Friday, July 3, 2020

अटूट श्रद्धा – विश्वास और समर्पण – अध्यात्म साधना का पहला सिद्धांत...

अटूट श्रद्धा – विश्वास और समर्पण – अध्यात्म साधना का पहला सिद्धांत...

हममें से अधिकांश शंकालु साधक देवताओं से मिन्नते पूरी कराने के लिए साधना तो करते हैं, किन्तु अपने अंतःकरण में इष्ट और साधना के प्रति श्रृद्धा और विश्वास उत्पन्न नहीं कर पाते । परिणामस्वरूप उनकी साधना कोरा कर्मकाण्ड बनकर रह जाती हैं।

मनुष्य के पास श्रृद्धा की ऐसी शक्ति विद्यमान हैं कि वो भौतिक जगत में बहुत सारे हेर फेर कर सकता हैं। किन्तु वह उसका सही उपयोग करना नहीं जानता हैं । श्रद्धा के आधार पर ही ब्राह्मण वरदान और शाप देने में समर्थ होते हैं । श्रृद्धा के आधार पर ही रामकृष्ण परमहंस की पत्थर की काली माँ जिंदा हो गई थी । श्रृद्धा के आधार पर ही भक्त प्रह्लाद की रक्षार्थ भगवान विष्णु स्तम्भ से निकल आये थे । और श्रृद्धा के आधार पर ही एकलव्य के मिट्टी के दोणाचार्य वो सिखाने में समर्थ हुये जो असली के दोणाचार्य भी नहीं सिखा सके ।

श्रृद्धा में बहुत ताकत हैं, बहुत शक्ति हैं । श्रृद्धा की शक्ति के चमत्कारों से इतिहास में पन्ने भरे पड़े हैं । श्रृद्धा एक ऐसा तत्त्व हैं, जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों तरीके से किया जा सकता हैं । अच्छा उपयोग क्या हैं ? और बुरा उपयोग क्या हैं? ये आपको इस कहानी से पता चल जायेगा।

एक बार की बात हैं की एक गाँव में कुछ दोस्त मिलकर एक भुत बंगले पर चर्चा कर रहे थे । उनका कहना था की आजतक कोई भी उस भुत बंगले से जिंदा वापस नहीं आया था । उन्ही दिनों उनका एक शहरी दोस्त “बहादुर” शहर से गाँव आया हुआ था ।

उस समय वह भी वहां पहुँच गया । जब उसने ऐसा सुना की भुत बंगले के भूतों से आजतक कोई जिंदा नहीं बचा, तो उसे बहुत हंसी आई । उसने कहा की ये सब बकवास हैं । भुत – प्रेत नहीं होते हैं । तो उसके मित्र कहने लगे कि “ठीक हैं हम तेरी बात मान लेंगे, यदि तू आज रात को १२ बजे उस भुत बंगले में एक किल ठोककर आ जाये” उसने कहा – “ठीक हैं” ।

अब समय आया १२ बजे का । सर्दी की रात तेज ठण्डी – ठण्डी हवाएं चल रही थी । सभी मित्र इस दुस्साहसी कार्य देखने के लिए इक्कठे हो गये थे । इन दोस्तों के अलावा पूरा गाँव सो रहा था । किसी को कुछ भी पता नहीं की क्या हो रहा हैं ।

बहादुर कम्बल ओढ़कर आया और तुरन्त किल और हथोड़ी लेकर बंगले की ओर चल दिया । हालाँकि खुद मन ही मन डर रहा था । किन्तु सब पर रौब जमाने की खातिर आखिर यह जोखिम उठा ही लिया । कुछ दोस्तों ने मना किया कि “यार मत जा सच में कोई भूत – चुड़ेल हुई तो तुझे वही पकड़ लेगी” तो बहादुर बोला – “आज तुम सब लोगों के मन से ये भुत का भ्रम मिटा कर रहूँगा” । और तेजी से भुत बंगले की और चल दिया ।

हवाएं सांय – सांय कर रही थी । सारे जंगली जानवर सो चुके थे । बहादुर के बंगले में आने की आहट को सुनकर वहाँ सो रहे पंछियों के भागने से बहादुर अचानक चौंक गया । फिर उसने डरते हुये बंगले में अन्दर प्रवेश किया । अब बहादुर को काली – अंधियारी निशा के सन्नाटे कुछ ज्यादा ही व्याकुल कर रहे थे ।

उसकी ह्रदय की धडकने तेज हो चुकी थी । इतनी सर्दी में भी उसके शरीर से पसीना छुट रहा था । अब तो बस किसी तरह हिम्मत जुटाकर ये काम ख़त्म करके वहाँ से भागने का इरादा था । सो वो अपने कार्य को अंजाम देनें के लिए वह नीचे बैठा और डरते हुये  किल को ठोकने लगा । लेकिन दुर्भाग्य ! की अँधेरे में कुछ दिखा नही, और किल जमीन पर पड़े उसके कम्बल को पार करते हुये जमीन में ठुक गई।

अब जैसे ही वह उठ कर चला । उसे लगा कि पीछे से उसे किसी ने पकड़ लिया हैं । ये सोचना ही था कि उसके होश उड़ गये । यह होती हैं श्रृद्धा की ताकत ।

जब तक बहादुर को विश्वास नहीं था कि भुत होते हैं । वह सामान्य डरा हुआ था । किन्तु जैसे ही यह बात उसके दिल में बैठ गई कि “मुझे भुत ने पकड़ लिया हैं” तो उसके प्राण पखेरू उड़ गये । जबकि वहाँ ना कोई भुत था, ना ही प्रेत ।

इस तरह हम अपने डर पर श्रृद्धा और विश्वास करके अपना ही नुकसान और दुरुपयोग कर सकते हैं । या फिर किसी दैवीय शक्ति, मन्त्र या साधना  पर श्रृद्धा और विश्वास करके उससे लाभ उठा सकते हैं । आप चाहे कोई भी साधना करें, आपका इष्ट चाहे कोई भी हो लेकिन अगर आपने श्रृद्धा से विहीन साधना की हैं तो आपको कोई परिणाम नहीं मिल सकता ।

इसलिए अगर आप किसी दैवीय शक्ति से सहायता पाना चाहते हो, लाभ उठाना चाहते हो तो पहले अपने अंतःकरण में श्रृद्धा का बीज बोइये । और उसे निरन्तर सींचते रहिये तभी आपको वह लाभ होगा जो उस साधना के महात्म्य में बताया गया हैं । जैसा हमारे शास्त्रों में बताया गया हैं ।

शयन के नियम

शयन के नियम

1. *सूने तथा निर्जन* घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। *देव मन्दिर* और *श्मशान* में भी नहीं सोना चाहिए। *(मनुस्मृति)*

2. किसी सोए हुए मनुष्य को *अचानक* नहीं जगाना चाहिए। *(विष्णुस्मृति)*

 3. *विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल*, यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो *इन्हें जगा* देना चाहिए। *(चाणक्यनीति)*

4. स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु *ब्रह्ममुहुर्त* में उठना चाहिए। *(देवीभागवत)* बिल्कुल *अँधेरे* कमरे में नहीं सोना चाहिए। *(पद्मपुराण)*

 5. *भीगे* पैर नहीं सोना चाहिए। *सूखे पैर* सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। *(अत्रिस्मृति)* टूटी खाट पर तथा *जूठे मुँह* सोना वर्जित है। *(महाभारत)*

6. *"नग्न होकर/निर्वस्त्र"* नहीं सोना चाहिए। *(गौतम धर्म सूत्र)*

 7. पूर्व की ओर सिर करके सोने से *विद्या*, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से *प्रबल चिन्ता*, उत्तर की ओर सिर करके सोने से *हानि व मृत्यु* तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से *धन व आयु* की प्राप्ति होती है।   *(आचारमय़ूख)*

 8. दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु *ज्येष्ठ मास* में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)

 9. दिन में तथा *सूर्योदय एवं सूर्यास्त* के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है। *(ब्रह्मवैवर्तपुराण)*

10. सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही *शयन* करना चाहिए।

11. बायीं करवट सोना *स्वास्थ्य* के लिये हितकर है।

12. दक्षिण दिशा में *पाँव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों* का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। *मस्तिष्क* में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियाँ होती है।

13. हृदय पर हाथ रखकर, छत के *पाट या बीम* के नीचे और पाँव पर पाँव चढ़ाकर निद्रा न लें।

14. शय्या पर बैठकर *खाना-पीना* अशुभ है।

15. सोते सोते *पढ़ना* नहीं चाहिए। *(ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है )*

16. ललाट पर *तिलक* लगाकर सोना *अशुभ* है। इसलिये सोते समय तिलक हटा दें।

*इन १६ नियमों का अनुकरण करने वाला यशस्वी, निरोग और दीर्घायु हो जाता है।*

नोट :- यह सन्देश जन जन तक पहुँचाने का प्रयास करें। ताकि सभी लाभान्वित हों !

जय सनातन धर्म,जय सनातन संस्कृति और शिक्षा।

Thursday, July 2, 2020

पाप का बाप कौन?

पाप का बाप कौन?

* मोह सकल ब्याधिन्ह कर मूला। तिन्ह ते पुनि उपजहिं बहु सूला॥
काम बात कफ लोभ अपारा। क्रोध पित्त नित छाती जारा॥

भावार्थ:-सब रोगों की जड़ मोह (अज्ञान) है। उन व्याधियों से फिर और बहुत से शूल उत्पन्न होते हैं। काम वात है, लोभ अपार (बढ़ा हुआ) कफ है और क्रोध पित्त है जो सदा छाती जलाता रहता है॥

मित्रों, क्रोध से परहेज रखो, अपने जीवन को प्रेम से आपूरित होने दे, संयम रखे, मिजाज ठंडा रखे, नरक का द्वार हम पार कर ही लेंगे, नरक के दो दरवाजो का वर्णन हम कर पहले की प्रस्तुति में कर चुके है अब तीसरे दरवाजे के बारे में जान लिजिये और वह तीसरा दरवाजा है लोभ! यह नरक का अन्तिम दरवाजा है, लेकिन है सबसे ज्यादा भयंकर तथा फिसलन भरा, यह ऐसा दरवाजा है कि व्यक्ति न चाहते हुये भी वहाँ जाकर उलझ जाता है।

लोभ के मायने है मन की वह स्थिति जो लुभा ही जाती है, जो व्यक्ति को खींच ही लेती है, बाँध ही लेती है, लोभी बड़ा कंजूस होता है, क्रोधी प्रेम से वंचित होता है लेकिन लोभी तो प्रेम और करूणा दोनों से वंचित रहता है, क्योंकि प्रेम में तो लिया नहीं जाता, वरन दिया ही जाता है, लुटाया ही जाता है, लोभी आदमी कभी लुटा नहीं सकता, वह तो देने का नाम ही नहीं जानता है।

उसे तो चाहिये ही चाहिये, उसे तो कुछ और चाहिये, कहीं और चाहिये, कोई और चाहिये, जो मिला है उसमें वह सन्तुष्ट नहीं होता, तृप्त नहीं होता, उसे पेट की चिन्ता नहीं, पेटी की चिन्ता है, तिजोरियाँ भरने की चिन्ता है, बड़ी बीमार हालत होती है लोभियों की, लोभ मन का कब्ज है, कब्ज का काम है मल को पेट में एक जगह इकट्ठा रखना और जो लोभी आदमी होते हैं, वे भी दुनियाँ-भर के कबाड़े को अपने तहखाने में इकट्ठा करते हैं,

ऐसे लोग यह सोचते है कि संग्रह आज नहीं तो कल काम आयेगा, लोगों के घर में जाकर देखों, वहाँ काम की चीजें तो कम मिलेगी और बेकार की चीजें भरी पड़ी है, जिन चीजों का साल में एक बार भी उपयोग नहीं होता, उन चीजों को रखकर हम घर को कबाड़ क्यों बनाये, जो वस्तुयें हमारे लिये मूल्यवान होती है, वे ही वस्तुयें संत के लिये नाकारा होती है, तभी तो विवेकानन्द पैदा होता है, तभी तो हिराबाई जैसे संत और हटो बा जैसे वीर जन्म लेते हैं।

संतो के घर सबकुछ था लेकिन जाना तो यह जाना कि यह कुछ भी नहीं है, जिन चीजों के लिये हम अपनी जिन्दगी दाँव पर लगाते है, रात-रात भर जागते है, अपनो के शत्रु तक बन जाते हैं, बड़ी से बड़ी जोखिम उठाने से भी नहीं घबराते, वही वस्तु चाहे धन-दौलत हो या जमीन-जायदाद, कोई भी हमें दो पल की शान्ति और तृप्ति नहीं दे सकती, तब जिनको हम बटोरने में लगे है उनको हीराबाई जैसे व्यक्तित्व ठुकराकर आगे बढ़ जाते हैं, सब-कुछ पाने के लिये।

भाई-बहनों, लोभ सभी पापों का सरताज है, लोभ कब बढ़ता है? "जिमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई" जैसे-जैसे लाभ बढ़ता है वैसे-वैसे लोभ भी बढ़ता जाता है, और जैसे-जैसे लोभ बढ़ता है वैसे-वैसे पाप भी बढ़ता जाता है, लोभ से ही पाप का जन्म होता है, आपको एक कहानी के द्वारा समझाने की कोशिश करता हूँ जो श्रीमद्भागवत में भी आपको पढ़वाई थी।

एक बार एक पंडितजी काशी में विधा अध्ययन करने गये, बारह वर्ष तक पढ़ाई की, सब कुछ पढ़ लिया वेद, शास्त्र, पुराण, श्रुतियां, ग्रन्थ, आरण्य, उपनिषद् आदि पढ़ कर वापस घर आये तो पिताजी से कहा कि मैं सब कुछ पढ़के आया हूँ, मुझे सब कुछ याद है, आप कुछ भी प्रश्न पूछो? मैं उसका उत्तर दूंगा, पिताजी बोले बेटा जब सब तुझे याद है तो तू मेरे एक छोटे से प्रश्न का उत्तर दे दे।

बेटे ने कहा पूछिये पिताजी, पिताजी ने पूछा सिर्फ इतना बताओं की "पाप के बाप" का क्या नाम है, पंडित ने सोचा 'पाप का बाप' यह तो मैंने कही पढ़ा ही नहीं, जो किताबें थी पढ़ाई की उसमें देखने लगा, रात भर किताबें पढ़ता रहा मगर पाप का बाप नहीं मिला, पिताजी बोले- तो फिर खाक पढा़ई की, अभी तक तुझे पाप के बाप का भी पता नहीं।

बेटे ने कहा आखिर आपका बेटा हूँ अब तो पाप के बाप को ढूंढ कर ही लाऊँगा, चाहे बारह वर्ष ओर क्यों ना बीत जायें, पंडितजी पुन:  काशी के लिये रवाना हुये, उस जमाने में साधन तो थे नहीं, पैदल चलना पड़ता था, काफी दूर तक चले फिर पंडितजी को प्यास लगी तो एक घर दिखाई दिया, पंडितजी घर में गये, वहां जाकर बोले मुझे बड़ी जोर की प्यास लगी है अगर कोई हैं अन्दर तो मुझे पानी पिलायें।

एक स्त्री आई और उसने पानी पिलाया पंडितजी को, और पंडितजी ने पानी पिया, पानी पीने के बाद पंडितजी ने पूछा कि यह घर किसका है? उस स्त्री ने कहा पंडितजी यह तो आपको पानी पिने से पहले पूछना चाहिये था कि यह घर किसका है? आपने पानी तो पी लिया है और अब पूछ रहे है कि यह घर किसका है? तो सुनलो पंडितजी यह घर एक वेश्या (गणीका) का है।

पंडितजी सुनने ही एकदम अपने कान पकड लिये, कहने लगे "शांतम्-पापम्, शांतम्-पापम्" मेरे द्वारा पाप हो गया मैंने एक वेश्या के घर का पानी पी लिया, अरे पाप का बाप तो मिला नहीं, पाप और हो गया, लेकिन उस वेश्या ने कहा पंडितजी आप आगे कहाँ पधार रहे है? पंडितजी ने सारी बात बताई और कहा कि पाप के बाप को ढूंढने जा रहा हूँ वापस काशी।

उस वेश्या ने सोचा कि बारह वर्ष जो काशी पढ़के आये हैं तो भी उन्हें पाप के बाप का पता नहीं चला, यह पुन: जा रहे है, अरे वहां उन्हें मिले ना भी मिले, जब मेरे पास आये हैं तो मैं ही बता दूँ ना कि पाप का बाप कौन है? इतना दूर नहीं जाना पड़ेगा, और उस वेश्या ने बताया लेकिन युक्ति से बताया सीधे-सीधे नहीं।

वेश्या ने कहा पंडितजी आप जायें लेकिन आप बहुत थके हुए लगते है, शायद काफी दूर से आ रहे हो, और आपको भोजन भी करना है आप थोड़ी देर आराम करें तबतक मैं आपके लिये भोजन बना देती हूँ, भोजन करके पधारें, पंडितजी ने कहा- तेरे घर का और मैं भोजन करूँ? कदापि नहीं, पानी पी लिया उसका भी प्रायश्चित कर रहा हूँ।

वेश्या ने कहा तो सीधा सामान (पेटीयाँ) ले लिजिये आटा, दाल, घी,शक्कर मैं दे देती हूँ, आप स्वयं बनाकर भोजन कर लें, पंडितजी ने कहा मेरे को तेरे घर का सीधा भी नहीं लेना, तू वेश्या और मैं पंडित, तब उस वेश्या ने कहा पंडितजी सीधा सामान ले लोगे तो मैं आपको पांच सोने की मोहरे दूँगी, पंडितजी ने सोचा कि वो पाप का बाप तो पता नहीं कहां मिलेगा, यह मोहरे हाथ से चली जायेगी।

पंडितजी को इतनी देर तो सीधा लेने में तकलीफ हो रही थी, लेकिन पांच सोने की मोहरें आ रही है ऐसा सुना तो तकलीफ खत्म, बोले ठीक है, तेरा इतना आग्रह है तो मैं सीधा सामान ले सकता हूँ, वेश्या ने पंडितजी को आटा, दाल, घी, शक्कर सब सीधा सामान निकाल कर दे दिया, पंडितजी भोजन बनाने लगे।

तो वेश्या ने आकर कहा कि पंडितजी आपने मेरे घर का पानी पिया है, मेरे घर का सीधा सामान भी लिया है, तो अब मैं आपके लिये भोजन बना दूं तो कैसा रहेगा? पंडितजी बोले ज्यादा मत बोल, तेरे घर का सीधा सामान ले लिया यही बहुत हैं, तू वेश्या है तेरे हाथ का बना भोजन मैं करूँगा क्या? वेश्या बोली चिन्ता मत करो पंडितजी मैं आपको पाँच सोने की मोहरें और दूँगी।

पंडितजी ने सोचा कुल हो जायेगी दस सोने की मोहरें, पंडितजी बोले स्नान करके भोजन बनाये तो छूट है, बोली हाँ पंडितजी स्नान करके ही बनाऊंगी, वेश्या ने पंडितजी के लिये भोजन बनाया और पंडितजी ने कहा बस अब चली जाओ मैं अपने आप भोजन कर लूँगा, तब वेश्या ने कहा पंडितजी आपके लिये भोजन बनाया है तो अब सिर्फ पांच नवाले आप मेरे हाथ से ले लो।

पंडितजी बोले कि तूअंगुली पकड़ कर हाथ पकड़ रही है? इतनी छूट दे दी इसलिये, तब वेश्या ने कहा महाराज पाँच नवाले ले लो तो मैं आपको पाँच सोने की मोहरें और दूँगी, पंडितजी ने देखा कि हो जायेगी पन्द्रह मोहरें, बोले तो ठीक है पाँच नवाले तेरे हाथ से ले सकता हूँ पर पाँच से आगे नहीं, वेश्या बोली ठीक है महाराज पाँच बस।

पंडितजी को भोजन की थाली परोसी, सामने पंडितजी इधर वेश्या बीच में थाली, वेश्या ने नवाला लिया, अपने हाथ में पंडितजी को देने के लिये अपना हाथ पंडितजी के मुँह की ओर बढ़ाया, और पंडितजी ने भी वेश्या के हाथ से नवाला लेने के लिये अपना मुँह खोला, जैसे ही पंडितजी नवाला लेने वाले थे तो वेश्या ने पंडितजी के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारी।

पंडितजी आग बबूला हो गये, तेरी इतनी हिम्मत, वेश्या होकर पंडित को थप्पड़ मारती है, तूने बहुत बड़ा अपराध किया है, वेश्या ने कहा पंडितजी अपराध मैंने नहीं, अपराध आपने किया है, मैंने क्या अपराध किया है पंडितजी बोले, तब वेश्या ने कहा आप मेरे घर का पानी पीते हैं? पंडितजी बोले नहीं, आप मेरे घर का सीधा सामान लेते है? नहीं, आप मेरे हाथ से बनाया भोजन करते है? नहीं।

आप मेरे हाथ से भोजन करते हो? नहीं तो आप करने के लिये क्यों तैयार हुए? पंडितजी बोले तेरे भाव के कारण, प्रेम के कारण, प्रेम के कारण नहीं पंडितजी, यों कहिये लोभ के कारण, आपको पन्द्रह सोने की मोहरें दिखाई दे रही थी न, तब आप जीमने को तैयार हुए, पंडितजी अपनी डायरी में लिख दो कि पाप के बाप का नाम लोभ है, एकदम पंडितजी की आँखे खुल गयी, और वेश्या के चरणों में गिर के बोले, आप कोई वेश्या नहीं, आप तो मेरी गुरु निकली, बारह वर्ष तक मुझे पता नहीं चला, जबकि मैं काशी में इतना पढ़ा और यहां आपने एक मिनट में बता दिया कि पाप का बाप कौन है?

जय श्री कृष्ण!
ओऊम् नमो भगवते वासुदेवाय्

Monday, June 29, 2020

मैग्मा, लावा, आग्नेय चट्टान तथा ज्वालामुखी के बीच अंतर

मैग्मा, लावा, आग्नेय चट्टान तथा ज्वालामुखी के बीच अंतर

मैग्मा....मैग्मा चट्टानों का पिघला हुआ रूप है जिसकी रचना ठोस, आधी पिघली अथवा पूरी तरह पिघली चट्टानों के द्वारा होती है और जो पृथ्वी के सतह के नीचे निर्मित होता है। इससे ही आग्नेय चट्टानों का निर्माण  होता है।

आग्नेय चट्टान….. मैग्मा जब कठोर रूप धारण कर लेता है तब उसे आग्नेय चट्टान कहते हैं।

लावा…..तरल मैग्मा जब पृथ्वी के धरातल पर पहुंच जाता है तो उसका गैस अंस वायुमंडल में विलीन हो जाता है इस गैस रहित मैग्मा को लावा कहते हैं।

ज्वालामुखी…... मैग्मा जब क्रस्ट को तोड़कर धरातल पर पहुंच जाता है तब उसे ज्वालामुखी कहते हैं।
ज्वालामुखी का तात्पर्य उस क्षेत्र अथवा दरार से होता है जिससे होकर गरम लावा गैस पत्थर के टुकड़े तथा धूल आदि निकलते हैं

ज्वालामुखी चट्टान…... जब लावा क्रस्ट पर ठंडा होकर ठोस रूप धारण कर लेता है तब इसे बाहर भेदी (extrusive igneous rock) चट्टान कहते हैं इसे ही ज्वालामुखी चट्टान भी कहते।

भारतीय_सेना

भारतीय_सेना 

भारत की सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना में से है, जिसने मौका पड़ने पर दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए हैं। विश्व की 10 बड़ी सेनाओं में भारत की सेना दूसरे स्थान पर है जबकि पहले स्थान पर चीन की सेना है।

भारत की सेना में 14 लाख सिपाही हैं। भारतीय सेना में 3 भाग हैं- वायु सेना, जल सेना और वायु सेना। भारतीय सैनिक अपनी जांबाजी और बहादुरी के लिए जाने जाते हैं। भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 ई० को की गई थी।

वर्तमान में इसमें 1237117 सक्रीय जवान और 960000 रिजर्व जवान कार्यरत है। भारतीय सेनाओं का कमांडर इन चीफ राष्ट्रपति होता है। वर्तमान में भारतीय रक्षा मंत्री “Rajnathsingh” हैं।

💟👉भारतीय सेना का शोर्य

❣️भारतीय सेना द्वारा लड़े गये प्रमुख युद्ध

❣️👉प्रथम कश्मीर युद्ध 1947

👉भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद तुरंत ही जम्मू कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान में युद्ध शुरू हो गया था। पाकिस्तान की सेनाओं ने 22 अक्टूबर 1947 को जम्मू कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था।

❣️भारत पाकिस्तान युद्ध 1965

👉भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच दूसरा युद्ध 1965 में हुआ था। इस युद्ध में भारत विजयी हुआ था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर अगस्त 1965 को लांच किया था जिसमें पाकिस्तान की पैरामिलिट्री ट्रूप्स भारत के अधिकार वाले जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर गये और उन्होंने भारत के खिलाफ भावनाओं को भड़काने का काम किया था।

❣️भारत चीन युद्ध 1967

👉इस युद्ध में चीन की सेनाओं ने भारत के सिक्किम राज्य में 1 अक्टूबर 1967 को घुसने का प्रयास किया था। 10 अक्टूबर 1967 को दोनों तरफ की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी।

👉इस युद्ध में भारत के 88 जवान मारे गए थे और 163 जवान घायल हुए थे, जबकि चीन के 300 जवान मारे गए थे और 450 जवान घायल हुए थे। हारने के पश्चात चीन की सेना सिक्किम से वापस चली गई थी।

❣️बांग्लादेश लिबरेशन वॉर 1971

👉इसमें भारत के 3500 सिपाही मारे गए थे और पाकिस्तान के 11000 सिपाही मारे गए थे। पाकिस्तान के 220 टैंक इस युद्ध में नष्ट हो गए थे।

❣️सियाचिन संघर्ष 1984

👉इस युद्ध में भारत ने अप्रैल 1984 को ऑपरेशन में मेघदूत चलाया था।

❣️कारगिल युद्ध 1999

👉इस युद्ध में पाकिस्तान को हराने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया था। इस युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 को हुई थी। पाकिस्तान ने अपने 5000 सैनिकों को लेकर कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ कर ली थी।

👉उन सैनिकों को भगाने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया। यह युद्ध 17 दिनों तक चला। इसमें हजारों बम मोर्टार रॉकेट तोप गोलीबारी का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग- 29 का भी इस्तेमाल किया गया था।

💟👉भारतीय सेना का मिशन और उद्देश्य Mission and doctrine of Indian Army

👉भारतीय सेना का प्रथम उद्देश्य देश और उसकी सीमाओं की रक्षा करना है। पर आजकल कुछ अन्य काम भी भारतीय सेनाओं को दे दिए गए हैं, जैसे आंतरिक सुरक्षा, जम्मू कश्मीर और उत्तरी पूर्वी राज्य में शांति बनाए रखना इत्यादि।

👉देश पर होने वाले किसी भी प्रकार के हमले का तुरंत उत्तर देना इसका मुख्य लक्ष्य है। हमारे देश की सेना इतनी बड़ी है कि यह कई प्रकार के काम कर सकती है।

💟👉भारतीय सेना का प्रशिक्षण Training of Indian Army

👉भारतीय सैनिकों को प्रशिक्षण देने का काम भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (Indian Military Academy, Dehradun), अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई (Officers Training Academy ,Chennai) करता है। इसके अलावा आर्मी वार कॉलेज – मध्य प्रदेश, गुलमर्ग, जम्मू कश्मीर की शाखाओं में भी भारतीय सेना को प्रशिक्षण दिया जाता है।

👉भारतीय सेना का संगठन Rank Structure in Indian Army

👉भारत के सशस्त्र सेनाओं में अधिकारियों की नियुक्ति उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर होती है। अधिकारियों को फील्ड मार्शल, जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, कैप्टन, लेफ्टिनेंट की उपाधि दी जाती है।

💟👉भारतीय सेना में दिए जाने वाले पुरस्कार और मेडल Medal and Awards of Indian Army

👉युद्ध के दौरान वीरता का प्रदर्शन करने वाले भारतीय सैनिकों को परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, अशोक चक्र जैसे पुरस्कारों से नवाजा जाता है। इस प्रकार के पुरस्कारों में प्रशस्ति पत्र और मेडल के अलावा नगद धनराशि दी जाती है।

💟👉भारतीय सेना के सैन्य हथियार Equipments of Indian Army

👉भारतीय सेना के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकतर हथियार देश में ही स्वदेशी तकनीक से बनाए गए हैं। डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation (DRDO) भारतीय सेना के लिए हथियार बनाने का काम करता है।  यह संस्थान भारत की सेना के लिए राडार, हथियार, अर्जुन टैंक बनाता है।

👉भारतीय सेना में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, एंटी टैंक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, बंदूकें, रॉकेट, मोर्टार, चेतक, हेलीकॉप्टर, ak-47 एसॉल्ट राइफल, इंसास राइफल, स्नाइपर राइफल, नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, पृथ्वी मिसाइल, प्रहार मिसाइल, शौर्य मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल, निर्भय मिसाइल, अग्नि-5, अग्नि 6 मिसाइल जैसे हथियारों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है।

💟👉भारतीय सेना का खर्च

👉2019-20 में भारतीय सेना का खर्च 4,31,011 crore (US$ 60.9 Billion) है।

💟👉भारतीय सेना के बारे में कुछ रोचक तथ्य  –

👉जंगलों में लड़ने के लिए भारत की सेना को विश्व की सेनाओं में श्रेष्ठ माना जाता है। भारत की सेना की विशेषता जानने के लिए ब्रिटेन, रूस, अमेरिका जैसे देश की सेनाये भारत में आकर प्रशिक्षण और जानकारी लेती है।

👉भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए भारत की सेना की एक टुकड़ी राष्ट्रपति भवन में ही रहती है जो 24 घंटे राष्ट्रपति की सुरक्षा करती है।

👉लद्दाख में द्रास और सुरु नदी के बीच स्थित “बेली ब्रिज” (जो दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है) का निर्माण भारतीय सेना ने 1982 में किया था।

👉भारतीय सेना में घुड़सवारों की एक टुकड़ी है। वर्तमान में सिर्फ 3 देशों में घुड़सवार की सेना होती है। भारत उनमें से एक है।

👉भारतीय सेना सियाचिन ग्लेशियर (जो विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है) पर अभ्यास करती है। यह युद्ध का मैदान समुद्र तल से 5000 मीटर ऊपर है। बेहद विषम परिस्थितियों में भारतीय सेना यहां पर युद्ध अभ्यास करती है।

👉पूरे देश में भारतीय सेना के 53 कैंटोनमेंट और 9 आर्मी बेस हैं।

👉भारत की सेना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है।
भारतीय मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज भारत की सबसे बड़ी हथियार निर्माता कंपनी है।

👉असम राइफल भारतीय सेना की सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है। इसकी स्थापना 1835 में की गई थी।

👉संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान के अनुसार भारत की सेनाओं को विश्व के दूसरे देश में युद्ध करने के लिए भेजा जाता है।

खुद को सुधारने का अच्छा तरीका

खुद को सुधारने का अच्छा तरीका

सोशल मीडिया का उपयोग कम करो। किताबें पढ़ना शुरू करें।

बस सपने देखना बंद करो। मेहनत करना शुरू करो।

बहाने बनाना बंद करो। जिम्मेदारी लेना शुरू करो।

अपने आप पर कठोर होना बंद करो। खुद पर दयालुता से पेश आना शुरू करें।

आशाहीन होना बंद करो। आशावादी होना शुरू करो।

खुद की तुलना किसी और से करना बंद करें। अपने आप की तुलना करना शुरू करें कि आप कल, सप्ताह या एक महीने पहले क्या थे।

न्याय करना बंद करो। समझना शुरू करो।

दूसरों से अपेक्षा करना बंद करें। दूसरों को सम्मान देना शुरू करें।

जो आपको सही लगे, उसके बारे में माफी माँगने से रूकें। अपनी बात का बचाव करना शुरू करें।

हर चीज के लिए हां कहना बंद कर दें। यदि आपको लगता है कि आप कुछ कारणों से नहीं चाहते हैं, तो ना कहना शुरू करें।

जंक फूड खाना बंद कर दें। स्वस्थ भोजन, फल ​​और सब्जियां खाना शुरू करें।

कार्बोनेटेड पेय पीना बंद करें। अधिक पानी पीना शुरू करें।

एक उबाऊ जीवन जीना बंद करो। एक महत्वाकांक्षी जीवन जीना शुरू करें।

जल्दबाजी बंद करो। धैर्य रखना शुरू करें।

दूसरों पर निर्भर रहना बंद करें। आत्म-विश्वसनीय होना शुरू करें।

खुद से झूठ बोलना बंद करें। वास्तविकता का सामना करना शुरू करें।

एक दिन, सप्ताह या एक महीने में खुद को बेहतर बनाने के बारे में सोचना बंद कर दें। रोज छोटी-छोटी चीजें करना शुरू करें और जैसे-जैसे दिन बताते जाएंगे आप बेहतर इंसान बनेंगे।

उन चीजों पर अपनी ऊर्जा और समय बर्बाद करना बंद करें जो अंत में मायने नहीं रखती हैं। विकासशील कौशल में निवेश करना शुरू करें।

भावनात्मक रूप से सोचना बंद करें। तर्कसंगत रूप से सोचना शुरू करें।

दूसरों को प्रभावित करना बंद करें। खुद को प्रभावित करना शुरू करें।

अशिष्ट होना बंद करो। विनम्र होना शुरू करो।

अपने अतीत पर रोना बंद करो। अपने भविष्य पर मुस्कुराना शुरू करें।

मीडिया की हर बात को मानना ​​बंद कर दें। अपना खुद का शोध करना शुरू करें।

रूढ़ियों में विश्वास करना बंद करो। सत्य की खोज शुरू करो।


विश्व के सात महाद्वीप

विश्व के सात महाद्वीप

❣️एशिया

👉एशिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 29.50% है।

👉एशिया का सबसे बड़ा देश चीन है।

👉इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश मालद्वीप है।

👉इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी यांगटिसीक्यांग है।

👉इस महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एवरेस्ट (8848 मी) है।

👉इस महाद्वीप पर कुल 48 देश हैं।

👉एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी झील कैस्पियसन सागर है।

👉एशिया महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु मृतसागर (395 मी) है।

👉यह विश्व के कुल स्थल क्षेत्र के 1/3 भाग पर स्थित है।

👉यहां की 3/4 जनसख्या अपने भरण-पोषण के लिए कृषि पर निर्भर है।

👉एशिया चावल, मक्का, जूट, कपास, सिल्क इत्यादि के उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है।

💟👉अफ्रीका

👉अफ्रीका दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 20.20% है।

👉अफ्रीका का सबसे बड़ा देश अल्जीरिया है।

👉इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश मेओटी है।

👉इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी नील है।

👉अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट किलीमंजारो (5895 मी) है।

👉अफ्रीका महाद्वीप की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया है।
इस महाद्वीप पर कुल 54 देश हैं।

👉इस महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु असाई झील (156 मी) है।

👉अफ्रीका का 1/3 हिस्सा मरुस्थल है।

👉यहां की मात्र 10% भूमि ही कृषि योग्य है।

👉हीरे व सोने के उत्पादन में अफ्रीका सबसे ऊपर है।

💟👉उत्तरी अमेरिका

👉यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 16.05% है।

👉उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा देश कनाडा है।

👉इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश सेण्ट पीरे है।

👉इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी मिसीसिपी मिसौ है।

👉उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट माउंट मैकिल्ले (6194 मी) है।

👉इस महाद्वीप की सबसे बड़ी झील सुपीरियर है।

👉उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु डैथ वैली  (86 मी) है।

👉यह दुनिया के 16% भाग पर स्थित है।

👉इस महाद्वीप पर कुल 23 देश हैं।

👉कृषीय संसाधनों की दृष्टिकोण से यह काफ़ी धनी क्षेत्र है।

👉विश्व के कुल मक्का उत्पादन का आधा उत्पादन यहीं होता है।

👉वन, खनिज व ऊर्जा संसाधनों के दृष्टिकोण से यह काफ़ी समृद्ध क्षेत्र है।

💟👉दक्षिण अमेरिका

👉यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 11.80% है।

👉दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा देश ब्राजील है।

👉इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश फॉकलैंड द्वीप है।

👉इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी अमेजन है।

👉इस महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एन्काकागुआ (6906 मी) है।

👉दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु बाल्डस प्रायद्वीप (40 मी) है।

👉इस महाद्वीप का 2/3 हिस्सा विषुवत रेखा के दक्षिण में स्थित है।

👉इसके बहुत बड़े हिस्से में वन हैं

💟👉अंटार्कटिका

👉यह विश्व का पांचवा सबसे बड़ा महाद्वीप है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 9.60% है

👉इस महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत विंसन मौसिफ़ है।

👉इस महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु बेन्द्रल बैंच (2853 मी) है।

👉यह पूरी तरह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है और दक्षिण ध्रुव इसके मध्य में स्थित है।

👉इस महाद्वीप का 99% हिस्सा वर्षपर्यन्त बर्फ़ से ढंका रहता है।

👉यहां की भूमि पूरी तरह बंजर है।

💟👉यूरोप

👉यूरोप एकमात्र ऐसा महाद्वीप है जहां जनसंख्या घनत्व अधिक होने के साथ-साथ समृद्धता भी है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 6.50% है।

👉इस महाद्वीप पर कुल 50 देश हैं।

👉यूरोप का सबसे बड़ा देश रूस है।

👉इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी है।
इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी वोल्गा है।

👉यूरोप महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एल्ब्रुस है।
इस महाद्वीप की सबसे बड़ी झील लैडोगा है।

👉यहां वन, खनिज, उपजाऊ मिट्टी व जल बहुतायत में है।

👉यूरोप के महत्त्वपूर्ण खनिज संसाधन कोयला, लौह अयस्क, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस है।

💟👉ऑस्ट्रेलिया

👉ऑस्ट्रेलिया एकमात्र देश है जो सम्पूर्ण महाद्वीप पर स्थित है।

👉इस महाद्वीप का कुल क्षेत्रफल 5.03% है।

👉ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा देश ऑस्ट्रेलिया है।

👉इस महाद्वीप का सबसे छोटा देश नौरु है।

👉इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी मर्रे-डार्लिंग है।

👉ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट कोस्यूूस्को है।

👉इस महाद्वीप की सबसे बड़ी झील आयर है।

👉ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का सबसे गहरा बिन्दु आयर झील  (16 मी) है।

👉यह देश पादपों, वन्यजीवों व खनिजों के मामल में समृद्ध है लेकिन जल की यहां काफ़ी कमी है।

Sunday, June 28, 2020

100 Important Questions And Answer

100 Important Questions And Answers


1. “विश्व की दूध की रानी” किस नस्ल की बकरी को कहा जाता है?
उत्तर. सानेन
2. किस वर्ष में महात्मा गांधी का जन्म हुआ था?
उत्तर.1869
3. जीवन बीमा को राष्ट्रीय कब किया गया ?
उत्तर.सन् 1956
4. स्वतन्त्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल कौन थे?
उत्तर.सी. राजगोपालाचारी
5. तेलगु किस राज्य की राजभाषा है?
उत्तर.आंध्रप्रदेश
6. एक वस्तु का जड़त्व किस पर निर्भर करता है?
उत्तर. द्रव्यमान पर
7. प्रसिद्ध नाटक ‘शकुंतला’ किसने लिखी थी?
उत्तर.महाकवि कालिदास
8. “किसी चालक के सिरो के बीच विभवातर उसमे बहने वाली धारा के समानुपाती होता है?
उत्तर. ” ओम का नियम
9. कौन सा शहर अफगानिस्तान की राजधानी है?
उत्तर.काबुल
10. भारत में सबसे पहली रेलगाड़ी कब चली थी?
उत्तर.16 अप्रैल, 1853
11. भारत व पाकिस्तान के बीच विभाजन किस योजना के तहत हुआ था
उत्तर.माउंटबेटन योजना
12. एक कमरे मे पंखा चल रहा तो क्या होगा?
उत्तर. तो कमरे की वायु का ताप बढ़ेगा
13. मनुष्य के जीवन काल मे कितने दात दो बार विकसित होते है?.
उत्तर. 20
14. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति मे होने वाले उतार-चढ़ाव क्या कहलाता है?
उत्तर. डॉप्लर प्रभाव
15. गोवा को पुर्तगालियों से कब आजाद करवाया गया?
उत्तर. 1964
16. शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर. 5 सितंबर
17. पहला बैंक जिसकी शाखा को आईएसओ 9002 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है?
उत्तर.केनरा बैंक
18. विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप कौन सा देश है
उत्तर.एशिया
19. बिहार का शोक किस नदी को कहा जाता है?
उत्तर.कोशी
20. किस वर्ष मानव ने पहली बार चन्द्रमा पर चरण रखे थे?
उत्तर.सन् 1969
21. विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप कौन सा देश है?
उत्तर.एशिया
22. चीन असम के किस दिशा में स्थित है?
उत्तर.उत्तर
23. जापान पर परमाणु बम कब गिराया गया था?
उत्तर.1945 में
24. खारे पानी मे पैदा होने बाले पौधो को क्या कहा जाता है?
उत्तर. लोफाइट्स
25. राज्यसभा की बैठको की अध्यक्षता कौन करता है ?
उत्तर.उपराष्ट्रपति
26. भारत आने वाले सागरीय मार्ग की खोज किसने की थी?
उत्तर.वास्को-दी-गामा
27. जीन किससे बनी होती है?
उत्तर. DNA से
28. कौन सी रेखा विषुवत रेखा के समानांतर है?
उत्तर.अक्षांश
29. पौधे का प्रजनन अंग कौन सा है?
उत्तर. फूल
30. विश्व की सबसे बड़ी दीवार कौन सी है?
उत्तर.ग्रेट वाल ऑफ़ चाईना (चीन की दीवार)
31. खजुराहो स्थित है-
उत्तर.मध्य प्रदेश
32. स्टील को कठोरता प्रदान करने के लिए बढ़ाई जाती है?
उत्तर.क्रोमियम की मात्रा
33. कौन सा शहर गंगा के तट पर बसा है
उत्तर.कानपुर
34. भारत मे श्वेत क्राति के जनक किसे कहा जाता है?
उत्तर. वर्गीज कुरियन को
35. प्रख्यात सिनेकलाकार पृथ्वीराज कपूर और राजकपूर में सम्बन्ध है।
उत्तर.बाप-बेटे का
36. झरने मे जब जल ऊचाई से गिरता है?
उत्तर. तो उसका ताप बढ़ जाता
37. आइ स्टीन को नोबेल पुरस्कार किसलिए मिला था?
उत्तर. प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या करने के लिए
38. 2011 में जिस बैंक के 100 साल पुरे होने के उपलक्ष मे डाक विभाग ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है ?
उत्तर.सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
39. एक लड़की झूला झूल रही है उसके पास एक अन्य लड़की आकर बैठ जाती है तो झूले का आवर्तकाल?
उत्तर. अपरिवर्तित रहेगा
40. वह मुगल बादशाह जिसने 15 वर्ष निर्वासित होकर गुजारे थे।
उत्तर.हुमायूँ
41. भारत के किस राज्य सर्वाधिक चावल उत्पादन होता है उत्तर.पश्चिम बंगाल
42. भारत का राष्ट्रीय पशु है?
उत्तर.बाघ
43. हिन्दुओं के कुल कितने पुराण है?
उत्तर.18
44. भारत का कौन सा राज्य चाय उत्पादन के लिए जाना जाता है।
उत्तर.असम
45. उत्तर पूर्व सीमान्त रेलवे में सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है?
उत्तर.मालीगांव
46. रविन्द्रनाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्रीय गान के अलावा किस एक और देश का राष्ट्रीय गान लिखा
उत्तर.बांग्ला देश
47. भारत के संविधान को बनाने के लिए गठित संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर.श्री डॉ. राजेंद्र प्रसाद
48. भारत में सबसे अधिक ठंड किस स्थान पर पड़ती हैं?
उत्तर.लेह
49. सूर्य से सबसे नजदीक गृह है-
उत्तर.बुध
50. राजस्थान में किस तरह के पेड़ो में पत्तियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर.छोटी
51. कौन सा शहर जापान की राजधानी है?
उत्तर.टोकियो
52. सुभाष चंद्र बोस को किसने सबसे पहले “नेताजी” कह कर सम्बोधित किया था ?
उत्तर.एडोल्फ हिटलर
53. स्वेज नहर के खुलने से किन दो महाद्वीपो के बीच का मार्ग छोटा हो गया?
उत्तर. यूरोप से एशिया और पूर्वी अफ्रीका
54. पौधो द्वारा नाइट्रोजन किस रूप मे प्रयोग किया जाता है?
उत्तर. नाइट्रेट के रूप मे
55. इलेक्ट्रान के खोज कर्त्ता कौन थे ?
उत्तर.जे. जे. थॉमसन
56. विश्व मे प्राकृतिक रबड़ का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौनसा है?
उत्तर. थाईलैड
57. वन अनुस धान स स्थान कहा स्थित है?
उत्तर. देहरादून मे
58. किसी चुबक को गर्म करने पर क्या होगा?
उत्तर. चुबकत्व नष्ट हो जाएगा
59. एक अश्व शक्ति किसके समान है?
उत्तर. 746 वाट के
60. अमीबा में कुल कितने शैल (कोशिका) होते है?
उत्तर.1 (एक)
61. भारत के किस शहर में जंतर-मंतर स्थित है?
उत्तर.दिल्ली
62. आर एन ए का मुख्य कार्य है?
उत्तर. प्रोटीन का सश्लेषण
63. कौन सा मुगल राजा अनपढ़ था?
उत्तर.अकबर
64. जब कोई व्यक्ति सोता तो उसका क्या घटता है?
उत्तर. उसका रक्तचाप घटता है
65. प्रार्थना समाज की स्थापना किसने की?
उत्तर.आत्माराम पांडुरंग
66. एपीकल्चर किससे सबधित है?
उत्तर. मधुमक्खी पालन
67. कौन सा शहर भारत का सबसे महँगा शहर है?
उत्तर.मुम्बई
68. भारत मे हरित क्राति के जन्मदाता कौन है?
उत्तर. एमएस स्वामीनाथन
69. भारत में सबसे लम्बी सड़क है?
उत्तर.जी. टी. रोड
70. ए.टी.एम (ATM) का पूर्ण विस्तार नाम क्या है?
उत्तर.ऑटोमैटिक टेलर मशीन
71. किसे ‘ भविष्य की धातु कहा जाता है.
उत्तर.टाइटेनियम
72. स्टेनलेस स्टील मिश्र धातु है?
उत्तर. लोहा और क्रोमियम की
73. अंजू बॉबी जार्ज सम्बंधित है?
उत्तर.एथलेटि र्शन
74. रेड रॉट रोग किस फसल का रोग है?
उत्तर. गन्ना का
75. भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री कौन सी थी ?
उत्तर.राजकुमारी अमृत कौर
76. चेतक घोड़ा किससे संबंधित है ?
उत्तर.महा राणा प्रताप
77. सबसे बड़े पुष्प होते है?
उत्तर. रेफ्लेशिया के
78. अर्द्धनग्न फकीर’ महात्मा गाँधी को किसने कहा था ?
उत्तर.चर्चिल
79. अंजू बॉबी जार्ज सम्बंधित है-
उत्तर.एथलेटिक्स से
80. कोयना बांध किस राज्य मे स्थित है?
उत्तर.महाराष्ट्र
81. कौन सा तत्व स्वतन्त्र अवश्था में पाया जाता है?
उत्तर.सल्फर
82. अलीगढ़ किस उत्पाद के लिए मसहूर है?
उत्तर.ताले बनाने के लिए
83. प्रकृति मे कार्बन का विशुद्ध रूप घटता है?
उत्तर. हीरा
84. ट्विकल रोग किस फल मे होता है?
उत्तर. नीबू मे
85. उदय शंकर किससे सम्बंधित है?
उत्तर.नृत्य
86. ऊर्जा का पिरामिड होता है?
उत्तर. हमेशा सीधा
87. भारत मे सर्वाधिक दूध देने वाली बकरी की नस्ल है?
उत्तर. जमुनापारी
88. स्वतंत्र भारत का प्रथम भारतीय गर्वनर जनरल कौन था?
उत्तर.सी. राजगोपालाचारी
89. रेफ्रिजरेटर में कौन सी गैस प्रयुक्त की जाती है?
उत्तर.फ्रीआन
90. प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?
उत्तर.सन् 1757 ई.
91. कारगिल कस्बा किस राज्य में है-
उत्तर.जम्मू एवं कश्मीर
92. ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा सर्वप्रथम किसने दिया था?
उत्तर.सरदार भगत सिंह
93. विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है-
उत्तर.एवरेस्ट
94. पौधे का कौन सा भाग शोषण करता है?
उत्तर. पत्ती
95. पिट्यूटरी ग्रथि कहा स्थित होती है?
उत्तर. मस्तिष्क मे
96. भगवान बुद्ध का कुल क्या था?
उत्तर.शाक्य कुल
97. स्याही सोखता किस सिद्धात पर कार्य करता है?
उत्तर. पृष्ठ तनाव
98. विदेश में शाखा खोलने वाला पहला बैंक?
उत्तर.बैंक ऑफ इंडिया, लंदन, (1946)
99. प्रकाश सश्लेषण किस प्रकाश मे सबसे ज्यादा तेज होता है?
उत्तर. लाल प्रकाश मे
100. प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?
उत्तर.1757 ई.

Friday, June 26, 2020

भारत में प्रथम महिला


 भारत में प्रथम महिला


1.  भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री कोन थी?
     श्रीमती इंदिरा गांधी
2.  भारत की पहली लोक सभा महिला कोन थी?
     मीरा कुमार
3.  भारत की पहली राज्य सभा महिला कोन थी?
     वायलेट अल्बा
4.  भारत की पहली लोक सभा महिला कोन थी?
     राधाबाई सुबेरायन
5.  भारत की पहली UPSC अध्यक्ष महिला कोन थी?
     रोज मिलियन वैथ्यू
6.  भारत की पहली केन्द्रीय मंत्री महिला कोन थी?
     राजकुमारी अमृता कौर
7.  भारत के हाईकोर्ट की पहली न्यायधीश महिला कोन थी?
     लीला सेठ
8.  भारत की पहली सत्र न्यायाधीश महिला कोन थी?
     अन्ना चांडी
9.  भारत की पहली अशोक चक्र से सम्मानित महिला कोन थी?
     नीरजा भानोट
10.भारत की पहली नोबेल पुरस्कार से सम्मानित महिला कोन थी?
      मदर टेरेसा
11.भारत की पहली दो बार एवरेस्ट पर चढने वाली महिला कोन थी?
      संतोष यादव
12.भारत की पहली मिस यूनिवर्स महिला कोन थी?
      सुसमिता सेन
13.भारत की पहली ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महिला कोन थी?
     आशापुर्णा देवी
14.भारत की पहली महिला IPS है
     किरण बेदी
15.भारत की प्रथम राज्यपाल महिला कोन थी?
     श्रीमती सरोजनी नायडू उत्तर प्रदेश
16.भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री है
      सुचेता कृपलानी
17.भारत की पहली महिला शासिका कोन थी?
      रजिया सुल्तान
18.भारत की पहली महिला राष्ट्रपति कोन थी ?
      प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
19.भारत की पहली संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा की महिला सभापति कोन थी?
      विजयलक्ष्मी पंडित
20.भारत की पहली महिला आई.ए.अस. I.A.S.कोन थी?
     अन्ना जार्ज
21.भारत की पहली ओलम्पिक में भाग लेने वाली महिला खिलाड़ी कोन है?
      लीला रो
22.भारत की पहली ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला कोन थी?
      चारलोट कपूर
23.भारत की पहली ओलंपिक पदक विजेता प्रथम महिला कोन है?
      कर्णम मल्लेश्वरी (भारोत्तोलन में, 2000 ई. में)
24.भारत की पहली सर्वोच्च न्यायालय की महिला न्यायधीश कोन थी?
      फातिमा बीबी
25.भारत की पहली मिस वर्ल्ड वनने वाली महिला कोन है?
      कुमारी रीता फारिया
26.भारत की पहली महिला कांग्रेस अध्यक्ष कोन थी?
      डा.एनी वेसेंट
27.भारत की पहली इंग्लिश चैनल पार करने वाली महिला कोन थी?
     आरती साहा
28.भारत की पहली एवरेस्ट शिखर पर पहुंचने वाली महिला कोन थी?
     बंच्छेन्द्री पाल
29.भारत की पहली विश्व एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली एथलीट महिला कोन है?
     सीमा अंतिल
30.भारत की पहली ग्रैंड स्लैम जितने वाली भारतीय महिला कोन है?
     सानिया मिर्जा
31.भारत की पहली दूरदर्शन समाचार वाचक महिला कोन थी?
      प्रतीमा पुरी
32.भारत की पहली विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली महिला कोन थी?
      पी. वी. सिंद्धु
33.भारत की पहली राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष कोन थी?
      जयंती पटनायक
34.भारत की पहली भारतीय सिनेमा की प्रथम अभिनेत्री महिला कोन थी?
     देविका रानी रोरीक
35.भारत की पहली ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली महिला कोन थी?
      मैरी लीला राव
36.भारत की पहली साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित महिला कोन थी?
     अमृता प्रीतम
37.भारत की पहली अंटार्कटिका को पार करने वाली महिला कोन थी?
      मेहर मूसा
38.भारत की पहली राज्यसभा में पहली अभिनेत्री महिला कोन थी?
      नरगिस दत्त
39.भारत की पहली राज्यसभा में महासचिव महिला कोन थी?
      वी. अस. रमादेवी
40.सात प्रमुख सगरो को तैरकर पार करने वाली प्रथम महिला कोन थी?
     बुला चौधरी
41.भारत की पहली दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली महिला कोन थी?
      रीना कौशल धर्मसंकटू
42.भारत की पहली आॅस्कर पुरस्कार जीतने वाली महिला कोन थी?
     भानु अथैया
43.भारत की पहली अंतरिक्ष में जाने वाली महिला कोन थी?
      कल्पना चावला
44.भारत की पहली इंडियन एयरलाइंस चेयरपर्सन महिला कोन थी?
      सुषमा चावला
45.भारत की पहली एयर वाइस मार्शल महिला कोन थी?
      पी. बंदोपाध्याय
46.भारत की पहली लेफ्टिनेंट जनरल महिला कोन थी?
      पुनीत अरोड़ा
47.भारत की पहली एयरबस पायलेट महिला कोन थी?
      दुर्बा बनर्जी
48.भारत की पहली महिला मेयर कोन थी?
      तारा चेयरीयन
49.भारत की पहली वायुसेना में पायलेट महिला कोन थी?
      हरिता कौर दयाल
50.भारत की पहली महिला स्नातक महिला कोन थी?
      कादम्बिनी गांगुली एवं चंद्रमुखी वासु
51.भारत की पहली महिला स्नातक (प्रतिष्ठा) महिला कोन थी?
      कामिनी राय
52.भारत की पहली अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित महिला कोन थी?
      एन. लम्सडेन
53.भारत की पहली ओलंपिक में कोई पदक न जीतने वाली महिला कोन थी?
      कर्णम मलेश्वरी
54.भारत की पहली अर्जुन एवं राजीव गांधी खेल रत्न दोनों पुरस्कार जीतने वाली महिला कोन थी?
      कुजरानी (ग्रांड ओल्ड लेडी)

Thursday, June 25, 2020

मानस से सत्संग पर प्रकाश!


मानस से सत्संग पर प्रकाश!

जीवन मे रुपया पैसा चाहे कितना भी आ जाए लेकिन रुपयो पैसो से ओर सोने चांदी से भगवान को बांध नही पाओगे---भगवान सोने या चांदी की जंजीरो से नही बंधते बल्कि भगवान तो आंसुओ मे अर्थात् प्रेम मे बंध जाते है-- रीझत राम स्नेह निसोतें।-- (बालकाण्ड)-- रामचरितमानस
कथाओ से ही ह्रदय मे भाव जागृत होगा ,,प्रभु को पाने की प्यास बढेगी ओर प्यास बिहारी जी को खींच लायेगी ईसलिए जीवन मे हमेशा कथारस का पान करते रहना चाहिये-- जीवन मे अगर भगवान के प्रति शरणागति नही है,,जीवन मे अगर भक्ति नही है तो जीवन अशांत ओर तनावपुर्ण बना रहता है लेकिन जब जीवन मे हरि कृपा ओर गुरु कृपा से भक्ति का प्राकट्य होता है तो हर क्षण मनुष्य उत्साह से ओर आनंद मे डुबा रहता है--
*नित्य उत्सवा:* गोकुल मे नित्य उत्सव होते थे --
जब जीवन मे बांके बिहारी भक्ति रुप बनकर प्रकट होते है तो भक्त के ह्रदय मे भी नित्य भाव प्रकट होते रहते है-- भक्त भक्ति की मस्ती मे,,उत्साह मे निरंतर डुबे रहते है ओर भगवान की प्राप्ति की कामना तीव्र जागने पर भक्तो को भगवान की प्राप्ति भी होती है--मिलहिं न रघुपति बिनु अनुरागा,उत्तरकाण्ड,(­­रामचरितमानस)---
ईसलिए अपने जीवन का मंथन करते रहो ओर देखना चाहिये की जीवन मे कहां कमी है --
आखिर मनुष्य अपने जीवन मे ईतना तनाव मे ओर अशांत क्यो रहता है?? ईन सबका मुल कारण अज्ञानता है--
मनुष्य संसार के प्रति ईतना ज्यादा आसक्त है की अपने जीवन के मोल को भुला बैठता है,-मनुष्य ईतना ज्यादा व्यस्त हो गया है की उसके पास कथाओ का रसपान करने के लिए भी समय नही है-- ओर यही कारण है की मनुष्य परेशान रहता है---
दूनिया के लिए तो मनुष्य के पास समय होता है लेकिन भगवान के लिए समय नही है--
जिसने ईतना सुंदर मानव जीवन दिया ,जो हरपल मनुष्य के साथ है उस भगवान के प्रति मनुष्य आसक्ति नही रखता ओर जो संसार कभी किसी का नही हुआ उस संसार के प्रति मनुष्य आसक्त है ओर यही कारण है की आज समाज मे ईंसान के चेहरे पर उदासी है --
ईसलिए शास्त्र बार-बार कहते है की प्रभु ने जो जिम्मेदारियां सौंपी है उनको तो मोहरहित होकर अवश्य निभाओ लेकिन भगवान के नाम ,गुण,कथाओ मे गहरी आसक्ति रखो---
भगवान के प्रेम मे जब जीवन रंग जायेगा तो जीवन आनंद से भर जायेगा ओर प्रभु की प्राप्ति होगी---- ये जीवन अशांत रहने के लिए ओर तनाव मे रहने के लिए नही मिला--
भगवान कभी नही चाहते की मानव अशांत रहे --
लेकिन मनुष्य अपने अहंकार ओर घमण्ड मे रहते हुए भगवान से विमुख होकर संसार मे आसक्त हो जाता है ईसलिए ईंसान दुखी रहता है--
सुख आने पर अहंकार मे चलता है ओर दुख आने पर रोने लगता है लेकिन जो भगवान मे आसक्ति रखते है उनपर सुख दुख का कोई प्रभाव नही पडता--
★ राम भक्ति मनि उर बस जाकें--
दुख लवलेस न सपनेहुँ ताकें--(उत्तरकाण्ड ,रामचरितमानस)★
जब भगवान की कृपा से जीवन मे भक्ति जागृत होती है तो भक्त भक्ति के उत्साह मे निरंतर डुबे रहते है,,-
भगवान से विमुख होकर कोई भी जीव आनंद प्राप्त नही कर सकता--
हिम ते अनल प्रगट बरु होई। बिमुख राम सुख पाव न कोई--(उत्तरकाण्
ड,रामचरितमानस)---
अर्थात् भले ही बर्फ से अग्नि भी प्रकट क्यों ना हो जाए लेकिन भगवान से विमुख होकर जीव सुखी नही रह सकता----
भक्ति सुतंत्र सकल सुखखानि,,बिनु सत्संग न पावहि प्रानी-- ईसलिए कथारस का पान हमेशा करते रहना चाहिये-- तुलसीदास जी लिखते है की अगर जीवन मे उजाला चाहते हो तो मुख रुपि द्वार की जीभ रुपि देहली पर भगवान के नाम रुपि मणि-दीपक को रखो-- भगवान के नाम ओर कथाओ मे आसक्ति रखो--
* राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर-----
★यन्नामकीर्तनं भक्त्या विलापनमनुत्तमम्। मैत्रेयाशेषपापानां धातूमिव पावकः----- 'जैसे अग्नि सुवर्ण आदि धातुओं के मल को नष्ट कर देती है, ऐसे ही भगवान का कीर्तन सब पापों के नाश का अत्युत्तम साधन है---
---- मनुष्य जिन भोगो मे आसक्ति रखकर उनको भोगता है उन भोगो की आसक्ति के कारण ही मनुष्य के जन्म जन्मांतर बर्बाद हो जाते है ओर मनुष्य को वास्तविक सुख नही मिल पाता,--*भोगा न भुक्ता वयमेव भुक्ता*
ईसलिए शास्त्र कहते है की आसक्ति सबसे बुरी होती है-- आसक्ति अगर भोगो मे होगी तो जीवन बर्बाद हो जाएगा ओर अगर आसक्ति भगवान से हो जायेगी तो जीवन सफल हो जायेगा---
भोगो को भोगना गलत नही है लेकिन निरासक्त होकर भोगना चाहिये--
जैसे जब भुख लगती है तो भोजन करना पडता है --
भोगो को भोगने के लिए शास्त्र मना नही करता--
शास्त्र कहते है की भोगो मे आसक्ति नही रखनी चाहिये ---
आसक्ति- मोह सिर्फ भगवान के नाम गुण कथाओ मे रखनी चाहिये-
जीवन मे वास्तविक सुख तो केवल भगवान के नाम,गुण ओर कथाओ से आसक्ति रखने से मिलेगा,--- बांके बिहारी अपने भक्त से ईतना ज्यादा प्रेम करते है की दूनिया साथ छोड जायेगी लेकिन बांके बिहारी अपने भक्त का साथ कभी नही छोडते-- परिक्षित के जीवन को भी भगवान ने सुधारा ओर मृत्यु को भी सुधारा---
हर भक्त की भगवान रक्षा करते है- जब कोई व्यक्ति भक्तिमार्ग पर चलता है तो दूनिया उसे पीछे हटाने का प्रयास करती है लेकिन सच्चा साधक ,सच्चा प्रेमी तो वो है जो किसी के बहकावे मे नही आता--
दूनिया चाहे लाख कोशिश करे लेकिन भक्तिमार्ग से पीछे नही हटना चाहिये-- सत्यमेव जयते--
जो सत्य मार्ग पर चलेगा वही प्रभु को पायेगा ईसलिए निडर होकर ओर पुर्ण श्रद्धा विश्वास ओर लगन के साथ भक्तिमार्ग पर चलते रहना चाहिये--मीरा कहती है-
या बदनामी लागे मीठी राणाजी ! म्हाँने या बदनामी लागे मीठी--भगवान कहते हैं-
वाग् गद्गदा द्रवते यस्य चित्तं रुदत्यभीक्ष्णं हसति क्वचिच्च ।
विलज्ज उद्गायति नृत्यते च मद्भक्तियुक्तो भुवनं पुनाति ।।
'मेरा नाम-गुण-कीर्तन करते समय जिसका गला भर आता है, हृदय द्रवित हो जाता है, जो बार-बार मेरे प्रेममें आंसु ढालता है, कभी हँसने लगता है, कभी लाज-शर्म छोड़कर उच्च स्वरसे गाने और नाचने लगता है, ऐसा मेरा भक्त समस्त संसार को पवित्र कर देता है----ईसलिए पीबत भागवत रसमालयं--कथाओ को ह्रदय मे उतार लेना बहुत आवश्यक है-- कथाओ का रस पान करने पर ही जीवन मे भक्ति जागृत होती है।

Wednesday, June 24, 2020

Be Absolutely Honest with Yourself and Others

Be Absolutely Honest with Yourself and Others 


Thought is the original source of all wealth, all success, all material gain, all great discoveries and inventions, and all achievement. —CLAUDE M. BRISTOL


PERHAPS THE MOST valued and respected quality you can develop is a reputation for absolute integrity. Be perfectly honest in everything you do and in every transaction and activity. Never compromise your integrity. Remember that your word is your bond and your honor is everything when it comes to business.

All successful business is based on trust. Your success in becoming a self-made millionaire will be determined solely by the number of people who trust you and who are willing to work for you, give you credit, lend you money, buy your products and services, and help you during difficult times. Your character is the most important asset that you develop in your entire life, and your character is based on the amount of integrity that you practice.


The first key to integrity is to be true to yourself, in all things. Be true to the very best that is in you. Being true to yourself means doing what you do in an excellent fashion. Integrity is demonstrated internally by personal honesty and externally by quality work.


The second key to integrity is to be true to the other people in your life. Live in truth with everyone. Never do or say anything that you do not believe to be right and good and honest. Refuse to compromise your integrity for anything. Always live up to the very highest standard that you know.


Here is a question for you to ask and answer on a regular basis: What kind of a world would my world be if everyone in it was just like me? This question forces you to set high standards for yourself and keep raising the bar. Act as though your every word and action were to become a universal law. Carry yourself as though everyone were watching you and patterning his or her behavior after yours. And when in doubt, always do the right thing, whatever it is and whatever it costs.



ACTION EXERCISE Almost every problem in your life can be resolved by a return to your values. What are they? What do you believe in and stand for? Whenever you experience stress of any kind, it usually means that you are compromising one of your values. Whatever it is, resolve this very minute to be true to what you really believe to be important in your life.

Dedicate Yourself to Serving Others

Dedicate Yourself to Serving Others

You can get everything you want in life if you just help enough other people get what they want. —ZIG ZIGLAR

YOUR REWARDS IN life will always be in direct proportion to your service to other people. All self-made millionaires have an obsession with customer service. They think about their customers all the time. They are continually looking for new and better ways to serve their customers better than anyone else. Keep asking yourself these questions, What do my customers really want? What do my customers really need? What do my customers consider value? What can I give my customers better than anyone else? Why are my customers buying from others today, and what would I have to offer them to get them to buy from me? Your success in life will be in direct proportion to what you do after you do what you are expected to do.


Always look for opportunities to do more than you are paid for. Always seek ways to go the extra mile for your customers. Remember, there are never any traffic jams on the extra mile. Your customers are those people who you depend on for your success in your work. This means that your boss and coworkers are customers as well as the people who buy your products or services. Your customers are also those people who depend on you for their success or satisfaction. Here is the question that you need to ask and answer, every single day: What can I do to increase the value of my service to my customers today? Look for ways to add value to what you do and to the people who depend on you every single day.


One small improvement in the way you serve your customers can be a major reason for your financial success. Never stop looking for those little ways to serve your customers better. Today, customers value speed more than they’ve ever valued it before. Whenever a customer asks for anything, you should say, “Sure, right away!” These are the sweetest words your customers can hear.



ACTION EXERCISE Identify your most important customers, both inside and outside your company. Who are the people you most depend upon? Who are the people who most depend upon you? What could you do, starting today, to take better care of them?

Pay Yourself First

Pay Yourself First 


A part of all you earn is yours to keep, and if you cannot save money, the seeds of greatness are not in you. —W. CLEMENT STONE


RESOLVE TODAY THAT you are going to save and invest at least 10 percent of your income throughout your working life. Take 10 percent of your income off the top of your paycheck each time you receive one and put it into a special account for financial accumulation. The fact is that if you save just 100 per month throughout your working lifetime and you invest that money in an average mutual fund that grows at 10 percent per annum, you will be worth more than one million dollars by the time you retire. This means that anyone, even a person earning minimum wage, if he or she starts early enough and saves long enough, can become a millionaire over the course of his or her working lifetime.


Developing the lifelong habit of saving and investing your money is not easy. It requires tremendous determination and willpower. You have to set it as a goal, write it down, make a plan, and work on it all the time. But once this practice locks in and becomes automatic, your financial success is virtually assured. Practice frugality, frugality, frugality in all things. Be very careful with every penny. Question every expenditure. Delay or defer every important buying decision for at least a week, if not a month. The longer you put off making a buying decision, the better your decision will be and the better price you will get at that time.


A major reason that people retire poor is because of impulse buying. They see something they like and they buy it with very little thought. They become victims of what is called “Parkinson’s Law,” which says that “expenses rise to meet income.” This means that no matter how much you earn, you tend to spend that much and a little bit more besides. You never get ahead and you never get out of debt. But you don’t have to be a victim of Parkinson’s Law. If you cannot save 10 percent of your income, start today by saving 1 percent of your income in a special savings and investment account. Put it away at the beginning of each month, even before you begin paying down your debts. Live on the other 99 percent of your income. As you become comfortable living on99 percent, raise your savings level to 2 percent of your income, then 3 percent and 4 percent, and so on. Within one year, you will be saving 10 percent and maybe even 15 percent or 20 percent of your income and living comfortably on the balance.

At the same time, your savings and investment account will start to grow. You will become more careful about your expenditures, and your debts will begin to be paid off. Within a year or two, your entire financial life will be under your control and you will be on your way to becoming a self-made millionaire. This process has worked for everyone who has ever tried it. Try it and see for yourself.


ACTION EXERCISE Open a special account for financial accumulation today. Make a deposit in this account, no matter how small. Then, look for every opportunity to add to this account. Begin to study money so that you understand how to make it grow. Read books and magazines by experts on the subject. Never stop saving, learning, and growing until you become financially independent.