Friday, January 31, 2025

Raj's Sir Words



दोस्तों...खुशियों का कोई रास्ता नहीं होता खुश रहना ही एक रास्ता होता है...जो चाहा वो मिल जाना सफलता है और जो मिला उसे चाहना प्रसन्नता. सोच और नियत अच्छी हो तो ऊपर वाला तक़दीर एक न एक दिन जरूर बदल देता है...क्रोध हवा का वह झोंका है जो बुद्धि और विवेक के दीपक को बुझा देता है इससे बचे रहे...वो सब देख रहा हैं आपका प्रार्थना, संघर्ष, तकलीफ़े, संयम और कर्म उसके CCTV से कोई वंचित नहीं इस बात का विशेष ध्यान रखिये....तीन बेहतरीन सलाह...पहला सोचो मत शुरुआत करो... दूसरा वादा मत करो साबित करो और last one बताओ मत करके दिखाओ...एक बात हमेशा याद रखना एकांत में किताबों के साथ किया युद्ध हमे सुल्तान ही नहीं बादशाह बना देता है इसलिए कुछ ना कुछ पढ़ते रहे...अगर आप नज़र अन्दाज़ करने के माहिर नहीं है तो आप बहुत कुछ खोयेंगे और सब से पहले अपना सुकून इसलिए औरो की बातो पर ध्यान कदापि मत दीजिये...बिना परीक्षा वाली जिंदगी का कोई मूल्य नहीं है. जिंदगी आपको वो नहीं देगी जो आपको चाहिए.जिंदगी आपको वो देगी जिसके आप काबिल हो...महान बनने का कोई विद्यालय नहीं होता आपके कर्म, वाणी, व्यवहार आचरण आपको महान बनाते है.जो हम दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं, वही हमारी असली पहचान बनता है। यह हमारे अंदर की अच्छाई और ईमानदारी से ही प्रतीत होता है...ऐसा व्यक्तित्व बनाओ उपस्थिति का पता न चले परंतु अनुपस्थिति का एहसास सभीको अवश्य हो. एक शांत और प्रभावशाली व्यक्तित्व वह होता है जो बिना दिखावे के अपनी मूल्यवानता और योगदान से लोगों के जीवन में बदलाव लाता है...ज़िन्दगी ख़ुद की है तो उम्मीद भी ख़ुद से रखिए...दुनिया की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं है. ख़ुद को समझ लीजिए सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा.उदय किसी का अचानक से नही होता,सूर्य भी धीरे धीरे निकलता है और ऊपर उठता है। एक दूसरे पर तीन एहसान जरूर करें...नफा नहीं दे सकते तो नुकसान न करे...खुश नहीं कर सकते तो दुखी न करे...तारीफ नहीं कर सकते तो बुराई न करे...Raj Sir

जिनका किस्मत में नहीं होता है मिलना,उनसे मोहब्बत कमाल की होती है दोस्त...ख़ामोशी से खत्म हुए रिश्ते,दिल पर गहरा निशान छोड़ जाते हैं दोस्त...बिना तेरे मेरी हर खुशी अधूरी है दोस्त,सोच तू मेरे लिए कितनी जरूरी थी...सब कुछ ज़िंदगी में नहीं मिलता दोस्त,कुछ चीज़े मुस्कुराते हुए छोड़नी पड़ती हैं...सूरज की रोशनी तो मुझे चाहिए ही थीं, मगर चाहत ये भी थीं कि कभी दोपहर न हो दोस्त...कुछ चीज़ें ज़िन्दगी उस वक़्त देती है,जब मन ही मर जाता है दोस्त...कौन किसके लिए कितना कीमती है,ये वक़्त तय करता है दोस्त...व्यावहारिक नही अब दुनिया व्यावसायिक हो गई है दोस्त,रिश्ते उनसे मधुर है जिनसे मुनाफा अधिक है…फ़ूल गवाह हैं इस बात के दोस्त,कि अक्सर तोड़े वही जाते हैं जो दिल के अच्छे होते हैं...पत्थर एक बार मंदिर गया भगवान बन गया,आदमी जिंदगी भर मंदिर गया लेकिन इंसान नहीं बन पाया दोस्त...सिर्फ़ प्रेम ही ऐसा नशा है जो कभी नहीं उतरता, प्रेमी विदा हो सकते है प्रेम नहीं दोस्त...आज जिनकी नज़रों में हम ग़लत हैं,हमने उनका बहुत भला किया है दोस्त...एक उम्मीद बाक़ी है अभी मुझमें,सुना है वो सबकुछ छीन कर बहुत कुछ देता है दोस्त...जो दूसरों के हक़ और सुकून पर कब्जा करता है, उसका चैन और सुकून भी उससे दूर हो जाता है दोस्त...जो दूसरों का हक और ख़ुशी छीन लेता है, उसके दुख की उम्र लम्बी होती है दोस्त...जरूरी नहीं कि हर रिश्ता लम्हों में ढूंढा जाए,कुछ रिश्ते अधूरे होकर भी मुकम्मल होते है दोस्त...मैं ढूंढता हूं खुद में खुद ही को,शायद मैं अब वो नहीं जो कभी हुआ करता था दोस्त...अजीब खेल का मैदान है ये दुनिया भी दोस्त,जिसको जीत चुके थे उसी से हार गए...किसी का पहला प्यार बनने के लिए,हमें उसकी आखिरी पसंद बननी पड़ती है दोस्त...खामोशी समझदारी भी है और मज़बूरी भी,कहीं नज़दीकियाँ बढ़ाती है और कहीं दूरी भी दोस्त...सच में दोस्त कुछ मोहब्बतें लाख कोशिशों और इंतज़ार के बाद भी मुकम्मल नहीं हो पातीं...दुनिया को पसंद हैं गर्दन झुखाए हुए लोग,मेरा कसूर की मै सर उठा के चलता हूं दोस्त...जो हूँ जैसा हूँ अपने आप में लाजबाब हूँ,औरों की निगाहों से खुद को क्यों परखूं दोस्त...सुबह की पहली किरण की तरह मुस्कुराओ,फूलों की तरह महको और पंछियों की तरह गुनगुनाओ दोस्त...ऐ दुआ है तहे दिल से दोस्त...राज 

HOW TO RESPECT YOURSELF...

1 Stop looking for who is not looking for you...

2 Stop comparing to others...

3 Stop saying more than necessary.

4 When people disrespect you, confront them immediately...

5 Don't eat other people's food more than they eat yours...

6 Reduce how you visit some people, especially if they don't reciprocate it...

7 Invest in yourself. Make yourself happy...

8 Stop entertaining gossip about other people...

9 Think before you talk. 80% of how people value you is what comes out of your mouth...

10 Always look your best. Dress the way you should be addressed...

11 Be an achiever. Get busy with your goals... 

12 Respect your time...

13 Don't stay in a relationship where you don't feel respected and valued. Walk away.

14 Learn to spend money on yourself. That's how people will learn to spend on you...

15 Be scarce sometimes...

16 Be a giver more than a receiver...

17 Don't go where you are not invited. And when invited don't overstay your welcome...

18 Treat people exactly the way you want to be treated...

19 Except they owe you money, two call attempts is enough. If they value you they will call you back...

20 Be good at what you do...

Have a Dashing Day My Dear Friends...

Saturday, January 18, 2025

Raj's Sir Words



दोस्तों...जिसके होने से मिलती है इज्जत उसे ये दुनिया पैसा कहती है पर वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है.महत्व इंसान और धन का नही उसके अच्छे चरित्र, स्वभाव, संस्कार और व्यवहार का होता है। यदि यकीन न हो तो कुछ लोगो का बायोग्राफी पढ़ कर देख लीजिये यक़ीनन समझ जायेंगे जैसे की...The Father of Indian constitution Honorable & Respectable Dr. B. R. Ambedker Sir...Qualified & Specialized The Missile Man of India पूजनीय Dr. A. P. J. Abdul Kalam Sir... The Symbol of Struggle Wonderful & Dynamic Personality Abraham Lincan Sir... The Symbol of Humanity & Morality पूजनीय स्वामी विवेकानंद सर...The Symbol of Dedication & Loyalty सम्मानीय Mother Teresa Ma'am...The Symbol of Patience & Perseverance World wide Eminent Woman Nelson Mandela Ma'am...साहस एक ऐसी ताकत है जिससे डर को भी डर लगता है! किसी भी कार्य मे एक्सपर्ट बनने का एकमात्र तरीका प्रैक्टिस करते रहना क्यूंकि अभ्यास असंभव को भी संभव बना देता...उस उड़ान से उम्मीद रखे जो आपकी खुद की हो.आशाओं भरा सबेरा नई उम्मीदें लाता है इसलिए हमेशा उत्साहित रहने की कोशिश करे.कामयाबी सुबह के जैसी होती है माँगने पर नहीं जागने पर मिलती है! ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.लोगों का काम है सामने से सलाम करना पीछे से बदनाम करना...घमंड का कीड़ा इंसान के दिमाग को बीमार बना देता है जो किसी भी व्यक्ति के विनाश का कारण होता है.इससे अपने आप को जितना हो सके उतना दूर रखे...जो दिल मे है उसे कहने की हिम्मत रखिए और जो दूसरो के दिल में है उसे समझने का हुनर...धोखा, गद्दारी, चुगली,बेईमानी और बेइज्जती जैसी घटिया शब्दो से दुरी बना कर रखे ताकि आपके जिंदगी पर कोई दाग न लगे...मेहनत आदत हो तो कामयाबी दोस्त बन जाती है.कर्म का गणित बहुत सीधा हैं कर भला तो हो भला...अच्छाई और भलाई ऐसी इन्वेस्टमेंट हैं जो कभी बेकार नहीं जाती। पूरी दुनिया जीत सकते हैं संस्कार से और जीता हुआ सब कुछ हार सकते हैं अहंकार से...Raj Sir

वख्त तुमको बताएगा हम कितने कीमती थे...

क्या खूब लिखा है किसी शायर ने दोस्त...मैं अपनी रूह की पोशाक भी तुझे दे दूं,तू इसमें रहने का फैसला तो कर...मैंने काटे है जवानी के 23 साल अकेले दोस्त,किसी बाप की गुड़िया को कभी खिलौना नही समझा...किसी के साथ सोना ही इश्क़ नहीं होता दोस्त,किसी की यादो में होना भी बेपनाह इश्क़ है...सुंदरता किसी मर्द को बांध कर नहीं रख सकती, क्यूंकि वफादार मर्द खुबसूरती के मोहताज नहीं होते दोस्त...गर्व है मुझे मेरे अपने दिल पर, वो जलता है टूटता हैं फिर भी धड़कता हैं दोस्त...कटी पतंग की तरह आ रही थी वो मेरी तरफ,उसे भी लूट लिया ऊंचे मकान वालो ने दोस्त...वक़्त गुज़ारने का दौर है दोस्त,अदाकार मिलते हैं जिंदगी में वफ़ादार नहीं...कई झूठ इतने बड़ें होते हैं न दोस्त,की वो हक़ीक़त को छोटा कर देते हैं...इश्क़ का वरदान है दोस्त,हारे हुए आशिक जीते हुए आशिकों से ज्यादा खुश दिखते...वख्त तुमको बताएगा हम कितने कीमती थे दोस्त...ज्यादा खींचकर उलझाने से बेहतर है, ढील देकर जाने देना चाहे वो पतंग हो या फिर रिश्ता दोस्त...मोहब्बत भी एक कटी पतंग तरह है दोस्त,गिरती वहीं है जिसकी बड़ी छत होती है...जहर का जाइका उनसे मत पूछो,जिनको सारी उम्र सांप मिले हो दोस्त...इंसान की आधी मौत तब ही हो जाती है,जब उसका मनपसंद इंसान बदल जाता है दोस्त...भरोसा है, परवाह है, हमदर्दी है और थोड़ी सी तकरार है, शायद इसी का नाम बेइंतहा प्यार दोस्त...मर्दों को रोते हुए देखने का मौका,सिर्फ उनकी प्रेमिका को मिला है पत्नी को नहीं दोस्त...दुनिया वो किताब है जो कभी पढ़ी नहीं जा सकती,जमाना वह अध्यापक है जो सब कुछ सिखा देता है दोस्त...बात अगर आत्मसम्मान की हो तो मै कुछ इस तरह का हूं दोस्त,बहुत कुछ छोड़ आया हूं और बहुत कुछ छोड़ भी सकता हूं...राज 

41 Empowerment Lines for Youths...

1. Privacy is power. What people don’t know they can’t ruin. Keep it private, people love to ruin things...

2. The cost of growth is sometimes loneliness. Learn the art of loneliness...

3. Everything is temporary. Be reminded, nothing last forever even the life you are given so stay humble...

4. So many people are fighting silent battles. Be kind...

5. Your partner is a reflection of you. Choose wisely. More reason why you must go after her VALUE SYSTEM And not only the physique...

6. Your mental health is more important than anyone’s feelings. This is something you need to be selfish about...

7. You don’t need more time. You need less distractions. Learn to be focused...

8. Be selfish with your time. A lot of people don't deserve it...

9. Go where your LOVED, APPRECIATED, a priority, recognized, respected and valued without having to ask...

10. Self love isn't selfish...

11. Anyone who makes your life even a little bit easier is a big blessing. Hold unto them, they are few out there...

12. Choose your circle wisely, whoever you allow into your space can affect your state of mind...

13. Peace of mind is priceless...

14. Stop being desperate to be in love and just live...

15. Be around people who have that “grow together” mentality...

16. No regrets in life, just lesson learned the hard way. Dust yourself up and keep pushing...

17. Go for someone who is proud to have you...

18. Never give up everyone has bad days, pick yourself up and keep going...

19. If you get tired, learn to pull back and rest, not to Quit...

20. Disappear. Come back better...

21. Learning from people's success is smart, learning from people's mistakes is genius...

22. How to be happy: don't expect anything from anyone. Don't, people owe you nothing...

23. Everything is going to be alright, maybe not today, but eventually. Always keep a positive and optimistic mindset...

24. Keep grinding. Your day is coming...

25. It’s so attractive when you get the same effort you give...

26. Stop being considerate in situations where you aren’t considered...

27. If nobody will help you, do it alone. And don't complain...

28. Be obsessed with improving yourself.

29. A conversation about how you feel is not supposed to end in a argument...

30. “I’ll do it tomorrow” is a big scam...

31. Don’t be the same, be better...

32. Better to wait than force things to happen...

33. Not everyone will understand you and that's okay...

34. Heal so you don’t become the people that traumatized you...

35. keep your circle small, keep only friends that have senses...

36. If they need you temporarily, ignore them permanently...

37. Everyone leaves. Learn how to survive alone...

38. Disappear if you have to. Focus on you...

39. People start hating you when they cannot control you...

40. Focus on improving yourself, not proving yourself...

41. Never, ever, run back to what broke you.Keep pushing...


Have a Great Day all of You...❤️💐🌹🌷

Wednesday, January 15, 2025

क्या अहंकार का त्याग संभव है ?...



क्या अहंकार का त्याग संभव है ?आईये आज ओशो के विचारों और प्रवचनों से जाने कि कोई भी मनुष्य अपने अहंकार, क्रोध और इर्षा का त्याग कैसे कर सकता है...ओशो ने बताया अहंकार का त्याग कैसे करें ?

यह असंभव है। अहंकार का त्याग नहीं किया जा सकता क्योंकि अहंकार का कोई अस्तित्व नहीं है। अहंकार केवल एक विचार है: उसमें कोई सार नहीं है। यह कुछ नहीं है - यह सिर्फ शुद्ध कुछ भी नहीं है। तुम इस पर भरोसा करके इसे वास्तविकता दे देते हो। तुम भरोसा छोड़ सकते हो और वास्तविकता गायब हो जाती है, लुप्त हो जाती है।

अहंकार एक तरह का अभाव है। अहंकार इसलिए है क्योंकि तुम स्वयं को नहीं जानते। जिस क्षण तुम स्वयं को जान लेते हो, कोई अहंकार नहीं पाओगे। अहंकार अंधकार के समान है; अंधकार का अपना कोई सकारात्मक अस्तित्व नहीं होता; यह बस प्रकाश का अभाव है। तुम अंधकार से लड़ नहीं सकते, या लड़ सकते हो? तुम अंधकार को कमरे के बाहर नहीं फेंक सकते; तुम उसे बाहर नहीं निकाल सकते, तुम उसे भीतर नहीं ला सकते। तुम अंधकार के साथ सीधे-सीधे कुछ नहीं कर सकते, इसके लिए तुम्हे प्रकाश के साथ कुछ करना होगा। यदि तुम प्रकाश करो तब अंधेरा नहीं रह जाएगा; यदि तुम प्रकाश बुझा दो, वहां अंधेरा है।

अंधकार प्रकाश का अभाव है, अहंकार भी ऐसा ही है: आत्म-ज्ञान का अभाव। तुम उसका त्याग नहीं कर सकते। तुम्हे बार-बार ये कहा गया है: "अपने अहंकार को मारो"--और यह वाक्य साफ तौर पर बेतुका है, क्योंकि जिस चीज का कोई अस्तित्व ही नहीं उसका त्याग भी नहीं किया जा सकता। और यदि तुम उसका त्याग करने की कोशिश भी करोगे, जो उपस्थित ही नहीं है, तो तुम एक नया अहंकार पैदा कर लोगे--विनम्र होने का अहंकार, निरहंकार होने का अहंकार, उस व्यक्ति का अहंकार जो सोचता है कि उसने अपने अहंकार का त्याग दे दिया। यह फिर से एक नए प्रकार का अंधकार होगा।

नहीं, मैं तुमसे अहंकार का त्याग करने के लिए नहीं कहता। इसके विपरीत, मैं कहूंगा कि यह देखने की कोशिश करो कि अहंकार है कहां? इसकी गहराई में देखो; इसे पकड़ने कि कोशिश करो कि आखिर यह है कहां, या फिर यह वास्तविकता में है भी या नहीं। किसी भी चीज का त्याग करने से पहले उसकी उपस्थिति का पक्का कर लेना चाहिए।

पर आरम्भ से ही इसके विरोध में ना चले जाओ। यदि तुम इसका विरोध करते हो तो तुम इसको गहराई से नहीं देख सकोगे। किसी भी बात के विरोध में जाने की आवश्यकता नहीं है। अहंकार तुम्हारा अनुभव है--स्पष्ट दिख सकता है पर है तो तुम्हारा अनुभव ही। तुम्हारा पूरा जीवन अहंकार की घटनाओ के आस-पास घूमता है। हो सकता है यह सब स्वप्न हो, पर तुम्हारे लिए तो यह बिल्कुल सत्य है।

इसका विरोध करने की कोई जरूरत नहीं। इसमें गहरी डुबकी लगाओ, भीतर प्रवेश करो। इसमें प्रवेश करने का अर्थ है अपने घर में जागरूकता ले आना, अंधकार में प्रकाश ले आना। सावधान रहो सतर्क रहो। अहंकार के ढंगो को देखो, यह कैसे काम करता है, आखिर कैसे यह संचालित करता है। और तुम हैरान हो जाओगे; जितने गहरे तुम इसमें जाते हो यह उतना ही दिखाई नहीं पड़ता। और जब तुम अपने भीतरतम के केंद्र में प्रवेश कर जाते हो, तुम कुछ बिल्कुल ही अलग बात पाओगे जो कि अहंकार नहीं है। जो कि निरहंकारिता है। यह स्वयं का भाव है, स्वयं की पराकाष्ठा है --यह भगवत्ता है। तुम अब एक अलग सत्ता के रूप में मिट गए; अब तुम कोई निर्जन द्वीप नहीं हो, तुम पूर्ण का हिस्सा हो।

प्रेम क्या है...




प्रेम क्या है और अगर ये सत्य है तो इसमें शर्तें क्योँ है ? प्रेम और सच्चे प्रेम में बहुत भेद है, क्योंकि प्रेम बहुत तलों पर अभिव्यक्त हो सकता है। जब प्रेम अपने शुद्धतम रूप में प्रकट होता है--अकारण, बेशर्त--तब मंदिर बन जाता है। और जब प्रेम अपने अशुद्धतम रूप में प्रकट होता है, वासना की भांति, शोषण और हिंसा की भांति,र् ईष्या-द्वेष की भांति, आधिपत्य, पजेशन की भांति, तब कारागृह बन जाता है।

कारागृह का अर्थ है: जिससे तुम बाहर होना चाहो और हो न सको। कारागृह का अर्थ है: जो तुम्हारे व्यक्तित्व पर सब तरफ से बंधन की भांति बोझिल हो जाए, जो तुम्हें विकास न दे, छाती पर पत्थर की तरह लटक जाए और तुम्हें डुबाए। कारागृह का अर्थ है: जिसके भीतर तुम तड़फड़ाओ मुक्त होने के लिए और मुक्त न हो सको; द्वार बंद हों, हाथ-पैरों पर जंजीरें पड़ी हों, पंख काट दिए गए हों। कारागृह का अर्थ है: जिसके ऊपर और जिससे पार जाने का उपाय न सूझे।

मंदिर का अर्थ है: जिसका द्वार खुला हो; जैसे तुम भीतर आए हो वैसे ही बाहर जाना चाहो तो कोई प्रतिबंध न हो, कोई पैरों को पकड़े न; भीतर आने के लिए जितनी आजादी थी उतनी ही बाहर जाने की आजादी हो। मंदिर से तुम बाहर न जाना चाहोगे, लेकिन बाहर जाने की आजादी सदा मौजूद है। कारागृह से तुम हर क्षण बाहर जाना चाहोगे, और द्वार बंद हो गया! और निकलने का मार्ग न रहा!

मंदिर का अर्थ है: जो तुम्हें अपने से पार ले जाए; जहां से अतिक्रमण हो सके; जो सदा और ऊपर, और ऊपर ले जाने की सुविधा दे। चाहे तुम प्रेम में किसी के पड़े हो और प्रारंभ अशुद्ध रहा हो; लेकिन जैसे-जैसे प्रेम गहरा होने लगे वैसे-वैसे शुद्धि बढ़ने लगे। चाहे प्रेम शरीर का आकर्षण रहा हो; लेकिन जैसे ही प्रेम की यात्रा शुरू हो, प्रेम शरीर का आकर्षण न रह कर दो मनों के बीच का खिंचाव हो जाए, और यात्रा के अंत-अंत तक मन का खिंचाव भी न रह जाए, दो आत्माओं का मिलन बन जाए।

जिस प्रेम में अंततः तुम्हें परमात्मा का दर्शन हो सके वह तो मंदिर है, और जिस प्रेम में तुम्हें तुम्हारे पशु के अतिरिक्त किसी की प्रतीति न हो सके वह कारागृह है। और प्रेम दोनों हो सकता है, क्योंकि तुम दोनों हो। तुम पशु भी हो और परमात्मा भी। तुम एक सीढ़ी हो जिसका एक छोर पशु के पास टिका है और जिसका दूसरा छोर परमात्मा के पास है। और यह तुम्हारे ऊपर निर्भर है कि तुम सीढ़ी से ऊपर जाते हो या नीचे उतरते हो। सीढ़ी एक ही है, उसी सीढ़ी का नाम प्रेम है; सिर्फ दिशा बदल जाएगी। जिन सीढ़ियों से चढ़ कर तुम मेरे पास आए हो उन्हीं सीढ़ियों से उतर कर तुम मुझसे दूर भी जाओगे। सीढ़ियां वही होंगी, तुम भी वही होओगे, पैर भी वही होंगे, पैरों की शक्ति जैसा आने में उपयोग आई है वैसे ही जाने में भी उपयोग होगी, सब कुछ वही होगा; सिर्फ तुम्हारी दिशा बदल जाएगी। एक दिशा थी जब तुम्हारी आंखें ऊपर लगी थीं, आकाश की तरफ, और पैर तुम्हारी आंखों का अनुसरण कर रहे थे; दूसरी दिशा होगी, तुम्हारी आंखें जमीन पर लगी होंगी, नीचाइयों की तरफ, और तुम्हारे पैर उसका अनुसरण कर रहे होंगे।

साधारणतः प्रेम तुम्हें पशु में उतार देता है। इसलिए तो प्रेम से लोग इतने भयभीत हो गए हैं; घृणा से भी इतने नहीं डरते जितने प्रेम से डरते हैं; शत्रु से भी इतना भय नहीं लगता जितना मित्र से भय लगता है। क्योंकि शत्रु क्या बिगाड़ लेगा? शत्रु और तुम में तो बड़ा फासला है, दूरी है। लेकिन मित्र बहुत कुछ बिगाड़ सकता है। और प्रेमी तो तुम्हें बिलकुल नष्ट कर सकता है, क्योंकि तुमने इतने पास आने का अवसर दिया है। प्रेमी तो तुम्हें बिलकुल नीचे उतार सकता है नरकों में। इसलिए प्रेम में लोगों को नरक की पहली झलक मिलती है। इसलिए तो लोग भाग खड़े होते हैं प्रेम की दुनिया से, भगोड़े बन जाते हैं। सारी दुनिया में धर्मों ने सिखाया है: प्रेम से बचो। कारण क्या होगा? कारण यही है कि देखा कि सौ में निन्यानबे तो प्रेम में सिर्फ डूबते हैं और नष्ट होते हैं।

प्रेम की कुछ भूल नहीं है; डूबने वालों की भूल है। और मैं तुमसे कहता हूं, जो प्रेम में नरक में उतर जाते थे वे प्रार्थना से भी नरक में ही उतरेंगे, क्योंकि प्रार्थना प्रेम का ही एक रूप है। और जो घर में प्रेम की सीढ़ी से नीचे उतरते थे वे आश्रम में भी प्रार्थना की सीढ़ी से नीचे ही उतरेंगे। असली सवाल सीढ़ी को बदलने का नहीं है, न सीढ़ी से भाग जाने का है; असली सवाल तो खुद की दिशा को बदलने का है।

तो मैं तुमसे नहीं कहता हूं कि तुम संसार को छोड़ कर भाग जाना; क्योंकि भागने वाले कुछ नहीं पाते। सीढ़ी को छोड़ कर जो भाग गया, एक बात पक्की है कि वह नरक में नहीं उतर सकेगा; लेकिन दूसरी बात भी पक्की है कि स्वर्ग में कैसे उठेगा? तुम खतरे में जीते हो, संन्यासी सुरक्षा में; नरक में जाने का उसका उपाय उसने बंद कर दिया। लेकिन साथ ही स्वर्ग जाने का उपाय भी बंद हो गया। क्योंकि वे एक ही सीढ़ी के दो नाम हैं। संन्यासी, जो भाग गया है संसार से, वह तुम्हारे जैसे दुख में नहीं रहेगा, यह बात तय है; लेकिन तुम जिस सुख को पा सकते थे, उसकी संभावना भी उसकी खो गई। माना कि तुम नरक में हो, लेकिन तुम स्वर्ग में हो सकते हो--और उसी सीढ़ी से जिससे तुम नरक में उतरे हो। सौ में निन्यानबे लोग नीचे की तरफ उतरते हैं, लेकिन यह कोई सीढ़ी का कसूर नहीं है; यह तुम्हारी ही भूल है।और स्वयं को न बदल कर सीढ़ी पर कसूर देना, स्वयं की आत्मक्रांति न करके सीढ़ी की निंदा करना बड़ी गहरी नासमझी है। अगर सीढ़ी तुम्हें नरक की तरफ उतार रही है तो पक्का जान लेना कि यही सीढ़ी तुम्हें स्वर्ग की तरफ उठा सकेगी। तुम्हें दिशा बदलनी है, भागना नहीं है। क्या होगा दिशा का रूपांतरण?

जब तुम किसी को प्रेम करते हो--वह कोई भी हो, मां हो, पिता हो, पत्नी हो, प्रेयसी हो, मित्र हो, बेटा हो, बेटी हो, कोई भी हो--प्रेम का गुण तो एक है; किससे प्रेम करते हो, यह बड़ा सवाल नहीं है। जब भी तुम प्रेम करते हो तो दो संभावनाएं हैं। एक तो यह कि जिसे तुम प्रेम करना चाहते हो, या जिसे तुम प्रेम करते हो, उस पर तुम प्रेम के माध्यम से आधिपत्य करना चाहो, मालकियत करना चाहो। तुम नरक की तरफ उतरने शुरू हो गए। प्रेम जहां पजेशन बनता है, प्रेम जहां परिग्रह बनता है, प्रेम जहां आधिपत्य लाता है, प्रेम न रहा; यात्रा गलत हो गई। जिसे तुमने प्रेम किया है, उसके तुम मालिक बनना चाहो; बस भूल हो गई। क्योंकि मालिक तुम जिसके भी बन जाते हो, तुमने उसे गुलाम बना दिया। और जब तुम किसी को गुलाम बनाते हो तो याद रखना, उसने भी तुम्हें गुलाम बना दिया। क्योंकि गुलामी एकतरफा नहीं हो सकती; वह दोधारी धार है। जब भी तुम किसी को गुलाम बनाओगे, तुम भी उसके गुलाम बन जाओगे। यह हो सकता है कि तुम छाती पर ऊपर बैठे होओ और वह नीचे पड़ा है; लेकिन न तो वह तुम्हें छोड़ कर भाग सकता है, न तुम उसे छोड़ कर भाग सकते हो। गुलामी पारस्परिक है। तुम भी उससे बंध गए हो जिसे तुमने बांध लिया। बंधन कभी एकतरफा नहीं होता। अगर तुमने आधिपत्य करना चाहा तो दिशा नीचे की तरफ शुरू हो गई। जिसे तुम प्रेम करो उसे मुक्त करना; तुम्हारा प्रेम उसके लिए मुक्ति बने। जितना ही तुम उसे मुक्त करोगे, तुम पाओगे कि तुम मुक्त होते चले जा रहे हो, क्योंकि मुक्ति भी दोधारी तलवार है। तुम जब अपने निकट के लोगों को मुक्त करते हो तब तुम अपने को भी मुक्त कर रहे हो; क्योंकि जिसे तुमने मुक्त किया, उसके द्वारा तुम्हें गुलाम बनाए जाने का उपाय नष्ट कर दिया तुमने। जो तुम देते हो वही तुम्हें उत्तर में मिलता है। जब तुम गाली देते हो तब गालियों की वर्षा हो जाती है। जब तुम फूल देते हो तब फूल लौट आते हैं। संसार तो प्रतिध्वनि करता है। संसार तो एक दर्पण है जिसमें तुम्हें अपना ही चेहरा हजार-हजार रूपों में दिखाई पड़ता है।

Saturday, January 11, 2025

Raj's Sir Words



दोस्तों...वक़्त जब शिकार करता है तो हर दिशा से वार करता है ! कर्म अच्छा करो भक्त तो रावण भी महादेव का ही था...ईमानदारी, नैतिकता, आध्यात्मिकता, सादगी और सहानुभूति हमारे लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण हैं.दूसरों से श्रेष्ठ बनने के लिए इन्हें हमेशा अपने पास रखें क्यूंकि ईमानदारी, नैतिकता, आध्यात्मिकता, सादगी और सहानुभूति मानवता का निर्माण करते है...पद और पैसा तय नहीं करते की आप श्रेष्ठ है बल्कि आपके बात, विचार और व्यवहार तय करते है कि आप कितने श्रेष्ठ है...जब भी विनाश होने का प्रारंभ होता है तो शुरुआत वाणी के संयम खोने से होती है इसलिए बोलने से पहले सोंचे...ईमानदारी और ज़िम्मेदारी से जीवन जीने की कोशिश कीजिये मन को शांति और सकून मिलेगा...शून्य से प्रारंभ होकर शून्य में विलीन हो जाना ही जीवन है.यह पूरा संसार एक विद्यापीठ है और हर घटना हर व्यक्ति एक शिक्षक...आपका शांत एवं स्थिर दिमाग़ आपके जीवन की हर जंग का ब्रह्मास्त्र है! यदि आपका मन और ह्रदय पवित्र है तो साक्षात् ईश्वर आपके ह्रदय में निवास करते हैं...अकेलापन होना आपकी कमज़ोरी को नहीं,आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है...असफलता के बाद भी दूसरा सपना,देखने के हौसले को जिन्दगी कहते है दोस्तों...Raj सिर्फ

कुछ लोग मुहब्बत होते हैं...

अच्छे से ख्याल रखा करो तुम अपना दोस्त,मेरी आम सी इस जिंदगी में तुम भी कभी बहुत खास थी...कलयुग के लोग कभी खुश नहीं होंगे दोस्त,चाहे तुम अपनी जान भी क्यों न दे दो...जब सहने वाले को सबर आजाये न दोस्त, तब दुख देने वाले की वकात दो कौड़ी की रह जाती है...लफ्ज़ों का खेल है सारा दोस्त,कोई खफ़ा हो जाता है कोई जिंदगी से दफ़ा हो जाता है...कुछ लोग मुहब्बत करते हैं,कुछ लोग मुहब्बत होते हैं दोस्त...शब्दों में इतनी सामर्थ्य कँहा है दोस्त, कि हृदय की वेदना को व्यक्त कर सके...बहुत अजीब से हो गए हैं रिश्ते आजकल दोस्त,सब फुर्सत में बैठे हैं पर वक्त किसी पास नहीं हैं...ज़िंदगी के उस पड़ाव पर हूं दोस्त,जहां ख़ामोश रहना ही खुद को सही साबित करने से बेहतर लगता है...ज़िंदगी के बहुत महत्वपूर्ण और दुर्लभ सबक़,कुछ बहुत ही नीच और निर्लज्ज लोग अनजाने में सिखा जाते हैं दोस्त...जिंदगी में अकेले रहने वाले लोग कभी नहीं हारते,वह दिलासे से नहीं अपनी हौसलों से लड़ते हैं दोस्त...जब मर्द का बुरा वक्त शुरू होता है न दोस्त,तब सबसे पहले उसकी पसंदीदा स्त्री उसका साथ छोड़ देती...भावनाओं को समझने वाला अनपढ़ आदमी ही ,दुनिया का सबसे ज्ञानी व्यक्ति होता है दोस्त...अब लहजा समझ आ जाता हैं मुझे हर किसी का दोस्त,बस उन्हें शर्मिंदा करना मेरे मिज़ाज में नहीं होता...शतरंज मे वज़ीर और ज़िंदगी मे ज़मीर,अगर मर जाए तो समझ लेना खेल ख़त्म है दोस्त...भीख की तरह मांगने पर भी जो ना मिले,उसे ही मोहब्बत कहते हैं दोस्त...झूठ बोल कर कुछ पाने से अच्छा है सच बोलकर उसे खो दिया जाय दोस्त...मजबूरियां देर रात तक जागती है,और जिम्मेदारियां सुबह जल्दी उठा देती हैं दोस्त...किसी की खुशी के लिए उससे दूर रहना भी प्रेम है दोस्त...अलगाव हमारे लगाव और प्यार को बढ़ाता है दोस्त...राज 

20 rules for 2025...

1. No porn. Avoid any thing that will trigger you to watch it...

2. Exercise three to four times every week...

3. Read 10 pages of either a self improvement book or a history book everyday...

4. Anger is not your friend. Control it before it controls you...

5. Always endeavor to stay neat 80% of the time...

6. Never become a clown to impress anybody. Most especially woman...

7. Work before Fun. Do what you Need to do before going for what you Want to do...

8. Smoking harms more than it pleases. Desist from it...

10. Have a Vision. Have a purpose. Fight towards it...

11. Do not allow yourself to be Disrespected...

12. Do not joke with your financial life...

13. Money used to buy love, will continue to be used to maintain that love. Do not engage in such act...

14. Do not identify as a "real man" there is no such thing as a " real man". Be simple...

15. Learn how to defend yourself...

16. No matter how many times you fall, take a deep breath and rise again...

17. The minute she rejects you, mission aborted. Do not decide to be her friend. Move on as quickly as possible. There are 3.97 billion women on earth...

18. Your friends will either build you or break you. Choose wisely...

19. Respect and love your parents. They brought you to this world...

20. Start 2025 with God. End it with God. Stay positive...

Have a beautiful day friends...

Sunday, January 5, 2025

मेरी माँ



दोस्तों...आप सभी को Wish a very good morning... आज मैंने आप सब के लिए कुछ अदभुत लिखा जो सिर्फ और सिर्फ माँ के लिए...Please आप सभी इसे ध्यानपूर्वक पढ़े इससे आपको एक नई ऊर्जा प्राप्त होंगी...

सभी माँ के लिए समर्पित है...

माँ के चरणों में जन्नत है,

माँ के आँचल में ममता की छाव है,

माँ के गोद में जिंदगी की सकून है,

माँ के बातो में स्नेह भरा अपार दुलार है,

माँ के रहते घर और परिवार है,

माँ के बिना सबकुछ बेकार है,

माँ के आँखों से हर किसी के लिए बरसता प्यार है,

माँ के बेगर हर किसी का सुना संसार है,

माँ के भावनाओ में साहनाभूति का दवार है,

माँ के हाथों से बने भोजन में एक स्वदेशी स्वाद है,

माँ के दुआओँ में अनको बीमारिओ का इलाज है,

माँ तू दया और क्षमा का भंडार है,

माँ तू ही दुनिया में दूसरा भगवान है,

इसलिए पूजनीय मेरी माँ तुझे तहे दिल सादर प्रणाम है...❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


मेरी माँ अनमोल रत्न है...


माँ तुम मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ताकत हो...माँ तुम्हारी ममता और प्यार से ही मेरी जिंदगी संवरती है...माँ तुम्हारी दुआओं के बिना मेरी जिंदगी अधूरी होगी...माँ तुमने मुझे जीवन का सही अर्थ सिखाया...माँ तुम मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी प्रेरणा हो...माँ तुम्हारी मजबूती और साहस ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी...माँ तुम्हारी मुहब्बत और देखभाल ने मुझे एक अच्छा इंसान बनाया है...माँ तुम मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हो...माँ तुम्हारी ताकत और साहस ने मुझे जीवन के हर चुनौती का सामना करना सिखाया है...माँ तुम मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी मूल्य हो...माँ तुम मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी हो...माँ तुम्हारी ममता मेरे दिल की सबसे बड़ी जरूरत है...माँ तुम्हारी दुआओं में मेरी सबसे बड़ी ताकत है...माँ तुम्हारी मोहब्बत मेरे जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है...माँ तुम्हारी ममता और समर्थन ने मुझे जीवन की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी...माँ तुम्हारी बुद्धिमत्ता और अनुभव ने मुझे जीवन के हर मुश्किल को हल करना सिखाया...तुम्हारी दया और करुणा ने मुझे एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा दी...माँ तुम्हारी मेहनत और समर्पण ने मुझे जीवन के हर लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा दी...माँ तुमने मुझे सिखाया कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहि... माँ तुम्हारी आज्ञा और सलाह ने मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलने की अनुमति दी... माँ इसके लिए तुम्हारा हमेसा कर्जधारी और आभारी रहूंगा..तुम्हरा लाडला बेटा राज कुमार...