dagar 
👌👌मैं आपको 10 टिप्स दे रहा हूँ जो आपको आईएएस की तैयारी में मदद करेंगी !👌👌
👉1 . आईएएस की तैयारी की शुरुआत NCERT की बुक्स से कीजिये .. उनका कोई भी विकल्प नहीं है ..NCERT आपका Base क्लियर करने के काम में आती हैं .. ऐसे छात्र जिनकी पृष्ठभूमि कला क्षेत्र से न रही हो ..उनके लिए ये सबसे अधिक महत्वपूर्ण है …NCERT को ख़त्म करने का टारगेट बनाइये और दो माह में इसे ख़त्म कर दीजिये .. इस दौरान आपको नोट्स नहीं बनानी हैं .. सिर्फ महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको आगे सहायता प्रदान करेंगे उन्हें हाईलाइट करते हुए चलना है ! कम से कम चार विषय जिसमे इतिहास , भूगोल , राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र आदि की 6 से 12 तक की तो ख़त्म ही कर लीजिये !!
👉2 . जब NCERT ख़त्म हो जाये फिर आपको हर विषय की मुख्य किताब लेनी होगी …हर विषय के विशेषज्ञों की अलग अलग किताबे हैं… अब एक एक विषय को लीजिये और उसकी NCERT भी लीजिये फिर उसे पढ़कर नोट्स बनाते जाइये जिसमे NCERT की भी मदद लीजिये !! जब एक विषय पूरा हो जाये फिर दूसरा ले लीजिये और उसी दौरान पहले का रिवीजन करते जाइये .फिर तीसरी , चौथी आदि .इसी तरह प्रक्रिया आगे बढाइये .. !!
👉3 . आईएएस की तैयारी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण है समाचार पत्र … आखिर आपको राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों का पता होना चाहिए !! अब सवाल ये आता है की कौन सा समाचार पत्र ..? ..कई लोगों ने मुझसे कहा था कि सर हमारे यहाँ THE HINDU नहीं आता .. ऐसे भी बहुत लोग है जिन्हे अंग्रेजी में समस्या होती है … तो देखिये समाचार पत्र जरुरी नहीं कि THE HINDU ही हो ..अगर आपको नहीं मिल पा रहा या नहीं समझ आ रहा तो आप कोई भी एक राष्ट्रीय पेपर फॉलो कर सकते हो .. समाचार पत्र में मुख्य पृष्ठ पढ़ने के बाद , देश विदेश , अर्थव्यवस्था वाला पेज .. इसके बाद सीधे सम्पादकीय पृष्ठ पर जाइये , खेल और बाकि सरसरी निगाह से देख लीजिये !!
👉4 . अब बारी आती है मासिक पत्रिका की ..कुछ लोग प्रतियोगिता दर्पण कहते हैं ..पर यहाँ पर मैं एक चीज कहना चाहूंगा कि अगर आप पीसीएस की तैयारी कर रहे हो तो  प्रतियोगिता दर्पण ठीक है पर आईएएस की तैयारी के लिए सिविल सर्विस क्रॉनिकल , सिविल सर्विसेज टाइम्स या फ्रॉन्टलाइन इनमे से किसी एक पत्रिका को नियमित फॉलो कीजिये जब तक आप सफल नहीं हो जाते तब तक ..किसी भी माह की पत्रिका छूट न पाये !!
👉5 . सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा इसमें UNSOLVED पेपर्स बहुत अहमियत रखते हैं … मैं कहता हूँ कि आप सब तैयारी शुरू करने से पहले ही UNSOLVED पेपर्स देख ले …इससे आपको आईएएस परीक्षा के प्रश्नों के स्वरुप का पता चलता है ..क्योकि इस परीक्षा में प्रश्नो का स्वरुप अन्य सभी BANK , SSC  आदि से भिन्न होता है !! इसलिए पेपर्स ले लेकर प्रश्नो के स्वरुप को ठीक तरह से समझ ले !!
👉6 . एक सबसे महत्वपूर्ण काम जो आपको पूरी तैयारी के दौरान करना है कि आप रोज किन्ही २ प्रश्नो को लेकर Answer राइटिंग कि प्रैक्टिस कीजिये ..वो प्रश्न किसी भी चीज से सम्बंधित हो सकते है ..विषय से या समसामयिक मुद्दे से … क्योकि आईएएस मुख्य परीक्षा में सफलता का एक मात्र आधार आपका उत्तर लेखन ही है !!
😊शेष 4 टिप्स अगले अंक में …………

🙏🙏दोस्तों आईएएस में सफलता का एक ही फार्मूला है नियमित और विश्लेषणात्मक अध्ययन … यहाँ सिर्फ पढ़ना नहीं बल्कि आपको पता होना चाहिए कि किस तरह पढ़ना है …अगर आप सही दिशा में अध्ययन कर रहे हैं तो १० माह में भी सफल हो जायेंगे और अगर आप दिशाविहीन तैयारी कर रहे हैं तो १० वर्ष भी आप परिश्रम कर लें कुछ नहीं हासिल होने वाला …🙏🙏

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सिविल सेवा परीक्षा मे उपस्थित होने हेतु प्रमुख योग्यताए निम्न है 
1. आप भारत के नागरिक हो 
2. किसी भी मापदंड अधिकृत विश्वविद्यालय से स्नातक हों
3. आपकी आयु 21 से 32 वर्ष के मध्य हो , आरक्षित वर्ग को नियमानुसार छूट ।
4. प्रयासों की संख्या 
सामान्य वर्ग - 6 
अ.पि.वर्ग - 9
अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग  - असीमित 
केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को नियमानुसार छूट 
 
4. IPS पद हेतु न्यूनतम ऊँचाई पुरुष - 170 cm 
महिला - 155 Cm 
5. परीक्षा तीन चरणों मे 
A. प्रारंभिक परीक्षा  (2 पेपर ):-  सामान्य अध्ययन - 200 अंक 
CSAT - 200 अंक
B. मुख्य परीक्षा (9 पेपर)
अंग्रेजी (300 अंक) 
हिन्दी या upsc द्वारा विवरण मे दी गई कोई भी भाषा(300 अंक)
इन दोनों पेपर मे बस आपको उत्तीर्ण होना है 33% अंक

मेरिट आधारित पेपर 
निबंध (250अंक)
सामान्य अध्ययन 1 (250 अंक)
सामान्य अध्ययन 2( 250 अंक)
सामान्य अध्ययन 3( 250 अंक)
सामान्य अध्ययन 4 (250 अंक)
वैकल्पिक विषय के दो पेपर (500अंक)
कुल 1750 अंक

साक्षात्कार - 275 अंक

भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार

भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकार

भारत के नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जुड़े तथ्‍य इस प्रकार हैं... 

1. इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है.
2. इसका वर्णन संविधान के भाग-3 में (अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35) है.
3. इसमें संशोधन हो सकता है और राष्ट्रीय आपात के दौरान (अनुच्छेद 352) जीवन एवं व्यकितिगत स्वतंत्रता के अधिकार को छोड़कर अन्य मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है.
4. मूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थे, लेकिन 44वें संविधान संशोधन (1979 ई०) के द्वारा संपत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 31 से अनुच्छेद 19f) को मौलिक अधिकार की सूची से  हटाकर इसे संविधान के अनुच्छेद 300 (a) के अन्तगर्त क़ानूनी अधिकार के रूप में रखा गया है.

भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित मूल अधिकार प्राप्त हैं:
1. समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18)
2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22)
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24)
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)
5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)
6. संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 32)

1. समता या समानता का अधिकार:
अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समता- इसका अर्थ यह है कि राज्य सही व्यक्तियों के लिए एक समान कानून बनाएगा तथा उन पर एक समान ढंग से उन्‍हें लागू करेगा.
अनुच्छेद 15: धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म-स्थान के आधार पर भेद-भाव का निषेद- राज्य के द्वारा धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग एवं जन्म-स्थान आदि के आधार पर नागरिकों के प्रति जीवन के किसी भी क्षेत्र में भेदभाव नहीं किया जाएगा.
अनुच्छेद 16: लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता- राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता होगी. अपवाद- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग.
अनुच्छेद 17: अस्पृश्यता का अंत- अस्पृश्यता के उन्मूलन के लिए इससे दंडनीय अपराध घोषित किया गया है.
अनुच्छेद 18: उपाधियों का अंत- सेना या विधा संबंधी सम्मान के सिवाए अन्य कोई भी उपाधि राज्य द्वारा प्रदान नहीं की जाएगी. भारत का कोई नागरिक किसी अन्य देश से बिना  राष्ट्रपति की आज्ञा के कोई उपाधि स्वीकार नहीं कर सकता है.


2. स्वतंत्रता का अधिकार:
अनुच्छेद 19- मूल संविधान में 7 तरह की स्वतंत्रता का उल्लेख था, अब सिर्फ 6 हैं:
19 (a) बोलने की स्वतंत्रता.
19 (b) शांतिपूर्वक बिना हथियारों के एकत्रित होने और सभा करने की स्वतंत्रता.
19 (c) संघ बनाने की स्वतंत्रता.
19 (d) देश के किसी भी क्षेत्र में आवागमन की स्वतंत्रता.
19 (e) देश के किसी भी क्षेत्र में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता. (अपवाद जम्मू-कश्मीर)
19 (f) संपत्ति का अधिकार.
19 (g) कोई भी व्यापार एवं जीविका चलाने की स्वतंत्रता.
नोट: प्रेस की स्वतंत्रता का वर्णन अनुच्छेद 19 (a) में ही है.
अनुच्छेद 20- अपराधों के लिए दोष-सिद्धि के संबंध में संरक्षण- इसके तहत तीन प्रकार की स्वतंत्रता का वर्णन है:
(a) किसी भी व्यक्ति को एक अपराध के लिए सिर्फ एक बार सजा मिलेगी.
(b) अपराध करने के समय जो कानून है इसी के तहत सजा मिलेगी न कि पहले और और बाद में बनने वाले कानून के तहत.
(c) किसी भी व्यक्ति को स्वयं के विरुद्ध न्यायालय में गवाही देने के लिय बाध्य नहीं किया जाएगा.
अनुच्छेद 21- प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का सरंक्षण: किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रकिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.
अनुच्छेद 21(क) राज्य 6 से 14 वर्ष के आयु के समस्त बच्चों को ऐसे ढंग से जैसा कि राज्य, विधि द्वारा अवधारित करें, निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराएगा. ( 86वां संशोधन 2002 के द्वारा).
अनुच्छेद 22- कुछ दशाओं में गिरफ़्तारी और निरोध में संरक्षण: अगर किसी भी व्यक्ति को मनमाने ढंग से हिरासत में ले लिया गया हो, तो उसे तीन प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान की गई है:
(1) हिरासत में लेने का कारण बताना होगा.
(2) 24 घंटे के अंदर (आने जाने के समय को छोड़कर) उसे दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा.
(3) उसे अपने पसंद के वकील से सलाह लेने का अधिकार होगा.

निवारक निरोध: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 के खंड- 3, 4 ,5 तथा 6 में तत्संबंधी प्रावधानों का उल्लेख है. निवारक निरोध कानून के अन्तर्गत किसी व्यक्ति को अपराध करने के पूर्व ही गिरफ्तार किया जाता है. निवारक निरोध का उद्देश्य व्यक्ति को अपराध के लिए दंड देना नहीं, बल्कि उसे अपराध करने से रोकना है. वस्तुतः यह निवारक निरोध राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था बनाए रखने या भारत संबंधी कारणों से हो सकता है. जब किसी व्यक्ति निवारक निरोध की किसी विधि के अधीन गिरफ्तार किया जाता है, तब:
(a) सरकार ऐसे व्यक्ति को केवल 3 महीने तक जेल में रख सकती है. अगर गिरफ्तार व्यक्ति को तीन महीने से अधिक समय के लिए जेल में रखना हो, तो इसके लिए सलाहकार बोर्ड का प्रतिवेदन प्राप्त करना पड़ता है.
(b) इस प्रकार निरुद्ध व्यक्ति को यथाशीघ्र निरोध के आधार पर सूचित किए जाएगा, लेकिन जिन तथ्यों को निरस्त करना लोकहित के विरुद्ध समझा जाएगा उन्हें प्रकट करना आवश्यक नहीं है.
(c) निरुद्ध व्यक्ति को निरोध आदेश के विरुद्ध अभ्यावेदन करने के लिए शीघ्रातिशीघ्र अवसर दिया जाना चाहिए.


निवारक निरोध से संबंधित अब तक बनाई गई विधियां:

1) निवारक निरोध अधिनियम, 1950: भारत की संसद ने 26 फरवरी, 1950 को पहला निवारक निरोध अधिनियम पारित किया था. इसका उद्देश्य राष्ट्र विरोधी तत्वों को भारत की प्रतिरक्षा के प्रतिकूल कार्य से रोकना था. इसे 1 अप्रैल, 1951 को समाप्त हो जाना था, किन्तु समय-समय पर इसका जीवनकाल बढ़ाया जाता रहा. अंततः यह 31 दिसंबर, 1971 को समाप्त हुआ.

2) आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम, 1971: 44वें सवैंधानिक संशोधन (1979) इसके प्रतिकूल था और इस कारण अप्रैल, 1979 में यह समाप्त हो गया.

3) विदेशी मुद्रा संरक्षण व तस्करी निरोध अधिनियम, 1974: पहले इसमें तस्करों के लिए नजरबंदी की अवधि 1 वर्ष थी, जिसे 13 जुलाई, 1984 ई० को एक अध्यादेश के द्वारा बढ़ाकर 2 वर्ष कर दिया गया है.

4) राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980: जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त अन्य सभी राज्यों में लागू किया गया.

5) आतंकवादी एवं विध्वंसकारी गतिविधियां निरोधक कानून (टाडा): निवारक निरोध व्यवस्था के अन्‍तर्गत अब तक जो कानून बने उन में यह सबसे अधिक प्रभावी और सर्वाधिक कठोर कानून था. 23 मई, 1995 को इसे समाप्त कर दिया गया.

6) पोटा: इसे 25 अक्टूबर, 2001 को लागू किया गया. 'पोटा' टाडा का ही एक रूप है. इसके अन्तर्गत कुल 23 आंतकवादी गुटों को प्रतिबंधित किया गया है. आंतकवादी और आंतकवादियों से संबंधित सूचना को छिपाने वालों को भी दंडित करने का प्रावधान किया गया है. पुलिस शक के आधार पर किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है, किन्तु बिना आरोप-पत्र के तीन महीने से अधिक हिरासत में नहीं रख सकती. पोटा के तहत गिरफ्तार व्यक्ति हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है, लेकिन यह अपील भी गिरफ़्तारी के तीन महीने बाद ही हो सकती है, 21 सितम्बर, 2004 को इसे अध्यादेश के द्वारा समाप्त कर दिया गया दिया गया.

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
अनुच्छेद 23: मानव के दुर्व्यापार और बलात श्रम का प्रतिषेध: इसके द्वारा किसी व्यक्ति की खरीद-बिक्री, बेगारी तथा इसी प्रकार का अन्य जबरदस्ती लिया हुआ श्रम निषिद्ध ठहराया गया है, जिसका उल्लंघन विधि के अनुसार दंडनीय अपराध है.

नोट: जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सेवा करने के लिए बाध्य किया जा सकता है.

अनुच्छेद 24: बालकों के नियोजन का प्रतिषेध: 14 वर्ष से कम आयु वाले किसी बच्चे को कारखानों, खानों या अन्य किसी जोखिम भरे काम पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है.

4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-
अनुच्छेद 25: अंत:करण की और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता: कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को मान सकता है और उसका प्रचार-प्रसार कर सकता है.

अनुच्छेद 26: धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता: व्यक्ति को अपने धर्म के लिए संथाओं की स्थापना व पोषण करने, विधि-सम्मत सम्पत्ति के अर्जन, स्वामित्व व प्रशासन का अधिकार है.


अनुच्छेद 27: राज्य किसी भी व्यक्ति को ऐसे कर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है, जिसकी आय किसी विशेष धर्म अथवा धार्मिक संप्रदाय की उन्नति या पोषण में व्यय करने के लिए विशेष रूप से निश्चित कर दी गई है.

अनुच्छेद 28: राज्य विधि से पूर्णतः पोषित किसी शिक्षा संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी. ऐसे शिक्षण संस्थान अपने विद्यार्थियों को किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने या किसी धर्मोपदेश को बलात सुनने हेतु बाध्य नहीं कर सकते.

5. संस्कृति एवं शिक्षा संबंधित अधिकार:
अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यक हितों का संरक्षण कोई अल्पसंख्यक वर्ग अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रख सकता है और केवल भाषा, जाति, धर्म और संस्कृति के आधार पर उसे किसी भी सरकारी शैक्षिक संस्था में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा.

अनुच्छेद 30: शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार: कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग अपनी पसंद की शैक्षणिक संस्था चला सकता है और सरकार उसे अनुदान देने में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करेगी.

6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार:
'संवैधानिक उपचारों का अधिकार' को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान की आत्मा कहा है.
अनुच्छेद 32: इसके तहत मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए समुचित कार्यवाहियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में आवेदन करने का अधिकार प्रदान किया गया है. इस सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय को पांच तरह के रिट निकालने की शक्ति प्रदान की गई है जो निम्न हैं:
(a) बंदी प्रत्यक्षीकरण
(b) परमादेश
(c) प्रतिषेध लेख
(d) उत्प्रेषण
(e) अधिकार पृच्छा लेख
 
(1) बंदी प्रत्यक्षीकरण: यह उस व्यति की प्रार्थना पर जारी किया जाता है जो यह समझता है कि उसे अवैध रूप से बंदी बनाया गया है. इसके द्वारा न्यायालय बंदीकरण करने वाले अधिकारी को आदेश देता है कि वह बंदी बनाए गए व्यक्ति को निश्चित स्थान और निश्चित समय के अंदर उपस्थित करे जिससे न्यायालय बंदी बनाए जाने के कारणों पर विचार कर सके.
(2) परमादेश: परमादेश का लेख उस समय जारी किया जाता है, जब कोई पदाधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वाह नहीं करता है. इस प्रकार के आज्ञापत्र के आधार पर पदाधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश जारी किया जाता है.
(3) प्रतिषेध लेख: यह आज्ञापत्र सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालयों तथा अर्द्ध न्यायिक न्यायाधिकरणों को जारी करते हुए आदेश दिया जाता है कि इस मामले में अपने यहां कार्यवाही न करें क्यूंकि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है.
(4) उत्प्रेषण: इसके दवरा अधीनस्थ न्यायालयों को यह निर्देश दिया जाता है कि वे अपने पास लंबित मुकदमों के न्याय निर्णयन के लिए उससे वरिष्ठ न्यायालय को भेजें.
(5) अधिकार पृच्छा लेख: जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रूप में कार्य करने लगता है जिसके रूप में कार्य करने का उससे वैधानिक रूप से अधिकार नहीं है न्यायालय अधिकार-पृच्छा के आदेश के द्वारा उस व्यक्ति से पूछता है कि वह किस अधिकार से कार्य कर रहा है और जब तक वह इस बात का संतोषजनक उत्तर नहीं देता वह कार्य नहीं कर सकता है.


मौलिक अधिकार में संशोधन

1. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1976) के निर्णय से पूर्व दिए गए निर्णय में यह निर्धारित किया गया था कि संविधान के किसी भी भाग में संशोधन किया जा सकता है, जिसमें अनुच्छेद 368 और मूल अधिकार को शामिल किया गया था.

UPSC IAS क्रेक करने की फुल जानकारी

UPSC IAS  क्रेक करने की फुल जानकारी... 

#UPSC_क्या_है ?
UPSC(Union public service commison) यानी हिंदी में कहे तो #संघ_लोक_सेवा_आयोग
इसका का गठन आजादी से पहले 1 अक्तूबर 1926 को लोक सेवा आयोग नाम से हुआ था| लेकिन सवैधानिक प्रावधानों के तहत 26 अक्तूबर 1950 लोक सेवा आयोग का पुनर्निर्माण हुआ|

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जिसका नाम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) रखा गया| इस आयोग को  अनुछेद 315 के तहत सवैंधानिक दर्जा(मान्यता) प्रदान की गई है | 

यह commison(upsc) लगभग 13 प्रकार के exam का आयोजन करता 

जैसे:- ICS(indian civil service) 
IES (indian Engineering Services),NDA,INA,CDS,CAPF और भी है लेकिन उसका चर्चा यहाँ नही करेंगे...

UPSC द्वारा आयोजित इन सभी exam में सर्वश्रेष्ठ exam है..जिसकी हमलोग तैयारी कर रहे है इसे ICS(indian civil service) यानी  हिंदी में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है.. इसके तहत  24 तरह की service के लिए selection होता है..जिसमे सबसे टॉप post/service आईएएस (IAS) होता है.. कोई जरूरी नही की आप इस exam को पास कर सीधे IAS बन जायेंगे.. आप अपने rank/perfomance के आधार नीचे दिए गए 24 सेवाओं में किसी के लिए भी चयन किये जा सकते है..

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(i) Indian Administrative Service.
(ii) Indian Foreign Service.
(iii) Indian Police Service.
(iv) Indian P & T Accounts & Finance Service, Group ‘A’.
(v) Indian Audit and Accounts Service, Group ‘A’.
(vi) Indian Revenue Service (Customs and Central Excise), Group ‘A’.
(vii) Indian Defence Accounts Service, Group ‘A’.
(viii) Indian Revenue Service (I.T.), Group ‘A’.
(ix) Indian Ordnance Factories Service, Group ‘A’ (Assistant Works Manager, Administration).
(x) Indian Postal Service, Group ‘A’.
(xi) Indian Civil Accounts Service, Group ‘A’.(xii) Indian Railway Traffic Service, Group ‘A’.
(xiii) Indian Railway Accounts Service, Group 'A'.
(xiv) Indian Railway Personnel Service, Group ‘A’.

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(xv) Post of Assistant Security Commissioner in Railway Protection Force, Group ‘A’
(xvi) Indian Defence Estates Service, Group ‘A’.
(xvii) Indian Information Service (Junior Grade), Group ‘A’.
(xviii) Indian Trade Service, Group 'A' (Gr. III)
.(xix) Indian Corporate Law Service, Group "A".
(xx) Armed Forces Headquarters Civil Service, Group ‘B’ (Section Officer’s Grade).(xxi) Delhi, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Daman & Diu and Dadra & NagarHaveli Civil Service, Group 'B'.
(xxii) Delhi, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Daman & Diu and Dadra & NagarHaveli Police Service, Group 'B'.
(xxiii) Pondicherry Civil Service, Group 'B'.(xxiv) Pondicherry Police Service, Group ‘B

चलिए अब हम बात करते है इसकी योग्यता और attempt के बारे में..

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योग्यता:-
इसके लिए आपको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C) की धारा 1956, द्वारा मान्यता प्राप्त, किसी भी university से graduate होना चाहिए.. इस exam के लिए graduation का subject matter नही करता की आप आर्ट्स से किये है science से.... upsc के फॉर्म भरने के लिए बस आपके  पास valid बैचलर डिग्री(बी.टेक/BA/BSC/BCOM)  होना चाहिए....graduation अंतिम वर्ष के छात्र भी इस फॉर्म को भर सकते है 

★अगर age की बात करे तो
♠Age Limit: आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष की होनी चाहिए और अधिकतम 32 वर्ष की उम्र से अधिक नहीं होनी चाहिए।हालांकि विकलांग अभ्यार्थी और सैन्य परिवार तथा पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के लिए उम्र सीमा में छूट दी जाती है...

NOTE:- उम्र की गिनती अगस्त माह तक की जाती है

♠परीक्षा में #attempt की संख्या:- ओपन श्रेणी 6 प्रयास, ओबीसी श्रेणी के लिए 9 प्रयासों और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए कोई सीमा नहीं है।.....

💐फार्म_सम्बंधित_जानकारी

सामान्यतः UPSC(civil service) का notification feb-march में आता है और pre exam जून में होता है ..फिर pre quallify करने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए एक फार्म भरा जाता है जिसे DAF कहा जाता है ..interview में इसी DAF फार्म में जो आप अपने बारे में जो भरते है उसी सम्बंधित शुरूआती प्रश्न पूछे जाते हैं....

इसकी मुख्य परीक्षा october-november में होती है ..interview मार्च_अप्रैल में लेकर final परिणाम मई_जून में जारी कर दिया जाता है...

#form_कैसे_भरे ?★★

सर्वप्रथम आप..एक से अधिक आवदेन देने से बचें।
Pre का फॉर्म भरते समय आपसे  आपका centre choice , mains किस माध्यम से देना है..mains में optional sub क्या लेना है ? Etc भरना होता है..फार्म में सही विवरण दें। क्योकि बाद में सुधार नही कर सकते है ..साथ ही आवेदन करते समय अपना सही ई-मेल आईडी साथ रखें।

★●● #Exam_syllabus

इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको तीन चरण पास करने होते है पहला है Preliminary Exam(इसका अंक मेरिट में नही जुड़ता )
 दूसरा है Mains Exam और तृतीय हैInterview / Personality Test 

👉🏻 

Syllabus के बारे में यहाँ ज्यादा आपसे जिक्र नही करूँगा! Syllabus की जानकारी.. मै पहले की पोस्ट मे बता चुका हूं... आगे भी सिलेबस चर्चा जारी रहेगी...

Syllabus को deeply समझना सबसे जरूरी चीज है क्योकि syllabus को जितना बेहतर से आप समझ कर उसके according तैयारी करेंगे उतना ही आपकी success का chance ज्यादा होगा ! .

इसका syllabus कोई छोटा-मोटा नही होता है.. इसकी गहरी समझ बेहतर न होने के कारण  काफी Aspirant गलत दिशा में मेहनत करने लगते है. है..उनको यह पता नही होता है की किस खण्ड से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते है किस खण्ड से कम.. आप चाहे तो syllabus को खंड-खंड में अच्छे से बाटे,साथ ही उस खण्ड में यह भी mention कर दे की इस खंड से pre और mains में कितने अंक के प्रश्न आते है ..और इसको तैयार करके आप अपने study room में चिपका भी सकते है 


#All_the_best...