Friday, May 29, 2020

सामान्य विज्ञान

सामान्य विज्ञान


1. टिटनेस से शरीर का तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।

2. स्वस्थ मनुष्य के शरीर में रक्त का औसत 5 - 6 लीटर होता है।

3. मनुष्य के रक्त का शुद्धिकरण किडनी में होता है।

4. मानव शरीर की सबसे छोटी ग्रंथि पिट्यूटरी मस्तिष्क में होती है।

5. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत होती है।

6. इन्सुलिन की खोज बैटिंग एवं वेस्ट ने की थी।

7. वस्तु का प्रतिबिंब आँखों के रेटिना में बनता है।

8. नेत्रदान में आँख के कार्निया को दान किया जाता है।

9. सोयाबीन में सर्वाधिक प्रोटीन ( 42% ) पाया जाता है।

10. जल में घुलनशील विटामिन B एवं C है।

11. विटामिन सी C खट्टे फलों में पाया जाता है।

12. विटामिन सी की रासायनिक नाम 'स्कर्वीक एसिड' है।13. जीव विज्ञान के जनक अरस्तू को कहा जाता है।

14. जीव विज्ञान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग लैमार्क एवं ट्रेविरेनस ने किया था।

15. वनस्पति विज्ञान के जनक थियोफ्रस्ट्स को कहा जाता है।

16. आधुनिक वर्गीकी ( Modern taxonomy ) के पिता लीनियस को कहा जाता है।

17. एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीका की खोज की थी।

18. आम का वनस्पतिक नाम मेनजीफेरा इंडिका है।

19. कार्बन डाई आक्साइड गैस ग्रीन हाउस प्रभाव में सबसे ज्यादा योगदान करती है।

20. त्वचा का कैंसर सूर्य की पराबैंगनी किरणों से होता है।.

21. रेबीज के टीके की खोज एलेक्जैंडर फलेमिंग ने की थी।

22. विद्युत बल्ब के अंदर आर्गन गैस भरी होती है।

23. नाइट्रस आक्साइड को हंसाने वालीगैस कहा जाता है। इसकी खोज प्रीस्टले ने की थी।

24. सर्वप्रथम 'आर्वत सारणी ' का निर्माण रशियन वैज्ञानिक मेंडलीफ ने किया था।

25. आधुनिक आर्वत सारणी के नियम मोसले द्वारा प्रतिपादित किया गया है।

26. विद्युत धारा को ऐम्पियर में मापा जाता है।

27. डायनेमो उपकरण द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है।.

28. मोमबत्ती रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में रूपांतरित करती है।

29. प्रकाश वर्ष दूरी मापने की इकाई है। दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है।

30. साधारण नमक ( सोडियम क्लोराइड NaCl ) खाने एवं आचार के परिरक्षण में उपयोग होता है।

31. हीरा एवं ग्रेफाइट कार्बन के अपरूप है।

32. हीरा विद्युत का कुचालक होता है तथा ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है।

33. एल. पी. जी. में ब्यूटेन एवं प्रोपेन का मिश्रण होता है।

34. एल. पी. जी. की तेज गंध उसमें मिले सल्फर के यौगिक ( मिथाइल मरकॅाप्टेन ) से होती है।

35. चाँदी एवं तांबा विद्युत की सर्वश्रेष्ठ सुचालक है।

36. टाइटेनियम को रणनीतिक धातु कहा जाता है।

37. सिल्वर आयोडाइड कृत्रिम वर्षा के लिए प्रयोग किया जाता है।

38. मतदाताओं की अंगुलियों में निशान के लिए सिल्वर नाइट्रेट लगाया जाता है।

39. तड़ित चालक का आविष्कार बेंजामिन फैकलिन ने किया था।

40. शुष्क बर्फ़ ठोस कार्बन डाइ आक्साइड होता है।

41. प्लेटेनियम को सफेद स्वर्ण कहा जाता है।

42. क्लोरीन गैस फूलों का रंग उड़ा देती है।

43. बुध और शुक्र के एक भी उपग्रह नही है।

44. शनि के सर्वाधिक उपग्रह है।

45. मनुष्य का रक्त बैंक स्प्लीन या प्लीहा को कहते है।

महत्वपूर्ण परीक्षोपयोगी विज्ञान प्रश्नोत्तरीप्रश्नोत्तरी

1. नमकीन क्षेत्र में होने वाली वनस्पतियों को क्या कहते है?
उत्तर. हैलोफाइट
2.  पौधे का कौन सा भाग श्वसन करता है?
उत्तर. पौधे की पत्ती साँस लेने का काम करती है .
3.  केला और नारियल कैसे फल है।
उत्तर.बीजपत्री
4. सिनकोना पौधे के तने की छाल से क्या प्राप्त की जाती है?
उत्तर. कुनैन प्राप्त की जाती है
5. बीज के अंकुरण में क्या महत्वपूर्ण होता है?
उत्तर. हवा नमी एवं उपयुक्त ताप
6. यीस्ट और मशरूम क्या होते है?
उत्तर. फफूँद (फंजार्इ)
7. कीटों के वैज्ञानिक अध्ययन को क्या कहते है ?
उत्तर. एन्टोमोलाजी
8. फल विज्ञान के अध्ययन को क्या कहते है ?
उत्तर. पोमोलाजी
9. पुष्प विज्ञान के अध्ययन को क्या  कहते है।
उत्तर.फ्लोरीकल्चर
10. सब्जी विज्ञान के अध्ययन को क्या कहते है।
उत्तर.ओलेरीकल्चर
11.  आँख का वह भाग जिसमें वर्णांक होल होता है तथा जो किसी व्यकित की आँखों का रंग निशिचत करता है उसे क्या कहते है।
उत्तर. आइरिस
12.  अमोनिया को नाइट्रेट में बदलने में कौन भूमिका निभाता है।
उत्तर.नाइट्रोसोमोनास
13.  जीनोम चित्रण का सम्बन्ध किस के चित्रण से है।
उत्तर.जीन्स
14.बारूदी सुरंगो का पता लगाने में कौन उपयोगी होते है।
उत्तर.पंतगा
15.  एजोला नीलहरित शैवाल एवं एल्फाल्फा किस के रूप प्रयोग होते है।
उत्तर.जैव उर्वरक
16.  कौन एक आँख से आगे की ओर तथा उसी समय दूसरी आँख से पीछे की ओर देख सकता है।
उत्तर. गिरगिट
17.  कृषि की वह शाखा जो पालतु पशुओं के चारे आश्रय, स्वास्थ्य तथा प्रजनन से सम्बधित होती है उसे क्या कहते है।
उत्तर. पशुपालन (एनीमलहस्बेन्ड्री)
18.  वृद्व अवस्था के अध्ययन को क्या कहा जाता है।
उत्तर.जेरेन्टोलाजी
19.  जनसंख्या एवं मानव जाति के महत्वपूर्ण आंकडो के अध्ययन को कहते है।
उत्तर. जनांकिकी
20.  एक जलीय पौधे को  क्या कहते है।
उत्तर. हाइड्रोफाइट
21. हरे फलों को कृत्रिम रूप से पकाने हेतु कौन सी गैस  का प्रयोग करते है।
उत्तर.एसीटिलीन
22. प्रकाश संष्लेशण की कि्रया में प्रकाश ऊर्जा , किस उर्जा  में परिवर्तित होती है।
उत्तर.रासायनिक ऊर्जा
23. वृक्ष की आयु का वर्शो में निर्धारण किस आधार पर किया जाता है।
उत्तर. उसमें उपस्थित वार्शिक वलयों की संख्या के
24.  समतापी प्राणियों में ताप का नियमन करने वाला मस्तिष्क केन्द्र क्या  है।
उत्तर. हाइपोथैलेमस
25. हमारी जीभ पर स्वाद कलिकाएें , जो खटटे का ज्ञान कराती है जीभ के किस  भाग पर पायी जाती है।
उत्तर.पाश्र्व भाग में
26. मृदा को नाइट्रोजन से भरपूर करने वाली फसल कौन सी  है।
उत्तर. मटर की फसल
27.  मस्तिष्क का जो भाग बुध्दि का भाग कहलाता है, उसे वैज्ञानिक भाशा में क्या कहलाता है ?
उत्तर. सेरीब्रल हेमीसिफयर
28. नदियाें में जल प्रदूषण किस से मापा जाता है ?
उत्तर. पानी में आक्सीजन की घुली हुर्इ मात्रा से
29. शिशु का पित्रत्व स्थापित करने के लिए किस तकनीक का प्रयोग किया जा सकता हैं।
उत्तर.डीएनए फिंगर प्रिंटिग का
30. घोंसला बनाने वाला  वाला सांप कौन सा है।
उत्तर.  किंग कोबरा
31. उत्परिवर्तन का सिध्दांत किसने  दिया था ।
उत्तर. डी व्रीज ने
32. मनुष्य में अवषेशी अंग क्या  है।
उत्तर.  कर्णपल्लव पेशिया
33. प्याज की खेती कैसे  की जाती है।
उत्तर.  पौध  प्रतिरापण करके
34. जीव विज्ञान का जनक कौन थे ।
उत्तर. अरस्तु
35. इफेडि्रन औषधि का उपयोग किस  रोग में होता है .
उत्तर.  अस्थमा
36. चावल की फसल के लिए कौन अच्छे जैव उर्वरक का कार्य करता है।
उत्तर.  नीलहरित शैवाल
37. कौन सा  किडा अपने जीवन चक्र के कोषित चरण में वाणिजियक तन्तु पैदा करता है।
उत्तर.  रेशम का
38. वनस्पति विज्ञान के जनक कौन थे।
उत्तर.थि्रयोफ्रेस्टस
39. लम्बे समय तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात मांसपेसियों में थकान अनुभव होने का कारण क्या होता है ।
उत्तर. ग्लूकोज का अवक्षय
40. एक वयस्क मनुष्य के प्रत्येक जबडे में कितने दांत पाए जाते  है
उत्तर. 16 दाँत
41.मानव का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Homo Sapiens
42.मेंढक का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Rana Trgrina
43.बिल्ली का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Felis Domestica
44.कुत्ता का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Canis Familiaris
45.गाय का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Bos Indicus
46.मक्खी का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Musca Domestica
47.आम का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Mangifera Indicus
48.धान का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Oryza Sativa
49.गेंहू का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Triticum Aestivum
50.मटर का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Pisum Sativum
51.चना का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Cicer Aestivum
52.सरसों का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर. Brassica Campestri.

कुछ प्रसिद्ध व्‍यक्तियों के उपनाम

कुछ प्रसिद्ध व्‍यक्तियों के उपनाम 
 
1. राष्‍ट्रपिता - महात्‍मा गाँधी

2. बापू - महात्‍मा गाँधी

3. सीमांत गाँधी, बादशाह खान - खान अब्‍दुल गफ्फार खाँ

4. भारत के वृद्ध पुरूष - दादा भाई नौरोजी

5. भारत के लौह पुरूष - सरदार वल्‍लभ भाई पटेल

6. शांति दूत - लाल बहादूर शास्‍त्री

7. पंजाब केसरी - लाला लाजपत राय

8. बंगाल केसरी - आशुतोष मुखर्जी

9. बिहार केसरी - डाँ. श्री कृष्‍ण सिंह

10. आंध्र केसरी - टी. प्रकाशम

11. शेर – ए – कश्‍मीर, कश्‍मीर के शेर - शेख अब्‍दुल्‍ला

12. बंगबंधु - शेख मुजीबुर रहमान

13. देशबंधु - चितरंजन दास

14. दीनबंधु - सी.एफ.एण्‍ड्रयुज

15. लोकमान्‍य - बाल गंगाधर तिलक

16. लोकनायक - जय प्रकाश नारायण

17. जननायक - कर्पुरी ठाकुर

18. राजश्री - पुरूषोत्तम दास टंडन

19. गुरूदेव - रवीन्‍द्र नाथ टैगोर

20. गुरूजी - एम.एस.गोवलकर

21. देश रत्‍न, अजातशत्रु - डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद

22. महामना - मदन मोहन मालवीय

23. नेताजी - सुभाष चंद्र बोस

24. चाचा, पंडित जी - जवाहर लाल नेहरू

25. राजाजी, सी.आर - चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

26. गौरेया - मेजर जनरल राजिंदर सिंह

27. युवा तुर्क - चंद्र शेखर

28. ताऊ - चौधरी देवी लाल

29. शहीद ए आजम - भगत सिंह

30. भारत की कोकिला - सरोजिनी नायडू

31. लेडी विद द लैम्‍प - फ्लोरेंस नाइटिंगल

32. स्‍वर कोकिला - लता मंगेशकर

33. उडनपरी - पी.टी.उषा

34. मदर (माँ) - मदर टेरेसा

35. विश्‍व कवि, कवि गुरू - रवीन्‍द्र नाथ टैगोर

36. सरदार - सरदार वल्लभ भाई पटेल

37. तोता – ए – हिंद - अमीर खुसरो

38. लाल, बाल, पाल - लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल

39. बिहार विभूति - डाँ. अनुराग नारायण सिंह

40. बाबूजी - जगजीवन राम

41. भारत का नेपोलियन - समुद्र गुप्‍त

42. भारत का शेक्‍सपियर - महाकवि कलिदास

43. भारत का मैकियावली - चाण्‍क्‍य (कौटिल्‍य)

44. कश्‍मीर का अकबर - जेनुल आब्‍दीन

45. गुजरात के पिता - रवि शंकर महाराज

46. भारतीय फिल्‍मों के दादा - ढूण्‍डी राज गोविन्‍द

कुछ महान कार्यों से सम्बंधित व्यक्ति

कुछ महान कार्यों से सम्बंधित व्यक्ति

1. ब्रह्मा समाज – राजाराममोहन राय
2. आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती
3. प्रार्थना समाज – आत्माराम पांडुरंग
4. दीन-ए-इलाही, मनसबदारी प्रथा – अकबर
5. भक्ति आंदोलन – रामानुज
6. सिख धर्म – गुरु नानक
7. बौद्ध धर्म – गौतमबुद्ध
8. जैन धर्म – महावीर स्वामी
9. इस्लाम धर्म की स्थापना, हिजरी सम्वत – हजरत मोहम्मद साहब
10. पारसी धर्म के प्रवर्तक – जर्थुष्ट
11. शक सम्वत – कनिष्क
12. मौर्य वंश का संस्थापक – चन्द्रगुप्त मौर्य
13. न्याय दर्शन – गौतम
14. वैशेषिक दर्शन – महर्षि कणाद
15. सांख्य दर्शन – महर्षि कपिल
16. योग दर्शन – महर्षि पतंजली
17. मीमांसा दर्शन – महर्षि जैमिनी
18. रामकृष्ण मिशन – स्वामी विवेकानंद
19. गुप्त वंश का संस्थापक – श्रीगुप्त
20. खालसा पन्थ – गुरु गोविन्द सिंह
21. मुगल साम्राज्य की स्थापना – बाबर
22. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – हरिहर व बुक्का
23. दिल्ली सल्तनत की स्थापना – कुतुबुद्दीन ऐबक
24. सतीप्रथा का अंत – लॉर्ड विलियम बेंटिक
25. आंदोलन : असहयोग,सविनय अवज्ञा, खेडा, चम्पारन, नमक, भारत छोडो – महात्मा गाँधी
26. हरिजन संघ की स्थापना – महात्मा गाँधी
27. आजाद हिंद फ़ौज की स्थापना – रास बिहारी बोस
28. भूदान आंदोलन – आचार्य विनोबा भावे
29. रेड क्रॉस – हेनरी ड्यूनेंट
30. स्वराज पार्टी की स्थापना – पंडित मोतीलाल नेहरु
31. गदर पार्टी की स्थापना – लाला हरदयाल
32. ‘वन्देमातरम्’ के रचियता – बंकिमचन्द्र चटर्जी
33. स्वर्ण मंदिर का निर्माण – गुरु अर्जुन देव
34. बारदोली आंदोलन – वल्लभभाई पटेल
35. पाकिस्तान की स्थापना – मो० अली जिन्ना
36. इंडियन एसोशिएशन की स्थापना – सुरेन्द नाथ बनर्जी
37. ओरुविले आश्रम की स्थापना- अरविन्द घोष
38. रुसी क्रांति के जनक – लेनिन
39. जामा मस्जिद का निर्माण – शाहजहाँ
40. विश्व भारती की स्थापना – रवीन्द्रनाथ टैगोर
41. दास प्रथा का उन्मूलन – अब्राहम लिंकन
42. चिपको आंदोलन – सुंदर लाल बहुगुणा
43. बैकों का राष्ट्रीकरण – इंदिरा गाँधी
44. ऑल इण्डिया वीमेन्स कांफ्रेंस की स्थापना – श्रीमती कमला देवी
45. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना – एम०एन० राय
46. नेशनल कांफ्रेंस की स्थापना – शेख अब्दूल्ला
47. संस्कृत व्याकरण के जनक – पाणिनी
48. सिख राज्य की स्थापना – महाराजा रणजीत सिंह
49. भारत की खोज – वास्कोडिगामा

भारत में बैंकों की स्थापना

भारत में बैंकों की स्थापना

👉 बैंक आॅफ हिन्दुस्तान =1770 में
👉इलाहाबाद बैंक =1865 में 
👉 अवध काॅमर्शिल बैंक = 1881 में
👉 पंजाब नेशनल बैंक =1894 में
👉 केनरा बैंक =1906 में
👉 बैंक आॅफ इंडिया = 1906 में
👉 काॅरपोरेशन बैंक = 1906 में
👉 इंडियन बैंक =1907 में
👉 पंजाब एंड सिंधी बैंक = 1908 में
👉 बैंक आॅफ बड़ौदा= 1908 में
👉 सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया =1911 में
👉 यूनियन बैंक आॅफ इंडिया =1919 में
👉 इम्पीरियल बैंक =1921में
👉 आंध्रा बैंक = 1923 में
👉 सिंडीकेट बैंक = 1925 में
👉 विजया बैंक =1931 में
👉 रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया=1935में
👉 बैंक आॅफ महाराष्ट्र =1935में
👉 इंडियन ओवरसीज बैंक=1937में
👉 देना बैंक =1938 में
👉 ओरिएंटल बैंक आॅफ काॅमर्स =1943में
👉 यूको बैंक =1943 में 
👉 यूनाइटेड बैंक आॅफ इंडिया = 1950 में
👉 स्टेट बैंक आॅफ इंडिया =1955 में 
👉 ICICI बैंक = 1994 में
👉 HDFC बैंक = 1994 में
👉 IDBI बैंक =1964 में
👉 एक्सिस बैंक = 2007 में

महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस

महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस

1. लुईस ब्रेल दिवस – 4 जनवरी
2. विश्व हास्य दिवस – 10 जनवरी
3. राष्ट्रिय युवा दिवस – 12 जनवरी
4. थल सेना दिवस – 15 जनवरी
5. कुष्ठ निवारण दिवस – 30 जनवरी
6. भारत पर्यटन दिवस – 25 जनवरी
7. गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी
8. अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क एवं उत्पाद दिवस - 26 जनवरी
9. सर्वोदय दिवस – 30 जनवरी
10. शहीद दिवस – 30 जनवरी
11. विश्व कैंसर दिवस – 4 जनवरी
12. गुलाब दिवस – 12 फरवरी
13. वेलेंटाइन दिवस – 14 फरवरी
14. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस – 21 फरवरी
15. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस – 24 फरवरी
16. राष्ट्रिय विज्ञानं दिवस – 28 फरवरी
17. राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस – 4 मार्च
18. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस – 8 मार्च
19. के०औ०सु० बल की स्थापना दिवस – 12 मार्च
20. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस – 15 मार्च
21. आयुध निर्माण दिवस – 18 मार्च
22. विश्व वानिकी दिवस – 21 मार्च
23. विश्व जल दिवस – 22 मार्च
24. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस – 23 दिवस
25. विश्व मौसम विज्ञानं दिवस – 23 मार्च
26. राममनोहर लोहिया जयंती – 23 मार्च
27. विश्व टी०बी० दिवस – 24 मार्च
28. ग्रामीण डाक जीवन बिमा दिवस – 24 मार्च
29. गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान दिवस – 25 मार्च
30. बांग्लादेश का राष्ट्रिय दिवस– 26 मार्च
31. विश्व थियेटर दिवस – 27 मार्च
32. विश्व स्वास्थ दिवस – 7 अप्रैल
33. अम्बेदकर जयंती – 14 अप्रैल
34. विश्व वैमानिकी दिवस – 14 अप्रैल
35. विश्व हीमोफीलिया दिवस – 17 अप्रैल
36. विश्व विरासत दिवस – 18 अप्रैल
37. पृथ्वी दिवस – 22 अप्रैल
38. विश्व पुस्तक दिवस – 23 अप्रैल
39. विश्व श्रमिक दिवस – 1 मई
40. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस – 3 मई
41. विश्व प्रवासी पक्षी दिवस – 8 मई
42. विश्व रेडक्रॉस दिवस – 8 मई
43. अंतर्राष्ट्रीय थैलीसिमिया दिवस – 8 मई
44. राष्ट्रिय प्रौधोगिकी दिवस – 11 मई
45. विश्व संग्रहालय दिवस – 18 मई
46. विश्व नर्स दिवस – 12 मई
47. विश्व परिवार दिवस – 15 मई
48. विश्व दूरसंचार दिवस – 17 मई
49. आतंकवाद विरोधी दिवस – 21 मई
50. जैविक विविधिता दिवस – 22 मई
51. माउन्ट एवरेस्ट दिवस – 29 मई
52. विश्व तम्बाकू रोधी दिवस – 31 मई
53. विश्व पर्यावरण दिवस – 5 जून
54. विश्व रक्तदान दिवस – 14 जून
55. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति स्थापना दिवस – 6 जून
56. विश्व शरणार्थी दिवस – 20 जून
----.विश्व योग दिवस - 21 जून
57. राष्ट्रिय सांख्यिकी दिवस – 29 जून
58. पी०सी० महालनोबिस का जन्म दिवस – 29 जून
60. भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना दिवस – 1 जुला

महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस ... 

1. लुईस ब्रेल दिवस – 4 जनवरी
2. विश्व हास्य दिवस – 10 जनवरी
3. राष्ट्रिय युवा दिवस – 12 जनवरी
4. थल सेना दिवस – 15 जनवरी
5. कुष्ठ निवारण दिवस – 30 जनवरी
6. भारत पर्यटन दिवस – 25 जनवरी
7. गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी
8. अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क एवं उत्पाद दिवस - 26 जनवरी
9. सर्वोदय दिवस – 30 जनवरी
10. शहीद दिवस – 30 जनवरी
11. विश्व कैंसर दिवस – 4 जनवरी
12. गुलाब दिवस – 12 फरवरी
13. वेलेंटाइन दिवस – 14 फरवरी
14. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस – 21 फरवरी
15. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस – 24 फरवरी
16. राष्ट्रिय विज्ञानं दिवस – 28 फरवरी
17. राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस – 4 मार्च
18. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस – 8 मार्च
19. के०औ०सु० बल की स्थापना दिवस – 12 मार्च
20. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस – 15 मार्च
21. आयुध निर्माण दिवस – 18 मार्च
22. विश्व वानिकी दिवस – 21 मार्च
23. विश्व जल दिवस – 22 मार्च
24. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस – 23 दिवस
25. विश्व मौसम विज्ञानं दिवस – 23 मार्च
26. राममनोहर लोहिया जयंती – 23 मार्च
27. विश्व टी०बी० दिवस – 24 मार्च
28. ग्रामीण डाक जीवन बिमा दिवस – 24 मार्च
29. गणेश शंकर विद्यार्थी का बलिदान दिवस – 25 मार्च 
30. बांग्लादेश का राष्ट्रिय दिवस– 26 मार्च
31. विश्व थियेटर दिवस – 27 मार्च
32. विश्व स्वास्थ दिवस – 7 अप्रैल
33. अम्बेदकर जयंती – 14 अप्रैल
34. विश्व वैमानिकी दिवस – 14 अप्रैल
35. विश्व हीमोफीलिया दिवस – 17 अप्रैल
36. विश्व विरासत दिवस – 18 अप्रैल
37. पृथ्वी दिवस – 22 अप्रैल
38. विश्व पुस्तक दिवस – 23 अप्रैल
39. विश्व श्रमिक दिवस – 1 मई
40. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस – 3 मई
41. विश्व प्रवासी पक्षी दिवस – 8 मई
42. विश्व रेडक्रॉस दिवस – 8 मई
43. अंतर्राष्ट्रीय थैलीसिमिया दिवस – 8 मई
44. राष्ट्रिय प्रौधोगिकी दिवस – 11 मई
45. विश्व संग्रहालय दिवस – 18 मई
46. विश्व नर्स दिवस – 12 मई
47. विश्व परिवार दिवस – 15 मई
48. विश्व दूरसंचार दिवस – 17 मई
49. आतंकवाद विरोधी दिवस – 21 मई
50. जैविक विविधिता दिवस – 22 मई
51. माउन्ट एवरेस्ट दिवस – 29 मई
52. विश्व तम्बाकू रोधी दिवस – 31 मई
53. विश्व पर्यावरण दिवस – 5 जून
54. विश्व रक्तदान दिवस – 14 जून
55. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति स्थापना दिवस – 6 जून
56. विश्व शरणार्थी दिवस – 20 जून
----.विश्व योग दिवस - 21 जून 
57. राष्ट्रिय सांख्यिकी दिवस – 29 जून
58. पी०सी० महालनोबिस का जन्म दिवस – 29 जून
60. भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना दिवस – 1 जुलाई
61. चिकित्सक दिवस – 1 जुलाई
62. डॉ० विधानचंद्र राय का जन्म दिवस – 1 जुलाई
63. विश्व जनसंख्या दिवस – 11 जुलाई
64. कारगिल स्मृति दिवस – 26 जुलाई
65. विश्व स्तनपान दिवस – 1 अगस्त
66. विश्व युवा दिवस – 12 अगस्त
67. स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त
68. राष्ट्रिय खेल दिवस – 29 अगस्त
69. ध्यानचन्द्र का जन्म दिवस – 29 अगस्त
70. शिक्षक दिवस – 5 सितम्बर
71. अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस – 8 सितम्बर
72. हिंदी दिवस – 14 सितम्बर
73. विश्व-बंधुत्व एवं क्षमा याचना दिवस – 14 सितम्बर
74. अभियंता दिवस – 15 सितम्बर
75. संचयिता दिवस – 15 सितम्बर
76. ओजोन परत रक्षण दिवस – 16 सितम्बर
77. RPF की स्थापना दिवस – 20 सितम्बर
78. विश्व शांति दिवस – 21 सितम्बर
79. विश्व पर्यटन दिवस – 27 सितम्बर
80. अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस – 1 अक्टूबर
81. लाल बहादुर शास्त्री जयंती – 2 अक्टूबर
82. अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस – 2 अक्टूबर
83. विश्व प्रकृति दिवस – 3 अक्टूबर
84. विश्व पशु-कल्याण दिवस – 4 अक्टूबर
85. विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर
86. विश्व वन्य प्राणी दिवस – 6 अक्टूबर
87. वायु सेना दिवस – 8 अक्टूबर
88. विश्व डाक दिवस – 9 अक्टूबर
89. विश्व दृष्टि दिवस – 10 अक्टूबर
90. जयप्रकाश जयंती – 11 अक्टूबर
91. विश्व मानक दिवस – 14 अक्टूबर
92. विश्व एलर्जी जागरूकता दिवस – 16 अक्टूबर
93. विश्व खाद्य दिवस – 16 अक्टूबर
94. विश्व आयोडीन अल्पता दिवस – 21 अक्टूबर
95. संयुक्त राष्ट्र दिवस – 24 अक्टूबर
96. विश्व मितव्ययिता दिवस – 30 अक्टूबर
97. इंदिरा गाँधी की पुण्य तिथि – 31 अक्टूबर
98. विश्व सेवा दिवस – 9 नवम्बर
99. रा० विधिक साक्षरता दिवस – 9 नवम्बर
100. बाल दिवस – 14 नवम्बर
101. विश्व मधुमेह दिवस – 14 नवम्बर
102. विश्व विधार्थी दिवस – 17 नवम्बर
103. राष्ट्रिय पत्रकारिता दिवस – 17 नवम्बर
104. विश्व व्यस्क दिवस – 18 नवम्बर
105. विश्व नागरिक दिवस – 19 नवम्बर
106. सार्वभौमिक बाल दिवस – 20 नवम्बर
107. विश्व टेलीविजन दिवस – 21 नवम्बर
108. विश्व मांसाहार निषेध दिवस – 25 नवम्बर
109. विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस – 26 नवम्बर
110. राष्ट्रिय विधि दिवस – 2

भारतीय धरोहर स्थल

यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल*
   *भारतीय धरोहर स्थल*

1. ताजमहल - उत्तर प्रदेश [1983]

2. आगरा का किला - उत्तर प्रदेश [1983]

3. अजंता की गुफाएं - महाराष्ट्र [1983]

4. एलोरा की गुफाएं - महाराष्ट्र [1983]

5. कोणार्क का सूर्य मंदिर - ओडिशा [1984]

6. महाबलिपुरम् का स्मारक समूह -तमिलनाडू [1984]

7. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान - असोम [1985]

8. मानस वन्य जीव अभयारण्य - असोम [1985]

9. केवला देव राष्ट्रीय उद्यान - राजस्थान [1985]

10. पुराने गोवा के चर्च व मठ - गोवा [1986]

11. मुगल सिटी, फतेहपुर सिकरी - उत्तर प्रदेश [1986]

12. हम्पी स्मारक समूह - कर्नाटक [1986]

13. खजुराहो मंदिर - मध्यप्रदेश [1986]

14. एलीफेंटा की गुफाएं - महाराष्ट्र [1987]

15. पट्टदकल स्मारक समूह - कर्नाटक [1987]

16. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान - प. बंगाल [1987]

17. वृहदेश्वर मंदिर तंजावुर - तमिलनाडू [1987]

18. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान - उत्तराखंड [1988]

19. सांची का बौद्ध स्मारक - मध्यप्रदेश [1989]

21. हुमायूँ का मकबरा - दिल्ली [1993]

22. दार्जिलिंग हिमालयन रेल - पश्चिम बंगाल [1999]

23. महाबोधी मंदिर, गया - बिहार [2002]

24. भीमबेटका की गुफाएँ - मध्य प्रदेश [2003]

25. गंगई कोड़ा चोलपुरम् मन्दिर - तमिलनाडु [2004]

26. एरावतेश्वर मन्दिर - तमिलनाडु [2004]

27. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल - महाराष्ट्र [2004]

28. नीलगिरि माउंटेन रेलवे - तमिलनाडु [2005]

29. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान - उत्तराखंड [2005]

30. दिल्ली का लाल किला - दिल्ली [2007]

31. कालका शिमला रेलवे -हिमाचल प्रदेश [2008]

32. सिमलीपाल अभ्यारण्य - ओडिशा [2009]

33. नोकरेक अभ्यारण्य - मेघालय [2009]

34. भितरकनिका उद्यान - ओडिशा [2010]

35. जयपुर का जंतर-मन्तर - राजस्थान [2010]

36. पश्चिम घाट [2012]

37. आमेर का किला - राजस्थान [2013]

38. रणथंभोर किला - राजस्थान [2013]

39. कुंभलगढ़ किला - राजस्थान [2013]

40. सोनार किला - राजस्थान [2013]

41. चित्तौड़गढ़ किला - राजस्थान [2013]

42. गागरोन किला - राजस्थान [2013]

43. रानी का वाव - गुजरात [2014]

44. ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय उद्यान - हिमाचल प्रदेश [2014]

गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी

गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी 

1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं । 
      
2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं । 

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है । 

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है । 

5. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते । 

6. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है ।

7. गौ माता कि एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है ।

8. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है। 

9. गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है । 

10. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है , उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है । रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है । 

11. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है ।

12. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं ।

13. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है । 

14. गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है ।

15. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे। 

16. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं । 

17. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है । 

18. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं । 

19. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है । 
20. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है । 

21. गाय एक चलता फिरता मंदिर है । हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है ,
हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं । 

22. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा !

 23. गौ माता सर्व सुखों की दातार है । 

हे मां आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूं ।

मृत्यु के पश्चात, आदि शंकराचार्य द्वारा वर्णित जीवात्मा का मोक्ष मार्ग

मृत्यु के पश्चात, आदि शंकराचार्य द्वारा वर्णित जीवात्मा का मोक्ष मार्ग

मृत्यु के समय जीव और उसके शरीर के साथ क्या घटित हो रहा होता है ये वहाँ उपस्थित अन्य लोगों का अंदाज़ा नहीं लग पाता। लेकिन घटनाएं तेज़ी से घटती हैं। मृत्यु की दहलीज़ पर खड़े व्यक्ति की सबसे पहले वाकइन्द्रिय, उसके मन में विलीन हो जाती है।

उस समय वह अपने मन-ही-मन में विचार कर सकता है लेकिन कुछ बोल नहीं सकता। उसके बाद दृश्येंद्रिय और फिर कर्णइन्द्रिय भी मन में विलीन हो जाती है। उस समय वह न देख पाता है, ना सुन पाता है और ना ही बोल पाता है।

उसके बाद मन, इन इन्द्रियों के साथ प्राण के अन्दर विलीन हो जाता है। उस समय सोचने समझने की क्षमता भी समाप्त हो जाती है, केवल श्वास-प्रश्वास चलती रहती है।

इसके बाद सबके साथ प्राण, जीव के सूक्ष्म शरीर के भीतर प्रस्थान करता है। फिर जीव सूक्ष्म रूप से पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश (यानी पञ्च तन्मात्राओं) का आश्रय लेकर, ह्रदय देश से निकलने वाली 101 नाड़ियों में से किसी एक में प्रवेश करता है।

ह्रदय देश से कुल 101नाड़ियाँ निकली हुई हैं। मौत के समय जीव, इन्ही में से किसी एक नाड़ी में प्रवेश करके देहत्याग करता है। मोक्ष प्राप्त करने वाला जीव जिस नाड़ी में प्रवेश करता है, वह नाड़ी ह्रदय से मष्तिष्क तक फ़ैली हुई है। जो मृत्यु के समय आवागमन के बंधन से मुक्त नहीं हो रहे होते, वे जीव किसी दूसरी नाड़ी में प्रवेश करते हैं।

जीव जब तक नाड़ी में प्रवेश नहीं करता, तब तक ज्ञानी और मूर्ख, दोनों की गति एक ही तरह की होती है। नाड़ी में प्रवेश करने के बाद अलग-अलग तरह की गतियाँ हो जाती हैं जीवों की।

शकाराचार्य जी का कथन है कि ‘जो लोग ब्रह्मविद्या की प्राप्ति करते हैं, वे मृत्यु के बाद देह ग्रहण नहीं करते, बल्कि मृत्यु होते ही उनको मोक्ष प्राप्त हो जाता है’। श्री रामानुज स्वामी जी का कहना है ‘ब्रह्मविद्या की प्राप्ति होने पर भी जीव जीव देवयान पथ में गमन करने के बाद ब्रह्म को प्राप्त हो जाता है और फिर मुक्त हो जाता है’।

देवयान पथ के सन्दर्भ में शंकराचार्य जी ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि ‘जो लोग सगुण ब्रह्म की उपासना करते हैं, वे ही देवयान पथ में जा कर सगुण ब्रह्म को प्राप्त होते हैं, और जो लोग निर्गुण ब्रह्म की उपासना करके ब्रह्मविद्या प्राप्त करते हैं, वे लोग देवयान पथ से नहीं जाते। अग्नि के संयोग से जब स्थूल शरीर नष्ट हो जाता है, उस समय सूक्ष्म शरीर नष्ट नहीं हुआ करता।

मृत्यु के समय स्थूल शरीर का जो भाग थोड़ा गर्म महसूस होता है, वास्तव में उसी स्थान से जीवात्मा अपने सूक्ष्म शरीर के साथ देहत्याग करता है। इसीलिए वह स्थान थोड़ा गर्म महसूस होता है’।

वास्तव में जो ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर लेते हैं उनकी मृत्यु रात में हो या दक्षिणायन में हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, उनको मोक्ष की प्राप्ति होती ही है यानी वो काल के प्रभाव से ऊपर उठ चुके होते हैं।

भगवत गीता के अनुसार जो लोग मृत्यु के अनंतर देवयान पथ से गति करते हैं उनको ‘अग्नि’ और ‘ज्योति’ नाम के देवता अपने-अपने अधिकृत स्थानों के द्वारा ले जाते हैं |

 उसके बाद ‘अहः’अथवा दिवस के अभिमानी देवता ले जाते है | उसके बाद शुक्ल पक्ष के देवता तथा उत्तरायण के देवता ले जाते हैं |

थोड़ा स्पष्ट शब्दों में कहें तो देवयान पथ में सबसे पहले अग्निदेवता का अधिकृत देश आता है फिर दिवस देवता, शुक्ल पक्ष, उत्तरायण, वत्सर, वायु और फिर आदित्य देवता का देश आता है | देवयान मार्ग इन सब देवताओं के अधिकृत देशों से हो कर गुजरता है।

उसके बाद चन्द्र, विद्युत्, वरुण, इन्द्र, प्रजापति तथा ब्रह्म, क्रमशः इनके देश पड़ते हैं | जो ईश्वर की पूजा-पाठ करते हैं, उनकी भक्ति करते हैं वो इस मार्ग से जाते हैं उनका पुनर्जन्म नहीं होता, वो अपने अभीष्ट के अविनाशी धाम जाते हैं।

परन्तु जो लोग ईश्वर की पूजा-पाठ नहीं करते और उनमे भक्ति रखते हैं लेकिन परोपकारी कार्य जैसे दान आदि पुण्य कर्म करते हैं, वे, मृत्यु के बाद देवयान मार्ग से नहीं जाते बल्कि पितृयान मार्ग से जाते हैं और उच्च लोकों में जन्म ले कर वहाँ के ऐश्वर्य सुख भोगते हैं लेकिन उनका पुनर्जन्म होता है | पितृयान मार्ग से भी चंद्रलोक जाना पड़ता है लेकिन वो रास्ता थोड़ा अलग होता है |

उस पथ पर धूम, रात्रि, कृष्णपक्ष, दक्षिणायन आदि देवताओं के अधिकृत देश पड़ते हैं | अर्थात ये सब देवता उस जीव को अपने अधिकृत स्थान के मध्य से ले जाते हैं | चंद्रलोक कभी तो बहुत गर्म रहता है और कभी अतिरिक्त शीतल हो जाता है | वहाँ अपने स्थूल शरीर के साथ कोई मनुष्य नहीं रह सकता, लेकिन अपने सूक्ष्म शरीर के साथ (जो मृत्यु के बाद मिलती है) वह वहाँ (चंद्रलोक में) रह सकता है |

जो ईश्वर की पूजा नहीं करते, कोई परोपकार भी नहीं करते: जो केवल इन्द्रिय सुख-भोग में ही अपना पूरा जीवन व्यतीत करते हैं, वे लोग (मृत्यु के बाद) ना तो देवयान पथ से जाते हैं और ना ही पित्रयान पथ से बल्कि वे कीट पतंग या पशु योनि (जैसी उनकी आसक्ति या वासना हो) में बार-बार यहीं जन्म लेते हैं और यहीं मरते हैं |

जो लोग अत्यधिक पाप करते हैं, निरीह और असहायों को सताने में जिन्हें आनंद आता है, ऐसे नराधमों की गति (मृत्यु के बाद) निम्न लोकों यानी नर्क में होती है | वहाँ ये जिस स्तर का कष्ट दूसरों को दिए होते है, उसका दसगुना कष्ट पाते हैं | विभिन्न प्रकार के नर्कों का वर्णन भारतीय पौराणिक ग्रंथों में दिया हुआ है, इनका संक्षिप्त वर्णन रहस्यमय के लेखों में भी हुआ है।

यद्यपि भारतीय ग्रंथों के अनुसार नर्क में प्राणी हमेशा नहीं निवास करते बल्कि नर्क में कष्ट भोगते-भोगते उन पापियों का पाप नष्ट होने लगता है अंत में उन पापों के जल कर भस्म हो जाने पर जीवात्मा पुनः मृत्यु लोक में जन्म लेता है और पुनः उसके पास इस ब्रह्मांडीय सफ़र में उन्नति करने का और आगे बढ़ने का अवसर होता है।

Thursday, May 28, 2020

Computer Short Cut Keys

Computer Short Cut Keys 


Windows Key+PrtScr — take a screenshot saved to your Pictures folder.
Windows Key+G — open the Game DVR recorder (if supported by your graphics card).
Windows Key+Alt+G — start recording activity in the current window.
Windows Key+Alt+R — stop recording in the Game DVR.
Windows Key+P — switch between display modes (with a secondary display connected).
Windows Key+plus — zoom in using the Magnifier utility.
Windows Key+minus — zoom out using the Magnifier utility.
Ctrl+Shift+Esc — open the Windows 10 Task Manager.
Windows Key+R — open the Run dialog box.
Shift+Delete — delete files without sending them to the Recycle Bin.
Alt+Enter — show the properties of the currently selected file.
Windows Key+U — open the Ease of Access Center.
Windows Key+Space — switch input language and keyboard.
Windows Key+Shift+Any Number Key — launch a new instance of the app in the numbered taskbar slot
Windows Key+Ctrl+Shift+Any Number Key — same, but launch the app with admin powers enabled
Windows Key+, — temporarily hide apps to briefly show the desktop.
Windows Key+D — minimize apps to go straight to the desktop.
Ctrl+Shift+M — restore all minimized windows to full-size (useful after a Win + D)
Windows Key+Home — minimize all windows except the one you’re actively using
Windows Key+L — lock your PC and go to the lock screen.
Windows Key+E — launch File Explorer (aka Windows Explorer).
Alt+Up — go up one level in File Explorer.
Alt+Left — go to the previous folder in File Explorer.
Alt+Right — go to the next folder in File Explorer.
Alt+Tab — switch between windows. (Hold down Alt while tapping Tab to pick visually).
Alt+F4 — close the current window. 
Windows Key+Shift+Left (or Right) — move a window to your next monitor.
Windows Key+T — cycle through taskbar items (hit Enter to launch).
Windows Key+Any Number Key — open the app pinned to the taskbar in the numbered position (e.g. Win+2 launches the app in your second taskbar slot)
Shift+Left — highlight text to the left of the cursor.
Shift+Right — highlight text to the left of the cursor.
Ctrl+Shift+Left (or Right) — highlight blocks of text instead of just characters at a time.
Ctrl+C — copy selected text to the Windows clipboard.
Ctrl+V — paste text from the Windows clipboard into command prompt.
Ctrl+A — select all text after the prompt.
Windows Key+Q — open up Cortana ready for voice input.
Windows Key+S — open up Cortana ready for typed input.
Windows Key+I — open up the Windows 10 settings pane.
Windows Key+A — open up Windows 10 notifications (Action Center).
Windows Key+X — open the Start button context menu (the one with easy 
Windows Key+Ctrl+D — create a new virtual desktop.
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Windows Key+Ctrl+Left — scroll through your desktops to the left.
Windows Key+Ctrl+Right — scroll through your desktops to the right.
Windows Key+Ctrl+F4 — close the current desktop.
Windows Key+Tab — see all your desktops (and open apps!) via the Task View page.
Windows Key+Left — snap active window to the left.
Windows Key+Right — snap active window to the right.
Windows Key+Up — snap the active window to the top.
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Windows Key+Down — snap the active window to the bottom.
For 7 Windows
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Ctrl + 2
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Ctrl + 3
Switches to player mode
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Ctrl + 7
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In library mode
Ctrl + 8
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In library mode
Ctrl + 9
Add to Sync 
In library mode
Ctrl + A
Selects everything in a list
In the library or list
Ctrl + B
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Focus on Search text box and switch to library mode if not there
 
Ctrl + F
Next (Item or Chapter)
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Ctrl + H
Turn on/off shuffle mode
 
Ctrl + J
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Ctrl + M
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भगवान शब्द की परिभाषा क्या है ?...

भगवान  शब्द की परिभाषा क्या है ?...

इसे जानने के लिए हमें उस शब्द पर विचार धारा करना है,उसमें प्रकृति और प्रत्यय रूप 2 शब्द हैं–भग + वान् ,भग का अर्थ विष्णु पुराण ,६/५/७४ में बताया गया हैं:

“ऐश्वर्यस्य समग्रस्य वीर्यस्य यशसः श्रियः । ज्ञानवैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरणा ।।”

अर्थात सम्पूर्ण ऐश्वर्य , वीर्य ( जगत् को धारण करने की शक्ति विशेष ) , यश ,श्री ,सारा ज्ञान , और परिपूर्ण वैराग्य के समुच्चय को भग कहते हैं. इस तरह से भगवान शब्द से तात्पर्य हुआ उक्त छह गुणवाला, और कई शब्दों में ये6 गुण जिसमे हमेशा रहते हैं, उन्हें भगवान कहते हैं,

भगोस्ति अस्मिन् इति भगवान्,

यहाँ भग शब्द से मतुप् प्रत्यय नित्य सम्बन्ध बतलाने के लिए हुआ है .अथवा पूर्वोक्त 6 गुण जिसमे हमेशा रहते हैं, उन्हें भगवान् कहा जाता है मतुप् प्रत्यय नित्य योग (सम्बन्ध) बतलाने के लिए होता है – यह तथ्य वैयाकरण अच्छी तरह  से जानते है—

यदि भगवान शब्द को अक्षरश:  सन्धि विच्छेद करे तो: भ्+अ+ग्+अ+व्+आ+न्+अ

भ धोतक हैं भूमि तत्व का, अ से अग्नि तत्व सिद्द होता है. ग से गगन का भाव मानना चाहिये. वायू तत्व का उद्घोषक है वा (व्+आ) तथा न से नीर तत्व की सिद्दी माननी चाहिये. ऐसे पंचभूत सिद्द होते है. यानि कि यह पंच महाभोतिक शक्तिया ही भगवान है जो चेतना (शिव) से संयुक्त होने पर दृश्यमान होती हैं.

भगवान शब्द की अन्यत्र भी व्यांख्याये प्राप्त होती रहती  है जो सन्दर्भार्थ उल्लेखनीय हैं:

यही भगवान् उपनिषदों में ब्रह्म शब्द से अभिहित किये जाते हैं और यही सभी कारणों के कारण होते है। किन्तु इनका कारण कोई नही। ये सम्पूर्ण जगत या अनंतानंत ब्रह्माण्ड के कारण परब्रह्म कहे जाते है । इन्ही के लिये वस्तुतः भगवान् शब्द का प्रयोग होता है—

“शुद्धे महाविभूत्याख्ये परे ब्रह्मणि शब्द्यते । मैत्रेय भगवच्छब्दः सर्वकारणकारणे ।।” – विष्णुपुराण ६/५/७२
यह भगवान् जैसा महान शब्द केवल परब्रह्म परमात्मा के लिए ही प्रयुक्त होता है ,अन्य के लिए नही

“एवमेष महाशब्दो मैत्रेय भगवानिति । परमब्रह्मभूतस्य वासुदेवस्य नान्यगः ।।”

इन परब्रह्म में ही यह भगवान् शब्द अपनी परिभाषा के अनुसार उनकी सर्वश्रेष्ठता और छहों गुणों को व्यक्त करता हुआ अभिधा शक्त्या प्रयुक्त होता है,लक्षणया नहीं । और अन्यत्र जैसे–भगवान् पाणिनि , भगवान् भाष्यकार आदि ।

इसी तथ्य का उद्घाटन विष्णु पुराण में किया गया है—
“तत्र पूज्यपदार्थोक्तिपरिभाषासमन्वितः । शब्दोयं नोपचारेण त्वन्यत्र ह्युपचारतः ।।”–६/५/७७,

ओर ये भगवान् अनेक गुण वाले हैं –ऐसा वर्णन भगवती श्रुति भी डिमडिम घोष से कर रही हैं–
“परास्य शक्तिर्विविधैव श्रूयते स्वाभाविकी ज्ञानबलाक्रिया च”—श्वेताश्वतरोपनिषद , ६/८,

इन्हें जहाँ निर्गुण कहा गया है –निर्गुणं , निरञ्जनम् आदि,उसका तात्पर्य इतना ही है कि भगवान् में प्रकृति के कोई गुण नहीं हैं । अर्थात सगुण श्रुतियों का अपमान होगा।

जो सर्वज्ञ –सभी वस्तुओं का ज्ञाता, तथा सभी वस्तुओं के आतंरिक रहस्यों का वेत्ता है । इसलिए वे प्रकृति –माया के गुणों से रहित होने के कारण निर्गुण और स्वाभाविक ज्ञान ,बल , क्रिया ,वात्सल्य ,कृपा ,करुणा आदि अनंत गुणों के आश्रय होने से सगुण भी हैं।

ऐसे भगवान् को ही परमात्मा परब्रह्म ,श्रीराम ,कृष्ण, नारायण,शि ,दुर्गा, सरस्वती आदि भिन्न भिन्न नामों से पुकारे जाते है । इसीलिये वेद वाक्य है कि ” एक सत्य तत्त्व भगवान् को विद्वान अनेक प्रकार से कहते हैं–
“एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति...ऐसे भगवान् की भक्ति करने वाले को भक्त कहते है । जैसे भक्त भगवान के दर्शन के लिए वयाकुल रहता है और उनका दर्शन करने भी जाता है । वैसे ही भगवान् भी भक्त के दर्शन हेतु जाते हैं | भगवान ध्रुव जी के दर्शन की इच्छा से मधुवन गए थे...

“मधोर्वनं भृत्यदिदृक्षया गतः “–भागवत पुराण ,४/९/१

जिस तरह  भक्त भगवान की भक्ति करता है वैसे ही भगवान् भी भक्तों की भक्ति करते हैं  इसीलिये उन्हे भक्तों की भक्ति करने वाला कहा गया है...God always comes at the right time... 

जिस दिन सूर्य नहीं दिखता बार बार हमारी नज़र आसमान की ओर जाती हैं मन व्याकुल हो जाता है क्योंकि वो हमें प्रेरित करता है समय का महत्व सिखाता है हमें भी सूर्य की तरह दूसरों के जीवन को प्रकाशित करना चाहिए...दिमाग ठंडा रखने के लिए योग करे,दिमाग एक ऐसा अंग है...जिसको *गरम* कर सकते हैं *ठंडा* भी कर सकते हैं *खा* भी सकते हैं *खराब* भी कर सकते हैं *चाट* भी सकते हैं.जिसकी *बत्ती* भी जला सकते हैं। और...*दही* भी बना सकते हैं...